bitcoin एक क्रिप्टोकरेंसी है, एक प्रकार का डिजिटल, निजी पैसा है जो बैंक या सरकार की भागीदारी के बिना संचालित होता है।

What is Bitcoin how Bitcoin work

What Is Bitcoin Mining: बिटकॉइन माइनिंग क्या है और ये कैसे काम करता है

क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया हर दिन छलांग के साथ बढ़ रही है। मुद्रित होने वाली नियमित मुद्राओं के विपरीत, ये डिजिटल संपत्ति, बिटकॉइन सहित - दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे पुरानी क्रिप्टोकरेंसी - का खनन(माइन)किया जाता है। यह एक विशाल कंप्यूटिंग सिस्टम, बिजली और महंगे सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके क्रिप्टोग्राफ़िक बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई समीकरणों को हल करके एक क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करने की प्रक्रिया है। इसलिए, यदि आप क्रिप्टोक्यूरेंसी और बिटकॉइन माइनिंग के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो आप यहां जान सकते है-

बिटकॉइन माइनिंग एक अत्यधिक जटिल कंप्यूटिंग प्रक्रिया है जो एक सुरक्षित क्रिप्टोग्राफिक सिस्टम बनाने के लिए जटिल कंप्यूटर कोड का उपयोग करती है। सरकारों और जासूसों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सिक्रेट कोड के समान, माइनिंग के लिए जिस क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है उससे बिटकॉइन जनरेट होती है।बिटकॉइन लेनदेन की सुविधा प्रदान करती है, और क्रिप्टोकुरेंसी के संपत्ति स्वामित्व को ट्रैक करती है।

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बिटकॉइन खनिक(माइनर) लेनदेन से संबंधित एल्गोरिदम को हल करने के लिए सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं जो बिटकॉइन लेनदेन की जांच करते हैं। बदले में, खनिकों को प्रति ब्लॉक पर बिटकॉइन की एक निश्चित संख्या से सम्मानित किया जाता है। यह उन्हें लेन-देन से संबंधित एल्गोरिदम को हल करने के लिए प्रेरित करता है, जो ओवरऑल सिस्टम को सपोर्ट करता है।

यदि कोई खनिक(माइनर) सफलतापूर्वक ब्लॉकचैन में ब्लॉक जोड़ने में सक्षम है, तो उन्हें इनाम के रूप में 6.25 बिटकॉइन प्राप्त होंगे। इनाम की राशि लगभग हर चार साल या हर 210,000 ब्लॉक में आधी कर दी जाती है। नवंबर 2021 तक, बिटकॉइन का कारोबार लगभग $66,000 पर हुआ, जिससे 6.25 बिटकॉइन की कीमत $400,000 से अधिक हो गई।

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What is bitcoin?
: सातोशी नाकामोटो ने वर्ष 2008 में बिटकॉइन की शुरुआत की थी। बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी (आभासी मुद्रा) या एक डिजिटल मुद्रा है जो मुद्रा की इकाइयों के विनियमन और उत्पादन के लिए क्रिप्टोग्राफी के नियमों का उपयोग करता है। इसे आमतौर पर विकेंद्रीकृत डिजिटल मुद्रा कहा जाता है।

bitcoin एक प्रकार की डिजिटल संपत्ति है। जिसे इंटरनेट पर सुरक्षित रूप से दो पक्षों के बीच खरीदा, बेचा और हस्तांतरित किया जा सकता है। bitcoin का उपयोग ठीक सोने, चांदी और कुछ अन्य प्रकार के निवेश जैसे मूल्यों को संग्रहीत करने के लिए किया जा सकता है। हम बिटकॉइन का उपयोग उत्पादों और सेवाओं को खरीदने के साथ-साथ भुगतान और विनिमय मूल्यों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से करने के लिए भी कर सकते बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई हैं।

भारत में डिजिटल करेंसी लांच होने की खबर के बीच Bitcoin में फिर दर्ज हुई गिरावट

 Bitcoin में फिर दर्ज हुई गिरावट

राज एक्सप्रेस। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक ऐसी करेंसी है, जो ज्यादातर सुर्ख़ियों में बनी रहती है। इसको लेकर कई नियम निर्धारित किए गए हैं। क्योंकि, कई देशों में इसे इल्लीगल भी माना जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा नाम जो सुना जाता है वो बिटकॉइन (Bitcoin) का है और बिटकॉइन आज कल काफी ट्रैंड में चल रहा है। आज कल आपने हर किसी को बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने की बात कहते सुना होगा। बजट के दौरान भारत में डिजिटल करेंसी के आने की खबर के बाद से इस मामले में लगातार चर्चा हो रही है। जिसके चलते Bitcoin में गिरावट दर्ज की जा रही है और गिरावट का ये दौर अब भी जारी है।

CBDC: RBI पेश कर रहा आज डिजिटल रुपया! क्या आप भी समझ रहे Bitcoin जैसा

Digital Rupee By RBI

Digital Rupee By RBI: आज बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई से नए महीने की शुरुआत हो चुकी है. इसी के साथ एक नया बदलाव भी आपके जीवन में दस्तक देने जा रहा है. जहां अब तक वित्तीय लेन-देन के लिए कागजी रुपयों का ही इस्तेमाल होता था वहीं अब डिजिटल रुपया का इस्तेमाल कर सकेंगे. दरअसल डिजिटलीकरण के इस दौर में देश का केंद्रीय बैंक आज से डिजिटल रुपया बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई पेश कर रहा है. डिजिटल रुपया यानि कागजी रुपयों से अलग लेकिन कागजी रुपये की वैल्यु जैसा रुपया लाया जा रहा है. आरबीआई ने ये कदम डिजिटल करेंसी को लेने-देन की प्रक्रिया में शामिल करने के लिए उठाया है. आज सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई को लॉन्च करने जा रहा है. हालांकि डिजिटल करेंसी शब्द नया नहीं है. इसे लाने की बात इस साल के बजट में पहले ही हो चुकी थी.

CBDC क्या बिटकॉइन जैसा समझा जाए

बहुत से लोग सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी को बिटकॉइन जैसा मान रहे बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई हैं. लेकिन यह हकीकत में यह इससे बहुत अलग है. सबसे बड़ा अंतर दोनों में यही है कि बिटकॉइन जैसी करेंसी किसी के अधिकार में नहीं होती जबकि सीबीडीसी को भारत का केंद्रीय बैंक पेश कर रहा है यानि इसका पूरा कंट्रोल रिजर्व बैंक के पास है. दूसरा बड़ी सहूलियत यह कि सीबीडीसी को इस्तेमाल करना कागजी रुपयों जैसा ही होने वाला है. रिजर्व बैंक सीबीडीसी को दो रूपों में लेकर आई है. पहला सीबीडीसी डबल्यू और दूसरा सीबीडीसी आर. सीबीडीसी डबल्यू का मतलब होल सेल डिजिटल करेंसी से है जबकि सीबीडीसी आर का मतलब रिटेल से है. होलसेल के लिए करेंसी को पहले ही लॉन्च किया जा चुका है. जबकि रिटेल आज पेश हो रहा है.

डिजिटल करेंसी को इस्तेमाल करने को लेकर भी कई लोगों के मन में बहुत से सवाल हैं. मसलन इसका इस्तेमाल कौन और कैसे कर सकेगा. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल ई- रुपी यानि डिजिटल टोकन के रूप में होगा. आपके स्मार्टफोन में मौजूद डिजिटल पेमेंट ऐप से इनका इस्तेमाल हो पाएगा. शुरुआती चरण में केवल चार बैंकों के जरिए पर्सन टू पर्सन या पर्सन टू मर्चेंट इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. इन बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यस बैंक , आईसीआईसीआई बैंक और आईडीएफसी बैंक शामिल रहेंगे. बाद के चरणों में इसमें अन्य बैंको को भी शामिल किया जाएगा. खास बात ये कि डिजिटल करेंसी को कागजी रुपयों या सिक्कों में भी बदलवाया जा सकेगा.

Bitcoin का मालिक कौन है और बिटकॉइन किस देश की करेंसी है

bitcoin ka malik kaun hai

चलिए जानते है Bitcoin का मालिक कौन है और बिटकॉइन किस देश की करेंसी है. इसका नाम तो आपने काफी बार सुना होगा जिसमे से बहुत से लोग इसके बारे में भलीभांति जानते भी है परन्तु कुछ लोग इस करेंसी को लेकर काफी कंफ्यूज है उनकों इसके बारे में यह समझ में नहीं आ रहा है की ये असल में है क्या तो आज आपको इससे रिलेटेड सारी जानकारी देंगे.

हर देश की एक अलग जिसे उस देश में खरीददारी के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन कुछ ऐसी भी मुद्रा है जिसके जरिये किसी भी देश में लेनदेन कर सकते है ठीक उसी प्रकार बिटकॉइन है लेकिन यह एक ऐसी मुद्रा है जिसे ना तो हम देख सकते है और ना ही उसे छू सकते है क्योंकि यह एक डिजिटल करेंसी है. जो Peer to Peer सिक्योर नेटवर्क के जरिये लेनदेन किया जाता है.

Bitcoin का मालिक कौन है

बिटकॉइन का ऑथर Satoshi Nakamoto है. वैसे इसका कोई एक व्यक्ति मालिक नहीं है क्योंकि यह एक ओपन सोर्से डीसेण्ट्रलाइज डिजिटल करेंसी है इसे सातोशी का नाम दिया गया है. और यह एक इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर रहने वाली मुद्रा है जिसे किसी डिजिटल वॉलेट के माध्यम बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई से स्टोर करके रखा जा सकता है. लोग Bitcoin एक व्यवसाय के रूप में बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई भी इस्तेमाल करते है शुरुआती दिनों में इसका रेट काफी कम था उस समय बहुत से लोगों ने इसमें इन्वेस्ट किया और जब बिटकॉइन के मूल्य में बढ़ोतरी हुई तो लोगों ने इसे सेल करके काफी अच्छा मुनाफा कमाया था.

अब बिटकॉइन का रेट काफी बढ़ चूका है यदि इस समय Bitcoin के मूल्य की बात करे तो भारतीय रुपए में 1 बिटकॉइन का रेट 25,45,947 है. कुछ ऐसी वेबसाइट भी है जिसके जरिये माइनिंग करके बिटकॉइन बनाये जा सकते है ये साइटें कम्प्यूटर पॉवर के जरिये एक ट्रांजैक्शन प्रोसेस करती है जिससे Bitcoin का निर्माण होता है. Bitcoin Mining करने के बाद वॉलेट में भी ले सकते है.

बिटकॉइन किस देश की करेंसी है

इसे बनाने वाले व्यक्ति जापान के नागरिक है परन्तु बिटकॉइन को आमतौर पर किसी एक देश की करेंसी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह एक डिजिटल करेंसी है और इसे बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई हर कोई व्यक्ति ऑनलाइन खरीद या बेच सकता है या ऑनलाइन इस्तेमाल कर सकता है. Bitcoin की शुरुआत 3 जनवरी 2009 में सातोशी नकामोतो नामक व्यक्ति द्वारा की गई थी. इनका जन्म 5 अप्रैल 1975 को जापान में हुआ था.

आशा करती हूँ की आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी और अब आपको पता चल गया होगा की Bitcoin का मालिक कौन है और बिटकॉइन किस देश की करेंसी है. इसका मुख्य Symbol – ₿ ये है और इसे BTC के नाम से भी जाना बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई जाता है.

नोट: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बिटकॉइन को अधिकारिक अनुमति नहीं दी है एक प्रेस के जरिये चेतावनी देते हुए कहा है की इसका लेनदेन जोखिम हो सकता है.

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