उपरोक्त दो विशेषताओं के आधार पर माल्थस ने विचार व्यक्त किया सिद्धांत में बीओ के लिए निवेश संकेत कि मानव में जनसंख्या बढ़ाने सिद्धांत में बीओ के लिए निवेश संकेत की क्षमता बहुत अधिक है और इसकी तुलना में पृथ्वी में मानव के लिए जीविकोपार्जन के साधन जुटाने की क्षमता कम है. माल्थस के अनुसार किसी भी क्षेत्र में जनसंख्या की वृद्धि गुणोत्तर श्रेणी (Geometrical Progression) के अनुसार बढ़ती है, जबकि जीविकोपार्जन में साधन समान्तर श्रेणी (Arithmetic Progression) के अनुसार बढ़ते हैं. इसके अनुसार जनसंख्या की वृद्धि 1, 2, 3, 4, 8, 16, 32, 64, 128, 256……..की दर से बढ़ती है, जबकि जीविकोपार्जन 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 की दर से बढ़ते हैं. अतः शीघ्र ही जनसंख्या इतनी अधिक हो जाएगी कि उसका भरण-पोषण लगभग असंभव हो सिद्धांत में बीओ के लिए निवेश संकेत जायेगा और भुखमरी तथा कुपोषण होना अनिवार्य होगा. माल्थस के अनुसार प्रत्येक 25 वर्षों के बाद जनसंख्या दुगनी हो जाती है. दो शताब्दियों में जनसंख्या और भरण पोषण के साधनों में अंतर 256 तथा 9 और तीन शताब्दियों में 4096 और 13, और दो हजार वर्षों में यह अंतर लगभग अनिश्चित सिद्धांत में बीओ के लिए निवेश संकेत हो जायेगा.

माल्थस का जनसंख्या सिद्धांत

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जनसंख्या का अध्ययन कुछ निश्चित सिद्धांतों पर आधारित है. जनसंख्या तथा संसाधन के बीच सम्बन्ध स्थापित करने के लिए सिद्धांत प्लेटो के समय से प्रतिपादित होते आये हैं. परन्तु 18वीं शताब्दी के समय तथा 19वीं शताब्दी में कई सिद्धांत प्रतिपादित किये गए. इन सभी सिद्धांतों सिद्धांत में बीओ के लिए निवेश संकेत को प्राकृतिक तथा सामजिक सिद्धांतों के वर्गों में बांटा जाता है. प्राकृतिक सिद्धांत में बीओ के लिए निवेश संकेत सिद्धांतों में सबसे महत्त्वपूर्ण माल्थस, माइकल थॉमस सैडलर, थॉमस डबलडे, हरबर्ट स्पेंसर, पर्ल, द कैस्ट्रो आदि सिद्धांत प्रमुख हैं. सामजिक-सांस्कृतिक सिद्धांतों में हैनरी जॉर्ज, आर्सेन ड्यूमाउन्ट, डेविड रिकार्डो तथा कार्ल मार्क्स के नाम उल्लेखनीय हैं.

माल्थस का जनसंख्या सिद्धांत (Malthus theory in Hindi)

थॉमस राबर्ट माल्थस ब्रिटेन के निवासी थे और इतिहास तथा अर्थशास्त्र के ज्ञाता थे जिन्होंने वर्ष 1798 में प्रकाशित अपने “प्रिंसिपल ऑफ़ पापुलेशन (Principle of Population)” नामक निबंध में एक ओर तो जनसंख्या सिद्धांत में बीओ के लिए निवेश संकेत की वृद्धि एवं जनसांख्यिकीय परिवर्तनों (demographic changes) तथा दूसरी ओर सांस्कृतिक एवं आर्थिक सिद्धांत में बीओ के लिए निवेश संकेत परिवर्तनों का उल्लेख किया. उनका व्यवहार मानवीय क्योंकि वह सदा ही मानव कल्याण के बारे में सोचते थे. उन्होंने जनसंख्या में होने वाली वृद्धि का मानव पर पड़ने वाले प्रभाव को समझने का प्रयास किया. यह सर्वविदित है सिद्धांत में बीओ के लिए निवेश संकेत कि जनसंख्या तथा संसाधनों के बीच गहरा सम्बन्ध है. परन्तु माल्थस ने संसाधन शब्द के स्थान पर जीविकोपार्जन के साधन का सिद्धांत में बीओ के लिए निवेश संकेत प्रयोग किया. माल्थस ने अपने सिद्धांत का विकास करते हुए निम्नलिखित दो विशेषताओं की कल्पना की—

  1. मानव के जीवित रहने के सिद्धांत में बीओ के लिए निवेश संकेत लिए भोजन आवश्यक है.
  2. स्त्री-पुरुष के बीच कामुक आवेग आवश्यक है और यह अपनी वर्तमान स्थिति सिद्धांत में बीओ के लिए निवेश संकेत में ऐसे ही बना रहेगा.
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