CIA Modi Putin: पीएम मोदी के 'जबरा फैन' क्यों बने पुतिन? एक इशारे पर छोड़ा यूक्रेन पर परमाणु बम गिराने का प्लान, समझें
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुए 10 महीने हो गए हैं और यह जंग लगातार और आक्रामक होती जा रही है। इस जंग में रूसी सेना को भी भारी नुकसान आप विदेशी मुद्रा व्यापारी क्यों बनना चाहते हैं उठाना है, वहीं यूक्रेन ने भी अपनी करीब 1/5 जमीन गंवा दी है। यूक्रेन अब पश्चिमी देशों के हथियारों के बल पर व्लादिमीर पुतिन की सेना पर भीषण हमले कर रहा है। इस जंग में रूस को अफगानिस्तान की तरह से फंसता देख अब कई सेना के जनरल परमाणु बम के इस्तेमाल की सलाह दे रहे हैं। इस बीच अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए के चीफ विलियम बर्न्स ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यूक्रेन युद्ध में परमाणु बम के इस्तेमाल को लेकर जो चेतावनी दी, उसका रूस के राष्ट्रपति पर बड़ा असर पड़ा। आइए समझते हैं कि रूसी राष्ट्रपति क्यों भारतीय प्रधानमंत्री की सलाह को मानने को मजबूर हुए।
विलियम बर्न्स ने कहा, 'मैं समझता हूं कि पुतिन और उनके आसपास रहने वाले लोगों ने बहुत खतरनाक परमाणु धमकी दी है।' उन्होंने कहा कि यह परमाणु धमकी यूक्रेन को डराने के लिए थी। हम आज देखते हैं कि रूस की रणनीतिक परमाणु बम के इस्तेमाल की कोई स्पष्ट योजना नहीं है। बर्न्स ने बताया कि अमेरिका ने भी रूस को स्पष्ट कर दिया था कि परमाणु धमकी देने का क्या गंभीर खतरा होगा। उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि यह भी मददगार रहा कि शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी परमाणु बम को लेकर भी अपनी चिंता जताई। मैं समझता हूं कि इसका भी रूस के नेतृत्व पर असर पड़ा।'
भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन में निभाई बड़ी भूमिका
अमेरिका अक्सर पीएम मोदी के उस बयान को दोहराता रहा है जिसमें उन्होंने समरकंद में पुतिन के साथ मुलाकात के दौरान कहा था कि यह युद्ध का दौर नहीं है। इससे पहले भारत ने बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान रूस और पश्चिमी देशों के बीच सामंजस्य बैठाया था। यही नहीं पीएम मोदी के चर्चित बयान 'यह दौर युद्ध का नहीं है' को जी-20 के साझा बयान में शामिल किया गया था। पश्चिमी मीडिया का भी मानना है कि भारत अपने दोस्त रूस को युद्ध रोकने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि पुतिन ने यूं ही नहीं भारतीय प्रधानमंत्री की अपील को माना। इसके पीछे दोनों के बीच ऐतिहासिक दोस्ती और परस्पर निर्भरता एक बड़ी वजह है।
दरअसल, यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों ने रूस को प्रतिबंधों से लाद दिया है। इससे रूस को विदेशी आप विदेशी मुद्रा व्यापारी क्यों बनना चाहते हैं मुद्रा हासिल करने में बहुत मुश्किलें हो रही हैं। संकट की इस घड़ी में भारत और चीन ने रूस की मदद की है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ लगे प्रतिबंधों का समर्थन नहीं किया। रूस भारत को बहुत ही सस्ती दर पर तेल मुहैया कर रहा है। यही नहीं भारत और रूस के बीच व्यापार भी बहुत तेजी से लगातार बढ़ रहा है। भारत और रूस के बीच अप्रैल से अगस्त 2022 के बीच आयात निर्यात 16.46 अरब डॉलर तक पहुंच गया। अप्रैल से अगस्त के बीच आप विदेशी मुद्रा व्यापारी क्यों बनना चाहते हैं रूस भारत को तेल का निर्यात करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।
S-400 से लेकर असॉल्ट राइफल तक खरीद रहा भारत
भारत ने रूस से मुख्य तौर पर पेट्रोलियम, फर्टिलाइजर, कॉफी, चाय और मसालों का आयात किया। इन आयात में तेल और फर्टिलाइजर का हिस्सा 90 प्रतिशत तक है। आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से अगस्त के बीच रूस से तेल आयात पिछले साल इसी अवधि में हुए आयात से 16 फीसदी ज्यादा है। माना जा रहा है कि यह अभी और बढ़ने जा रहा है। भारतीय कंपनियां रूस से सस्ता तेल खरीदकर उसे निर्यात करने जा रहा है। वहीं अक्टूबर में भारत का निर्यात 31 अरब डॉलर का रहा। रूस पिछले साल तक भारत के साथ व्यापार में 25वें स्थान पर था लेकिन अब साल 2022 में मास्को सातवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार बन गया है। इसके अलावा भारत रूस से एस-400 से लेकर असॉल्ट राइफल तक खरीद रहा है। रूस को इससे अरबों डॉलर की कमाई होती है। ऐसे में पुतिन को पीएम मोदी की सलाह पर तवज्जो देना ही पड़ा।
अगरबत्ती निर्माण शिविर के समापन पर महिलाओं को 10 दिन का दिया गया प्रशिक्षण
प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान प्रतापगढ़ में 10 दिवसीय अगरबत्ती आप विदेशी मुद्रा व्यापारी क्यों बनना चाहते हैं निर्माण शिविर का आयोजन किया गया. जिसका मूल्यांकन एवं प्रशिक्षण का समापन समारोह बड़ौदा आर सेटी प्रतापगढ़ में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजीविका के डीएम लाइवलीहुड कपिल, बैंक ऑफ बड़ौदा के जिला प्रबंधक सुनील मौर्य व बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान के निदेशक संजय शर्मा मौजूद रहे.
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथियों ने मां शारदा की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर किया। मैनेजर सुनील मौर्य ने अगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण पूरा होने पर प्रशिक्षुओं को बधाई दी। साथ ही बैंक की विभिन्न योजनाओं एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, किसान क्रेडिट कार्ड में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी। साथ ही प्रशिक्षणार्थियों को कम लागत में अगरबत्ती बनाने का व्यवसाय शुरू करने और समूह के माध्यम से व्यवसाय शुरू करने की सलाह दी। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने और अगरबत्ती उद्योग को आगे बढ़ाने को कहा। इस दौरान प्रत्येक महिला को रुपये का बीमा कराने के बारे में बताया गया। 12 व 330 व बीमा के माध्यम से परिवार की आर्थिक सुरक्षा।
राजीविका के डीएम कपिल ने बताया कि हमारे देश के साथ-साथ पूरी दुनिया में हस्तनिर्मित उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है. त्योहारी सीजन में इनकी बिक्री बढ़ जाती है। समूह की महिलाएं यदि प्रतापगढ़ जिले में कुछ नया करना चाहती हैं तो इस कौशल का प्रयोग उनकी आजीविका बढ़ाने की एक अच्छी पहल साबित होगी। अब बाजारों में हैंडीक्राफ्ट उत्पादों की बाढ़ आ गई है। खास बात यह है कि इन उत्पादों की कीमत कम और मुनाफा ज्यादा होता है। संस्थान के निदेशक ने बताया कि इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आपको किसी विशेष शैक्षणिक योग्यता की जरूरत नहीं आप विदेशी मुद्रा व्यापारी क्यों बनना चाहते हैं है।
एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय के फर्जी पासपोर्ट के साथ तीन विदेशी युवक गिरफ्तार, नकली डॉलर भी बरामद
LagatarDesk : ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने नकली पासपोर्ट बनाने वाला गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय के फर्जी पासपोर्ट के साथ तीन विदेशी साइबर अपराधियों को को गिरफ्तार किया है. इन विदेशी अपराधियों के पास से करोड़ों के नकली डॉलर बरामद हुए हैं. विदेशी साइबर अपराधियों के पास से पुलिस ने तीन हजार असली अमेरिकी डॉलर, 13 लाख नकली अमेरिकी डॉलर और 10,500 पाउंड बरामद किये गये हैं. साथ ही आरोपी के पास से ऐश्वर्या राय के नकली पासपोर्ट, छह मोबाइल, 11 सिम, लैपटॉप, प्रिंटर, पेन ड्राइव और आप विदेशी मुद्रा व्यापारी क्यों बनना चाहते हैं तीन कारें बरामद की गयी हैं.
कैंसर की दवा मंगाने के नाम पर कर्नल से की थी 1 करोड़ 81 लाख की ठगी
विदेशी साइबर अपराधियों ने थाना बीटा-2 के रहने रिटायर्ड कर्नल को निशाना बनाया था. इन आप विदेशी मुद्रा व्यापारी क्यों बनना चाहते हैं लोगों ने कर्नल से कैंसर की दवा मंगाने के नाम पर 1 करोड़ 81 लाख की ठगी की थी. कर्नल की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की और आरोपियों को धर दबोचा. पुलिस ने जिन साइबर अपराधियों के पकड़ा में उसकी पहचान इके उफेरेमवुकवे, एडविन कॉलिन्स और ओकोलिओ डैमिओन के रूप में हुई है. पुलिस ने इनको ग्रेटर नोएडा के रामपुर मार्केट के पास से गिरफ्तार किया है.
ऐश्वर्या का नाम का इस्तेमाल करके लोगों को बनाते थे अपना निशाना
नोएडा पुलिस के मुताबिक, तीनों विदेशी व्यक्ति अपने साथियों के साथ मिलकर साइबर अपराध करते थे. यह गिरोह लोगों को दवा के लिए जड़ी बूटी महंगे दामों पर खरीदने का झांसा देता था. इसके अलावा ये साइबर अपराधी फेसबुक फ्रेंड बनाकर और कस्टम अधिकारी बनकर लोगों को अपना निशाना बनाते थे. साथ ही ये लोग मेट्रोमोनियल साइट और डेटिंग ऐप्स के जरिए भी लोगों से ठगी करते थे. नोएडा पुलिस गिरफ्तार किये गये अपराधियों से पूछताछ कर रही है. पुलिस इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह गिरोह ऐश्वर्या की नकली पासपोर्ट का क्या करने वाले थे. जानकारी के अनुसार, साइबर अपराधी ऐश्वर्या का नाम का इस्तेमाल करके लोगों को अपने जाल में फंसाकर ठगी करते थे. पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार साइबर अपराधी बड़े-बड़े सेलिब्रिटी का फर्जी पासपोर्ट बनाने का भी काम करते.
भीख की सीख और तल्ख तेवर
आत्मविश्वास क्या होता है, यह पाकिस्तान से सीखना चाहिए। भारत उस परंपरा का देश है, जहां दुश्मन से भी सीखने का आह्वान किया जाता है। रावण के अंतिम क्षणों में लक्ष्मण रावण से शिक्षा ले रहे थे। हर शिक्षार्थी को लक्ष्मण भाव से सीखना चाहिए। रावण पाकिस्तान से भी बहुत सीखा जा सकता है।
सिर्फ सात-आठ अरब डालर की रकम पाकिस्तान के विदेशी मुद्राकोष में है, पर भारत को फुल टू चैलेंज की मुद्रा में रहता है। भारत से दवाइयां पूरी बेशर्मी से आयात करता है पाकिस्तान, फिर भी पाकिस्तान दावा करता है कि भारत से व्यापार बंद है। पाकिस्तान से कई पाकिस्तानी मरीज भारत आकर इलाज करवाते हैं, फिर भी पाकिस्तान भारत को आतंकी मुल्क बताता है। इस लेवल का आत्मविश्वास रखने के लिए मूर्ख, बेशर्म और भिखारी होना जरूरी है और अगर कोई तीनों ही एक साथ हों, तो फिर आत्मविश्वास आसमान छू लेगा।
मैंने पाकिस्तान के एक बुद्धिजीवी से बात की तो उसने बताया कि हम चाहते हैं कि भारत का कब्जा पूरे पाकिस्तान पर हो जाये, फिर पाकिस्तान के सारे बवाल भारत के हो जायेंगे, खिलाओ बेट्टे 25 करोड़ की जनसंख्या को। अभी हाल यह है कि पाकिस्तान के नेता आम तौर पर ब्रिटेन में रहते हैं, आप विदेशी मुद्रा व्यापारी क्यों बनना चाहते हैं सिर्फ लूटने खाने पाकिस्तान में आते हैं। 25 करोड़ की जनसंख्या पाकिस्तान के नेताओं की समस्या नहीं है। पाकिस्तान की सेना की एकमात्र समस्या यह है कि मुल्क के प्लाटों पर कब्जा कैसे किया जाये और सेना का बजट कैसे बढ़ाया जाये। पाकिस्तानी तालिबान पाकिस्तान के एक हिस्से पर कब्जा कर चुके हैं पर पाकिस्तान की सेना की दिलचस्पी नहीं है क्योंकि उस इलाके में प्लाट ढंग के नहीं हैं। 1971 में बांग्लादेश भी पाकिस्तानी सेना इसलिए छोड़कर भागी थी क्योंकि तब के पूर्वी पाकिस्तान के प्लाट पाकिस्तानी सेना अफसरों को आप विदेशी मुद्रा व्यापारी क्यों बनना चाहते हैं पसंद नहीं आये थे। लेकिन बांग्लादेशियों ने उस प्लाट को, उस देश को इतना मजबूत कर दिया कि वह देश अब पाकिस्तान को भीख देने की पोजीशन में है।
आत्मविश्वासी भिखारी वह होता है, जो भीख न मिलने पर गाली-गलौज भी कर सकता है। पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड के अफसर रमीज राजा ने कभी यह कबूला था कि पाकिस्तान का क्रिकेट भी कमोबेश भारत की कमाई से चलता है। भारत से इंटरनेशनल क्रिकेट कौंसिल की बहुत कमाई होती है, इसी कमाई का एक हिस्सा पाकिस्तान को मिलता है। पाकिस्तान जाकर अगर भारत की टीम खेले, तो भी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की बहुत कमाई हो जाती है। भारतीय क्रिकेट टीम अगर पाकिस्तान जाकर खेलने से इन्कार कर देती है, तो पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की कमाई पर चोट आ जाती है।
यूं बाकी लोग भी पाकिस्तान से सीख सकते हैं, पर उस लेवल का भिखारी, मूर्ख और बेशर्म होना हरेक के लिए संभव नहीं। फिर इस सबके अलावा पाकिस्तान तो ऐसा भिखारी है, जिसके शौक भी बहुत महंगे हैं, एटम बम समेत।
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