Invest in US Stock Market: जानें घर बैठे कैसे करें Meta, Netfilx और Twitter के शेयरों में निवेश और क्या हैं इसके नफा-नुकसान
Investment in US Stocks: आप घर बैठे अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. इसके लिए आप म्युचुअल फंडों के एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों का सहारा भी ले सकते हैं.
By: ABP Live | Updated at : 06 Oct 2022 04:28 PM (IST)
अमेरिकी बाजार में कैसे करें निवेश
Investment in US Stock Market: भारत में निफ्टी 50 से इस बात का मोटा-मोटा अनुमान लग जाता है कि घरेलू शेयर बाजार की दिशा क्या है. निफ्टी 50 में फ्री फ्लोटिंग मार्केट कैप वाली 50 शीर्ष कंपनियों शामिल हैं. अमेरिका में मार्केट किस ओर जा रहा है, इसका अंदाजा ‘डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज’ या डाउ, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर सबसे ज्यादा ट्रेडेड 30 अमेरिकी शेयरों की सूची और NASDAQ से लगता है. अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है और डाउ के साथ भी ऐसा ही है और इनका भारत के स्टॉक मार्केट पर बहुत अधिक असर देखने को मिलता है. ऐसे में पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन या भारतीय शेयर बाजारों को लेकर बेहतर अनुमान लगाने के लिए अमेरिकी शेयरों में कुछ निवेश करना अहम हो जाता है. आइए, हम इससे जुड़ी कुछ बुनियादी बातों के बारे में जानते हैं.
अमेरिकी में निवेश की ‘एबीसी’
आइए सबसे पहले ये जानते हैं कि अमेरिका में निवेश करने के अलग-अलग क्या रास्ते हैं जिससे जटिल लग रही प्रक्रिया आसानी से समझ में आ जाएगी. इसके बाद फायदों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे और उसके बाद अमेरिका में निवेश के लिए उन जरूरी सूचनाओं पर बात करेंगे जो आपके लिए जानना जरूरी है. यह कुछ इस प्रकार आगे बढ़ता है:
- अप्रोच (तरीका)
- बेनिफिट्स (फायदे)
- कंडीशन्स (परिस्थितियां)
भारत से अमेरिका में निवेश के लिए आप अलग-अलग तरीके अपना सकते हैं. फिनोलॉजी वेंचर्स के सीईओ प्रांजल कामरा कहते हैं कि अमेरिकी शेयर बाजार में दो तरह से निवेश किया जा सकता है. प्रत्यक्ष निवेश और अप्रत्यक्ष निवेश.
प्रत्यक्ष निवेश (Direct Investment): कामरा कहते हैं कि आप सीधे अमेरिकी स्टॉक में निवेश कर सकते हैं और यूएस ब्रोकरेज अकाउंट में शेयर होल्ड कर सकते हैं. नए जमाने के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स और स्टॉक ब्रोकर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE), NASDAQ और AMEX (अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज) जैसे प्रमुख एक्सचेंज में रियल टाइम में ट्रेडिंग करने की सहूलियत देते हैं. आपको अपने इंवेस्टमेंट को ट्रैक करना चाहिए और स्टॉक की एनालिसिस करनी चाहिए.
ETFs या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स: उन्होंने कहा कि आप निरंतर रिटर्न पाने के लिए यूएस ईटीएफ में इंवेस्ट कर सकते हैं. ये ईटीएफ इंडेक्स में शामिल पोर्टफोलियो को समान वेट के साथ रेप्लिकेट करते हैं.
म्यूचुअल फंड्स: कामरा कहते हैं कि अगर आप अपने शेयरों के परफॉर्मेंस और मार्केट में उतार-चढ़ाव को ट्रैक नहीं करना चाहते हैं तो आप म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं. ये फंड्स मार्केट के उतार-चढ़ाव के विश्लेषण और पोर्टफोलियो मैनेज करने के लिए फंड मैनेजर्स की नियुक्ति करते हैं. म्यूचुअल फंड्स स्टॉक, बॉऩ्ड और डेट में थोड़ा-थोड़ा निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड्स इस तरह की सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एक्सपेंस रेशियो या एक्जिट लोड के रूप में आम तौर पर एक फीस लेते हैं.
एक्सिस म्यूचुअल फंड ने लॉन्च किया एक्सिस NASDAQ 100 FoF
एक्सिस म्यूचुअल फंड ने एक्सिस NASDAQ 100 फंड ऑफ फंड (FoF) लॉन्च किया है. यह एक ओपन एंडेड फंड ऑफ फंड स्कीम है जो NASDAQ 100 TRI के प्रदर्शन को ईटीएफ में निवेश के जरिये ट्रैक करेगा. एक्सिस के इस फंड के नए फंड ऑफर के दौरान न्यूनतम 500 रुपये का निवेश कर सकते हैं. इस फंड के फंड मैनेजर हितेश दास हैं.
क्यों करें अमेरिकी शेयर बाजार में निवेश?
- मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, अमेजन, नेटफ्लिक्स जैसी दिग्गज टेक कंपनियों और कई अन्य ग्लोबल कंपनियों के लिस्ट होने की वजह से अमेरिकी स्टॉक मार्केट एक व्यवहार्य विकल्प बन जाता है और यहां निवेशकों को सबसे ज्यादा एक्सपोजर भी मिलता है.
- रुपये के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से भी यूएस स्टॉक की वैल्यू बढ़ जाती है.
- डाइफर्सिफिकेशन से जुड़ी संभावनाएं
- पिछले 10 साल के दौरान डाउ ने सेंसेक्स के तीन साल, पांच साल और यहां तक कि 10 साल के मुकाबले ज्यादा रिटर्न दिया है.
- संकट के समय अमेरिकी डॉलर को भारतीय रुपया से ज्यादा स्थिर और सेफ समझा जाता है.
- ये यूएस स्टॉक्स में निवेश के फायदे हैं. एक निवेशक के तौर पर आपको अमेरिका में निवेश से पहले अपनी जरूरतों, टैक्स और स्कीम्स को समझना चाहिए.
प्रांजल कामरा कहते हैं कि नई पीढ़ी के ऐप्स ने अमेरिका में निवेश को काफी आसान बना दिया है. फॉरेक्स जैसे महंगे वायर ट्रांसफर एवं ट्रांसफर चार्जेज की जगह अब बहुत सस्ते ‘डायरेक्ट ट्रांसफर्स’ की सुविधा उपलब्ध है जो स्टेट बैंक ऑफ मॉरीशस जैसे बैंकों के जरिए होता है. आपके ब्रोकर इसमें मदद करते हैं और आपका यह काम बिना किसी दिक्कत, बिना किसी ट्रांसफर या स्टॉक मार्केट में एक्सचेंज चार्जेज क्या हैं फॉरेक्स चार्ज के भुगतान के हो जाता है.
इससे इतर कुछ ब्रोकर्स जीरो कमीशन और अनलिमिटेड इंवेस्टिंग पर काम कर रहे हैं. यूएस मार्केट में निवेश करना प्रायः बहुत जटिल मालूम पड़ता है. हालांकि, विश्वसनीय प्लेटफॉर्म के सपोर्ट और प्रैक्टिस से आप अमेरिका में निवेश के अपने स्किल को निश्चित रूप से मांज सकते हैं और भारत में कहीं भी बैठकर स्टॉक मार्केट में एक्सचेंज चार्जेज क्या हैं ऐसा कर सकते हैं. ग्लोबल इंवेस्टिंग पर एनालिस्ट्स की चर्चाओं को सुनकर, आर्टिकल्स और केस स्टडीज को पढ़कर आप अप-टु-डेट रह सकते हैं.
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Published at : 06 Oct 2022 04:06 PM (IST) Tags: Mutual Funds ETF Meta Investment in US Market Benefits of Investment in US Stocks Exchange Traded Funds हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
स्टॉक मार्केट में एक्सचेंज चार्जेज क्या हैं
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क्या हम शेयर्स एक एक्सचेंज से खरीद कर दूसरे एक्सचेंज पर बेच सकते है ?
हाँ , आप एक एक्सचेंज पर शेयर्स खरीद कर दूसरे एक्सचेंज पर बेच सकते है लेकिन सिर्फ शेयर्स आपके डीमैट अकाउंट पर क्रेडिट होने के बाद यानि कि T+2 दिनों के बाद।
उदाहरण के लिए , यदि आप इन्फोसिस के 100 शेयर्स सोमवार को NSE पर खरीदते हैं तो फिर आप गुरुवार को BSE पर 100 शेयर्स बेचने का विकल्प चुन सकते है।
लेकिन, यदि आप एक स्टॉक इंट्राडे के लिए NSE पर खरीदते है तो इस लॉन्ग पोजीशन को आप BSE पर स्क्वायर ऑफ(square off) नहीं कर सकते है या BSE पर इंट्राडे का स्टॉक खरीद कर NSE पर नहीं बेच सकते है। यदि आप ऐसा करेंगे तो 2 अलग अलग इंट्राडे पोजीशन बन जाएगी।
यदि आप अपनी इंट्राडे पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करना चाहते हैं, तो आपको उसी एक्सचेंज पर अपनी इंट्राडे पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करना होगा।
उदाहरण के लिए: यदि आपने NSE पर MIS प्रोडक्ट टाइप का उपयोग करते हुए रिलायंस के 10 शेयर खरीदे हैं और आपने BSE पर MIS का उपयोग करके रिलायंस के 10 शेयर बेचे हैं तो पोजीशन को स्क्वायर ऑफ नहीं माना जाएगा और दो ओपन इंट्राडे पोजीशन होंगे।
अगर आप अपनी पोजीशन को 3.20 के पहले स्क्वायर ऑफ नहीं करते है तो आपकी पोजीशन ऑटो स्क्वायर ऑफ हो जाएगी और उस पर आपको ऑटो स्क्वायर ऑफ के लिए Rs. 50+GST का चार्ज लगेगा।
अगर आप ऐसी कंपनी का शेयर होल्ड करते है जो दोनों एक्सचेंज पर लिस्टेड है तो फिर इसे एक एक्सचेंज पर बेच कर और दूसरे एक्सचेंज पर खरीद सकते है।भले ही ये ट्रेड्स CNC कैटेगरी में हों, लेकिन STT मिला कर सभी चार्जेस इंट्राडे ट्रेडों के अनुसार लागू होंगे।
देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज ने निवेशकों को किया अलर्ट, गारंटीड रिटर्न स्कीम से रहें सावधान, वरना डूब जाएगा पैसा
NSE Alert: एक्सचेंज निवेशकों को आगाह करते हुए कहा कि वे एंटिटीज/व्यक्तियों द्वारा स्टॉक मार्केट में रिटर्न की गारंटी के साथ पेश की जाने वाली योजनाओं में निवेश नहीं करें क्योंकि कानूनन इस पर प्रतिबंध है.
NSE Alert: देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) ने शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले निवेशकों को सचेत किया है. एनएसई (NSE) ने निवेशकों को एश्योर्ड रिटर्न की स्कीम्स के प्रति आगाह किया है. एक्सचेंज ने बताया कि ये एंटिटीज NSE के पास न तो मेंबर के रूप में रजिस्टर्ड हैं और न ही किसी रजिस्टर्ड मेंबर की ओर से अधिकृत व्यक्ति हैं. ऐसी एश्योर्ड रिटर्न वाली स्कीम में पैसा लगाना जोखिम है. आपका निवेश भी डूब सकता है.
NSE का यह अलर्ट तब आया जब उसने पाया कि टेलीग्राम चैनल और वॉट्सऐप (WhatsApp) के जरिए परिचालन करने वाली ‘रियल ट्रेडर’ और ‘ग्रो स्टॉक’ जैसी एंटिटीज रिटर्न की गारंटी का दावा करते हुए योजनाओं की पेशकश कर रही हैं.
गारंटीड रिटर्न स्कीम में न करें निवेश
एक्सचेंज ने बयान में कहा कि निवेशकों को आगाह किया जाता है कि वे एंटिटीज/व्यक्तियों द्वारा शेयर बाजार में रिटर्न की गारंटी के साथ पेश की जाने वाली योजनाओं में निवेश नहीं करें क्योंकि कानूनन इस पर प्रतिबंध है. एक्सचेंज ने पिछले महीने इसी तरह का एडवाइजरी जारी किया था. उस समय एक्सचेंज को पता चला था कि शेयर्स बाजार प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक एंटिटी एश्योर्ड रिटर्न के साथ निवेश स्कीम की पेशकश कर रही है.
हाल ही में, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के शेयरधारकों ने आशीष कुमार चौहान को प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के रूप में नियुक्त करने की मंजूरी दी. एनएसई की असाधारण आम बैठक 11 अगस्त को हुई थी. इसमें शेयरधारकों ने 99.99 फीसदी वोटों के साथ चौहान की नियुक्ति को मंजूरी दी. चौहान पहले BSE के मैनेजिंग डायरेक्ट और CEO थे. उन्होंने 26 जुलाई को एनएसई के प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण किया.
अमेरिकन स्टॉक मार्केट में इनवेस्ट कैसे करें ?
Developed Country अमेरिका के स्टॉक मार्केट में हर कोई इनवेस्ट करना चाहता है और हम इंडियन्स तो खासकर इनवेस्टमेंट के लिए काफी उत्साहित रहते हैं। दुनिया की लगभग सारी बड़ी कंपनियां यूएस की ही हैं, यहां तक 1 ट्रिलियन M arket Valuation क्लब की चारों कंपनियां A pple, Microsoft, Amazon & Google भी US based कंपनियां हैं। दरअसल ज्यादा V aluation वाली इन कंपनियों में थोड़े से बदलाव में ही हमको अच्छा खासा Profit मिल जाता है।
अभी हाल ही में Johy Ivy के एपल छोड़कर जाने की खबर पर एपल के शेयर्स की कीमत 1% गिर गई थी। सिर्फ 1 % शेयर्स के कम होने की वजह से एपल कंपनी की Market Value 9 बिलियन डॉलर यानि करीब 62, 000 करोड़ कम हो गई थी।
आपको बता दें कि यूएस की कंपनियों में बड़े पद पर ज्यादातर इंडियन्स ही हैं। जैसे- Google के CEO सुंदर पिचाई, Microsoft के CEO सत्या नडेला , Adobe के CEO शांतनु नारायण।
US Stock Market में Investment के दो तरीके हैं-
1. F oreign Brokerage Firm से tie-up वाले Indian Brokerage Firm में ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाकर।
2. D irect Foreign Brokerage Firm में ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाकर।
Indian Brokerage Firm से ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाकर-
कोई भी इंडियन जो कि यूएस स्टॉक मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहता है, वह F oreign Brokerage Firm से tie-up वाले Indian Brokerage Firm में अपना ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करके इनवेस्टमेंट कर सकता है। इस तरह के ट्रेडिंग अकाउंट को O verseas अकाउंट कहते हैं। इंडिया में F oreign tie-up के Brokerage Firms कई सारे हैं,जैसे- ICICI direct, HDFC Securities, Kotak Securities, Reliance Money.
स्टेप्स कुछ ऐसे हैं-
1) सबसे पहले आपको FF oreign tie-up वाले ब्रोकर Firm में ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करवाना होगा।
2) KYC के लिए जरूरी सभी डाक्यूमेंट सबमिट करने होगें।
3) अकाउंट ओपन होने के बाद आपको फंड ट्रांसफर करना होगा और फिर A 2 Form भरना होगा। A2 Form के जरिए आप Foreign Exchange अपने अकाउंट में receive कर पाएंगे। ये F orm आपको Brokerage Firm खुद प्रोवाइड करता है।
4) फंड स्टॉक मार्केट में एक्सचेंज चार्जेज क्या हैं ट्रांसफर होने के बाद ही आप ऑनलाइन प्लेटफार्म पर ट्रेडिंग कर सकते हैं। इससे पहले आपको E xecutive Trade के लिए C ontract Notes मिलते है, जो आपके इनबॉक्स में भेजा जाता है।
इसके बाद आप F oreign C ompanies के शेयर्स खरीद पाएंगे। ध्यान देने वाली बात यह है कि आप Foreign E xchange पर M argin Trading और Short Selling स्टॉक मार्केट में एक्सचेंज चार्जेज क्या हैं नहीं कर सकते हैं, क्योंकि ये दोनों M ethod Indian Investors के लिए A llowed नहीं हैं।
Foreign Brokerage Firm में ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाकर-
आप डायरेक्ट Foreign Brokerage में ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करके इनवेस्टमेंट कर सकते हैं। फॉरेन के कई Brokerage Firm- Interactive Brokers, TD Ameritrade, Charles Schwab International Account etc इंडियन्स के लिए ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने की Permission देते हैं।
इस समय एक फायनेशियल ईयर में कोई भी इंडियन यूएस स्टॉक मार्केट में 2,50,000 डॉलर यानि करीब 1.7 करोड़ रुपये की इनवेस्टमेंट कर सकता है और यही LRS (Liberalized Remittance स्टॉक मार्केट में एक्सचेंज चार्जेज क्या हैं Scheme) की M aximum Price है।
US Stock Market में इनवेस्ट करने के कुछ फायदे है और कुछ नुकसान भी हैं-
1 > ’ Foreign Broker ’ Foreign Exchange में ब्रोकरेज चार्ज डॉलर में लेते हैं, इसलिए हम इंडियन्स के लिए ब्रोकरेज चार्ज ज्यादा हो जाता है।
2> एक्सचेंज रेट का काफी ज्यादा I mpact पड़ता है, जब भी D ollar Fluctuate होता है तो हमारी Currency की V alue भी F luctuate हो जाती है।
3> अगर आप G lobal Business Factors और E conomics Conditions नहीं जानते हैं तो आपके लिए यूएस स्टॉक मार्केट D angerous साबित हो सकता है।
यूएस स्टॉक मार्केट में इनवेस्ट करके आप अपनी इनवेस्टमेंट स्किल को बढ़ा सकते हैं।
क्या आप जानते हैं कि US में लगभग 60% लोग स्टॉक मार्केट में इनवेस्टमेंट करते हैं पर इंडिया में सिर्फ 4% से 5% लोग ही Stock Market में Invest करते हैं।
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Stock Market Charges- शेयर खरीदने और बेचने पर Tax and Charges
दोस्तों, स्टॉक मार्केट में सभी सौदों (खरीद या विक्री) के ऊपर कुछ चार्ज लगते है, जिन्हें stock market charges कहा जा सकता है, जो की एक शेयर खरीदने और बेचने के लिए स्टॉक के मूल्य के साथ दिए जाने स्टॉक ब्रोकर कमीशन और टैक्स भी कहे जा सकते है,
आज हम इसी stock market charges के बारे में बात करेंगे,
ट्रेडिंग टाइप इन स्टॉक मार्केट
सबसे पहले इस बात को समझे कि स्टॉक मार्केट में दो तरह की ट्रेडिंग होती है,
ट्रेडिंग segment of स्टॉक मार्केट
और स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के अलग अलग सेगेमेंट भी बनाये गए है ,
- Equity segment – जिसमे सिर्फ स्टॉक ख़रीदे और बेचे जाते है,
- Derivative Segment – जिसमे stocks future और stocks option ख़रीदे और बेचे जाते है,
- Commodites segement – जिसमे commodites future और commodites option ख़रीदे और बेचे जाते है,
- Currencies segement – जिसमे Currencies future और Currencies option ख़रीदे और बेचे जाते है,
ये चार स्टॉक मार्केट में मुख्य segement है जिसमे लोग ट्रेडिंग करते है, चाहे वो इंट्रा डे ट्रेडिंग, हो या पोजीशनल ट्रेडिंग, अब ऐसे में इन अलग अलग segement में चार्जेज भी अलग अलग होते है,
आप जिस भी segement में ट्रेडिंग करने जा रहे है, उस segment में लगने वाले चार्जेज के बारे में अपने स्टॉक ब्रोकर से जरुर पता करे ले, ताकि आपको अपने सौदों पर लगने वाले सभी तरह के चार्जेज के बारे में अच्छी तरह से पता हो,
Stock market charges
यहाँ पर हम बात करेंगे, stock market charges के उन कॉमन चार्जेज के बारे में जो कि खास तौर से equity segment में लगते है,
STOCK BROKERAGE क्या होता है?
STOCK BROKERAGE वो चार्ज होता है, जो हमारा स्टॉक ब्रोकर, स्टॉक खरीदने या बेचने पर COMMISON/BROKERAGE के रुपे में लेता है, इसे BROKERAGE या BROKERAGE FEE के नाम से जाना जाता है,
ध्यान रहे, सभी स्टॉक ब्रोकर, अकाउंट खोलते समय ही आपको बता देते है, कि वो स्टॉक मार्केट के अलग अलग सेगमेंट और स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग टाइप में आपसे कितना BROKERAGE लेंगे,
STT क्या होता है?
STT का फुल फॉर्म है Securities Transaction Tax
STT भारत में किसी भी RECOGNIZED स्टॉक एक्सचेंज से SECURITES TRANSACTION (BUY OR SELL) के समय लगाया जाता है,
STT सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा तय किया जाता है, और कितने प्रतिशत चार्ज किया जाता है स्टॉक मार्केट में एक्सचेंज चार्जेज क्या हैं इसके बारे में आप अधिक जानकारी नीचे दिए गए लिंक से भी पढ़ सकते है – BANKBAZAR STT EXPLAINED LINK
STT के सम्बन्ध में एक खास पॉइंट जो याद रखनी चाहिए वो ये कि INTRA DAY में STT किसी स्टॉक बेचने पर ही लगायी जाती है, जो कि फ़िलहाल है 0.025% ON THE SELL SIDE,
जबकि DELIVEERY BASED ट्रेडिंग में STT किसी स्टॉक को खरीदने और बेचने पर दोनो बार लगायी जाती है, जो कि फ़िलहाल है 0.1% ON BUY AND SELL BOTH SIDE
STAMP DUTY क्या होता है?
STAMP DUTY राज्य द्वारा लगाया जाने वाला टैक्स फ़ीस है, जो की निवेशक के अपने ADDRESS में आने वाले राज्य द्वारा तय किये गए RATE के अनुसार लगाया जाता है,
अगर महाराष्ट्र की बात की जाये तो EQUITY सेगमेंट में STAMP DUTY फीस है –
इंट्रा डे में – 0.002% और डिलीवरी ट्रेडिंग में 0.01%
आप अपने ब्रोकर के पास से आपके राज्य में लगने वाले STAMP DUTY का रेट पता कर सकते है,
TRANSACTION CHARGES क्या होता है?
TRANSACTION CHARGES या जिसे TURNOVER CHARGES भी कहा जाता है, जो कि स्टॉक एक्सचेंज द्वारा Exchange transaction charges + Clearing charges के रूप में लगाया जाता है,
फ़िलहाल EQUITY SEGMENT में ये चार्जेज है –
NSE: 0.00325% और BSE 1.50 each on buy trade & sell trade
SEBI TURNOVER CHARGES क्या होता है?
जैसा की नाम से ही स्पस्ट है SEBI TURNOVER CHARGES यानि SEBI द्वारा स्टॉक एक्सचेंज पर किये जाने वाले ट्रेड के बदले लगाया जाने वाले FEES,
जो की फ़िलहाल है ₹15 / crore
GST Charges (जो पहले सर्विस टैक्स के रूप में था) क्या होता है?
सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा स्टॉक मार्केट सर्विसेज के ऊपर लगाया जाने वाला टैक्स जो पहले सर्विस टैक्स के नाम से लगाया जाता था, जो जुलाई 2017 में GST लागु होने के बाद GST चार्जेज के नाम से टैक्स लगाया जा रहा है,
GST चार्जेज के सम्बन्ध में एक चीज याद रखने वाली है कि फ़िलहाल GST की रेट 18% है, जो कि पुरे TURNOVER पर नहीं बल्कि टर्नओवर पर लगाये गए brokerage + transaction charges के ऊपर लगाया जाता है,
DP (Depository participant) charges क्या होता है,
DP चार्जेज The National Securities Depository Ltd (NSDL) and the Central Depository Services India Ltd (CDSL) द्वारा लगाया जाने वाला चार्जेज है,
आपका DEMAT ACCOUNT जिस ब्रोकर के पास से है, वहा से आप DP चार्जेज के बारे में पता कर सकते है,
आशा है, आप समझ पाए होंगे की STOCK MARKET CHARGES के बारे में,अगर आपके मन में इस से जुड़ा कोई भी सवाल हो तो आप नीचे कमेंट द्वारा पूछ सकते है,
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