पीपीएफ का पूरा फायदा चाहें तो 5 अप्रैल तक पैसा लगाएं
कर बचाने की बात आती है तो अब भी बड़ी तादाद में लोगों को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) की याद आती है। वास्तव में पीपीएफ अच्छा साधन है क्योंकि इसमें सालाना 7.1 फीसदी प्रतिफल मिलता है और उस पर किसी तरह का कर भी नहीं लगता। सरकार के समर्थन वाली स्थिर आय योजनाओं को गिनें तो केवल कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और सुकन्या समृद्घि योजना ही पीपीएफ के मुकाबले अधिक कर मुक्त प्रतिफल देती हैं। ईपीएफ पर फिलहाल 8.1 फीसदी प्रतिफल मिल रहा है और सुकन्या समृद्घि पर सरकार 7.6 फीसदी प्रतिफल दे रही है। लेकिन जो वेतनभोगी नहीं हैं और जिनके बेटी भी नहीं है, उनके पास पीपीएफ के अलावा कोई सरकार समर्थित निवेश साधन नहीं रह जाता। मगर पीपीएफ में निवेश करते समय यह जरूर ध्यान रखें कि अधिक से अधिक प्रतिफल हासिल करने के लिए रकम किस समय जमा करनी चाहिए। किसी भी साल 5 अप्रैल तक निवेश कर देने से आपको सबसे अधिक प्रतिफल मिलेगा।
कैसे होता है ब्याज का हिसाब
पीपीएफ खाते में किसी भी वित्त वर्ष के दौरान अधिकतम 1.5 लाख रुपये डाले जा सकते हैं। किसी भी महीने में कम से कम 500 रुपये डाले जा सकते हैं, उससे कम नहीं। ब्याज का मामला थोड़ा पेचीदा है। पंजीकृत निवेश सलाहकारों के संघ (एआरआईए) के निदेशक मंडल के सदस्य दिलशाद बिलिमोरिया बताते हैं, 'पीपीएफ पर ब्याज हर महीने कमाया जाता है मगर उसे साल के आखिर में ही पीपीएफ खाते में भेजा जाता है।'
मगर पेच कहां है? पेच यह है कि महीने की 5 तारीख से महीने के आखिर तक खाते में जिस दिन सबसे कम रकम होती है, उसी दिन का ब्याज लगा दिया जाता है। बैंकबाजार के मुख्य कार्य अधिकारी आदिल शेट्टी अधिकतम ब्याज कमाने का तरीका समझाते हैं। वह कहते हैं, 'पीपीएफ खाते में जो भी रकम डालनी है, वह महीने की 5 तारीख से पहले ही जमा कर देनी चाहिए ताकि उस महीने का ब्याज जुड़ जाए।'
अगर आप 5 तारीख के बाद रकम जमा करते हैं तो उस महीने आपको उस पर एक पाई भी ब्याज नहीं मिलेगा क्योंकि 5 तारीख को खाते में मौजूद कम रकम पर ही ब्याज की गणना कर ली जाएगी। 5 के बाद जमा की गई रकम पर ब्याज अगले महीने जोड़ा जाएगा।
देर करके ब्याज न गंवाएं
अगर आप एकमुश्त मोटी रकम पीपीएफ खाते में डालना चाहते हैं तो यह काम 5 अप्रैल से पहले ही कर डालें। पैसाबाजार डॉट कॉम के वरिष्ठ निदेशक गौरव अग्रवाल की सलाह है, 'पीपीएफ में निवेश करने का सबसे अच्छा समय वित्त वर्ष की शुरुआत में होता है। अगर उस समय रकम डाल दी जाए तो जमा रकम पर निवेशक को पूरे साल का ब्याज मिल सकता है।'
मान लीजिए कि आपके पीपीएफ खाते में 31 मार्च, 2021 को 15 लाख रुपये थे। किसी भी साल में ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं और आपने यह समूची रकम 3 अप्रैल को अपने खाते में डाल दी। इस तरह 3 अप्रैल को आपके पीपीएफ खाते में कुल 16.5 लाख रुपये हो गए। जाहिर है कि 5 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच खाते में कम से कम 16.5 लाख रुपये रहना तय है। इसलिए अप्रैल के महीने में आपको 16.5 लाख रुपये पर 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा, जो 9,762 रुपये होगा।
अब मान लीजिए कि आप यही रकम 3 अप्रैल के बजाय 7 अप्रैल को डालते हैं। तो 5 अप्रैल को आपके खाते में 15 लाख रुपये ही होते और 5 से 30 अप्रैल के बीच किसी भी दिन की न्यूनतम रकम भी यही रहती, जिस वजह से आपको इसी रकम पर ब्याज मिलता। इस तरह आपको 1.5 लाख रुपये का निवेश करने के बावजूद अप्रैल में बतौर ब्याज 8,875 रुपये ही मिलते। यानी पीपीएफ खाते में रकम जमा करने में महज कुछ दिन की देर से आपको उस महीने में 888 रुपये कम ब्याज मिलेगा।
ब्याज में 888 रुपये की कमी आपको मामूली लग सकती है। मगर ध्यान रखिए कि पीपीएफ में 15 साल के लिए निवेश किया जाता है और आप इसकी अवधि आगे भी बढ़ा सकते हैं। जाहिर है कि इसमें चक्रवृद्घि ब्याज लगता है और लंबी अवधि तक हर साल अप्रैल में ब्याज में कमी होने पर चक्रवृद्घि प्रभाव की वजह से आप 15 या 20 साल में खासी रकम गंवा देती हैं। मतलब साफ है, मामूली सी चूक करेंगे तो आपको अच्छी खासी रकम से हाथ धोना पड़ेगा।
मगर जिनके पास अप्रैल में एकमुश्त निवेश के लिए मोटी रकम नहीं है और जो हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश करते हैं, उनका क्या? अग्रवाल के मुताबिक उन्हें भी 5 तारीख का ध्यान रखना चाहिए। वह कहते हैं, 'आप पीपीएफ में किस्तों में निवेश करते हों तो भी हर महीने की 5 तारीख तक किस्त जमा कर दें ताकि आपको अपने निवेश पर ज्यादा से ज्यादा प्रतिफल हासिल हो सके।'
निवेश महफूज, प्रतिफल भी खूब
रिटायरमेंट जैसे दीर्घकालिक निवेश पोर्टफोलियो में भी आपको स्थिर आय वाली निवेश योजना शामिल करनी चाहिए और निवेश में स्थिरता चाहिए तो पोर्टफोलियो का कम से कम 20 फीसदी हिस्सा या उससे भी अधिक इसी में लगना चाहिए। पोर्टफोलियो के इस हिस्से में ईपीएफ और पीपीएफ जैसी निवेश योजनाएं शामिल होनी चाहिए।
ईपीएफ की बात करें तो इसमें साल में केवल 2.5 लाख रुपये का निवेश ही कर मुक्त रहता है। इससे अधिक धनराशि डाली जाएगी तो उस पर आयकर स्लैब के मुताबिक कर काटा जाएगा। सुकन्या समृद्घि योजना के जरिये कर मुक्त प्रतिफल भी वे लोग ही हासिल कर सकते हैं, जिनके बेटी है। जिनका अपना रोजगार है यानी जिन्हें ईपीएफ की सुविधा नहीं मिल सकती, उनके लिए पीपीएफ और भी जरूरी हो जाता है। पीपीएफ की अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। एआरआईए के बोर्ड सदस्य दिलशाद बिलिमोरिया कहते हैं, 'निवेशक पीपीएफ खाते की अवधि बढ़वा भी सकते हैं और जब तक चाहें, 5-5 साल के लिए इसमें बढ़ोतरी करा सकते हैं। हम यही करने की सलाह भी देते हैं। आप जितनी बार भी अवधि बढ़वाएं, एक बार में 5 साल का ही इजाफा हो सकता है।'
हां, एक बात ध्यान रखिए। पीपीएफ आपको कर बचाने में और रिटायरमेंट तथा लंबी अवधि के दूसरे लक्ष्य पूरे करने के लिए व्यवस्थित तरीके से निवेश करने का मौका तो दे सकता है मगर आप केवल इसी के भरोसे नहीं बैठ सकते।
बैंकबाजार के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं, 'पीपीएफ पर 7.1 फीसदी की दर से ही ब्याज दिया जा रहा है। अगर महंगाई की दर देखें तो यह प्रतिफल उससे बमुश्किल 1 फीसदी ही अधिक है। इससे साफ है कि इस प्रतिफल की मदद से आप मोटी रकम तो जमा नहीं कर सकते।'
फिर क्या किया जाए? इसका जवाब शेयर बाजार से मिल सकता है। सलाहकार मानते हैं कि अगर 7 साल या उससे अधिक अवधि के लिए निवेश किया जा रहा है तो शेयरों में अच्छा-खासा निवेश किया जाना चाहिए।
वर्ष 2022 में उच्च रिटर्न देने वाले भारत में शीर्ष 10 सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान
उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्प
उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्प
निवेश भारत में संपत्ति बनाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है. यह महंगाई को हराने, फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने और अपने आर्थिक भविष्य को स्थिर बनाने में मदद करता है. अपने बैंक अकाउंट में पैसे को रखने की बजाय, आप स्टॉक्स, शेयर्स, म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे विभिन्न विकल्पों में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
यह आपको फाइनेंशियल लक्ष्यों को प्राप्त करने और भारत के टॉप इन्वेस्टमेंट विकल्पों में इन्वेस्ट करके सुरक्षित जीवन जीने के लिए, भविष्य के लिए फाइनेंशियल सुरक्षा बनाने में मदद कर सकता है.
मार्केट में कुछ इन्वेस्टमेंट प्लान हैं, जिनमें उच्च स्तर के जोखिम होते हैं और अन्य एसेट क्लास की तुलना में लॉन्ग-टर्म में लाभकारी रिटर्न जनरेट करने की क्षमता होती है.
कई इन्वेस्टमेंट प्लान उपलब्ध होने के कारण, सही विकल्प चुनना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. नीचे कुछ इन्वेस्टमेंट प्लान दिए गए हैं, जो सेविंग को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.
भारत में सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान
अगर आप सोच रहे हैं कि पैसे कहां इन्वेस्ट करें, तो यहां कुछ प्रकार के इन्वेस्टमेंट दिए गए हैं जिन्हें आप चुन सकते हैं:
स्टॉक्स
स्टॉक किसी कंपनी या इकाई के स्वामित्व में हिस्सेदारी को दर्शाते हैं. स्टॉक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर के लिए ज़्यादा रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक हैं. लेकिन, ये मार्केट के उतार-चढ़ाव से जुड़े होते हैं, इसलिए पूंजी की हानि का जोखिम हमेशा बना रहता है.
फिक्स्ड डिपॉजिट
जोखिम से बचने वाले इन्वेस्टर के लिए, फिक्स्ड डिपॉजिट एक आदर्श इन्वेस्टमेंट विकल्प है. एफडी आपके डिपॉजिट पर सुरक्षित रिटर्न प्रदान करती है और इस पर मार्केट के उतार-चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. उच्च-जोखिम लेने वाले इन्वेस्टर भी अपने पोर्टफोलियो को स्थिर बनाने के लिए एफडी, आरईआईटीएस और क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने का विकल्प चुनते हैं.
म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड, फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किए जाने वाले इन्वेस्टमेंट टूल्स हैं, जो लोगों के पैसे को संग्रह करते हैं और विभिन्न कंपनियों के स्टॉक और बॉन्ड में इन्वेस्ट करते हैं, ताकि रिटर्न मिल सके. आप शुरुआत में छोटी डिपॉजिट राशि से शुरू करके भी अच्छा-खासा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.
सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम
रिटायर हो चुके लोगों के लिए सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम एक लॉन्ग-टर्म सेविंग विकल्प है. यह उन लोगों के लिए एक आदर्श विकल्प है जो रिटायरमेंट के बाद एक स्थिर और सुरक्षित आय प्राप्त करना चाहते हैं.
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड
पीपीएफ भारत में एक विश्वसनीय इन्वेस्टमेंट प्लान है. इन्वेस्टमेंट प्रति वर्ष मात्र रु. 500 से शुरू है और इन्वेस्ट किए गए मूलधन, अर्जित ब्याज़ और मेच्योरिटी राशि पर टैक्स से छूट दी जाती है. इसका लॉक-इन पीरियड 15 वर्षों का है, जिसमें विभिन्न पड़ावों पर आंशिक निकासी की अनुमति दी जाती है.
एनपीएस
एनपीएस, लाभदायक सरकार समर्थित इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक है, जो पेंशन के विकल्प प्रदान करता है. आपके फंड बॉन्ड, सरकारी सिक्योरिटीज़, स्टॉक और अन्य इन्वेस्टमेंट विकल्पों में इन्वेस्ट किए जाते हैं. लॉक-इन अवधि इन्वेस्टर की आयु द्वारा निर्धारित की जाती है, क्योंकि जब तक इन्वेस्टर 60 वर्ष की आयु का नहीं होता, तब तक यह स्कीम मेच्योर नहीं होती है.
रियल एस्टेट
रियल एस्टेट, भारत के सबसे तेज़ी से बढ़ते सेक्टर्स में से एक है, जिसमें बेहतरीन संभावनाएं हैं. भारत के कई इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से फ्लैट या प्लॉट खरीदना भी सर्वश्रेष्ठ विकल्प में से एक है. क्योंकि प्रॉपर्टी की दर हर छह महीने में बढ़ सकती है, इसलिए जोखिम कम होता है और रियल एस्टेट एक ऐसे एसेट के रूप में काम करता है, जो लंबे समय में उच्च रिटर्न प्रदान करता है.
गोल्ड बॉन्ड्स
सोवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकारी सिक्योरिटीज़ हैं, जो सोने के ग्राम में मूल्यांकित किया जाता है. रिज़र्व बैंक, भारत सरकार की ओर से फिज़िकल गोल्ड रखने के विकल्प के रूप में बांड जारी करता है. इन्वेस्टर को कैश में इश्यू प्राइस का भुगतान करना होता है, और मेच्योरिटी पर बॉन्ड को कैश में रिडीम किया जा सकता है.
आरईआईटीएस
आरईआईटी, या रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट, ऐसी कंपनियां होती हैं, जो कई प्रॉपर्टी सेक्टर में, आय प्रदान करने वाले रियल एस्टेट का मालिक होती हैं या फाइनेंस करती है. इन रियल एस्टेट कंपनियों को आरईआईटी के रूप में पात्रता प्राप्त करने के लिए कई आवश्यकताओं को पूरा करना होता है. अधिकांश आरईआईटी प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होता है, जो इन्वेस्टर को कई लाभ प्रदान करता है.
क्रिप्टो
क्रिप्टोकरेंसी, या क्रिप्टो, करेंसी का एक रूप है, जो डिजिटल या वर्चुअल रूप से मौजूद है और ट्रांज़ैक्शन सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग होता है. क्रिप्टोकरेंसी के पास केंद्र द्वारा जारी होने या विनियमित किए जाने वाला प्राधिकरण नहीं है; बल्कि ट्रांजैक्शन को रिकॉर्ड करने और नई यूनिट जारी करने के लिए डिसेंट्रलाइज़्ड सिस्टम का उपयोग किया जाता है.
आपको अपने पैसे कहां इन्वेस्ट करने चाहिए?
अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर, आप या तो मार्केट-लिंक्ड या मार्केट से अप्रभावित रहने वाले इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करने का विकल्प चुन सकते हैं. मार्केट से जुड़े इन्वेस्टमेंट में अधिक रिटर्न मिलते हैं, लेकिन ये हमेशा सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान नहीं होते क्योंकि इनमें पूंजी खोने का जोखिम रहता है. तुलना में, फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे इन्वेस्टमेंट टूल, फंड की अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं. बजाज फाइनेंस एक ऐसा फाइनेंसर है जो उच्च एफडी दरों और फंड की सुरक्षा का दोहरा लाभ प्रदान करता है.
जोखिम उठाने की क्षमता आपके इन्वेस्टमेंट के विकल्पों को किस तरह प्रभावित करती है
अधिकांश इन्वेस्टमेंट विकल्पों में कुछ अस्थिरता होती है, और आमतौर पर जब जोखिम का स्तर ब्याज पर पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है? अधिक होता है, तो इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न भी अधिक होता है. इसलिए, अक्सर इन्वेस्टमेंट के निर्णय इन्वेस्टर्स की जोखिम क्षमता के आधार पर लिए जाते हैं.
कम जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: फिक्स्ड-इनकम विकल्पों में बॉन्ड, डिबेंचर, फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम, और सरकारी सेविंग स्कीम शामिल हैं.
मध्यम-जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: डेट फंड, बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड, और इंडेक्स फंड इस कैटेगरी में आते हैं.
अधिक जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: अस्थिरता वाले इन्वेस्टमेंट में स्टॉक और इक्विटी म्यूचुअल फंड जैसे विकल्प शामिल हैं.
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Investment Tips: एफडी से ज्यादा ब्याज के लिए इस स्कीम में कर सकते हैं निवेश, टैक्स में छूट समेत मिलेंगे कई फायदे
Investment Tips: निवेश का यह विकल्प पूरी तरह सुरक्षित है इसमें जोखिम लगभग शून्य है. इसमें निवेश करने पर कई फायदे मिलते हैं.
By: ABP Live | Updated at : 17 Dec 2021 10:16 PM (IST)
Investment Tips: निवेश करते वक्त निवेशक दो ही बातों पर सबसे ज्यादा ध्यान देता है, पहली- उसे अच्छा रिटर्न मिले और दूसरी - उसका पैसा सुरक्षित रहे. इस लिहाज से देखें तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) निवेश का एक बेहतरीन विकल्प है. यह न केवल सुरक्षित है बल्कि इसमें निवेश करने पर टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है. PPF में निवेश में जोखिम लगभग शून्य है क्योंकि इसे पूरी तरह सरकार संरक्षण प्राप्त है.
किन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है पीपीएफ में निवेश:-
- सेल्फ इम्प्लायड प्रोफेशनल और EPFO के दायरे में नहीं आने वाले कर्मचारी
- जिनके पास नौकरी या कारोबार, कोई संगठित ढ़ांचा नहीं है.
PPF में निवेश करने के फायदे
ब्याज दर
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- केंद्र सरकार हर तिमाही में PPF अकाउंट पर ब्याज दर को संशोधित करती है.
- ब्याज दर आमतौर पर 7 फीसदी से 8 फीसदी रहती है जो कि आर्थिक स्थिति को देखते हुए थोड़ी कम या बढ़ सकती है.
- फिलहाल ब्याज दर 7.1 फीसदी है, जो सालाना तौर पर चक्रवृद्धि है. यह कई बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा है.
टेन्योर
- सब्सक्राइबर्स के लिए 15 साल की अवधि है जिसके बाद टैक्स छूट के तहत आने वाली राशि को निकाला किया जा सकता है.
- सब्सक्राइबर्स के पास इसे 5 साल और बढ़ाने का भी विकल्प है.
- वे यह भी चुन सकते हैं कि योगदान ब्याज पर पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है? ब्याज पर पैसा निवेश करना कहाँ लाभदायक है? को जारी रखना है या नहीं.
टैक्स लाभ
- आईटी एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बेनेफिट मिलता है.
- स्कीम में निवेश की गई राशि पर 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन लिया जा सकता है.
- PPF में कमाई गई ब्याज और मेच्योरिटी की राशि दोनों पर टैक्स छूट मिलती है.
निवेश की सुरक्षा
- यह स्कीम सरकार द्वारा समर्थित है इसलिए इसमें निवेश पूरी तरह सुरक्षित है.
- इसमें कमाए गए ब्याज पर सॉवरेन गारंटी होती है.
लोन की सुविधा
- सब्सक्राइबर्स PPF अकाउंट पर उपयुक्त ब्याज दर पर लोन ले सकते हैं.
- अकाउंट खोलने से तीसरे और छठें साल में लोन का फायदा ले सकते हैं.
- छोटी अवधि में लोन के लिए अप्लाई करने वालों के लिए यह विशेष तौर पर लाभकारी है.
Published at : 17 Dec 2021 10:16 PM (IST) Tags: Investment Interest PPF FD PPF account हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Investment Tips: 5-10 लाख रुपये हैं, कहां निवेश करें? एफडी के अलावा इन चार विकल्पों में मिलेगा शानदार रिटर्न
एफडी के अलावा और भी कई विकल्प हैं, जिस पर आप गौर कर सकते हैं और महंगाई के मुकाबले पॉजिटिव रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
एफडी के अलावा और भी कई विकल्प हैं, जिस पर आप गौर कर सकते हैं और महंगाई के मुकाबले पॉजिटिव रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
Investment Tips: अगर आपके पास 5-10 लाख रुपये की एकमुश्त रकम है तो इसे कहां निवेश करेंगे? लंबे समय से फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) निवेश का बेहतर विकल्प माना जाता रहा है क्योंकि यह सुरक्षित और सुनिश्चित रिटर्न देने वाला है. हालांकि इंफ्लेशन को देखते हुए एफडी पर वास्तविक रिटर्न आपका पैसा बढ़ाने की बजाय घटा रहा है. ऐसे में एफडी के अलावा और भी कई विकल्प हैं, जिस पर आप गौर कर सकते हैं और महंगाई के मुकाबले पॉजिटिव रिटर्न हासिल कर सकते हैं. यहां ऐसे ही चार निवेश विकल्पों के बारे में जानकारी दी जा रही है.
Index Funds
अगर आपने स्टॉक्स में निवेश अभी शुरू ही किया है और अपने लिए बेहतर शेयर का चयन करने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं तो इंडेक्स फंड्स निवेश का बेहतर विकल्प है. यह उस समय भी बेहतर विकल्प के रूप में है, अगर आप अपने लिए बेहतर म्यूचुअल फंड का चयन नहीं कर पा रहे हैं. इंडेक्स फंड किसी इंडेक्स को ट्रैक करता है. जैसे कि निफ्टी इंडेक्स 50 बड़ी कंपनियों का इंडेक्स है और निफ्टी इंडेक्स को खरीदने का मतलब है कि निफ्टी के बराबर आपको रिटर्न मिल सकता है.
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Sovereign Gold Bonds
गोल्ड खरीदने का सबसे बेहतर तरीका अब सोवरेन गोल्ड बॉन्ड्स है. यह एक तरह से 999 शुद्धता वाले गोल्ड को डिजिटल तरीके से खरीदने जैसा है और इस पर जो कैपिटल गेन होगा, उस पर टैक्स भी नहीं चुकाना होगा. इसके अलावा 2.5 फीसदी निश्चित ब्याज भी मिलेगा. केंद्रीय बैंक आरबीआई केंद्र सरकार के बिहाफ पर गोल्ड बॉन्ड को कई किश्तों में जारी करती है और इसके जरिए गोल्ड में आप निवेश कर सकते हैं. 2.5 फीसदी का सालाना ब्याज हर छह महीने पर मिलेगा. इसमें सिर्फ एक ही दिक्कत है कि एसजीबी में निवेश पर 8 साल का लॉक इन है लेकिन अगर पैसों की आपको जरूरत है तो इसे सेकंडरी मार्केट में बेचने का भी विकल्प है.
REITs
अगर 5-10 लाख में कोई घर नहीं खरीद सकते हैं लेकिन रीयल एस्टेट से जरूर कमा सकते हैं. रीयल एस्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) एक म्यूचुअल फंड की तरह है जिसमें निवेशकों के पैसों का पूल बनाकर पार्क, मॉल जैसी कॉमर्शियल संपत्तियां खरीदी जाती है. यह ऐसी कंपनियां द्वारा लॉन्च किया जाता है जिनके पास कॉमर्शियल संपत्तियां होती हैं या ऑपरेट करती हैं या फाइनेंस करती हैं. इसमें अंडरलाइंग प्रोजेक्ट्स की कीमतों में बढ़ोत्तरी और किराए के जरिए पैसे बढ़ते हैं. एक यूनिट होल्डर के तौर पर आपको डिविडेंड और REIT की बढ़े भाव के रूप में कमाई होगी. इस विकल्प के जरिए बिना कोई संपत्ति खरीदे एक तरह से आप किसी प्रॉपर्टी के मालिक बनते हैं. हालांकि इसे खरीदते समय सावधानी बरतें क्योंकि अंडरलाइंग एसेट्स अच्छे हैं, तभी आपको फायदा मिलेगा.
सरकारी बचत योजनाएं
सरकारी छोटी बचत योजनाएं भी निवेश के लिए बेहतर विकल्प हैं. जैसे कि पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड), पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम, किसान विकास पत्र (केवीपी) इत्यादि. इसमें निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इस पर सरकार की गारंटी रहती है, बेहतर दरों पर ब्याज मिलता है और निवेश/मेच्योरिटी पर टैक्स बेनेफिट्स भी मिलता है. इसमें बस लॉक इन पीरियड की दिक्कत आपको दिख सकती है जैसे कि पीपीएफ में 15 साल का लॉक इन है. हालांकि अगर आप अपने पैसे को डेट में लगाना चाहते हैं तो छोटी बचत योजनाएं शुरुआत के लिए बेहतर है.
(Arricle: Kanika Agarwal, Co-founder of Upside AI, ML-backed PMS Firm)
(यह लेख जानकारी के लिए है और फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने सलाहकार से सलाह लें.)
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