फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए जरूरी दस्तावेज
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FD में क्यों लगाना चाहिए पैसा? जानिए इसके 5 बेस्ट फायदे
बैंकों का फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) निवेश का एक भरोसेमंद ऑप्शन है. FD में निवेश की सुविधा आपको 7 दिन से 10 साल तक की अवधि के लिए मिलती है. बैंकों में जमा पर भरोसा रहने के साथ-साथ इस पर एक निश्चित ब्याज आपको तय समय पर मिलती है. उस वक्त बाजार के हालात चाहे जो हों आपको डिपॉजिट पर फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है? तय ब्याज मिलेगा. FD की सिर्फ इतनी ही खासियत नहीं है, बल्कि कई ऐसे फायदे हैं, जिन्हें हमें जानना फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है? चाहिए. आइए ऐसे ही 5 फायदों के बारे में जानते हैं.
फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है?
हम न्यूनतम रु. 15,000 से शुरू होने वाले टर्म डिपॉजिट ऑफर करते हैं जिन्हें आमतौर पर फिक्स्ड डिपॉजिट भी कहा जाता है. आप फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है? ऑनलाइन फिक्स्ड डिपॉजिट खोल सकते हैं और 12 महीनों से 60 महीनों तक की अवधि चुन सकते हैं. हम समय-समय पर एफडी के लिए उच्च ब्याज दरों के साथ विशेष अवधि की सुविधा देते हैं. हमारे फिक्स्ड डिपॉजिट में, आप एक निश्चित अवधि के लिए एक निश्चित राशि इन्वेस्ट करते हैं और आपको मेच्योरिटी पर या एक निर्धारित फ्रिक्वेंसी पर ब्याज मिलता है.
सिस्टमेटिक डिपॉजिट प्लान-सिंगल मेच्योरिटी स्कीम (एसएमएस)
हमने रेकरिंग डिपॉजिट (आवर्ती जमा) में दिलचस्पी लेने वाले कस्टमर के लिए एक विशेष डिपॉजिट प्लान बनाया है, जिसे सिस्टमेटिक डिपॉजिट प्लान (एसडीपी) कहा जाता है. एसडीपी में, आप एक निर्धारित अवधि (12 से 60 महीने) के लिए हर महीने रु. 5,000 तक इन्वेस्ट कर सकते हैं. सिंगल मेच्योरिटी स्कीम (एसएमएस) के तहत, आपको मेच्योरिटी पर मूलधन और ब्याज मिलता है. प्रत्येक नए डिपॉजिट पर ब्याज को राशि डिपॉजिट किए जाने वाले महीने में लागू ब्याज दरों के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है.
सिस्टमेटिक डिपॉजिट प्लान- मासिक मेच्योरिटी स्कीम (एमएमएस)
हमने रेकरिंग डिपॉजिट (आवर्ती जमा) में दिलचस्पी लेने वाले कस्टमर के लिए एक विशेष डिपॉजिट प्लान बनाया है, जिसे सिस्टमेटिक डिपॉजिट प्लान (एसडीपी) कहा जाता है. एसडीपी में, आप एक निर्धारित अवधि (12 से 60 महीने) के लिए हर महीने रु. 5,000 तक इन्वेस्ट कर सकते हैं. मंथली मेच्योरिटी स्कीम (एमएमएस) के तहत, आपको हर महीने ब्याज का भुगतान मिलेगा और मूलधन का भुगतान मेच्योरिटी पर किया जाएगा. प्रत्येक फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है? नए डिपॉजिट पर ब्याज को राशि डिपॉजिट किए जाने वाले महीने में लागू ब्याज दरों के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है.
Fixed Deposit हो सकता है निवेश का बेहतर विकल्प, लेकिन पैसे लगाने से पहले जान लें ये 5 जरूरी बातें
Fixed Deposit करते समय आप अपनी सुविधानुसार 15 दिनों से लेकर 10 साल तक की अवधि चुन सकते हैं.
जमा और बचत के लिए बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम (Fixed Deposits) को बेहद पसंद किया जाता है.
FD as Investment Option: जमा और बचत के लिए बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposits) बेहतर विकल्प हो सकते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इनमें निवेश ज्यादा सुरक्षित होता है और रिटर्न भी पहले से तय रहता है. इसके अलावा एफडी मार्केट लिंक्ड स्कीम नहीं होते, इसलिए बाजार के उतार चढ़ाव का इन पर कोई असर नहीं होता.
बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट करते समय अलग-अलग टेन्योर चुनने का विकल्प भी मिलता है, ऐसे में आप अपनी सुविधानुसार, 15 दिनों से लेकर 10 साल तक की अवधि के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट कर सकते हैं. लेकिन बैंक FD में अपना पैसा रखने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. आइए जानते हैं कि वो कौन सी जरूरी बातें हैं.
FD लैडरिंग तकनीक है बेहतर विकल्प
फिक्स्ड डिपॉजिट्स में एफडी लैडरिंग एक बेहतर विकल्प है. इसमें पूरे अमाउंट को एक एक बार में निवेश ना करके उसे अलग-अलग टेन्योर में थोड़ा-थोड़ा निवेश किया जाता है. मान लीजिए कि आपके पास 5 लाख रुपये है. इसे आप एक बार में निवेश करने के बजाय अलग-अलग टेन्योर के लिए 5 FD में निवेश कर सकते हैं. इन पांचों एफडी की मैच्योरिटी अवधि भी अलग-अलग होगी. इस तरीके से निवेश करने पर पर्याप्त लिक्वडिटी होगी. इसके अलावा, आप इसे निकाल कर दोबारा भी फिक्स कर सकते हैं. मसलन, पहले एफडी के मेच्योर होने के बाद दूसरा एफडी दो साल बाद मैच्योर होगा. इसे फिर अगले पांच साल के लिए फिक्स किया जा सकता है.
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FD पर मिलता है कम रिटर्न
एफडी में पैसे लगाने से पहले आपको इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए कि अगर आप इनकम टैक्स के 30 प्रतिशत के स्लैब में आते हैं तो FD पर मिलने वाले ब्याज का बड़ा हिस्सा टैक्स में कट जाएगा. बता दें कि बैंक FD पर मिलने वाले ब्याज पर आयकर स्लैब के अनुसार टैक्स देना होता है. ज्यादातर बैंक FD पर 6.5 प्रतिशत की दर से ब्याज दे रहे हैं. ऐसे में FD अपने पैसे को सुरक्षित रखने का जरिया है न कि बेहतर रिटर्न का जरिया.
स्पेशल डिपॉजिट
कई बार बैंक 444 दिनों या 650 दिनों या 888 दिनों के लिए स्पेशल FD स्कीम लॉन्च करती हैं. इन स्कीम में निवेश करने वालों को बैंकों की ओर से ज्यादा ब्याज दिया जाता है. आप इन स्कीम में निवेश करके ज्यादा रिटर्न जनरेट कर सकते हैं.
स्वीप-इन FD
FD एक लॉक-इन अवधि के साथ आते हैं और ज़रूरत के समय आपको कैश के लिए डिपॉजिट अमाउंट को समय से पहले तोड़ना पड़ता है. इसकी जगह पर आप बैंकों के स्वीप-इन एफडी में भी निवेश कर सकते हैं, जिनमें लिक्विडिटी बनी रहती है और साथ ही आपको FD के बराबर ब्याज भी मिलता है.
स्मॉल फाइनेंस बैंक ज्यादा ब्याज देते हैं
स्मॉल फाइनेंस बैंक प्रमुख बैंकों के मुकाबले FD पर ज्यादा ब्याज की पेशकश करते हैं. स्मॉल फाइनेंस बैंकों में भी आपकी जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस मिलता है. इसलिए बैंक के परफॉर्मेंस की पड़ताल करने के बाद आप इनमें निवेश करके बेहतर ब्याज का फायदा ले सकते हैं.
Fixed Deposit और Floating Rate FD में क्या अंतर? कैसे मिलता है ब्याज, कौन-सा विकल्प ज्यादा बेहतर
Fixed Deposit Vs Floating Rate FD: बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट पर दो तरह से ब्याज पाने का विकल्प होता है. इनमें फिक्स्ड रे . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 04, 2022, 15:08 IST
हाइलाइट्स
फ्लोटिंग रेट टर्म डिपॉजिट पर ब्याज की दरें बेंचमार्क रिफ्रेंस रेट से लिंक होती है.
एफडी में मिलने वाला ब्याज तय होता है जबकि फ्लोटिंग रेट एफडी में इंटरेस्ट परिवर्तनशील रहता है.
फ्लोटिंग रेट एफडी में बीच-बीच में निकासी की सुविधा, एफडी में यह विकल्प नहीं होता है.
नई दिल्ली. बैंक में फिक्स डिपॉजिट करना है हमेशा से भारतीयों के लिए निवेश का एक पसंदीदा और सुरक्षित विकल्प रहा है. क्योंकि एफडी पर एकमुश्त राशि जमा करने पर मैच्योरिटी पर गारंटीड रिटर्न मिलता है. लेकिन पिछले कुछ सालों में एफडी पर मिलने वाला ब्याज लगातार कम हुआ है इसलिए फिक्स डिपॉजिट पर मिलने वाला रिटर्न प्रभावित हुआ है. चूंकि ब्याज दरों में लगातार कटौती और बढ़ोतरी होती है इससे सभी तरह की बचत योजनाओं और लोन पर मिलने वाले इंटरेस्ट भी प्रभावित होते हैं. ऐसे में फ्लोटिंग रेट फिक्स डिपॉजिट, एफडी कराने वाले लोगों के लिए बेहतर ऑप्शन हो सकता है.
दरअसल बैंक एफडी पर ब्याज दो दरों से पाने का विकल्प होता है. इनमें पहला फिक्स्ड रेट डिपॉजिट और दूसरा फ्लोटिंग रेट एफडी होती है. चूंकि फिक्स्ड रेट डिपॉजिट में तय समय पर गारंटीड ब्याज मिलता है लेकिन फ्लोटिंग रेट फिक्स्ड डिपॉजिट में ब्याज की दरें बदलती रहती है. आइये दोनों के बारे में विस्तार से समझते हैं.
Fixed Rate Deposit क्या है?
फिक्स्ड रेट डिपॉजिट यानी मौजूदा ब्याज दर पर किया जाने वाला निवेश और इसमें इंटरेस्ट रेट परिपक्वता तक समान रहती है. मान लीजिये अगर आप 1 लाख रुपये की एफडी 6.5 फीसदी ब्याज की दर से 5 साल के लिए करते हैं तो अवधि पूरी होने पर आपको कुल 1,38,042 रुपये मिलते हैं. इस रिटर्न में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होता है चाहे ब्याज दर बढ़ें या घटें.
Floating Rate Fixed Deposit क्या है?
फ्लोटिंग रेट टर्म डिपॉजिट पर ब्याज की दरों में बदलाव होता रहता है. क्योंकि इंटरेस्ट रेट एक बेंचमार्क रिफ्रेंस रेट से लिंक होती है. इसलिए फ्लोटिंग रेट एफडी पर इंटरेस्ट फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है? रेट पूरी अवधि में परिवर्तनशील रहते हैं. चूंकि आरबीआई हर निश्चित अवधि में ब्याज दरों में बदलाव करता है. अगर भविष्य में इंटरेस्ट रेट बढ़ते हैं तो फ्लोटिंग रेट एफडी पर मिलने वाला ब्याज बढ़ जाता है और वहीं अगर घटते हैं तो इंटरेस्ट कम हो जाता है.
फिक्स्ड रेट डिपॉजिट और फ्लोटिंग रेट एफडी के फायदे-नुकसान
कौन सा विकल्प फायदेमंद?
फिक्स्ड रेट डिपॉजिट और फ्लोटिंग रेट एफडी दोनों के अपने-अपने फायदे हैं. हालांकि फिक्स्ड रेट डिपॉजिट में एफडी की तुलना में ब्याज कम मिलता है. लेकिन अगर आपको लगता है कि भविष्य में ब्याज दरों में बढ़ोतरी हो सकती है तो फ्लोटिंग रेट फिक्स्ड डिपॉजिट आपके लिए फायदे का सौदा हो सकता है.
वहीं अगर इंटरेस्ट कम होता है तो इस पर मिलने वाला रिटर्न कम हो जाता है. जबकि फिक्स्ड रेट डिपॉजिट में मिलने वाला रिटर्न किसी भी रूप में प्रभावित नहीं होता है. इसलिए इन बातों को ध्यान में रखते हुए ग्राहक अपनी सुविधानुसार फ्लोटिंग रेट एफडी या फिक्स्ड रेट डिपॉजिट के विकल्प को चुन सकता है.
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