प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। फोटो- इंडियन एक्‍सप्रेस।

RSS labour wing: मोदी सरकार पर बरसा RSS से क्या है स्प्रेड ट्रेडिंग जुड़ा मजदूर संगठन, ट्रेड यूनियनों को चर्चा से बाहर रखने का विरोध

RSS labour wing: केरल भारतीय मजदूर संघ (BMS) के अध्यक्ष सी. उन्नीकृष्णन क्या है स्प्रेड ट्रेडिंग उन्नीथन (C. Unnikrishnan Unnithan) ने पांच दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए ट्रेड यूनियनों को श्रमिक मुद्दों की चर्चा से बाहर करने के केंद्र के प्रयासों का विरोध किया

RSS labour wing: मोदी सरकार पर बरसा RSS से जुड़ा मजदूर संगठन, ट्रेड यूनियनों को चर्चा से बाहर रखने का विरोध

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। फोटो- इंडियन एक्‍सप्रेस।

RSS labour wing: केरल में चल रहे सीपीआई श्रमिक शाखा अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) के राष्ट्रीय क्या है स्प्रेड ट्रेडिंग सम्मेलन में आरएसएस समर्थित भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार की कई नीतियों का विरोध किया है। केरल भारतीय मजदूर संघ (BMS) के अध्यक्ष सी. उन्नीकृष्णन उन्नीथन (C. Unnikrishnan Unnithan) ने पांच दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए ट्रेड यूनियनों को श्रमिक मुद्दों की चर्चा से बाहर करने के केंद्र के प्रयासों का विरोध किया

विरोध की वजह क्या है ?

भारतीय मजदूर संघ (BMS) के अध्यक्ष सी. उन्नीकृष्णन उन्नीथन ने भारतीय श्रम सम्मेलन (ILC) आयोजित करने में केंद्र की विफलता का जिक्र किया। उन्होने कहा कि क्या है स्प्रेड ट्रेडिंग सभी श्रम मुद्दों पर सरकार, कर्मचारियों और नियोक्ताओं के त्रिपक्षीय मंचों पर चर्चा होनी चाहिए। सी. उन्नीकृष्णन उन्नीथन ने कहा कि 2015 से क्या है स्प्रेड ट्रेडिंग कोई आईएलसी बैठक आयोजित नहीं की गई है।

यह इतिहास में पहली बार है कि ट्रेड यूनियनों को (ऐसे परामर्श से) बाहर रखा जा रहा है। उन्होने आगे कहा कि भारतीय मजदूर संघ का मानना है कि परामर्श तंत्र को कमजोर किया जा रहा है। सरकार बातचीत नहीं कर रही है। जबकि श्रम संहिता 2019 में संसद में पारित की गई थी, क्या है स्प्रेड ट्रेडिंग अन्य को अगले वर्ष पारित किया गया था। लेकिन उद्योग के कड़े विरोध के कारण आंशिक रूप से उनके लागू किए जाने में देरी हुई है।

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आरएसएस समर्थित है भारतीय मजदूर संघ (BMS)

भारतीय मजदूर संघ (BMS) आरएसएस समर्थित संगठन है। मजदूर संघ का कहना है कि हम विरोध करने के लिए सरकार का विरोध नहीं करते हैं। हम कभी भी मजदूर संघों के मुद्दों से पीछे नहीं हटते हैं। राज्यसभा सांसद और सीपीआई के केंद्रीय सचिवालय सदस्य बिनॉय विश्वम ने श्रम अधिकारों से संबंधित कुछ मुद्दों पर भारतीय मजदूर संघ (BMS) का समर्थन किया।

हालांकि आरएसएस समर्थित संगठन आम तौर पर आम हड़तालों से दूर रहता है। अलप्पुझा में भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) के कार्यक्रम में देश भर से लगभग 2,000 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।

SBEC Sugar: रॉकेट की स्पीड से 183% चढ़ा ये शेयर, कंपनी भी नहीं बता पाई तेजी क्या है स्प्रेड ट्रेडिंग की वजह

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Multibagger Stock Return: मोदी ग्रुप (Modi Group) की एक कंपनी के शेयर बीते कई दिनों से लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. यहां पर बात एसबीईसी शुगर (SBEC Sugar) की जिसके शेयर लगातार 11 दिन से अपर सर्किट पर हैं. बीते 5 दिन में इसके शेयरों में 22% की तेजी आई क्या है स्प्रेड ट्रेडिंग है.

रॉकेट की स्पीड से भागे शेयर

पिछले एक महीने का एनलिसिस करें तो एक महीने में SBEC शुगर के शेयर 177% चढ़े हैं. वहीं इस कंपनी के शेयर बीते शुक्रवार को 67.35 रुपये के अपने नए हाई पर भी पहुंचे हैं. वहीं SBEC शुगर के 52 हफ्ते का लो लेवल 21.05 रुपये रहा है. SBEC शुगर के शेयरों में पिछले 13 ट्रेडिंग सेशन में 183 पर्सेंट की तेजी दर्ज देखी गई है.

उमेश मोदी ग्रुप की कंपनी के शेयर 30 नवंबर 2022 को BSE पर 23.80 रुपये के स्तर पर थे. वहीं कंपनी के शेयर शुक्रवार 16 दिसंबर 2022 को बीएसई में 67.35 रुपये के स्तर पर बंद हुए हैं. अगर किसी व्यक्ति ने 30 नवंबर को इस कंपनी के शेयरों में 1 लाख रुपये का क्या है स्प्रेड ट्रेडिंग इन्वेस्टमेंट किया होगा तो दो हफ्ते से भी कम समय यानी मौजूदा समय में उसके पास 2.82 लाख रुपये होंगे.

मार्केट कैप का एनलिसिस

इस कंपनी का पूरे एक साल का एनलिसिस करें तो SBEC शुगर के शेयरों में इस साल अब तक करीब 190 पर्सेंट की तेजी आई है. साल की शुरुआत यानी 3 जनवरी 2022 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में कंपनी के शेयर 23.30 रुपये के स्तर पर थे. वहीं 16 दिसंबर 2022 को SBEC शुगर का शेयर BSE में 67.35 रुपये पर बंद हुआ है. बीते 5 साल में SBEC शुगर के शेयर करीब 853% चढ़ गए हैं. आपको बताते चलें कि इस कंपनी का मार्केट कैप 321 करोड़ रुपये है.

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