Cryptocurrency: दुनिया की टॉप 5 मशहूर क्रिप्टोकरेंसी- निवेश करने वाले ने खूब बनाया पैसा

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Top 5 Cryptocurrency in 2021: Crypto बाजार में लगातार निवेशक बढ़ते जा रह हैं. हाल के कुछ हफ्तों में Cryptocurrency Market में जबरदस्त उतार-चढ़ाव आए हैं. बुधवार को मार्केट क्रैश भी हुआ लेकिन जल्द ही उभर भी गया. फिलहाल बाजार में कई Cryptocurrency मौजूद हैं लेकिन कुछ ही Cryptocurrency ऐसी हैं जो ज्यादा सुर्खियां बटोरती हैं. ऐसे में आज यहां मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से टॉप-5 क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बताने वाले हैं. जिनमें निवेशकों का काफी ज्यादा निवेश देखने को मिल रहा है.

क्‍या Ether बन जाएगी दुनिया की नंबर-1 क्रिप्‍टोकरेंसी?

इसका मतलब है कि दुनिया की दूसरी सबसे पॉपुलर क्रिप्‍टोकरेंसी दुर्लभ होती जा रही है. यह इसे बिटकॉइन पर एक बढ़त देती है.

क्‍या Ether बन जाएगी दुनिया की नंबर-1 क्रिप्‍टोकरेंसी?

मौजूदा कीमतों की बात करें तो आज यानी सोमवार को ईथर के दाम 1,33,783 रुपये पर हैं.

खास बातें

  • ईथर आखिरकार प्रूफ-ऑफ-वर्क से प्रूफ-ऑफ-स्टेक में बदल जाएगा
  • सितंबर में संभावित मर्ज के बाद ईथर डिफ्लेशनेरी (deflationary) हो जाएगी
  • इस उत्‍साह में ETH/BTC पिछले एक महीने में लगभग 34 फीसदी बढ़ गई हैं

क्रिप्‍टो मार्केट (Crypto) में सबसे पॉपुलर और नंबर-1 क्र‍िप्‍टोकरेंसी (Cryptocurrency) के रूप में बिटकॉइन (Bitcoin) का दबदबा है. लेकिन क्‍या यह कभी बदल सकता है? क्‍या किसी दिन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्‍टोकरेंसी ईथर (Ether) बिटकॉइन की जगह ले लेगी. क्रिप्टो भाषा में इसे ‘फ्लिपनिंग' के रूप में जाना जाता है. ईथर को लेकर यह भविष्‍यवाणी उसके प्रशंसक कर रहे हैं. ब्‍लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अरका (Arca) के रिसर्च एनालिस्‍ट बोधि पिंकनर (Bodhi Pinkner) ने कहा है कि ईथीरियम अभी भी बिटकॉइन को फ्लिप करने के लिए ‘बहुत संभव' है.

रिपोर्ट के अनुसार, पिंकनर ने भविष्यवाणी की है कि सितंबर में संभावित मर्ज (merge) इवेंट के बाद दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी डिफ्लेशनेरी (deflationary) हो जाएगी. यह कई वर्षों की देरी के बाद आखिरकार प्रूफ-ऑफ-वर्क से प्रूफ-ऑफ-स्टेक में बदल जाएगी. इस महीने की शुरुआत में क्रिप्टोकरेंसी रिसर्च फर्म IntoTheBlock के एक एनालिस्‍ट लुकास आउटुमुरो (Lucas Outumuro) ने अनुमान लगाया था कि ईथर का प्रकाशन (issuance) -0.5% और -4.5% के बीच होगा.

इसका मतलब है कि दुनिया की दूसरी सबसे पॉपुलर क्रिप्‍टोकरेंसी दुर्लभ होती जा रही है. यह इसे बिटकॉइन पर एक बढ़त देती है. फैक्‍ट यह है कि ईथर की सर्कुलेटिंग सप्‍लाई कम होती रहेगी, जो इसकी कीमतों के लिए अच्‍छे संकेत देती है. मौजूदा कीमतों की बात करें तो आज यानी सोमवार को ईथर के दाम 1,33,783 रुपये पर हैं. इनमें -0.83 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है. बीते कई महीनों से क्रिप्‍टो मार्केट में गिरावट का दौरा है, जिसका असर बिटकॉइन, ईथर समेत सभी प्रमुख ऑल्‍टकॉइंस पर दिखाई दे रहा है.

बहरहाल एक बहुप्रतीक्षित मर्ज अपग्रेड के उत्‍साह में ETH/BTC पिछले एक महीने में लगभग 34 फीसदी बढ़ गई हैं. हालांकि ये दोनों ईयर-टु-डेट के हाई मार्क से 12 फीसदी से ज्‍यादा नीचे हैं. ध्‍यान देने वाली बात यह भी है कि ETH/BTC की जोड़ी जून 2017 में अपने रिकॉर्ड हाई से 54 फीसदी तक गिर गई है. पिंकनर का मानना ​​है कि मौजूदा मैक्रो एनवायरनमेंट ईथीरियम को फायदा पहुंचा सकता है. वहीं, बिटकॉइन के दबदबे की बात करें, तो इसमें साल 2021 की शुरुआत से ही कमी आई है. ईथीरियम और बाकी टॉप ऑल्‍टकॉइंस ने बिटकॉइन के मार्केट शेयर को कम कर दिया है. इसके बावजूद इसकी मार्केट वैल्‍यू 41 फीसदी पर बनी हुई है.

Cryptocurrency पर लगाम की तैयारी, निवेशकों पर क्या होगा असर, जानिए हर एक बात

क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लेकर आ रही है। आगामी संसद सत्र में पेश किए जाने वाले अन्य बिलों के साथ सूचीबद्ध "द क्रिप्टोक्यूरेंसी एंड.

Cryptocurrency पर लगाम की तैयारी, निवेशकों पर क्या होगा असर, जानिए हर एक बात

क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक लेकर आ रही है। आगामी संसद सत्र में पेश किए जाने वाले अन्य बिलों के साथ सूचीबद्ध "द क्रिप्टोक्यूरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021" का सारांश कुछ भ्रम पैदा करता है। यह सभी "प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी" को प्रतिबंधित करने की बात करता है। अब सवाल है कि आखिर प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या होता है। सरकार किस इरादे से सख्ती दिखा रही है। आइए इसको समझ लेते हैं।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी: ये एक तरह की डिजिटल करेंसी है। इसे आप नोट या सिक्कों की तरह छू नहीं सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को आप बैंक अकाउंट में भी नहीं रख सकते हैं और ना ही किसी दूसरे के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि इस करेंसी को कोई रेग्युलेट भी नहीं करता है। मसलन, भारतीय रुपए पर किसी भी तरह का फैसला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से लिया जाता है। इसी तरह दूसरे देशों में भी सेंट्रल बैंक ही करेंसी से जुड़े फैसले लेती हैं। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी के मामले में ऐसा नहीं है। इसकी निगरानी या लगाम लगाने वाली कोई संस्था नहीं है।

किन चीजों में हो रहा इस्तेमाल: डिजिटल दुनिया में कई ऐसी कंपनियां या प्लेटफॉर्म हैं जो क्रिप्टोकरेंसी के जरिए भुगतान स्वीकार कर रही हैं। वहीं, कई ऐसे भी प्लेटफॉर्म बन गए हैं जिसके जरिए आप क्रिप्टो क्वाइन खरीदते हैं। ये खरीदारी असली पैसों से की जाती है।

कैसे काम करती है करेंसी: क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है। एक ब्लॉकचेन मूल रूप से क्रिप्टो सिक्कों का उपयोग करके लेनदेन का एक विकेन्द्रीकृत खाता बही (दूसरे शब्दों में, एक रजिस्टर या फ़ाइल) है। यह कंप्यूटर के नेटवर्क में फैला हुआ है, जिसे पीयर-टू-पीयर नेटवर्क के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रणाली का उपयोग क्रिप्टो सिक्कों का उपयोग करके किए गए किसी भी लेनदेन को प्रमाणित करने के लिए किया जाता है।

कितने क्रिप्टोकरेंसी हैं: रिसर्च फर्म CoinMarketCap.com के आंकड़ों के मुताबिक, अलग-अलग 14,500 क्रिप्टोकरेंसी हैं। इन्हें आप खरीद और बेच सकते हैं। इसमें स्थिर सिक्के भी शामिल हैं, जो क्रिप्टोकरेंसी के सबसेट हैं।

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्या है: सरकार की ओर से प्रस्तावित विधेयक में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र है। इसकी कोई ठोस परिभाषा नहीं है। सही मायने में, दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी (जैसे बिटकॉइन, एथेरियम, बिनेंस कॉइन, टीथर और कार्डानो) सभी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध लेज़रों का उपयोग कर रहे हैं।

अगर आपने निवेश किया है तो क्या करें: इस सवाल का जवाब आसान नहीं है। ये बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि "प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी" को कैसे परिभाषित किया जाता है। संसद में पेश किए जाने वाले विधेयक का सारांश आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक ढांचे के निर्माण के भी संकेत देता है। कुछ हफ्ते पहले क्रिप्टो क्वाइन से होने वाली कमाई को इनकम टैक्स के दायरे में लाने की बात चल रही थी, बदलाव की घोषणा अगले साल के बजट में हो सकती है। क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म वज़ीरएक्स के संस्थापक और सीईओ निश्चल शेट्टी के मुताबिक सरकार के भीतर अधिक लोग जानते हैं कि क्रिप्टो कैसे काम करता है। ये एक अच्छी बात है। निश्चल शेट्टी इसको लेकर निश्चिंत नजर आ रहे हैं।

दुनिया के दूसरे देशों में क्या हाल: आपको बता दें कि चीन ने इस साल सितंबर महीने में देश में क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। वहीं, कनाडा इस साल फरवरी में बिटकॉइन-ट्रेडेड फंड को मंजूरी देने वाला पहला देश बन गया। यूके नागरिकों द्वारा रखी गई क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति मानता है और निवेशक क्रिप्टो मुनाफे पर प्रॉफिट टैक्स का भुगतान करते हैं। क्रिप्टो स्वामित्व के लिए सिंगापुर की एक समान परिभाषा है। जापान में इसको भुगतान सेवा अधिनियम (पीएसए) के तहत मान्यता प्राप्त है। अधिकांश यूरोपीय संघ (ईयू) देशों में क्रिप्टोकरेंसी भी कानूनी है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट: क्रिप्टो निवेश और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, मुड्रेक्स के सह-संस्थापक एडुल पटेल ने सरकार के इस फैसले को एक अच्छा कदम करार दिया है। हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत में उन्होंने कहा, “घोटालों और फर्जी योजनाओं को नियंत्रित करने में मदद के लिए यह एक अच्छा कदम है। अमेरिका भी ऐसा ही रुख अपना रहा है। हालांकि, यह देखना अच्छा होगा कि 'प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी' की परिभाषा क्या है और यह कैसे विकसित होता है। ”

रिजर्व बैंक चिंतित: दरअसल, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर केंद्रीय रिजर्व बैंक और सरकार की कई चिंताएं हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसे इकोनॉमी की स्थिरता के लिए खतरा बताया था। वहीं, टेटर फंडिंग समेत अलग-अलग तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं। हालांकि, सरकार शीतकालिन सत्र में रिजर्व बैंक के सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के फॉर्मेट का भी जिक्र कर सकती है।

Cryptoqueen: वो हसीन डॉक्टर जिसने क्रिप्टो के नाम पर लगाया 32 हजार करोड़ का चूना, खोजने वाले को मिलेगा एक लाख डॉलर

एफबीआई ने रुसा इग्नातोवा की जानकारी देने वाले को एक लाख डॉलर इनाम में देने की घोषणा की है। एफबीआई ने रुसा इग्नाटोवा को टॉप मोस्ट वांटेड भगोड़ों की लिस्ट में शामिल किया है। एफबीआई की ओर से कहा गया है कि रुजा इग्नातोवा को पकड़ने में आम जनता भी मदद कर सकती है।

क्रिप्टोक्वीन

क्रिप्टोक्वीन के नाम से मशहूर महिला रुजा इग्नातोवा को अमेरिका की जांच एजेंसी ने अपने टॉप मोस्ट वांटेड लोगों की लिस्ट में शामिल कर लिया है। रुजा पर क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर लोगों को 32 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है।

बुल्गारिया की रहने वाली रुजा इग्नातोवा पेशे से एक डॉक्टर हैं। बाजार में जब बिटक्वॉइन आया तो उससे प्रभावित होकर उन्होंने भी वनक्वॉइन के नाम से अपनी क्रिप्टोकरेंसी लांच कर दी। रुजा की ओर से दावा किया गया कि भविष्य में वनक्वॉइन दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी हो जाएगी और लोग इससे मालामाल हो जाऐंगे।

रुजा पर फिलहाल धोखाधड़ी के आठ मामले दर्ज हैं। उनपर आरोप है कि रुजा इग्नातोवा की कंपनी ने क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए दूसरों को लुभाने के उद्देश्य से एजेंट्स को कमीशन देने की पेशकश की थी। साल 2017 से रुजा का कोई अता-पता नहीं है। खबरों के मुताबिक, उन्होंने बुल्गारिया से ग्रीस की फ्लाइट पकड़ी थी, उसके बाद से उसकी कोई खबर नहीं है।

एफबीआई ने रुसा इग्नातोवा की जानकारी देने वाले को एक लाख डॉलर इनाम में देने की घोषणा की है। एफबीआई ने रुसा इग्नातोवा को टॉप मोस्ट वांटेड भगोड़ों की लिस्ट में शामिल किया है। एफबीआई की ओर से कहा गया है कि रुजा इग्नातोवा को पकड़ने में आम जनता भी मदद कर सकती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रुजा इग्नातोवा पर वनक्वॉइन क्रिप्टोकरेंसी के क्या दुनिया में कई क्रिप्टोकरेंसी हैं जरिए लोगों की कमाई लूटने का आरोप है। बताया जाता है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी रुजा ने अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल कर लोगों को 32 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया है।

क्या है वनक्वॉइन क्रिप्टो स्कैम?

वनक्वॉइन क्रिप्टो स्कैम की शुरुआत साल 2016 में हुई थी। उस समय रुजा इग्नातोवा लंदन से लेकर दुबई तक वनक्वॉइन क्रिप्टोकरेंसी पर सेमिनार का आयोजन किया करती थी। अपने हर सेमिनार में वह दावा करती थी कि एक दिन उनका वनक्वॉइन दुनिया की नंबर वन क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वॉइन को भी पीछे छोड़ देगा। दुनिया के कई देशों के लोगों ने उनके सेमिनार से प्रभावित होकर वनक्वॉइन निवेश किया था।

लोग रुजा की बातों से इतने प्रभावित हो गए थे कि उन्होंने इस बात को नजरअंदाज कर दिया कि वनक्वॉइन के पास वह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ही नहीं है, जिस पर बिटक्वॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) काम करती है। आपको बता दे रुजा ने वनक्वॉइन की शुरुआत करते समय उसे ब्लॉकचेन से जोड़ने की कोशिश की थी, पर अपने इस प्रयास में वह असफल रही थी। जब वनक्वॉइन के पास ब्लॉकचेन तकनीक नहीं होने की खबर बाजार में फैली तो रुजा अंडरग्राउंड हो गई, तब से लेकर आज तक उसकी कोई खबर नहीं है।

विस्तार

क्रिप्टोक्वीन के नाम से मशहूर महिला रुजा इग्नातोवा को अमेरिका की जांच एजेंसी ने अपने टॉप मोस्ट वांटेड लोगों की लिस्ट में शामिल कर लिया है। रुजा पर क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर लोगों को 32 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है।

बुल्गारिया की रहने वाली रुजा इग्नातोवा पेशे से एक डॉक्टर हैं। बाजार में जब बिटक्वॉइन आया तो उससे प्रभावित होकर उन्होंने भी वनक्वॉइन के नाम से अपनी क्रिप्टोकरेंसी लांच कर दी। रुजा की ओर से दावा किया गया कि भविष्य में वनक्वॉइन दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी हो जाएगी और लोग इससे मालामाल हो जाऐंगे।

रुजा पर फिलहाल धोखाधड़ी के आठ मामले दर्ज हैं। उनपर आरोप है कि रुजा इग्नातोवा की कंपनी ने क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए दूसरों को लुभाने के उद्देश्य से एजेंट्स को कमीशन देने की पेशकश की थी। साल 2017 से रुजा का कोई अता-पता नहीं है। खबरों के मुताबिक, उन्होंने बुल्गारिया से ग्रीस की फ्लाइट पकड़ी थी, उसके बाद से उसकी कोई खबर नहीं है।

एफबीआई ने रुसा इग्नातोवा की जानकारी देने वाले को एक लाख डॉलर इनाम में देने की घोषणा की है। एफबीआई ने रुसा इग्नातोवा को टॉप मोस्ट वांटेड भगोड़ों की लिस्ट में शामिल किया है। एफबीआई की ओर से कहा गया है कि रुजा इग्नातोवा को पकड़ने में आम जनता भी मदद कर सकती है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रुजा इग्नातोवा पर वनक्वॉइन क्रिप्टोकरेंसी के जरिए लोगों की कमाई लूटने का आरोप है। बताया जाता है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी रुजा ने अपने शातिर दिमाग का इस्तेमाल कर लोगों को 32 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया है।

क्या है वनक्वॉइन क्रिप्टो स्कैम?

वनक्वॉइन क्रिप्टो स्कैम की शुरुआत साल 2016 में हुई थी। उस समय रुजा इग्नातोवा लंदन से लेकर दुबई तक वनक्वॉइन क्रिप्टोकरेंसी पर सेमिनार का आयोजन किया करती थी। अपने हर सेमिनार में वह दावा करती थी कि एक दिन उनका वनक्वॉइन दुनिया की नंबर वन क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वॉइन को भी पीछे छोड़ देगा। दुनिया के कई देशों के लोगों ने उनके सेमिनार से प्रभावित होकर वनक्वॉइन निवेश किया था।


लोग रुजा की बातों से इतने प्रभावित हो गए थे कि उन्होंने इस बात को नजरअंदाज कर दिया कि वनक्वॉइन के पास वह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ही नहीं है, जिस पर बिटक्वॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) काम करती है। आपको बता दे रुजा ने वनक्वॉइन की शुरुआत करते समय उसे ब्लॉकचेन से जोड़ने की कोशिश की थी, पर अपने इस प्रयास में वह असफल रही थी। जब वनक्वॉइन के पास ब्लॉकचेन तकनीक नहीं होने की खबर बाजार में फैली तो रुजा अंडरग्राउंड हो गई, तब से लेकर आज तक उसकी कोई खबर नहीं है।

Litecoin Price India INR: लाइटक्वाइन की कीमत में आज आई गिरावट, कम होकर यहां पहुंचा इस क्रिप्टोकरेंसी का भाव

Litecoin Price in India Today In INR: शुक्रवार को भी लाइटक्वाइन (LTC) की कीमत में गिरावट दर्ज की गई और इसका दाम 0.59 फीसदी कम हो गया। इस तरह से लाइटक्वाइन की कीमत में 53.50 रुपये की कमी आई है। इस गिरावट के साथ इसका भाव टूटकर 8,953 रुपये पर आ गया।

लाइटक्वाइन प्राइस टुडे

दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी में जमकर निवेश हो रहा है। 2021 की शुरुआत में लाइटक्वाइन 184.92 डॉलर (9,306.75 रुपये) पर था। इसके बाद इस डिजिटल करेंसी की कीमत में काफी इजाफा हुआ है। हालांकि, कुछ दिनों से इसके भाव में कमी आई है। शुक्रवार को क्या दुनिया में कई क्रिप्टोकरेंसी हैं भी लाइटक्वाइन (LTC) की कीमत में गिरावट दर्ज की गई और इसका दाम 0.59 फीसदी कम हो गया। इस तरह से लाइटक्वाइन की कीमत में 53.50 रुपये की कमी आई है। इस गिरावट के साथ इसका भाव टूटकर 8,953 रुपये पर आ गया। इस कीमत पर इस डिजिटल करेंसी का बाजार पूंजीकरण भी कम होकर 602.3 अरब रुपये पर आ गया है।

लाइटक्वाइन में तेज बढ़त की उम्मीद
आपको बता दें कि भले ही इस डिजिटल करेंसी की कीमत में अभी गिरावट देखने को मिल रही है लेकिन Coin Price Forecast के मुताबिक, 2022 की पहली छमाही में यह 419 डॉलर पर पहुंच सकता है। वहीं 2022 के अंत तक यह 40,275 रुपये पर पहुंच सकता है, जो मौजूदा कीमत से काफी ऊपर है। वहीं Trading Beasts के अनुसार, 2024 के अंत में यह 289 डॉलर (21,675 रुपये) का होगा। यह अधिकतम 361 डॉलर यानी 27,075 रुपये पर जा सकता है और इसकी न्यूनतम कीमत 246 डॉलर हो सकती है।

क्या है लाइटक्वाइन (LTC)?
दुनिया में कई क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। इनकी अनेक विशेषताएं और अनूठी पहचान है। साल 2010 के अंत में, पूर्व-गूगलर Charlie Lee ने कुछ अलग सोचा। चार्ली ली को बिटक्वाइन के बारे में तो पता था, जिसे अक्सर डिजिटल गोल्ड कहा जाता है, लेकिन वे निवेशकों के लिए कुछ खास चाहते थे। वास्तव में, लाइटक्वाइन (लाइट + क्वाइन) को अपना विशिष्ट नाम बिटक्वाइन से ही मिला है। एक तरह से यह बिटक्वाइन का ही इम्प्रोवाइज्ड वर्जन है। प्रोटोकॉल ने क्रिप्टोकरेंसी की संपूर्ण स्थिरता के लिए इसे दीर्घायु और अधिक विश्वसनीयता प्रदान करने के लिए और अच्छा किया है।

दुनिया में शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी में शामिल
लाइटक्वाइन का प्रमुख ध्यान क्रिप्टोकरेंसी बाजार की स्थिति के अनुसार बढ़ती उपभोक्ता मांगों को पूरा करने के लिए ब्लॉकचेन की शक्ति को अनलॉक करके विशेष रूप से वैश्विक भुगतान बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। लाइटक्वाइन गति, लागत और विश्वस्नीयता में तेजी लाने में सफल रहा है। परिणाम स्वरूप, लाइटक्वाइन को सात अक्तूबर 2011 के शुभ दिन पर GitHub पर एक ओपन-सोर्स क्लाइंट द्वारा जारी किया गया था, जिसके बाद नेटवर्क 13 अक्तूबर को लाइव हो गया था। यह दुनिया में शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी में से एक है। लाइटक्वाइन को आज क्रिप्टो बाजार में बेशकीमती डिजिटल संपत्ति के रूप में LTC के प्रतीक के साथ दर्शाया जाता है।

विस्तार

दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी में जमकर निवेश हो रहा है। 2021 की शुरुआत में लाइटक्वाइन 184.92 डॉलर (9,306.75 रुपये) पर था। इसके बाद इस डिजिटल करेंसी की कीमत में काफी इजाफा हुआ है। हालांकि, कुछ दिनों से इसके भाव में कमी आई है। शुक्रवार को भी लाइटक्वाइन (LTC) की कीमत में गिरावट दर्ज की गई और इसका दाम 0.59 फीसदी कम हो गया। इस तरह से लाइटक्वाइन की कीमत में 53.50 रुपये की कमी आई है। इस गिरावट के साथ इसका भाव टूटकर 8,953 रुपये पर आ गया। इस कीमत पर इस डिजिटल करेंसी का बाजार पूंजीकरण भी कम होकर 602.3 अरब रुपये पर आ गया है।

लाइटक्वाइन में तेज बढ़त की उम्मीद
आपको बता दें कि भले ही इस डिजिटल करेंसी की कीमत में अभी गिरावट देखने को मिल रही है लेकिन Coin Price Forecast के मुताबिक, 2022 की पहली छमाही में यह 419 डॉलर पर पहुंच सकता है। वहीं 2022 के अंत तक यह 40,275 रुपये पर पहुंच सकता है, जो मौजूदा कीमत से काफी ऊपर है। वहीं Trading Beasts के अनुसार, 2024 के अंत में यह 289 डॉलर (21,675 रुपये) का होगा। यह अधिकतम 361 डॉलर यानी 27,075 रुपये पर जा सकता है और इसकी न्यूनतम कीमत 246 डॉलर हो सकती है।

क्या है लाइटक्वाइन (LTC)?
दुनिया में कई क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं। इनकी अनेक विशेषताएं और अनूठी पहचान है। साल 2010 के अंत में, पूर्व-गूगलर Charlie Lee ने कुछ अलग सोचा। चार्ली ली को बिटक्वाइन के बारे में तो पता था, जिसे अक्सर डिजिटल गोल्ड कहा जाता है, लेकिन वे निवेशकों के लिए कुछ खास चाहते थे। वास्तव में, लाइटक्वाइन (लाइट + क्वाइन) को अपना विशिष्ट नाम बिटक्वाइन से ही मिला है। एक तरह से यह बिटक्वाइन का ही इम्प्रोवाइज्ड वर्जन है। प्रोटोकॉल ने क्रिप्टोकरेंसी क्या दुनिया में कई क्रिप्टोकरेंसी हैं की संपूर्ण स्थिरता के लिए इसे दीर्घायु और अधिक विश्वसनीयता प्रदान करने के लिए और अच्छा किया है।

दुनिया में शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी में शामिल
लाइटक्वाइन का प्रमुख ध्यान क्रिप्टोकरेंसी बाजार की स्थिति के अनुसार बढ़ती उपभोक्ता मांगों को पूरा करने के लिए ब्लॉकचेन की शक्ति को अनलॉक करके विशेष रूप से वैश्विक भुगतान बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। लाइटक्वाइन गति, लागत और विश्वस्नीयता में तेजी लाने में सफल रहा है। परिणाम स्वरूप, लाइटक्वाइन को सात अक्तूबर 2011 के शुभ दिन पर GitHub पर एक ओपन-सोर्स क्लाइंट द्वारा जारी किया गया था, जिसके बाद नेटवर्क 13 अक्तूबर को लाइव हो गया था। यह दुनिया में शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी में से एक है। लाइटक्वाइन को आज क्रिप्टो बाजार में बेशकीमती डिजिटल संपत्ति के रूप में LTC के प्रतीक के साथ दर्शाया जाता है।

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