Delhi MCD result: हार के बाद भी अपना मेयर चुने जाने को लेकर क्यों आश्वस्त है भाजपा?
नेशनल डेस्क: दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनावों के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) अभी आगे चल रही है और भाजपा दूसरे नंबर पर है। आज शाम तक नतीजे पूरी तरह से साफ हो जाएंगे। अभी वोटों की गिनती जारी है इसी बीच भाजपा और आम आदमी पार्टी दिल्ली में अपना-अपना मेयर बनाने का दावा भी करने लग गए हैं।
भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और भाजपा नेता मनोज तिवारी ने कहा कि इंतजार कीजिए, भाजपा को जीत मिलेगी। मेयर भाजपा का ही बनेगा, नतीजे आने दीजिए। वहीं भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने भी कहा कि दिल्ली में फिर एक बार भाजपा का मेयर बनेगा।
दूसरी तरफ आप नेता संजय सिंह ने दावा किया कि भाजपा एमसीडी चुनाव हार गई है, आप का ही मेयर इस बार बनेगा। वहीं अब सवाल है कि आप तो भाजपा से आगे चल रही है, ऐसे में वह किस आधार पर अपना मेयर होने की बात कह रही है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है कि पार्षदों के ऊपर दलबदल का कानून लागू नहीं होता है। 60 सेकंड के व्यापार के लिए एमएसीडी संकेतक भाजपा के इस दावा से यह संकेत मिल रहा है कि मेयर चुनाव के समय क्रॉस वोटिंग हो सकती है।
एक साल का होता है मेयर का कार्यकाल
जानकारी के मुताबिक एमसीडी में जो पार्टी भी जीत कर आएगी, उसका कार्यकाल 5 साल तक रहेगा लेकिन उसका पार्षद लगातार पांच साल तक मेयर नहीं रह सकता है। दिल्ली में मेयर का कार्यकाल सिर्फ एक साल के लिए ही होता है। वहीं मेयर का चुनाव भी सीधे तौर पर नहीं होता है। जीतकर आए पार्षद ही हर साल नया मेयर चुनते हैं। नियमों के तहत पहला साल महिला पार्षद ही मेयर बन सकेगी जबकि दूसरा साल अनुसूचित जाति का कोई पार्षद ही इस पर के 60 सेकंड के व्यापार के लिए एमएसीडी संकेतक लिए दावेदारी कर सकता है।
इसके अलावा बचे तीन 60 सेकंड के व्यापार के लिए एमएसीडी संकेतक वर्ष अनारक्षित होंगे यानि इन वर्षों में कोई भी पार्षद इस पद के लिए दावेदारी कर सकेगा। दिल्ली नगर निगम एक्ट के मुताबिक एमसीडी चुनाव के 60 सेकंड के व्यापार के लिए एमएसीडी संकेतक 60 सेकंड के व्यापार के लिए एमएसीडी संकेतक नतीजे आने के बाद जब सदन की पहली बैठक होती है, तब मेयर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होती है। बता दें कि एमसीडी की 250 60 सेकंड के व्यापार के लिए एमएसीडी संकेतक सीटों पर 4 दिसंबर को मतदान हुआ था। कुल 1349 उम्मीदवार ने इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
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अखिलेश यादव का बड़ा हमला, बोले- जीएसटी के नाम पर व्यापारियों को रुला रही भाजपा…
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार एक ओर तो प्रदेश की तरक्की के लुभावने सपने दिखाती है, वहीं दूसरी ओर देश की अर्थव्यवस्था में मुख्य भागीदारी निभाने वाले व्यापारी वर्ग का उत्पीड़न करने में पीछे नहीं है। पांच साल बाद उसे होश आया और अब प्रदेश में उद्यमों के विकास के लिए विदेशी उद्यमियों से मदद मांगने जाना पड़ रहा है। यहां के उद्यमियों, व्यापारियों को जीएसटी के छापों से भयाक्रांत किया जा रहा है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर तक पहुंचाने की कोशिशों का इससे बढ़कर और क्या मजाक हो सकता है।
जीएसटी को लेकर सरकार को घेरते हुए सपा मुखिया ने कहा कि इन दिनों भाजपा सरकार जीएसटी जांच के नाम पर व्यापारियों को परेशान करने में लगी है। व्यापारी विरोध में बाजार बंद कर रहे हैं। 60 सेकंड के व्यापार के लिए एमएसीडी संकेतक जनसामान्य परेशान है। व्यापार ठप्प है। भाजपा सरकार का व्यापार जगत के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण उत्तर प्रदेश में घटते व्यापार को और ज्यादा घटाएगा। जीएसटी छापामारी वसूली और भ्रष्टाचार का एक नया तरीका है। भाजपा सरकार से नौजवान, व्यापारी, किसान, कर्मचारी, मजदूर सभी को धोखा मिला है। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार व्यापारी हितैषी नहीं, व्यापारी विरोधी सरकार है। अब व्यापारियों को अपमानित तथा बर्बाद किया जा रहा है। व्यापारियों से सम्मानजनक ढंग से पूछताछ की जा सकती है, हिसाब-किताब देखा जा सकता है।
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि व्यापारियों के उत्पीड़न के बजाय उनके व्यापार को बढ़ाने में मदद की जानी चाहिए। यहां व्यापारियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के बाद 60 सेकंड के व्यापार के लिए एमएसीडी संकेतक कौन देशी-विदेशी उद्यमी यहां उद्योग लगाने आएगा? पहले भी भाजपा सरकार कई इन्वेस्टर्स मीट कर चुकी है पर निवेश कहां आया? ओडी ओपी का बजट कहां दिया? डिफेंस एक्सपो का भी कोई सार्थक नतीजा नहीं नज़र आ रहा है। भाजपा सरकार सिर्फ झूठे और लुभावने वादों से लोगों को भटकाने का काम ही करती है।
सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा सरकार ने जिस तरह किसानों, नौजवानों को धोखा दिया है वैसे ही वह व्यापारियों के साथ भी छल कर रही है। नोटबंदी के बाद, जीएसटी से हर क्षेत्र में असंतोष है। अभी तक जीएसटी की अंतिम निर्णायक दरें तक तय नहीं हो सकी है। 60 सेकंड के व्यापार के लिए एमएसीडी संकेतक समाजवादी पार्टी व्यापारियों की हितैषी है और उनकी न्यायसंगत मांगों के साथ हमेशा खड़ी रहेगी। जीएसटी और अन्य विभागों द्वारा उत्पीड़नकारी कार्यवाहियों को तत्काल बंद किया जाय।
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