कैसे काम करेगा डिजिटल रुपया?
कितना सेफ होगा डिजिटल रुपया?
डिजिटल रुपया, जानें कैसा होगा#AapkiKhabarAapkaFayda में देखिए
बिटकॉइन में रिस्क
बिटकॉइन की संख्या सीमित है। कुल 2 करोड़ 10 लाख (21 मिलियन) की संख्या में बिटकॉइन मौजूद हैं। जिसमें से ये पोस्ट लिखने तक लगभग 1 करोड़ 9 लाख (19 मिलियन) बिटकॉइन खोजे जा चुकें हैं। जब सभी बिटकॉइन को खोज (mined) लिया जाएगा तब इनकी और सप्लाई नहीं की जा सकती। जिस कारण इसकी डिमांड बढ़ने से इसकी कीमत बढ़ेगी और डिमांड कम हो जाने पर इसकी कीमत घटेगी। बिटकॉइन में उतार चढ़ाव बहुत ज्यादा हो जाएगा।
जबकि रूपए की संख्या रिज़र्व बैंक के पास रखे एसेट्स के अनुसार तय की जाती है।
यदि किसी व्यक्ति के पास एक 2000 रूपए का नोट है और किसी कारण से वह फट जाता है या कोई और क्षति हो जाती है तो वह व्यक्ति उस क्षतिग्रस्त 2000 रूपए के नोट को किसी बैंक में जाकर बदल सकता है। बैंक उसे फटे या क्षतिग्रस्त नोट के बदले उसे नया नोट देती है। बदले में कुछ सेवा शुल्क लेती है।
यदि रिज़र्व बैंक (RBI) यह पाती है की बैंक नोट सर्कुलेशन में तय मात्रा से कम हो गए हैं तो उतने नोट वह कुछ तय मानकों के अनुसार पुनः छापती है।
लेकिन बिटकॉइन में यदि किसी व्यक्ति का क्रप्टो वॉलेट लॉस या डैमेज हो जाता है तो उसके बदले उसकी क्षति पूर्ती कोई नहीं करता क्यूंकि बिटकॉइन के पीछे गारन्टी लेने वाला कोई नहीं है न ही ये किसी संस्था द्वारा रेगुलेटेड है। इसमें जो नुकसान हो गया वो स्थायी है।
कुछ देर के लिए ये मान लिया जाय की एक बिटकॉइन की कीमत एक रूपए के बराबर है। विनोद के पास 10 बिटकॉइन है जबकि उसके भाई के पास 10 रूपए हैं।
कुछ देर के लिए ये माना जाए की दोनों बिटकॉइन और रूपए का अस्तित्व बिटकॉइन के नुकसान खत्म हो गया। तब इस स्थति में विनोद के भाई को रिज़र्व बैंक (RBI) 10 रूपए की कीमत के बराबर कोई एसेट जैसे सोना चांदी बांड या कोई अन्य संपत्ति देगी।
लेकिन विनोद को उन बिटकॉइन के बदले कहीं कुछ नहीं मिलेगा।
बिटकॉइन इसीलिए बहुत रिस्की है। इसमें केवल उतना ही इन्वेस्ट करें जितना आप रिस्क ले सकते हैं।
बिटकॉइन को एक एसेट की तरह देखें न की एक एसेट बैक्ड गॉरन्टीड कर्रेंसी की तरह जैसे – रूपए या डॉलर।
बिटकॉइन के फायदे
बिटकॉइन में होने वाले ट्रांसक्शन को हर कोई देख सकता है। हालाँकि वो ट्रांसक्शन किसने किया है ये पता नहीं चलता है।
कालेधन की संभावना बिलकुल नहीं रहती है।
बिटकॉइन ग्लोबल क्रिप्टो टेक्नोलॉजी एसेट है।
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Cryptocurrency से कैसे अलग होगा RBI का डिजिटल RUPEE? कैसे करेगा काम, जानें इससे जुड़ी खास बातें
Cryptocurrency in India: RBI की तरफ से जारी होने वाली डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी, वैसे RBI किसी और बेहतर टेक्नोलॉजी को भी एडाप्ट कर सकता है. ये पेपर करेंसी की तरह डिजिटल फॉर्म में जारी एक लीगल टेंडर होगा.
Cryptocurrency in India: जल्द ही अपना भी डिजिटल रुपया (Digital RUPEE) होगा. आपके लेन-देन का तरीका बदल जाएगा. रुपया अब पॉकेट में रखने तक सीमित नहीं होगा. जेब से निकलकर वर्चुअल वर्ल्ड में सर्कुलेट होगा. ये आपको जेब में रखने के लिए नहीं मिलेगा. प्रिंट भी नहीं होगा. बल्कि टेक्नोलॉजी के जरिए आपके काम आएगा. जैसे- क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Cryptocurrency Bitcoin). बजट 2022 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि RBI अगले साल तक अपना डिजिटल RUPEE लाएगा. ये पूरी तरह से लीगल टेंडर होगा. इसमें निवेश भी आसान होगा. इस ऐलान के बाद से ही हर कोई जानना चाहता है कि डिजिटल Rupee होगा कैसा.. अच्छी बात ये है कि इसे हमारी सरकार, RBI रेगुलेट करेगा. इसलिए पैसा डूबने का खतरा नहीं होगा.
कब तक आएगा डिजिटल Rupee?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया कि RBI का डिजिटल 'रूपी' FY23 के आखिरी तक आ जाएगा. RBI डिजिटल करेंसी पर काम कर रहा है. अभी इसके टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रीब्यूशन पर काम चल रहा है. डिजिटल करेंसी (Indian Digital Currency) की टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रीब्यूशन पर काम चल रहा है. ये कैसे काम करेगी इसका फ्रेमवर्क भी तैयार हो रहा है. ये बिटकॉइन जैसी प्राइवेट वर्चुअल करेंसी यानी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाले नुकसान से बचाएगा.
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) हो सकता है नाम
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के जाल से बचाने के लिए सेंट्रल बैंक यानि RBI अपनी डिजिटल करेंसी इंट्रोड्यूस करेगा. इसका नाम CBDC- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी हो सकता है. हालांकि, इसके नाम पर अभी फैसला नहीं हुआ है. डिजिटल करेंसी का फायदा ये होगा कि इससे डिजिटली लेन-देन कर सकेंगे.
कैसे काम करेगा डिजिटल रुपया?
कितना सेफ होगा डिजिटल रुपया?
डिजिटल रुपया, जानें कैसा होगा#AapkiKhabarAapkaFayda में देखिए
कैसे काम कर सकता है Digital Rupee?
Krazybee के CEO मधु एकंबरम के मुताबिक, ये कैसी होगी इसको लेकर अभी कुछ ज्यादा साफ नहीं हैं. लेकिन, डिजिटल रूप में जैसे हम बिटकॉइन के नुकसान अपने बैंक अकाउंट में कैश देखते हैं, वॉलेट में अपना बैलेंस चेक करते हैं. कुछ ऐसे ही इसे भी देख और रख सकेंगे. लेकिन, ये 1 रुपए का होगा या कितने अमाउंट का अभी ये कहना मुश्किल है. अभी इसके काम करने के तरीके को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं है. लेकिन, ये तय है कि CBDC ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा. पेपर करेंसी की तरह इसका लीगल टेंडर होगा. आप जिसे पेमेंट करना चाहेंगे उसे इससे पेमेंट कर सकेंगे और उसके अकाउंट या डिमैट अकाउंट में ये पहुंच जाएगी. ये भी पॉसिबल है कि CBDC इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखाई देगा. CBDC को पेपर नोट के साथ बदला जा सकेगा. कैश के मुकाबले ट्रांजैक्शन आसान और सुरक्षित होगा. ये बिल्कुल कैश की तरह काम करेगी, लेकिन टेक्नोलॉजी के जरिए ट्रांजैक्शन पूरा होगा. एक तरह से इलेक्ट्रॉनिक कैश होगा.
क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग होगी?
क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से प्राइवेट है. इसे कोई मॉनिटर नहीं करता और किसी सरकार या सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं होता. ऐसी करेंसी गैरकानूनी होती हैं. लेकिन, RBI जिस करेंसी पर काम कर रहा है, वो पूरी तरह से RBI ही रेगुलेट करेगा. सरकार की मंजूरी होगी. डिजिटल रुपया की क्वांटिटी की भी कोई सीमा नहीं होगी. जैसे बिटकॉइन की होती है. सबसे खास बात है बिटकॉइन के नुकसान RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी.
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डिजिटल करेंसी की खासियत
- CBDC किसी देश का डिजिटल टोकन होगा.
- बिजनेस में पैसों के लेनदेन का काम हो जाएगा आसान.
- चेक, बैंक अकाउंट से ट्रांजैक्शन का झंझट नहीं रहेगा.
- मोबाइल से कुछ सेकेंड में पैसे ट्रांसफर होंगे.
- नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा.
- पेपर नोट की प्रिटिंग का खर्च बचेगा.
- डिजिटल करेंसी जारी होने के बाद हमेशा बनी रहेगी.
- CBDC को डैमेज नहीं किया जा सकेगा.
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बिटकॉइन के नुकसान
क्या आप जानते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन पर्यावरण और जलवायु के दृष्टिकोण से काफी खतरनाक है। हाल ही में इसपर की गई एक नई रिसर्च से पता चला है कि 2021 में हर बिटकॉइन के खनन से जलवायु को 11,314 अमेरिकी डॉलर के बराबर क्षति हुई थी।
वहीं शोध में इस बात की भी पुष्टि की गई है कि इसके बिटकॉइन उद्योग में परिपक्वता आने के साथ इसकी प्रति कॉइन जलवायु क्षति घटने की बजाय बढ़ रही है, जोकि चिंता का विषय है। गौरतलब है कि 2016 में जहां प्रति बिटकॉइन माइनिंग से 0.9 टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर उत्सर्जन हुआ था जो 2021 में बढ़कर 113 टन पर पहुंच गया था। इस तरह देखा जाए तो इस अवधि में बिटकॉइन माइनिंग से होने वाले उत्सर्जन में करीब 125 गुना वृद्धि हुई है।
इस बारे में न्यू मैक्सिको विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन से जुड़े शोधकर्ता बेंजामिन ए जोन्स का कहना है कि, "हमें इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि बिटकॉइन माइनिंग समय के साथ ज्यादा सस्टेनेबल होता जा रहा है।"
वहीं यदि 2016 से 2021 के बीच जितने बिटकॉइन की माइनिंग की गई है उसके कुल प्रभाव की गणना की जाए तो वो करीब 97,707 करोड़ रुपए (1,200 करोड़ डॉलर) के बराबर बैठती है। वहीं 2021 खनन में किए गए कुल बिटकॉइंस से होने वाली औसत वैश्विक क्षति की बात करें तो वो करीब 30,126 करोड़ रुपए (370 करोड़ डॉलर) के बराबर है।
देखा जाए तो बिटकॉइन के खनन से जलवायु पर पड़ने वाला प्रभाव गोल्ड माइनिंग से ज्यादा है। वहीं इसके कारण जलवायु को होने वाले नुकसान की तुलना बीफ, प्राकृतिक गैस और कच्चे तेल से की जा सकती है। जर्नल साइंटिफिक रिपोर्टस में प्रकाशित इस अध्ययन से पता चला है कि पिछले पांच वर्षों में क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के उत्पादन का बिटकॉइन के नुकसान पर्यावरणीय नुकसान उसके बाजार मूल्य का औसतन 35 फीसदी है।
हालांकि 2020 में यह नुकसान अपने चरम पर 82 फीसदी तक पहुंच गया था। देखा जाए तो इसकी तुलना कोयले से की जा सकती है जिसका पर्यावरण पर पड़ने वाला दबाव उसके बाजार मूल्य का करीब 95 फीसदी है। वहीं मई 2020 में यह नुकसान अपने चरम पर सिक्के की कीमत के करीब 156 फीसदी के बराबर पहुंच गया था।
वहीं यदि बीफ की बात करें तो उससे पर्यावरण और जलवायु पर पड़ने वाला प्रभाव करीब 33 फीसदी है। वहीं प्राकृतिक गैस के मामले में यह आंकड़ा करीब 46 फीसदी है। वहीं गोल्ड माइनिंग का जलवायु प्रभाव उसके बाजार मूल्य का करीब 4 फीसदी है।
क्या है यह बिटकॉइन
बिटकॉइन एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के नुकसान होती है। देखा जाए तो पिछले कुछ सालों में लोगों की इसके प्रति दिलचस्पी काफी तेजी से बढ़ी है। देशों की पारम्परिक मुद्रा को उस देश की सरकार, बैंक आदि नियंत्रित करते हैं, पर वहीं दूसरी तरफ क्रिप्टोकरेंसी के साथ ऐसा नहीं होता है। बिटकॉइन के लेनदेन का प्रबंधन बिटकॉइन उपयोगकर्ताओं के एक डिसेंट्रलाइज्ड नेटवर्क द्वारा किया जाता है, जिसका मतलब है कि इसे कोई व्यक्ति या संस्था नियंत्रित नहीं कर सकती है।
देखा जाए तो इस डिजिटल करेंसी के कारण पर्यावरण और जलवायु पर पड़ने वाला भारी दबाव उसके ऊर्जा उपयोग के कारण आता है। शोध के मुताबिक अध्ययन किए गए 20 दिनों में एक से ज्यादा दिनों में इन सिक्कों के कारण होने वाली जलवायु क्षति उत्पादित सिक्कों के मूल्य से अधिक हो गई थी।
शोध के मुताबिक यदि 2020 के आधार पर गणना करें तो उस वर्ष में बिटकॉइन माइनिंग ने 75.4 टेरावाट-घंटे प्रति वर्ष के हिसाब से बिटकॉइन के नुकसान बिजली का उपभोग किया था, जोकि ऑस्ट्रिया और पुर्तगाल जैसे देशों के कुल बिजली उपयोग से भी ज्यादा है।
इससे पहले भी जर्नल रिसोर्सेज कंजर्वेशन एंड रीसाइक्लिंग में प्रकाशित एक अध्ययन में बिटकॉइन के कारण बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक कचरे को लेकर आगाह किया था। इस शोध के हवाले से पता चला है कि बिटकॉइन के कारण हर साल करीब 30,700 मीट्रिक टन इलेक्ट्रॉनिक कचरा पैदा होता है, जोकि अपने आप में एक बड़ी समस्या है। शोधकर्ताओं के मुताबिक बिटकॉइन के हर एक लेनदेन से करीब 272 ग्राम ई-वेस्ट उत्पन्न होता है, जोकि आई फोन 13 के वजन से भी कहीं ज्यादा है।
ऐसे में इन डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग को कहीं ज्यादा पर्यावरण और जलवायु अनुकूल बनाने की जरुरत है। इनके लिए कड़े नियम और मानक तय किए जाने चाहिए। जिससे पर्यावरण और जलवायु पर पड़ रहे इनके दबाव को सीमित किया जा सके।
Bitcoin क्या है ? बिटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी
बिटकॉइन के बढ़ते उपयोग और दामों को देखकर आज हर कोई बिटकॉइन की बात कर रहा है और आधुनिक ज़माने की इस आधुनिक मुद्रा को अपना रहा है। दोस्तों अगर आपको नहीं पता है की Bitcoin Kya Hai तो इसका मतलब है की आप दुनिया की दौड़ में अभी बहुत पीछे हैं, लेकिन अभी भी समय है आप अपनी जानकारी को बड़ा सकते हैं। अगर आप जानना चाहते हो की बिटकॉइन क्या है, कैसे काम करता है, इसका अविष्कार कब हुआ, और इसके फायदे और नुकसान क्या हैं, तो आज आपको हमारे इस लेख को अवश्य पढ़ना चाहिए।
Bitcoin क्या है ? ( What is Bitcoin in Hindi )
दोस्तों बिटकॉइन दुनिया की पहली cryptocurrency जिसके इस्तेमाल करने के लिए किसी भी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं होती है। यह एक ऐसी वर्चुअल करेंसी हैं जिसे हम देख एवं छू नहीं सकते पर लेन-देन करने में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसे आप ऑनलाइन स्टोर कर सकते हैं, और इसका उपयोग कर सकते हैं। बिटकॉइन मुद्रा Decentralized System पर काम करती है, इस पर किसी भी देश की सरकार एवं व्यक्ति का स्वामित्व अथवा मालिकाना हक़ नहीं है।
यह ओपन सोर्स है एवं कोई भी इसे यूज़ कर सकता है। बिटकॉइन पीयर टू पीयर नेटवर्क पर काम करता है एवं बिटकॉइन के लेन-देन के लिए बैंक जैसे किसी भी मध्यस्थ की जरुरत नहीं होती है। बीते कुछ वर्षों में बिटकॉइन का इस्तेमाल बढ़ा है। आजकल ज्यादातर websites और online stores बिटकॉइन से पेमेंट एक्सेप्ट कर रहे हैं।
बिटकॉइन की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए कई देशों द्धारा इसे स्वीकार किया जा रहा है। वर्तमान में बिटकॉइन एक ऐसी मुद्रा बन गयी है जिससे आप पुरे विश्व में कहीं पर भी online transaction कर सकते हो।
बिटकॉइन किसने बनाया
बिटकॉइन का आविष्कार जापान के रहने वाले Satoshi Nakamoto ने 2009 में किया था। उनके इस आविष्कार का मकसद दुनिया को यह बताना था की बिना किसी मध्यस्थ के भी दो लोग आपस में पैसों का लेन-देन कर सकते हैं। आपको शायद जानकर हैरानी हो कि अभी तक लोग सिर्फ Satoshi Nakamoto का नाम ही जानते हैं उन्हें किसी ने भी देखा नहीं है।
Bitcoin की कीमत क्या है ?
दोस्तों बिटकॉइन की कीमत बढ़ती-घटती रहती है। पिछले कई सालों में बिटकॉइन की कीमत में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई है। जब बिटकॉइन पहली बार बाजार में आया था तब इसकी कीमत एक डॉलर के बराबर भी नहीं थी, लेकिन आज एक बिटकॉइन हज़ारों डॉलर्स में बिकता है। अभी जब में यह आर्टिकल लिख रहा हूँ, एक बिटकॉइन की कीमत 9283.70 डॉलर ( 7,07,903.01 भारतीय रूपए ) है।
बिटकॉइन की वर्तमान कीमत जानने के लिए गूगल पर सर्च करें “Btc to Inr”.
बिटकॉइन का इस्तेमाल कहाँ कर सकते हैं ?
बिटकॉइन का उपयोग ऐसी किसी भी वेबसाइट जो बिटकॉइन में पेमेंट लेती हो उन पर पेमेंट देने के लिए किया जा सकता है। आप ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए भी बिटकॉइन का इस्तेमाल कर सकते हो।
दुनिया के किसी भी कोने में आप किसी को पैसा भेजने के लिए भी बिटकॉइन का इस्तेमाल कर सकते हो। इसके अलावा कई लोग बिटकॉइन का इस्तेमाल पैसे कमाने के लिए भी करते हैं। बिटकॉइन से पैसे कमाने के लिए बिटकॉइन के नुकसान लोग उसे खरीद लेते हैं और कीमत ज्यादा होने पर उसे बेच देते हैं।
बिटकॉइन के फायदे क्या है ?
दोस्तों बिटकॉइन का इस्तेमाल करने के कई फायदे हैं, जो हम सभी को इसका यूज़ करने के लिए आकर्षित करते हैं। चलिए जानते हैं कि बिटकॉइन के क्या फायदे हैं:
- सबसे पहला फायदा यह है की बिटकॉइन से लेन-देन करने पर बहुत ही कम चार्ज देना होता है। डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड अथवा बैंक से ट्रांजेक्शन्स करने पर लगने वाली फीस की अपेक्षा बिटकॉइन के ट्रांजेक्शन पर बहुत कम फीस लगती है।
- बिटकॉइन का इस्तेमाल लगभग हर देश के लोग कर रहे हैं, इसका मतलब आप पुरे विश्व में किसी को भी बिटकॉइन से पेमेंट कर सकते हो।
- इससे लेन-देन करना बहुत ही सुरक्षित और आसान है।
बिटकॉइन के नुकसान क्या है ?
हरचीज़ के दो पहलु होते हैं उसी तरह बिटकॉइन के फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं। चलिए अब जानते हैं कि बिटकॉइन के नुकसान क्या हैं:
- बिटकॉइन पर किसी भी देश की सरकार का नियंत्रण नहीं होता है इसलिए इसकी कीमत बाज़ार में मांग के अनुसार कम और ज्यादा होती रहती है। ऐसे में अगर आप बिटकॉइन में निवेश करते हैं और अगर बिटकॉइन की कीमत कम हो जाए तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। (पिछले कुछ वर्षों में बिटकॉइन की कीमत बहुत तेजी से बड़ी है)
- वैसे तो बिटकॉइन इस्तेमाल करना बहुत सुरक्षित है लेकिन इसमें आपको बहुत सावधानी रखनी पड़ती और अगर आप थोड़ी सी भी गलती करते हैं तो आपका बिटकॉइन अकाउंट हैक होने का खतरा रहता है।
बिटकॉइन वॉलेट क्या है ?
बिटकॉइन को ऑनलाइन स्टोर करने के लिए बिटकॉइन वॉलेट का उपयोग किया जाता है। इंटरनेट पर कई सारे एप्प्स और सॉफ्टवेयर हैं, जिनकी मदद से आप बिटकॉइन को ऑनलाइन स्टोर कर सकते हो इन एप्प्स को ही बिटकॉइन वॉलेट कहा जाता है।
यह सभी बिटकॉइन वॉलेट क्लाउड बेस्ड टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं। बिटकॉइन वॉलेट में आपको अपना एक बिटकॉइन एड्रेस मिलता है जिससे आप अपने बिटकॉइन वॉलेट में पेमेंट ले सकते हो। इसके अलावा बिटकॉइन वॉलेट की मदद से आप बिटकॉइन बेचकर पैसों अपने बैंक में भी भेज सकते हो।
Conclusion
दोस्तों अब आपको समझ में आ गया होगा की Bitcoin Kya Hai. बिटकॉइन वाकई में अब एक ग्लोबल करेंसी बन गया है क्यूंकि अब हर जगह इससे लेन-देन स्वीकार किया जा रहा है। आपकी बिटकॉइन के बारे में क्या राय है हमें जरूर बताएं।
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