भारत में शायद ही ऐसा कोई कंपनी होगा जिसने पूंजी सृजन के लिए BSE का सहारा एवं सेवाएं ना ली हो। बीएसई सेंसेक्स देश के अर्थ तंत्र और वित्तीय बाजार की गतिविधियों को प्रतिबिंबित करता है बेंच मार्क इक्विटी इंडेक्स के रूप में जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समस्त रहकर बीएसई अनेक क्षेत्रों में आगे रहा है।
NSE Bharti 2022 (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया भर्ती 2022)
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History of Indian Stock Market – BSE भारतीय स्टॉक मार्केट का इतिहास
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज – Bombay Stock Exchange यानी कि BSE एशिया का पहला स्टॉक इंडिया की स्टॉक एक्सचेंज एक्सचेंज माना जाता है। जिसकी स्थापना वर्ष 1875 मे बनाया गया था। भारत आजाद होने के बाद में यह भारत का पहला स्टॉक एक्सचेंज मार्केट था।
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज – Bombay Stock Exchange को बनाने के तहत Security Contract Agreement Act 1956 के नियम अनुसार मान्यता दी गई है। वर्तमान समय में BSE स्टॉक एक्सचेंज दुनिया की सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज के रूप में जाना जाता है। इसकी क्षमता के बारे में बात करें तो 6 microsecond है, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज देश का पहला और विश्व का दूसरा स्टॉक एक्सचेंज है जिसमें ISO 9001-2000 सर्टिफिकेशन दिया गया है।
इस तरह से देखा जाए तो मुंबई स्टॉक एक्सचेंज समय के साथ आगे बढ़ता रहा है। आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे ज्यादा ट्रैक किए जाने वाला benchmark index है। मुंबई स्टॉक एक्सचेंज सर्विस के साथ-साथ अपनी सहायक कंपनी CDSL मे आप ने खरीदी वे शेयर dematerialised form मे रखती है।
शेयर बाजार दलाल स्ट्रीट और BSE (Bombay Stock Exchange) की स्थापना
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज – Bombay Stock Exchange – BSE की स्थापना साल 1875 में किया गया था। इसकी शुरुआत “The Native Stock Broker Association” के रूप में की गई थी। जिसका नाम बाद में बदल कर के “Bombay Stock Exchange” कर दिया गया था।
BSE की शुरुआत एक छोटे से बरगद के पेड़ के नीचे साल 1850 में शुरू किया गया था। आज के वर्तमान समय में वहां सर्कल गार्डन (Horniman Circle Garden) मौजूद है। इसी बरगद के पेड़ के नीचे में लोग इकट्ठा होकर के शेयर की सौदेबाजी करते थे। जैसे जैसे सौदा करने वाले लोगों की संख्या बढ़ती गई यहां लोग दलाल में रोज स्ट्रीट और महात्मा गांधी रोड के जंक्शन पर बरगद के पेड़ के नीचे झुकने लगे और फिर जैसे जैसे और लोग बढ़ते गए तो यह नई जगह की तलाश करते करते अंत में साल 1875 में एक अस्थाई जगह ढूंढा जाने लगा। बाद में यह दलाल स्ट्रीट के नाम से जाना जाने लगा था।
BSE – Bombay Stock Exchange का भारत में महत्व
भारतीय पूंजी बाजार में अक्सर उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। शेयर बाजार हो या पूंजी बाजार यह भारतीय अर्थव्यवस्था को किसी ना किसी तरीके से इंगित करता है। BSE (BOMBAY STOCK EXCHANGE) के अंतर्गत कई सारी कंपनियां सूचीबद्ध की गई है। कंपनी के शेयर में उतार-चढ़ाव भारतीय अर्थव्यवस्था को दर्शाने का काम करती है।
जैसा इंडिया की स्टॉक एक्सचेंज कि इसके बारे में हमने पहले ही जिक्र किया है कि अगर BSE SENSEX ऊपर की ओर चढ़ता है तो इसका मतलब यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ऊपर की ओर जा रही है। वहीं अगर BSE SENSEX नीचे की ओर गिरता है तो इसका अर्थ यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था नीचे की ओर गिर रही है।
सीधे तौर पर देखा जाए तो इससे हम भारतीय अर्थव्यवस्था का आकलन काफी आसानी से कर सकते हैं। आजादी से पहले वास्तविक कानून बनने से पहले ही Bombay Stock Exchange ने भारतीय पूंजी बाजार के लिए अपना व्यापक नियम और नियमन बना लिया था। भारत स्वतंत्र होने के बाद इस स्टॉक एक्सचेंज में भारतीय पूंजी बाजार के लिए श्रेष्ठ प्रथाएं स्थापित भी की है।
एस.एस. मुंद्रा बने BSE के नए इंडिया की स्टॉक एक्सचेंज अध्यक्ष
30 जुलाई 2017 को, मुंद्रा तीन साल के कार्यकाल के बाद भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी के रूप में सेवानिवृत्त हुए। इससे पहले, वह बैंक ऑफ बड़ौदा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे। वह जुलाई 2014 में इस पद से सेवानिवृत्त हुए। उनका चार दशकों से अधिक का बैंकिंग करियर है और उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। इसमें शामिल हैं :
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया- कार्यकारी निदेशक
- बैंक ऑफ बड़ौदा- मुख्य कार्यकारी (यूरोपीय परिचालन)
- वित्तीय स्थिरता बोर्ड (जी20 फोरम)
- OECD का अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क- वित्तीय शिक्षा पर उपाध्यक्ष (INFE)।
उन्होंने कई कंपनियों के बोर्ड में भी काम किया है जैसे:
Share Market दहाड़ के साथ हरे निशान में बंद-किन शेयरों से मुनाफा, किससे नुकसान?
Stock Market News Update Today: भारतीय में सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार, 26 दिसंबर को भी जमकर तेजी देखने को मिली, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही हरे निशान में बंद हुए. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का इंडिया की स्टॉक एक्सचेंज 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (Sensex) 721.13 अंक चढ़कर 60,566.42 पर बंद हुआ. वहीं, NSE निफ्टी (Nifty) 207.80 अंक की मजबूती के साथ 18,014.60 पर बंद हुआ. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 16 पैसे मजबूत होकर 82.66 पर बंद हुआ.
किन शेयरों से सबसे अधिक मुनाफा?
फाइनेंसियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक निफ्टी पर सबसे अधिक मुनाफा कमाने वाले शेयरों में SBI, IndusInd बैंक, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, टाटा स्टील और कोल इंडिया के शेयर शामिल थे.
दूसरी तरफ इंडिया की स्टॉक एक्सचेंज निफ्टी पर डिविस लैब्स, सिप्ला, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज, नेस्ले इंडिया और कोटक महिंद्रा बैंक इंडिया की स्टॉक एक्सचेंज के शेयर सबसे अधिक टूटे हैं.
अडानी विल्मर लिस्टिंग के बाद साल का सबसे अच्छा काम करने वाला आईपीओ
अडानी विल्मर लिस्टिंग के बाद 155 प्रतिशत से अधिक के रिटर्न के साथ वर्ष 2022 के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले आईपीओ के रूप में उभरा है.
प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार, इस साल जनवरी में सूचीबद्ध अडानी विल्मर ने लिस्टिंग के दिन 15.30 प्रतिशत का रिटर्न दिया और 21 दिसंबर के बाजार मूल्य पर 155.59 प्रतिशत का रिटर्न दिया. वीनस पाइप्स ने 128.53 फीसदी का रिटर्न दिया, जबकि हरिओम पाइप इंडस्ट्रीज ने लिस्टिंग के बाद 112.58 फीसदी का रिटर्न दिया, जबकि वेरांडा लर्निंग ने 93.80 फीसदी का रिटर्न दिया है.
सूचीबद्धता के बाद के नकारात्मक रिटर्न में एलआईसी ने 26 फीसदी, डेल्हीवेरी ने 31 फीसदी, आईनॉक्स ग्रीन एनर्जी ने 26 फीसदी का नकारात्मक रिटर्न दिया. लिस्टिंग के दिन के प्रदर्शन के संबंध में, डीसीएक्स सिस्टम्स ने 49.18 प्रतिशत का उच्चतम रिटर्न दिया, इसके बाद हर्षा इंजीनियर्स ने 47.24 प्रतिशत, हरिओम पाइप इंडस्ट्रीज ने लिस्टिंग के दिन 46.86 प्रतिशत रिटर्न दिया.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया बना विश्व का सबसे बड़ा डेरिवेटिव एक्सचेंज
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई), इंडिया की स्टॉक एक्सचेंज वायदा कारोबार से जुड़ी एक संस्था फ्यूचर इंडस्ट्री एसोसिएशन (एफआईए) द्वारा आंकड़ों के मुताबिक अनुबंधों की संख्या के लिहाज से सीएमई समूह को 2019 में पीछे छोड़कर विश्व की सबसे बड़ा डेरिवेटिव (वायदा) एक्सचेंज बन गई।
वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ एक्सचेंज (डब्ल्यूईएफ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक नकदी इक्विटी खंड में कारोबार की संख्या के लिहाज से भी एनएसई वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर रही।
इस मौके पर एनएसई के प्रबंध निदेशक इंडिया की स्टॉक एक्सचेंज एवं मुख्य कार्यकारी श्री विक्रम लिमये ने कहा, 'यह हम सबके लिए और हमारे देश के लिए सचमुच फक्र का क्षण है कि एनएसई वैश्विक स्तर पर अग्रणी इंडिया की स्टॉक एक्सचेंज एक्सचेंज बनकर उभरी है और इसने सबसे बड़े वायदा एक्सचेंज और नकदी इक्विटी कारोबार के लिहाज से तीसरे सबसे बड़े एक्सचेंज होने का गौरव हासिल किया है। हम सरकार, नियामकों और अपने सम्बद्ध पक्षों से मिल रहे सहयोग के आभारी हैं। हमारी उपलब्धियां सरकार और नियामक की सहयोगी नीतियों, आधुनिकतम प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचा, मज़बूत जोखिम प्रबंधन ढांचा, व्यापक विश्वसनीयता और वैश्विक एवं घरेलू निवेशकों की भागीदारी की बदौलत संभव हुईं।'
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