कब लगेगा एफडी पर 20 फीसदी ब्याज?
Kaam Ki Baat: क्या आप भी करते हैं फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश, जानें क्या है एफडी पर टैक्स के नियम
By: ABP Live | Updated at : 02 Aug 2022 06:09 PM (IST)
फिक्स्ड डिपॉजिट से हुई कमाई पर भी लगता है टैक्स
Tax Rules On FD: सावधि जमा (Fixed Deposit) निर्धारित अवधि तक फंड को निवेश करने और निर्धारित ब्याज दर पर रिटर्न प्राप्त करने की सुविधा देता है. अन्य निवेश के मुकाबले एफडी पर ब्याज दर (FD Interest Rate) काफी कम है. फिर भी लोगों का भरोसा इस पर कायम है.
फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स कैसे लगता है?
फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाली ब्याज की राशि आपकी सकल आय (Gross Income) में जुड़ती है. मगर बैंक या एफडी करने वाली संस्था अर्जित ब्याज पर स्रोत पर कटौती (TDS) काट कर रकम अदा करती है. एक वित्तीय वर्ष में आपकी जितनी भी एफडी पूरी हुई या आपने मैच्योरिटी से पहले ही उसे तोड़ दी, तो सभी एफडी से प्राप्त ब्याज की राशि की गणना की जाएगी. अगर ब्याज की राशि 40 हजार रुपये से कम है तो टैक्स में छूट मिलेगी. वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 50 हजार रुपये है.
Fixed Deposit और Floating Rate FD में क्या अंतर? कैसे मिलता है ब्याज, कौन-सा फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है विकल्प ज्यादा बेहतर
- News18Hindi
- Last Updated : October 04, 2022, 15:08 IST
हाइलाइट्स
फ्लोटिंग रेट टर्म डिपॉजिट पर ब्याज की दरें बेंचमार्क रिफ्रेंस रेट से लिंक होती है.
एफडी में मिलने वाला ब्याज तय होता है जबकि फ्लोटिंग रेट एफडी में इंटरेस्ट परिवर्तनशील रहता है.
फ्लोटिंग रेट एफडी में बीच-बीच में निकासी की सुविधा, एफडी में यह विकल्प फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है नहीं होता है.
नई दिल्ली. बैंक में फिक्स डिपॉजिट करना है हमेशा से भारतीयों के लिए निवेश का एक पसंदीदा और सुरक्षित विकल्प रहा है. क्योंकि एफडी पर एकमुश्त राशि जमा करने पर मैच्योरिटी पर गारंटीड रिटर्न मिलता है. लेकिन पिछले कुछ सालों में एफडी पर मिलने वाला ब्याज लगातार कम हुआ है इसलिए फिक्स डिपॉजिट फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है पर मिलने वाला रिटर्न प्रभावित हुआ है. चूंकि ब्याज दरों में लगातार कटौती और बढ़ोतरी होती है इससे सभी तरह की बचत योजनाओं और लोन पर मिलने वाले इंटरेस्ट फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है भी प्रभावित होते हैं. ऐसे में फ्लोटिंग रेट फिक्स डिपॉजिट, एफडी कराने वाले लोगों के लिए बेहतर ऑप्शन हो सकता है.
फिक्स्ड डिपॉजिट करने से पहले इन बातों का रखें विशेष ध्यान, नहीं तो डूब जाएगा पैसा
Fixed Deposit : अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में आप अपना पैसा एक मैच्योरिटी पीरियड के लिए जमा करते हैं. एफडी में इंवेस्ट करने पर ग्राहकों को बेहतर फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है इंटरेस्ट मिलता है. लेकिन आप अपने अमाउंट को एफडी से मैच्योरिटी पीरियड (Maturity Period) के पहले नहीं निकाल सकते हैं. लेकिन ऐसा करने के लिए आपको पेनाल्टी फीस का भुगतान करना होगा. फिक्स्ड डिपॉजिट में इंवेस्ट करने का सीनियर सिटीजन को बहुत फायदा मिलता है. बैंक सीनियर सिटीजन (Senior Citizen) फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है को फिक्स्ड डिपॉजिट में इंवेस्टमेंट के लिए हाई फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है इंटरेस्ट रेट ऑफर करती है. यहां आपको एक तय अमाउंट एक अवधि तक पे करना होता है.
मैच्योरिटी से पहले न निकालें फंड
फिक्स्ड डिपॉजिट में इंवेस्टमेंट एक निश्चित समय तक के लिए किया जाता है. अगर फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है आप तय अवधि से पहले अपने फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है अमाउंट का विड्रॅाल करेंगे तो आपको नुकसान हो सकता है. अगर आपने 5 साल के लिए फिक्स्ड डिपॅाजिट में इंवेस्टमेंट किया है तो आप इसके मैच्योरिटी के बाद ही विड्रॅाल कर सकते हैं. अगर फिर भी आपको राशि निकालनी है तो कम से फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है कम एक साल का इंतजार करें. क्योंकि एक साल के डिपॅाजिट पर ही आपको लागू इंटरेस्ट रेट मिल पाएगी.
एफडी से होने वाली कमाई टैक्सेबल होती है. अगर आपका इंटरेस्ट अमाउंट 10,000 रुपये तक बढ़ता है तो बैंक आपको मिलने वाली राशि फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है पर 10.3 फीसदी का टैक्स काट लेगा. इसी तरह अगर आप की सालाना इनकम पांच लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको अधिक टैक्स पे करना पड़ेगा. लेकिन सीनियर सिटीजन जिनकी उम्र 60 साल से ज्यादा है, उन्हें आयकर कानून की धारा 80TTB के तहत एफडी पर इंटरेस्ट के रूप में होने वाली इनकम पर 50,000 रुपये तक की छूट मिलती है. साथ ही आपको अपना टैक्स रिटर्न फाइल करते समय एफडी से हुई कमाई को मेंशन करना चाहिए.
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