Photo:FILE Zomato के co-founder Mohit Gupta ने दिया इस्तीफा

33 लाख रुपए की विदेशी मुद्रा के साथ सीआईएसएफ ने दो आरोपियों को पकड़ा

सीआईएसएफकी सतर्कता के चलते इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से विदेशी करेंसी को गैर कानूनी तरीके से विदेश भेजने की कोशिश को नाकाम कर दिया गया है। इस साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए मुख्य आरोपी ने अपने ड्राइवर के इस्तेमाल की कोशिश की थी। विदेशी मुद्रा गुप्त वह अपने मंसूबे में सफल हो पाता इससे पहले सीआईएसएफ ने दोनों को पकड़ लिया। इनके कब्जे से विदेशी मुद्रा गुप्त करीब 33 लाख रुपए की विदेशी मुद्रा बरामद की गई है। दोनों आरोपियों को विदेशी नगदी के साथ सीआईएसएफ ने कस्टम के हवाले कर दिया है।

बैगेजमें गुप्त जगह बनाकर रखी थी विदेशी मुद्रा : सीआईएसएफप्रवक्ता मंजीत सिंह के अनुसार सिक्योरिटी होल्ड एरिया में मुसाफिरों का बैगेज एक्स-रे कर रहे सब इंस्पेक्टर विकास विदेशी मुद्रा गुप्त कुमार ने एक बैग के भीतर नगदी रखी देखी। इसी नगदी को बैग के भीतर खास सतह बनाकर रखा गया था। जांच में पता चला कि यह बैग शकील खान का था। बैग खुलवाने पर सीआईएसएफ ने 18545 यूरो और 24550 ब्रिटिश पाउंड बरामद किए। पूछताछ में शकील ने बताया कि वह एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-114 से अमृतसर जा रहा था। यह करेंसी उसकी नहीं बल्कि थाई एयरवेज की फ्लाइट टीजी-324 से बैंकाक जा रहे बलजीत सिंह की है। जिसके बाद सीआईएसएफ ने इंटरनेशनल सिक्योरिटी होल्ड विदेशी मुद्रा गुप्त एरिया से बलजीत सिंह नामक शख्स को हिरासत में ले लिया। दोनों आरोपियों को सीआईएसएफ ने विदेशी नगदी के साथ कस्टम के हवाले कर दिया।

कस्टमसे बचने के लिए ड्राइवर की मदद से रची साजिश : कस्टमआयुक्त संजय मंगल के अनुसार शकील ने बताया कि वह बलजीत सिंह का ड्राइवर है। साजिश के तहत उसे रुपयों से भरा बैग इंटरनेशनल ड्यूटी फ्री एरिया में बलजीत सिंह को सौंपना था। यहां से विदेशी करेंसी के साथ बलजीत बैंकाक रवाना होने वाला था। बलजीत ने पूछताछ में अपना गुनाह कबल लिया है। दोनों को कस्टम एक्ट की धारा 104 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया विदेशी मुद्रा गुप्त गया है।

गुप्तकालीन वाणिज्य और व्यापार

गुप्त काल में व्यापार एवं वाणिज्य अपने उत्कर्ष पर था। उज्जैन, भड़ौंच, प्रतिष्ष्ठान, विदिशा, प्रयाग, पाटलिपुत्र, वैशाली, ताम्रलिपि, मथुरा, अहिच्छत्र, कौशाम्बी आदि महत्त्वपूर्ण व्यापारिक नगर है। इन सब में उज्जैन सर्वाधिक विदेशी मुद्रा गुप्त महत्त्वपूर्ण व्यापारिक स्थल था क्योंकि देश के हर कोने से मार्ग उज्जैन की ओर आते थे। स्वर्ण मुदाओं की अधिकता के कारण ही संभवतः गुप्तकालीन व्यापार विकास कर सका।

स्वर्ण मुद्रा

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गुप्त राजाओं ने ही सर्वाधिक स्वर्ण मुद्राओं ज़ारी की, इनकी स्वर्ण मुद्राओं को अभिलेखों में ‘दीनार‘ कहा गया है। इनकी स्वर्ण मुद्राओं में स्वर्ण की मात्रा कुषाणों की स्वर्ण मुद्राओं की तुलना में कम थी। गुप्त राजाओं ने गुजरात को विजित करने के उपरान्त चांदी के सिक्के चलाए। यह विजय सम्भवतः चन्द्रगुप्त द्वितीय द्वारा शकों के विरुद्ध दर्ज की गई थी। तांबे के सिक्कों का प्रचलन गुप्त काल में कम था। कुषाण काल के विपरीत गुप्त काल में आन्तरिक व्यापार में ह्रास के लक्षण दिखते हैं। ह्रास के कारणों में गुप्तकालीन मौद्रिक नीति की असफलता भी एक महत्त्वपूर्ण कारण थी क्योंकि गुप्तों के पास ऐसी कोई सामान्य मुद्रा नहीं थी जो उनके जीवन का अभिन्न अंग बन सकती थी।

फ़ाह्यान ने लिखा है कि गुप्त काल विदेशी मुद्रा गुप्त में साधारण जनता दैनिक जीवन के विनिमय में वस्तुओं के आदान प्रदान या फिर कौड़ियों से काम चलाती थी। आन्तरिक व्यापार की ही तरह गुप्तकाल में विदेशी व्यापार भी पतन की ओर अग्रसर था क्योंकि तीसरी शताब्दी ई. में बाद रोमन साम्राज्य निरन्तर हूणों के आक्रमण को झेलते हुए क़ाफी कमज़ोर हो गया था। वह अब इस स्थिति में नहीं था कि अपने विदेशी व्यापार को पहले जैसी स्थिति में बनाये रखे, दूसरे रोम जनता ने लगभग छठी शताब्दी के मध्य चीनियों से रेशम उत्पादन की तकनीक सीख ली थी। चूकिं रेशम व्यापार ही भारत और रोम के मध्य महत्त्वपूर्ण व्यापार का आधार था, इसलिए भारत का विदेशी व्यापार अधिक प्रभावित हुआ।

विदेश व्यापार

रोम साम्राज्य के पतन के बाद भारतीय रेशम की मांग विदेशों में कम हो गई जिसके परिणाम स्वरूप 5 वीं शताब्दी के मध्य बुनकरों की एक श्रेणी जो, लाट प्रदेश में निवास करती थी, मंदसौर में जाकर बस गयी।

पूर्व में भारत का व्यापार चीन से हो रहा था। इन दोनों के मध्य मध्यस्थ की भूमि सिंहलद्वीप, श्रीलंका निभाता था। चीन और भारत के मध्य होने वाला व्यापार सम्भवतः वस्तु विनिमय प्रणाली पर आधारित था जिसकी पुष्टि के लिए यह कहना पर्याप्त है कि न तो चीन के सिक्के भारत में मिले हैं, और न ही भारत के सिक्के चीन में। भारत-चीन को रत्न, केसर, सुगन्धित पदार्थ, सिले-सिलायें सुन्दर वस्त्र आदि निर्यात करता था।

समुद्री व्यापार

पूर्वी तट पर स्थित बंदरगाह ताम्रलिप्ति, घंटाशाला एवं कदूरा से शायद गुप्त शासक दक्षिण-पूर्व एशिया से व्यापार करते थे। पश्चिमी तट पर स्थित भड़ौच (ब्रोच), कैम्बे, सोपारा, कल्याण आदि बन्दरगाहों से भूमध्य सागर एवं पश्चिम एशिया के साथ व्यापार सम्पन्न होता था। इस समय भारत में चीन से रेशम (चीनांशुक), इथोपिया से हाथी दांत, अरब, ईरान एवं बैक्ट्रिया से घोड़ों आदि का आयात होता था। भारतीय जलयान निर्बाध रूप से अरब सागर, हिन्द महासागर उद्योगों में से था। रेशमी वस्त्र मलमल, कैलिकों, लिनन, ऊनी एवं सूती था। गुप्त काल के अन्तिम चरण में पाटलिपुत्र, मथुरा, कुम्रहार, सोनपुर, सोहगौरा एवं गंगाघाटी के कुछ नगरों का ह्रास हुआ।

चेन्नई एयरपोर्ट से 34 लाख रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा बरामद, आरोपी गिरफ्तार

चेन्नई एयरपोर्ट विदेशी मुद्रा गुप्त से कस्टम की टीम ने एक यात्री से भारी मात्रा में विदेश मुद्रा बरामद किया. 20 जून विदेशी मुद्रा गुप्त को हुई यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई. यात्री के पास इससे संबंधित कोई वैलिड डॉक्युमेंट्स नहीं था. पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

नई दिल्ली/चेन्नईः चेन्नई कस्टम की एयर इंटेलिजेंस यूनिट ने चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर दुबई जा रहे एक यात्री से साढ़े 34 लाख रुपये से अधिक मूल्य के अमेरिकी डॉलर बरामद किया है. कस्टम की टीम ने आरोपी यात्री को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ कर रही है.

दिल्ली मुख्यालय के कस्टम प्रवक्ता ने बताया कि चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर 20 जून को यह कार्रवाई हुई. इसमें कहा गया था कि 20 जून को फ्लाइट नंबर EK-545 से एक यात्री कुछ संदिग्ध सामान लेकर जा रहा है. जब उसकी तलाशी ली गई तो उसके पास से भारी संख्या में यूएस डॉलर बरामद किया गया.

यात्री के बैग की तलाशी में 45 हजार अमेरिकी डॉलर, जिसमें 100 डॉलर के 450 नोट थे, बरामद किए गए. इसकी भारतीय मुद्रा में कीमत करीब 34 लाख 76 हजार रुपये होती है. पूछताछ में आरोपी यात्री इसका कोई वैलिड डॉक्युमेंट्स नहीं दे पाया. इसके बाद कस्टम की टीम ने कस्टम्स एक्ट 1962 के तहत बरामद विदेशी मुद्रा को जब्त कर यात्री को गिरफ्तार कर लिया.

विदेशी मुद्रा भंडार 29 करोड़ डॉलर घटकर 580.84 अरब डॉलर पर

मुंबईः रिकॉर्ड ऊंचाई को छूने के बाद देश का विदेशी मुद्रा भंडार 25 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 29 करोड़ डॉलर घटकर 580.841 अरब डॉलर रह गया। रिजर्व बैंक के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। इससे पहले 18 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.563 अरब डॉलर बढ़कर 581.131 अरब डॉलर की सर्वकालिक रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया था।

भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में कमी के कारण मुद्रा भंडार में कमी आई। विदेशीमुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती है। रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में एफसीए 25.3 करोड़ डॉलर घटकर 537.474 अरब डॉलर रह गई। एफसीए को दर्शाया डॉलर में जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्राएं भी शामिल होती विदेशी मुद्रा गुप्त है।

आंकड़ों के अनुसार 25 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का स्वर्ण भंडार मूल्य 30.8 करोड़ डॉलर घटकर 36.711 अरब डॉलर रह गया। देश को अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (आईएमएफ) में मिला विशेष आहरण अधिकार भी 40 लाख डॉलर घटकर 1.510 अरब डॉलर रह गया जबकि आईएमएफ के पास आरक्षित मुद्रा भंडार 27.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.145 अरब डॉलर हो गया।

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ऑनलाइन फूड ऑर्डर और डिलिवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो के सह-संस्थापक मोहित गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होनें इसके पीछे का कारण भी स्पष्ट कर दिया है।

Vikash Tiwary

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 18, 2022 22:01 IST

Zomato के co-founder Mohit Gupta ने दिया इस्तीफा- India TV Hindi

Photo:FILE Zomato के co-founder Mohit Gupta ने दिया इस्तीफा

ऑनलाइन फूड ऑर्डर और डिलिवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो के सह-संस्थापक मोहित गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मोहित गुप्ता साढ़े चार साल पहले ज़ोमैटो से जुड़े थे। उन्हें वर्ष 2020 में कंपनी के सीईओ के पद से पारी की शुरुआत की थी। हाल ही में कंपनी ने अपना आईपीओ लॉन्च किया था।

इस वजह से दिया इस्तीफा

कंपनी ने शेयर बाजार को भेजी सूचना के अनुसार, गुप्ता ने अपने संदेश में कहा कि वह ज़ोमैटो से आगे बढ़ने का फैसला कर रहे हैं ताकि जीवन में अन्य क्षेत्रों में कुछ नया तलाश किया जा सके। जोमैटो ने कहा कि गुप्ता को कंपनी अधिनियम 2013 और सूचीबद्ध नियमों के तहत प्रमुख प्रबंधकीय कर्मी के रूप में नामित नहीं किया गया था।

Zomato से दो बड़ी कंपनियों ने खींचे थे हाथ

टाइगर ग्लोबल ने खाने-पीने के सामान की ऑनलाइन डिलिवरी करने वाली कंपनी जोमैटो (Zomato) में अपनी करीब आधी हिस्सेदारी बेच दी थी। इसके बाद जोमैटो में उसकी हिस्सेदारी 2.77 प्रतिशत रह गई थी। जोमैटो ने बताया था कि खुले बाजार में किए गए इस सौदे में टाइगर ग्लोबल ने अपने 18.45 करोड़ शेयर बेचे हैं।

अब 2.77 फीसदी रह गई थी शेयर

इस बिक्री से पहले टाइगर ग्लोबल की कंपनी इंटरनेट फंड की जोमैटो में 5.11 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। जोमैटो ने बताया कि 25 जुलाई से दो अगस्त 2022 के बीच कंपनी ने अपने 18.45 करोड़ शेयर बेचे है, जो 2.34 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है। इस बिक्री के बाद इंटरनेट फंड की जोमैटो में हिस्सेदारी घटकर 2.77 प्रतिशत रह गई है।

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