कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की खंडपीठ ने उन्हें चार सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने मामले की सुनवाई 25 मई तय की है।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में दो हफ्तों की तेजी के बाद फिर आई गिरावट, 601 अरब डॉलर रहा आंकड़ा
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार (India Forex Reserves) में की लगातार दो हफ्तों तक बढ़ोतरी के बाद पिछले हफ्ते गिरावट आई है। हालांकि अभी भी देश का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर से अधिक बना हुआ है। रिजर्व बैंक (RBI) की 50 विदेशी मुद्रा जमा तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 3 जून 2022 को समाप्त हुए हफ्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 30.6 करोड़ डॉलर घटकर 601.057 अरब डॉलर रहा। इससे पिछले हफ्ते में यह आंकड़ा 601.363 अरब डॉलर का था।
IMF के पास जमा भारत का मुद्रा भंडार को छोड़ दें तो, विदेशी मुद्रा भंडार में जितने भी घटक शामिल होते हैं, उन सभी में पिछले हफ्ते गिरावट दर्ज की गई। IMF में रखे देश का मुद्रा भंडार 50 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.025 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
3 जून को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का मुख्य कारण फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) में आई गिरावट है जो कुल मुद्रा भंडार का एक बड़ा हिस्सा है। आंकड़ों के अनुसार पिछले सप्ताह में फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCA) 20.8 करोड़ डॉलर घटकर 536.779 अरब डॉलर रह गई।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में कौन-कौन से देशों की करेंसी शामिल है?
हम सभी ने लगभग वो फिल्में देखी होगी जिसमें राजा-महाराजा किसी इमरजेंसी से निपटने के लिए धन, सोना, चांदी, आदि को तहखानों या फिर किसी सीक्रेट रूम में रखते थे. ठीक उसी प्रकार से केंद्र सरकारें विदेशी मुद्रा भंडार रखती 50 विदेशी मुद्रा जमा हैं. विदेशी मुद्रा भंडार का मतलब वह 50 विदेशी मुद्रा जमा संपत्ति है जो किसी भी देश के पास विदेशी मुद्रा में उपलब्ध होती 50 विदेशी मुद्रा जमा है. इसमें विदेशी मुद्रा संपत्ति (Foreign Currency Assets), गोल्ड रिजर्व, स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDR), 50 विदेशी मुद्रा जमा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), आदि शामिल है. भारत में विदेशी मुद्रा भंडार की देखरेख रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया करता है. आरबीआई ऐसी प्रॉपर्टीज का एक बफर रखता है, जिससे वह संकट के समय अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए करता है. अब नाम में ही विदेशी करेंसी है तो जाहिर से बात है कि भंडार उसी की वैल्यू के हिसाब से होता होगा, लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि भारत किस-किस देश की करेंसी में संपत्ति होल्ड करता है?
इकोनॉमी के मोर्चे पर बुरी खबर, विदेशी मुद्रा भंडार से गोल्ड रिजर्व तक में आई गिरावट
देश का विदेशी मुद्रा भंडार एक जुलाई को समाप्त सप्ताह में 5.008 अरब डॉलर घटकर 588.314 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों के अनुसार 24 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान, विदेशी मुद्रा भंडार 2.734 अरब डॉलर बढ़कर 593.323 अरब डॉलर हो गया था।
वजह क्या है: एक जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार आई गिरावट का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों का घटना है जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा स्वर्ण आरक्षित भंडार घटने से भी विदेशीमुद्रा भंडार कम हुआ है। आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 4.471 अरब डॉलर घटकर 524.745 अरब डॉलर रह गयी।
सिमी, पीएफआई जैसे संगठनों पर भी कसेगी नकेल
याचिका में कहा गया है कि यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक है कि विदेशी धन किसी भी तरीके से 50 विदेशी मुद्रा जमा अलगाववादियों, कट्टरपंथियों, नक्सलियों, माओवादियों, आतंकवादियों, देशद्रोहियों, धर्मांतरण 50 विदेशी मुद्रा जमा माफिया और सिमी, पीएफआई और अन्य कट्टरपंथी संगठनों के खातों में स्थानांतरित न हो।
भारत में विदेशी बैंकों की शाखाओं सहित किसी भारतीय बैंक के माध्यम से विदेशी मुद्रा लेनदेन किए जाने पर जमाकर्ताओं के नाम और संख्या, मुद्रा के नाम और विदेशी मुद्रा और रूपांतरण दर की सटीक राशि शामिल करने के लिए निर्देश दिया 50 विदेशी मुद्रा जमा जाए।
सुनवाई के दौरान याची ने कहा हमारे समाज को परेशान करने के लिए देश में लगभग 50 हजार करोड़ रुपये आ रहे हैं। यह एक बहुत ही गंभीर खतरा है इसलिए एक समान बैंकिंग कोड होना जरूरी है। केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने भी कहा कि इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।
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