Published on: November 06, 2022 19:38 IST
क्रिप्टो करेंसी क्या है इसके लाभ और नुकसान
Crypto Currency kya hai नोट एवं सिक्कों के अलावा अब धीरे-धीरे एक प्रकार की और करेंसी दुनिया में प्रचलित हो रही है, जिसे क्रिप्टो करेंसी कहते हैं। इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजि़टल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है और क्रिप्टोग्राफी (Cryptography) की मदद से उसका रिकॉर्ड रखा जाता है। इसका भौतिक अस्तित्व नहीं होता। यह सिर्फ ऑनलाइन रूप से डिजिट्स के रूप में उपलब्ध रहती है। इस करेंसी से आप सामान खरीद-बेच सकते हैं अथवा निवेश कर सकते हैं। कुछ क्रिप्टो करेंसी का मूल्य उनकी लोकप्रियता के कारण काफी अधिक है, लेकिन इसके साथ एक तथ्य यह भी है कि इसके मूल्य में स्थिरता नहीं है। क्रिप्टो करेंसी के मूल्य में बहुत तेज़ी से उतार-चढाव होता रहता है, जिस कारण इसकी कीमतें दिन में बार बदलती रहती हैं।
इस करेंसी की सबसे खास बात यह है कि यह पूरी तरह से विकेंद्रीकृत है अर्थात् इस पर किसी भी देश अथवा सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसी कारण शुरुआत में इसे अवैध करार दिया गया, लेकिन बाद में BITCOIN की लोकप्रियता को देखते हुए कई देशों ने इसे वैध कर दिया। कुछ देश तो अभी भी इसके विरुद्ध हैं।
क्रिप्टो करेंसी का बाज़ार अर्थात जहाँ इनकी खरीद- फ़रोख़्त अथवा व्यापार होता है, उसे क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज, डिजि़टल करेंसी एक्सचेंज, कॉइन मार्केट, क्रिप्टो मार्केट नाम से जाना जाता है। ये एक्सचेंज क्रेडिट कार्ड, वायर ट्रांसफर और अन्य डिजि़टल माध्यमों से भुगतान स्वीकार करते हैं। यहाँ आप कागज़ी मुद्रा को क्रिप्टो करेंसी अथवा क्रिप्टो करेंसी को कागज़ी मुद्रा में बदल सकते हैं। BINANCE, COINBASE, BITFINEX, KRAKEN, BITHUMB, BITSTAMP, BITEX, COINONE , COIN CHECK, CRYPTO.COM कुछ अग्रणी एक्सचेंजों की वेबसाइटें हैं। भारत में COINSWITCH , COINDCX, WAZIRX, UNOCOIN सबसे अधिक लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज हैं।
क्रिप्टो करेंसी के प्रकार
प्रमुख क्रिप्टो करंसियों के प्रकार हैं- ETHERIUM, (ETH), RIPPLE (XRP), LITECOIN (LTC), COSMOS (ATOM), NAMECOIN (NMC) और BITCOIN] जोकि दुनिया की पहली क्रिप्टो करेंसी है। इसे वर्ष 2009 में जापान के सतोशी नाकामोतो ने बनाया था। इस करेंसी को शुरुआत में Cryptocurrency के लाभ क्या हैं बहुत संघर्ष करना पड़ा, लेकिन आज यह दुनिया की सबसे महंगी डिजि़टल करेंसी है। इन क्रिप्टो करंसियों के आलवा वर्तमान में 1500 से अधिक क्रिप्टो करेंसी हैं।
क्रिप्टो करेंसी के लाभ
- डिजि़टल करेंसी होने के कारण चोरी हो जाने का डर नहीं होता।
- इसे खरीदना-बेचना तथा निवेश करना बहुत आसान हो जाता है, क्योंकि इसमें कई डिजि़टल वॉलेट्स उपलब्ध हैं।
- इसकी कीमतों में बहुत तेज़ी से उछाल आता है, जिस कारण यह निवेश हेतु अच्छा विकल्प है।
क्रिप्टो करेंसी के नुकसान
- इस पर किसी भी सरकारी संस्था का कोई नियंत्रण नहीं है, जिस कारण इसकी कीमतों में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव आता रहता है।
- इसे डिजि़टल होने के कारण हैक किया जा सकता है। ETHERIUM करेंसी के साथ ऐसा हो चुका है।
भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य
कई देशों ने क्रिप्टो करेंसी को वैध कर दिया है, लेकिन कुछ देश अभी भी इसके खिलाफ़ हैं। भारत में भी उच्चतम न्यायालय द्वारा 04 मार्च, 2020 को ही इस करेंसी में निवेश एवं व्यापार पर आरबीआई द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिया गया है। क्रिप्टो करेंसी व्यापार, निवेश, तकनीकी और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में तेज़ और कम खर्च वाली भविष्य की विनिमय प्रणाली की अवधारणा को प्रस्तुत करती है, लेकिन वर्तमान में इसके संदर्भ में गोपनीयता, मूल्य-अस्थिरता और विनियमन की नीति का अभाव आदि अनेक समस्याएं दिखाई पड़ती हैं। भारत सरकर ने हाल ही में यह अनिवार्य किया है कि सभी कम्पनियाँ क्रिप्टो करेंसी में किए गए निवेश की घोषणा करेंगी।
निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि भविष्य की जरूरतों एवं इस क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों को देखते हुए यह आवश्यक है कि क्रिप्टो करेंसी के संदर्भ में सरकार द्वारा डिजि़टल मुद्रा के विशेषज्ञों और सभी हितधारकों के बीच समन्वय को बढ़ाया जाए ताकि इस क्षेत्र के बारे में जन जागरुकता बढ़े। इसके अतिरिक्त क्रिप्टो करेंसी के विनिमयन के लिए एक मजबूत एवं पारदर्शी तंत्र का विकास किया जाए।
Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे? किसमें निवेश फायदेमंद, कौन डुबाएगा लुटिया
Cryptocurrency vs Digital Currency: अगर आप डिजिटल करेंसी को भी क्रिप्टोकरेंसी समझने की भुल करते हैं तो आपको जान लेना चाहिए कि दोनों में क्या अंतर है और डिजिटल करेंसी किन मायनों में क्रिप्टोकरेंसी से अलग है।
Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: November 06, 2022 19:38 IST
Photo:INDIA TV Cryptocurrency से आरबीआई की Digital Currency अलग कैसे?
Cryptocurrency vs Digital Currency: क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है। पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, और उसका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।
सीबीडीसी डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य
क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं। मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।
आरबीआई द्वारा जारी किया गया डिजिटल टोकन
सीबीडीसी या भारतीय ई-रुपया आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है। ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है, जिसके चलते दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं।
सीबीडीसी के ये हैं बड़े फायदे
सीबीडीसी का प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को गोपनीयता, हस्तांतरणीयता, सुगमता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। काउंसिल का कहना है, सीबीडीसी एक जटिल वित्तीय प्रणाली के लिए Cryptocurrency के लाभ क्या हैं आवश्यक रखरखाव को भी कम करता है, सीमा पार लेनदेन लागत में कटौती करता है और उन लोगों को कम लागत वाले विकल्प देता है जो अब दूसरे धन हस्तांतरण विधियों का उपयोग करते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में ये है अंतर
केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी अपने मौजूदा स्वरूप में डिजिटल मुद्राओं के उपयोग से जुड़े खतरों को भी कम करती है। दूसरी ओर क्रिप्टोकरेंसी बहुत अस्थिर है, उनका मूल्य हर समय बदलता रहता है। उपयोग के मामलों के संदर्भ में क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति और मुद्रा दोनों के रूप में वगीर्कृत किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस पर अटकलें लगाने के लिए व्यक्ति निवेश बाजारों में हिस्सा ले सकता है। वे खुद को मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता से बचाने के लिए बिटकॉइन जैसी विशेष परियोजनाओं का भी उपयोग कर सकते हैं।
बिटकॉइन और एथेरियम का उपयोग कोई भी लेनदेन और भुगतान करने के लिए कर सकता है। काउंसिल के अनुसार, आज पहले से कहीं अधिक व्यापारी और स्टोर क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट स्वीकार करते हैं। सीबीडीसी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच कई विरोधाभास हैं।
Cryptocurrency: किसी को रातोंरात कर सकती है मालामाल तो किसी को कंगाल, जानिए क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान
What is cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी को लेकर इन दिनों देश में एक बहस सी चल पड़ी है। खुद पीएम मोदी इसे लेकर आगाह कर चुके हैं। आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने तो इसे लेकर कानून बनाने की मांग की है।
- देश और दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहा है क्रिप्टोकरेंसी का चलन
- पीएम मोदी ने क्रिप्टो को Cryptocurrency के लाभ क्या हैं लेकर जताई चिंता, कहा- ये जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इसपर मिलकर काम करें
- क्रिप्टो किसी को भी घंटों के अंदर बना सकती है मालामाल तो कर सकती है कंगाल भी
Cryptocurrency's advantages and disadvantages: आज बात उस डिजिटल डेंजर की, जिसकी तरफ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में इशारा कर चुके हैं। सिर्फ इशारा नहीं बल्कि दुनिया के बड़े और ताकतवर मुल्कों को आगाह कर चुके हैं और इसका नाम है-क्रिप्टो करेंसी। बिटक्वाइन। वही बिटक्वाइन जो किसी की रातों रात मालामाल तो किसी को रातों रात कंगाल बना देती है। आने वाले वक्त में पीएम मोदी इस बाबत बड़ा कदम उठाने वाले हैं। इसका संकेत उन्होंने दो दिन पहले दे दिया था। अब एक्शन की बारी है।
पीएम ने खतरे को लेकर जताई चिंता
पीएम मोदी ने इसे लेकर चिंता जाहिर करते हुए कहा, 'क्रिप्टो करेंसी और बिटक्वाइन। ये जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इसपर मिलकर काम करें और सुनिश्चित करें कि ये गलत हाथों में ना जाए, जो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।' क्रिप्टो करेंसी या बिट क्वाइन को लेकर प्रधानमंत्री ने ये चिंता दो दिन पहले सिडनी डायलॉग में चलाई। ना सिर्फ चिंता जताई, बल्कि दुनिया के सभी बड़े देशों को इससे आगाह भी किया। तो सवाल ये है कि आखिर बिटक्वाइन को लेकर प्रधानमंत्री का डर क्या है? पीएम ने क्रिप्टो करेंसी को लेकर अलार्म क्यों बजाया ? कौनसा खतरा है, जिसकी आहट हो चुकी है ?
क्या है क्रिप्टो करैंसी
आज आपको इन सभी सवालों का सिलसिलेवार तरीके से जवाब मिलेगा। लेकिन सबसे पहले ये जान लीजिए कि आखिर ये क्रिप्टो करेंसी है क्या ? जी हां ये वही क्रिप्टो करेंसी या बिट क्वाइन है, जो पूरी दुनिया को बहुत तेजी से अपनी गिरफ्त में लेती जा रही है। इस रफ्तार से कि कल्पना करना मुश्किल है।ये वही क्रिप्टो करेंसी है, जो भारत में लीगल नहीं है। बावजूद इसके भारत वो देश है, जो इस अदृश्य करेंसी में सबसे ज्यादा इन्वेस्ट कर रहा है। इसीलिए सवाल उठता है कि आखिर देश में इस डिजिटल करेंसी का फ्यूचर क्या है? क्या सरकार इसे बैन करेगी या कानूनी मान्यता देगी?
सबसे डरावना पहलू
खैर सरकार इस बाबत क्या करने वाली है, तो आने वाले वक्त में पता चलेगा, लेकिन इस करेंसी के कुछ अपने खतरे हैं। वो क्या. समझिए। इसके अपने खतरे तो हैं ही। चाहे वो सरकार के लिए हों या उन लोगों के लिए जो इसके जरिए रातों रात रईस बनने का सपना देख रहे हैं। लेकिन अब ये भी समझिए कि आखिर इस छिपे हुए या अदृश्य मनी को लाने के पीछे का मकसद क्या था? सबसे डरावना पहलू ये है कि जिस तरह से ये रुपया अदृश्य है, उसी तरह से इसे अस्तित्व में लाने वाला शख्स भी।
फायदा और नुकसान दोनों
2010 में एक बिट क्वाइन की कीमत सिर्फ 22 पैसे थे, लेकिन अब इसकी कीमत सुनेंगे तो दंग रह जाएंगे। इस क्रिप्टो करेंसी के खतरे क्या हैं, उसे भी समझिए। इन सब खतरों के बीच, प्रश्न ये है कि आखिर भारत Cryptocurrency के लाभ क्या हैं में इस करेंसी का क्या भविष्य है। क्या सरकार इसे बैन करने वाली है, या कानूनी मान्यता देगी? भारत में क्रिप्टो करेंसी बैन होगी या नहीं, इसका जवाब आने वाले वक्त में मिलेगा, लेकिन दुनिया के कई देशों में ये बैन है। तो कहने का मतलब ये है कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि जितने इसके फायदे हैं, उतने ही नुकसान भी हैं।
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Digital Currency: क्रिप्टो करेंसी से कितना अलग होगा डिजिटल रुपया? जानिए क्या होंगे इसके फायदे और नुकसान
एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त Cryptocurrency के लाभ क्या हैं मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़े एलान किए। डिजिटल इंडिया की तरफ एक और कदम बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया डिजिटल करेंसी को लॉन्च करेगा। वित्त मंत्री के मुताबिक आरबीआई की तरफ से डिजिटल रुपया को जारी किया जाएगा। वैसे तो डिजिटल करेंसी का कॉन्सेप्ट नया नहीं है। दुनिया में पहले से ही बिटकॉइन समेत अन्य डिजिटल या वर्चुअल करेंसी की खरीद-फरोख्त हो रही है। लेकिन वित्त मंत्री की घोषणा के बाद डिजिटल रुपया को लेकर चारों तरफ चर्चा हो रही है। हर कोई ये जानना चाहता है कि डिजिटल रुपया क्या है, कैसे काम करेगा, इसके फायदे और नुकसान क्या होंगे? दरअसल, डिजिटल रुपया भी बिटकॉइन या अन्य वर्चुअल करेंसी की तरह ही होगा। बस इसे आरबीआई की ओर से जारी किया जाएगा। आइए आसान शब्दों में समझते हैं डिजिटल रुपया की कुछ अच्छी और बुरी बातें.
विकासशील देशों में डिजिटल मुद्रा – cryptocurrency पर रोक लगाने की पुकार
संयुक्त राष्ट्र के व्यापर और विकास संगठन – UNCTAD ने बुधवार को प्रकाशित तीन नीति पत्रों में, विकासशील देशों में डिजिटल मुद्रा – क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर रोक लगाने के लिये कार्रवाई किये जाने की पुकार लगाई है.
यूएन एजेंसी ने आगाह किया है कि अलबत्ता व्यक्तिगत डिजिटल मुद्राओं ने कुछ व्यक्तियों और संस्थानों को लाभान्वित किया है, मगर वो एक ऐसी अस्थिर वित्तीय सम्पदा हैं जो सामाजिक जोखिम और लागतें उत्पन्न कर सकती हैं.
अंकटाड ने कहा है कि कुछ लोगों या संस्थानों को डिजिटल मुद्रा के लाभ, वित्तीय स्थिरता, घरेलू Cryptocurrency के लाभ क्या हैं संसाधन सक्रियता, और मुद्रा प्रणालियों की सुरक्षा के लिये उत्पन्न उनके जोखिमों के साए में दब जाते हैं.
क्रिप्टो मुद्रा में उछाल
क्रिप्टो करेंसी भुगतान का एक वैकल्पिक रूप हैं. इनके मामलों में वित्तीय भुगतान गुप्त व सुरक्षित टैक्नॉलॉजी के ज़रिये डिजिटल माध्यमों से किया जाता है जिन्हें ब्लॉकचेन Cryptocurrency के लाभ क्या हैं कहा जाता है.
क्रिप्टो करेंसी कोविड-19 महामारी के दौरान, दुनिया भर में बहुत तेज़ी से बढ़ी, जिससे पहले से ही मौजूद चलन और भी ज़्यादा मज़बूत हो गया. इस समय दुनिया भर में लगभग 19 हज़ार क्रिप्टो करेंसी मौजूद हैं.
वर्ष 2021 में क्रिप्टो करेंसी रखने वाली आबादी के मामले में, शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं वाले 20 देशों में से, 15 देश विकासशील देश थे.
इस सूची में 12.7 प्रतिशत के साथ यूक्रेन सबसे ऊपर था, उसके बाद रूस 11.9 प्रतिशत और वेनेज़ुएला 10.3 प्रतिशत के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर थे.
उतना स्वर्णिम नहीं
अंकटाड का कहना है कि बाज़ार में हाल के समय में डिजिटल मुद्रा को लगे झटकों से झलकता है कि क्रिप्टो करेंसी रखने के निजी जोखिम तो हैं ही, मगर केन्द्रीय बैंक, वित्तीय स्थिरता की हिफ़ाज़त करने के लिये हस्तक्षेप करते हैं तो ये समस्या सार्वजनिक बन जाती है.
उससे भी ज़्यादा, अगर क्रिप्टो करेंसी भुगतान के एक माध्यम के रूप में विकसित होना जारी रखती है, और यहाँ तक कि अनौपचारिक रूप में घरेलू Cryptocurrency के लाभ क्या हैं मुद्राओं की जगह भी ले लेती है, तो भी देशों की वित्तीय सम्प्रभुता ख़तरे में पड़ सकती है.
कर चोरी का भय
अंकटाड के एक नीति पत्र में बताया गया है कि क्रिप्टो करेंसी विकासशील देशों में किस तरह से घरेलू संसाधन सक्रियता को कमज़ोर करने का एक नया चैनल बन गई है, और साथ ही इस बारे में, बहुत कम कार्रवाई और उसमें भी देरी करने के जोखिमों के बारे में भी आगाह किया गया है.
अंकटाड ने आगाह किया है कि क्रिप्टो करेंसी से वैसे तो विदेशों से अपने मूल स्थानों को रक़म भेजना आसान होता है, मगर उनसे कर चोरी व अवैध वित्तीय लेनदेन के ज़रिये टैक्स से बचाना भी शामिल हो सकता है. बिल्कुल टैक्स स्वर्ग कहे जाने वाले स्थानों की तरह, जहाँ धन का स्वामित्व स्पष्ट नहीं होता है.
एजेंसी ने कहा है कि इस तरह से, क्रिप्टो करेंसी मुद्रा नियंत्रणों की प्रभावशीलता को भी कमज़ोर कर सकती है, जोकि विकासशील देशों को उनके नीतिगत स्थान और छोटे पैमाने पर आर्थिक स्थिरता के लिये एक अहम उपकरण है.
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