बढ़ती प्रति व्यक्ति आय
(शुद्ध राष्ट्रीय आय स्थिर कीमतों पर )

रुपए की मज़बूती के प्रतिकूल प्रभाव

रुपए की विनिमय दर पिछले सप्ताह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 63.50 रुपए पर पहुँच गई, जोकि पिछले दो वर्षों में अब तक की सबसे ऊँची दर है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी उल्लेखनीय स्तर पर पहुँच गया है। ऐसे में अर्थव्यवस्था को दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति करनी चाहिये थी, लेकिन सच यह है कि मज़बूत होता रुपया निर्यात और विनिर्माण में वृद्धि के मोर्चे पर एक चुनौती की तरह काम करता है।

समस्याएँ एवं चुनौतियाँ

  • दरअसल, रुपए में पिछले कुछ दिनों से जो एकतरफा तेज़ी दिख रही है, उसके फायदे कम और नुकसान अधिक नज़र आ रहे हैं। रुपया अगर और मज़बूत हुआ तो पटरी पर लौट रही भारतीय अर्थव्यवस्था पर फिर से दबाव बन सकता है।
  • हाल ही में रूपए के मुकाबले डॉलर का मूल्य घटकर 63.50 रुपए विदेशी मुद्रा पर कमाई विदेशी मुद्रा पर कमाई तक आ गया है। रुपए की इस तेज़ी की वज़ह से निम्नलिखित क्षेत्रों में सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिलेगा:

रुपया रसातल में, अब विदेशी मुद्रा भंडार ने बढ़ाई टेंशन, 4.50 करोड़ डॉलर की बड़ी गिरावट

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भारतीय करेंसी रुपया में हर दिन नई गिरावट आ रही है। इस गिरावट के बीच अब देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 अक्टूबर को विदेशी मुद्रा पर कमाई समाप्त सप्ताह में 4.50 करोड़ डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया। इससे पहले, सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।

इसमें इस साल अगस्त के बाद से पहली बार किसी साप्ताह में वृद्धि हुई थी। विदेशी मुद्रा पर कमाई बता दें कि एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।

75 साल में आर्थिक मोर्चे पर कहां खड़ा है हिन्दुस्तान, देखें प्रति व्यक्ति आय से लेकर विदेशी मुद्रा भंडार तक के आंकड़े

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Happy Independence Day 2022: कोरोना जैसी वैश्विक महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आई विश्वव्यापी मंदी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था न केवल मजबूती से अपने पैरों पर खड़ी है, बल्कि विकास के रास्ते पर तेजी से बढ़ रही है। यह भविष्य के प्रति एक उम्मीद की किरण है। हम अपनी आजादी का 75वां वर्ष अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं। देश की विकास यात्रा में इस बार पेश है अर्थव्यवस्था का हाल.

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में तेज गिरावट, करीब $4 अरब लुढ़ककर 2 साल से भी अधिक के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा

भारत का फॉरेक्स का रिजर्व गिरकर 524 अरब डॉलर पर पहुंचा.

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पिछले कई महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी होती देखी जा रही है. जबकि एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 29, 2022, 07:16 IST
भारत का फॉरेक्स रिजर्व 21 अक्टूबर को खत्म सप्ताह में 3.85 अरब डॉलर गिरा.
फॉरेन विदेशी मुद्रा पर कमाई करेंसी एसेट्स (एफसीए) में 3.593 अरब डॉलर की गिरावट आई.
अप्रैल से सितंबर तक चीन के फॉरेक्स रिजर्व में सबसे अधिक गिरावट देखी गई है.

नई दिल्ली. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 3.847 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर रह गया. विदेशी मुद्रा भंडार इस गिरावट के साथ जुलाई 2020 के बाद अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.50 अरब डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर रह गया था. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली.

विस्तार

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बीते 21 अक्तूबर को घटकर दो वर्षों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है 524.520 बिलियन डॉलर हो गया है। उससे एक हफ्ते पहले की तुलना में विदेशी मुद्रा भंडार में 3.85 बिलियन डॉलर की कमी दर्ज की गई। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले 14 अक्तूबर को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 528.367 बिलियन डॉलर था। विदेशी मुद्रा पर कमाई बता दें कि दो वर्ष पहले भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 577.00 बिलियन डॉलर था।

आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (Foreign Currency Assets) में 3.59 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 465.075 बिलियन अमेरिकी डॉलर पर पहुंच गया।

देश का स्वर्ण भंडार (गाेल्ड रिजर्व) इस दौरान 247 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 37.206 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि, आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Rights, एसडीआर) का मूल्य 70 लाख डॉलर बढ़कर 17.440 अरब डॉलर हो गया।

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