इसमें Hedging के इस्तेमाल से भी ट्रेडिंग की जा सकती है, इस ट्रेडिंग से ट्रेडर को विनिमय दरों में हुए अंतर का लाभ मिलता है, यह ट्रेडिंग इक्विटी मार्केट (नक़दी बाजार) और डेरिवेटिव मार्केट के माध्यम से की जाती है, आर्बिट्राज की रणनीति एल्गो ट्रेडिंग रणनीति का ही एक प्रकार हैं हालांकि स्टॉक एक्सचेंजों में मूल्यों का अंतर ज्यादा नहीं होता जिस वजह से स्टॉक्स में ज्यादा से ज्यादा वॉल्यूम होना जरुरी है ट्रेडिंग रणनीतियों के प्रकार (arbitrage trading in hindi)

काउंटर-ट्रेड ट्रेडिंग रणनीतियों कैसे काम करती हैं? | इन्वेंटोपैडिया

व्यापारियों और विश्लेषक विदेशी मुद्रा में लाभदायक स्विंग ट्रेडिंग रणनीतियों का निर्माण कैसे करते हैं? | इन्वेस्टोपेडिया

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सीखें कि कैसे तेजी से, मंदी और प्रवृत्तिहीन चार्ट पर मूल्य चैनलों का उपयोग करते हुए विदेशी मुद्रा बाजार में एक लाभदायक स्विंग ट्रेडिंग रणनीति तैयार करें।

की पहचान करते समय सामान्य व्यापारिक रणनीतियों क्या हैं, जो कि दोहरे शीर्ष की पहचान करते समय सामान्य व्यापारिक रणनीतियों क्या हैं I इन्वेस्टमोपेडिया

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व्यापारियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले रणनीतियों को जानने के लिए जब एक डबल शीर्ष पैटर्न दिखता है यह पैटर्न आम है और इक्विटी और मुद्रा बाजार में लाभदायक हो सकता है।

ट्रेडिंग रणनीतियों के लिए फिबोनैचि रीट्रेसमेंट्स का उपयोग करने के मुख्य नुकसान क्या हैं? | इन्वेंटोपैडिया

ट्रेडिंग रणनीतियों के लिए फिबोनैचि रीट्रेसमेंट्स का उपयोग करने के मुख्य नुकसान क्या हैं? | इन्वेंटोपैडिया

फिबोनैचि रिट्रेजमेंट के निहित हानि के बारे में जानें, गणित में प्रयुक्त फिबोनैचि अनुक्रम पर बनाया गया एक सूचक।

Explainer : शेयर मार्केट में गारंटीड और हाई रिटर्न के दावे! जानिए क्या है Algo Trading और कैसे करती है काम

What is Algo Trading

एल्गो ट्रेडिंग क्या है, जिसमें किया जा रहा हाई रिटर्न का दावा

  • इसे ऑटोमेटेड ट्रेडिंग, प्रोग्राम्ड ट्रेडिंग या ब्लैक बॉक्स ट्रेडिंग भी कहते हैं
  • भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रही है एल्गो ट्रेडिंग
  • ट्रेडिंग एक्टिविटीज को भावनाओं से रखती है दूर
  • बेस्ट पॉसिबल प्राइसेज पर पूरे होते हैं ट्रेड

1. बेस्ट पॉसिबल प्राइसेज पर ट्रेड पूरे होते हैं।
2. चाहे गए स्तरों पर ट्रेड ऑर्डर प्लेसमेंट तत्काल और सटीक होता है।
3. कीमतों में होने वाले बदलाव से बचने के लिए ट्रेड्स समय पर और तुरंत हो जाते हैं।
4. लेनदेन की लागत में कमी आती है।
5. कई बाजार स्थितियों पर एक साथ ऑटोमेटिक रूप से नजर बनाई जा सकती है।
6. ट्रेड्स प्लेस करते समय गलती की गुंजाइश का जोखिम काफी कम हो जाता है।
7. उपलब्ध ऐतिहासिक और रियल-टाइम डेटा का उपयोग करके एल्गो ट्रेडिंग का बैकटेस्ट किया जा सकता है। इससे यह पता लगाया जा सकता है कि यह एक व्यवहार्य ट्रेडिंग रणनीति है या नहीं।
8. ह्यूमन ट्रेडिंग में होने वाली भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक आधारित गलतियों की गुंजाइश नहीं रहती।
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सेबी ने जारी किये दिशानिर्देश

पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने हाल ही में निवेशकों को एल्गो ट्रेडिंग से जुड़ी सेवाएं देने वाले ब्रोकर्स के लिये दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस पहल का उद्देश्य ‘उच्च रिटर्न’ का दावा कर शेयर बिक्री पर रोक लगाना ट्रेडिंग रणनीतियों के प्रकार है। सेबी ने एल्गो ट्रेडिंग की सुविधा दे रहे ब्रोकर्स के लिए कुछ जिम्मेदारी तय की है। एल्गोरिदम ट्रेडिंग सेवाएं देने वाले ब्रोकरों को पिछले या भविष्य के रिटर्न को लेकर कोई भी संदर्भ देने से मना किया गया है। साथ ही ऐसे किसी भी प्लेटफॉर्म से जुड़े होने से प्रतिबंधित कर दिया गया है, जो एल्गोरिदम के पिछले या भविष्य के लाभ के बारे में कोई संदर्भ देता है। सेबी के सर्कुलर में कहा गया, ‘‘जो शेयर ब्रोकर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से एल्गोरिदम के पिछले या भविष्य के रिटर्न या प्रदर्शन के बारे में जानकारी देते हैं या इस प्रकार की जानकारी देने वाले मंच से जुड़े हैं, वे सात दिन के भीतर उसे वेबसाइट से हटा देंगे। साथ ही इस तरह के संदर्भ प्रदान करने वाले मंच से खुद को अलग कर लेंगे।

एल्गो ट्रेडिंग गारंटीड रिटर्न देती है, यह धारणा गलत

ट्विटर पर जेरोधा के को-फाउंडर नितिन कामत ने लिखा, “मुझे लगता है कि SEBI ने ऐसा इसलिए किया है, क्योंकि इस तरह के प्लेटफॉर्म ग्राहकों को लुभाने के लिए बैक-टेस्टिंग के जरिए असाधारण रिटर्न का लालच दे रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “एक धारणा गलत है कि एल्गो ट्रेडिंग गारंटीड रिटर्न देती हैं। ऐसी रणनीतियां (Strategies) खोजना जो लाभदायक प्रतीत होने के लिए अधिक बार ट्रेड करती हैं, कठिन नहीं है। लेकिन लगभग सभी मामलों में, हाई रिटर्न में तेजी से गिरावट आती है या एक बार जब आप इस पर होने वाली लागतों का हिसाब लगाते हैं तो रिटर्न दिखता ही नहीं।”

आर्बिट्राज ट्रेडिंग के प्रकार :-

Arbitrage का इस्तेमाल करके हम स्टॉक मार्केट में कितने अलग – अलग प्रकारों से ट्रेडिंग का आनंद ले सकते हैं तो इसका जवाब है मुख्य तिन प्रकार के आर्बिट्राज ट्रेडिंग होते हैं जिसमे पहला ‘इंटरएक्सचेंज आर्बिट्रेज ट्रेडिंग’ दूसरा ‘कैश एंड कैरी आर्बिट्रेज ट्रेडिंग’ और तीसरा ‘सांख्यिकीय आर्बिट्रेज ट्रेडिंग’ हैं तो चलिए एक के बाद एक इन तीनो को विस्तारपूर्वक समझते है

Inter Exchange Arbitrage Trading

इस प्रकार के आर्बिट्राज ट्रेडिंग में दो अलग – अलग एक्सचेंजों में मूल्यों के अंतर की मदद से प्रॉफिट बनाया जाता है, वैसे भारतीय शेयर बाजार में मान्यता प्राप्त कुल 23 स्टॉक एक्सचेंज शामिल है जिनमें से मुख्य दो स्टॉक एक्सचेंजों (BSE और NSE) में सबसे ज्यादा आर्बिट्राज ट्रेडिंग होती है

वैसे कुछ कंपनीयों के स्टॉक सिर्फ एक ही एक्सचेंज में लिस्टेड होते है जिनमे केवल उन्ही एक्सचेंज के जरिये आर्बिट्राज ट्रेडिंग की जा सकती है, ज्यादातर कंपनीयों के स्टॉक दोनों एक्सचेंज में सूचीबद्ध होते है उनमे से ज्यादा मूवमेंट वाले शेयरों में किसी एक एक्सचेंज में खरीद कर दुसरे एक्सचेंज में कुछ भाव के डिफरेंस में बेच दिया जाता है, दोनों सौदों में कुछ समय का अंतर (गेप) भी लगता है

यह काम किस प्रकार करता है

पेपर ट्रेडिंग के पीछे मूल विचार बहुत सरल है। एक ट्रेडर एक पेपर ट्रेडिंग सेवा वाले खाते के लिए साइन अप करता है। फिर उसे व्यापार करने के लिए एक निश्चित मात्रा में वर्चुअल क्रेडिट दिया जाता है। यह शेयर बाजार ट्रेडिंग रणनीतियों के प्रकार के साथ व्यापार करने के लिए "एकाधिकार धन" प्राप्त करने जैसा है। व्यापारी तब शोध करता है और उन शेयरों का चयन करने की कोशिश करता है जो मूल्य में बढ़ेंगे।

वह एक वर्चुअल ऑर्डर देता है, और फिर उसके द्वारा ऑर्डर किए गए शेयरों की संख्या उसके खाते में डाल दी जाती है। उस समय, शेयर बाजार में वास्तव में जो होता है, उसके ट्रेडिंग रणनीतियों के प्रकार सापेक्ष मूल्य में वृद्धि या गिरावट होती है।

जब व्यापारी अपने शेयरों को "बेचने" का फैसला करता है, तो वास्तव में लाभ या हानि का एहसास होता है। इस तरह, व्यापारी वस्तुतः बाजार में व्यापार कर सकता है यह देखने के लिए कि उसकी व्यापारिक रणनीतियाँ वास्तविक धन का उपयोग करने में कितनी सफल रही होंगी।

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