निर्मला सीतारमण ने दिया यह जवाब
इस सवाल के जवाब में निर्मला सीतारमण ने कहा, 'सबसे पहले तो मैं इसे ऐसे नहीं देखती हूं कि रुपया गिर रहा है। मैं इसे देखती हूं कि डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। इसलिए स्वाभाविक रूप से वे करेंसीज कमजोर होंगी, जिसकी तुलना में डॉलर मजबूत हो रहा है।'

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'रुपया कमजोर बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है नहीं हो रहा है, डॉलर मजबूत हो रहा है'- अमेरिका में वित्त मंत्री सीतारमण ने दिया तर्क

By: ABP Live | Updated at : 16 Oct 2022 09:13 AM (IST)

निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)

Nirmala Sitharaman On Rupee Vs Dollar: भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन दिनों अमेरिका (America) के दौरे पर हैं. उन्होंने वाशिंगटन डीसी में रविवार (16 अक्टूबर) को पत्रकारों से बातचीत की. भारत की मौजूदा आर्थिक स्थिति पर उन्होंने कहा कि रुपया कमजोर नहीं हो रहा, हमें इसे ऐसे देखना चाहिए कि डॉलर मजबूत हो रहा है, लेकिन दूसरी मार्केट करेंसी देखें तो रुपया डॉलर की तुलना में काफी अच्छा कर रहा है.

'हम एक आरामदायक स्थिति में हैं'

निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैक्रोइकॉनॉमिक्स के फंडामेंटल अच्छे हैं और विदेशी मुद्रा भंडार अच्छा है. हम एक आरामदायक स्थिति में हैं और इसलिए मैं बार-बार मुद्रास्फीति को एक प्रबंधनीय स्तर पर दोहराती रहती हूं. हम इसे और नीचे लाने के प्रयास कर रहे हैं.

रुपया कमजोर नहीं हो रहा बल्कि डॉलर में मजबूती है, जानिए वित्त मंत्री ने क्या दिया तर्क

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भरी महंगाई और मंदी की आहट के बीच डॉलर के मुकाबले अपने रुपये में गिरावट जारी है. आज एक डॉलर के सामने 82.69 पर रुपया पहुंच गया है. इसका अर्थ हुआ कि आपको एक डॉलर के लिए 82.69 रुपये खर्च करने होंगे. विशेषज्ञों की मानें तो डॉलर की इतनी मजबूती और रुपये की इतनी कमजोरी ठीक नहीं, खासकर आर्थिक विकास दर के लिहाज से. लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जवाब इससे अलग है.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों की करंसी देखें तो उसके मुकाबले अपना रुपया अच्छा परफॉर्म कर रहा है. उन्होंने ‘इमर्जिंग मार्केट करंसी’ की बात की. इसका अर्थ हुआ वे देश जो विकास की बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है ओर अग्रसर हैं, उन सभी के मुकाबले अपना रुपया अच्छा प्रदर्शन कर रहा है.

RBI क्यों नहीं दे रहा दखल

निर्मला सीतारमण ने कहा कि रिजर्व बैंक का ध्यान इस बात की ओर ज्यादा है कि बाजार में बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं हो. इसलिए केंद्रीय बैंक भारतीय करंसी को फिक्स करने के लिए बाजार में कोई दखलंदाजी नहीं कर रहा. लेकिन गिरते रुपये को थामने के क्या उपाय किए जा रहे हैं? इसके जवाब में वित्त मंत्री ने बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है ‘ANI’ से कहा, जाहिर है, अन्य सभी करंसी अमेरिकी डॉलर की मजबूती के खिलाफ टिकी हुई हैं. यह तथ्य की बात है कि भारतीय रुपया लगातार बढ़ते अमेरिकी डॉलर के सामने अपना परफॉर्मेंस जारी रखे हुए है, एक्सचेंज रेट भी डॉलर के पक्ष में जा रहा है. भारतीय रुपये ने कई अन्य उभरती बाजार की करंसी की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है.

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अनिल सिंघवी ने कहा कि हमें सबसे पहले एक साल में क्या हुआ ये समझना जरूरी है. अक्टूबर 2021 में एक डॉलर की वैल्यू लगभग 75 रुपए थी और आज डॉलर के लिए 82.35 रुपए खर्च करना पड़ रहा है.

कमजोर होते रुपए पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का एक बयान काफी बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है चर्चा में है. उन्होंने कहा था कि दरअसल रुपया नहीं कमजोर रहा बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है. FM का यह बयान देशभर में हॉट टॉपिक (Hot Topic) बना हुआ है. सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ सी आ गई. हालांकि, हमें वित्त मंत्री के इस बयान को फैक्ट्स के जरिए समझना चाहिए. इस पर ज़ी बिजनेसे मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने अपना एनालिसिस दिया.

डॉलर के मुकाबले डॉलर की स्थिति

अनिल सिंघवी ने कहा कि हमें सबसे पहले एक साल में क्या हुआ ये समझना जरूरी है. अक्टूबर 2021 में एक डॉलर की वैल्यू लगभग 75 रुपए थी और आज डॉलर के लिए 82.35 रुपए खर्च करना पड़ रहा है. यानी सालभर में भारतीय रुपया करीब 10 फीसदी कमजोर हुआ है. ऐसे सवाल उठता है कि क्या डॉलर मजबूत हो रहा है या रुपया कमजोर हो रहा है?

वित्त मंत्री #NirmalaSitharaman के बयान के बाद सबसे चर्चित विषय.

उन्होंने कहा कि सबसे पहले हमें समझना चाहिए कि भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले भी ट्रेड करता है और दुनिया की अन्य करेंसी के सामने भी ट्रेड करता है, जिसमें यूरोप का यूरो, ब्रिटेन का पाउंड, जापान का येन समेत अन्य शामिल हैं. ऐसे में हमें कुछ फैक्टर्स पर ध्यान देना चाहिए.

  • दुनिया की दूसरी बड़ी करेंसी के मुकाबले रुपए का प्रदर्शन कैसा है
  • दुनिया की अन्य करेंसी डॉलर के मुकाबले कैसी हैं
  • अगर रुपया दूसरी करेंसी के सामने भी कमजोर हुआ है, तो रुपया कमजोर हुआ है
  • अगर दूसरी करेंसी भी डॉलर के सामने गिरी हैं तो डॉलर मजबूत हो रहा है

दुनिया की अन्य बड़ी करेंसी के सामने रुपए का प्रदर्शन

ग्रेट ब्रिटेन पाउंड (GBP) के लिए अक्टूबर 2021 में 103 भारतीय रुपए खर्च करने पड़ते थे, जो अक्टूबर 2022 में घटकर 93 रुपए हो गई. यानी पॉउंड से सामने भारतीय रुपया करीब 10 फीसदी मजबूत हुआ है. वहीं यूरो की कीमत सालभर पहले 87 रुपए थी, जो अब 81 रुपए हो गई. यहां भी भारतीय रुपया यूरो के मुकाबले करीब 9 फीसदी मजबूत हुआ है. इसके अलावा जापान की करेंसी येन का भाव अक्टूबर बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है 2021 में 0.65 रुपए थी, जो इस साल अक्टूबर में 0.55 रुपए हो गई. यानी येन के सामने भारतीय रुपया मजबूत हुआ है.

अनिल सिंघवी ने बताया कि भारतीय रुपया केवल डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ है. जबकि दुनिया की अन्य बड़ी करेंसी के सामने 8 से 10 फीसदी तक मजबूत हुआ है. उन्होंने यह भी बताया कि डॉलर क्यों मजबूत हुआ. उन्होंने बताया कि एक साल में डॉलर दुनिया के लगभग सभी करेंसी के मुकाबले मजबूत हुआ है. यह बढ़त करीब 20 फीसदी तक की है. दूसरी ओर भारतीय रुपया केवल 10 फीसदी ही कमजोर हुआ है. इसका मतलब है कि भारतीय रुपया अन्य करेंसी के मुकाबले कम कमजोर हुआ है. इसीलिए यह माना जाता है कि रुपए के सामने डॉलर कम मजबूत हुआ है.

डॉलर इंडेक्स क्या होता है?

डॉलर इंडेक्स में दुनिया की 6 बड़ी करेंसी शामिल हैं, जिनको डॉलर के सामने नापा जाता है. इंडेक्स यूरो, पाउंड, येन, स्विस फ्रैंक और स्वीडिश क्रोना शामिल हैं. एक साल में डॉलर इंडेक्स 93 से बढ़कर 112 पर पहुंच गया है. यानी डॉलर इंडेक्स सालभर में करीब 20 फीसदी चढ़ा है.

अनिल सिंघवी के मुताबिक रुपए की कमजोरी में बड़ी भूमिका कच्चे तेल की है. क्योंकि देश के इंपोर्ट बिल में 30 से 40 फीसदी हिस्सेदारी क्रूड का है. ऐसे में जब हम क्रूड के बिल पेमेंट करते हैं तो इसके लिए डॉलर का इस्तेमाल होता है. इसीलिए डॉलर की डिमांड बढ़ती है. दूसरी वजह है अमेरिका में ब्याज दरों में इजाफा होना. इसी साल फरवरी में US में ब्याज दर जीरो था, जो अब बढ़कर 3.5 फीसदी हो गया है. इससे डॉलर में मजबूती आई. चुंकि निवेशक ज्यादा से ज्यादा रकम डॉलर में रखना चाहते हैं, तो ऐसी स्थिति में डॉलर की डिमांड बढ़ती बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है है. क्योंकि अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने से सुरक्षित निवेश के तौर पर डॉलर की डिमांड बढ़ती है.

लगातार कमजोर हो रहा रुपया?: अमेरिका में वित्त मंत्री सीतारमण बोलीं-रुपया कमजोर नहीं, बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को (16 अक्टूबर) डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर होते रुपए पर अमेरिका में बयान दिया। निर्मला सीतारमण ने कहा कि रुपया कमजोर नहीं, बल्कि डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा है कि रुपए ने अन्य उभरती मार्केट करेंसी की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है।

डॉलर के मुकाबले रुपया ऑल टाइम लो पर
वित्त मंत्री का ये बयान ऐसे समय आया है, जब डॉलर के मुकाबले रुपया अपने ऑल टाइम लो पर बना हुआ बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है है। शुक्रवार को रुपया 12 पैसे टूट कर 82.36 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

रुपए में लगातार गिरावट को लेकर सवाल
वित्त मंत्री इन दिनों इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) और वर्ल्ड बैंक की वार्षिक बैठकों में भाग लेने के लिए अमेरिका में हैं। इसी बीच वॉशिंगटन डीसी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनसे रुपए में लगातार गिरावट को लेकर सवाल पूछा गया।

अमेरिकी डॉलर इस समय करीब 22 साल के उच्‍चतम स्‍तर पर ट्रेडिंग कर रहा और इसके मुकाबले दुनियाभर की करेंसी बौनी नजर आ रही ह . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है
  • Last Updated : October 17, 2022, 17:35 IST
अमेरिकी डॉलर इस समय 22 साल के सबसे मजबूत स्थिति में है.
दुनियाभर में होने व्‍यापारिक लेनदेन में 40 फीसदी हिस्‍सेदारी डॉलर की रहती है.
अगर डॉलर में 10 फीसदी की मजबूती आई है तो महंगाई 1 फीसदी बढ़ जाएगी.

नई दिल्‍ली. वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले कमजोर होती भारतीय मुद्रा का बचाव करते हुए कहा था- ‘रुपया गिर नहीं रहा- डॉलर मज़बूत हो रहा’. उनके इस बयान के अलग-अलग मायने निकाले गए और विपक्ष ने रुपये की अनदेखी और बढ़ते आर्थिक दबाव को लेकर निशाना भी साधा था. हालांकि, वित्‍तमंत्री के बयान को बड़े कैनवास पर देखा जाए तो यह काफी हद तक सही भी नजर आता है.

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