शिल्प अनुदेशक प्रशिक्षण स्कीम कार्यक्रम के तहत पात्र उम्मीदवार वे हैं जिनके पास एनटीसी/एनएसी/डिप्लोमा/डिग्री योग्यता है। 27 इंजीनियरिंग ट्रेडों और 9 गैर-इंजीनियरिंग ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

शिल्प अनुदेशक प्रशिक्षण स्कीम (सीआईटीएस)

शिल्प अनुदेशक का प्रशिक्षण डीजीटी की अनिवार्य जिम्मेदारी है और यह शिल्पकार प्रशिक्षण स्कीम (सीटीएस) की स्थापना के बाद से चालू है। उद्योग के लिए कुशल जनशक्ति को प्रशिक्षित करने के लिए, व्यावहारिक कौशल को स्थानांतरित करने की तकनीकों से परिचित कराने के लिए व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी अनुदेशक प्रशिक्षुओं को कौशल और प्रशिक्षण पद्धति दोनों में व्यापक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।

शैक्षणिक सत्र 2021-22 में दाखिले के दौरान 35 लाख से अधिक बैठने की क्षमता वाले करीब 15,000 आईटीआई का आकलन किया गया। एनसीवीटी ने अनिवार्य किया है कि आईटीआई में सभी प्रशिक्षकों को सीआईटीएस प्रशिक्षित होने की आवश्यकता है। प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) में वर्तमान क्षमता 8125 प्रति वर्ष है, जिसमें कुल बैठने की क्षमता 12765 (सरकारी और प्राइवेट आईटीओटी - 4640 सहित) है। शैक्षणिक वर्ष अगस्त 2021 के दौरान, कुल 8133 उम्मीदवारों ने एनएसटीआई में प्रवेश (63% सीटें भरी गईं) लिया है।

गेहूं संकट के बीच आई यह बड़ी खबर, क्या सरकार विदेशों से खरीदने की बना रही योजना?

India TV Business Desk

Edited By: India TV Business Desk
Published on: August 21, 2022 16:31 IST

क्या सरकार विदेशों से. - India TV Hindi

Photo:PTI क्या सरकार विदेशों से खरीदने की बना रही योजना?

काफी दिनों से चल रही चर्चा से अब पर्दा उठ गया है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि गेहूं आयात (Wheat Import) करने की कोई योजना नहीं है और देश की जरूरतों को पूरा करने के लिए उसके पास पर्याप्त भंडार है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) के पास सार्वजनिक वितरण के लिए पर्याप्त भंडार है।

गेहूं उत्पादन में आई तीन फीसदी की कमी

भारत का गेहूं उत्पादन व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी लगभग तीन प्रतिशत घटकर 10.684 करोड़ टन रहने का अनुमान है। हालांकि फसल वर्ष 2021-22 में कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 31.572 करोड़ टन होने का अनुमान है। दरअसल देश के उत्तरी राज्यों पंजाब और हरियाणा में गेहूं की व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी फसल पकने के समय भीषण गर्मी पड़ने से गेहूं का उत्पादन कम होने व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी का अनुमान है।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने फसल वर्ष 2021-22 के लिए चौथा अग्रिम अनुमान जारी करते हुए बुधवार को कहा कि चावल, मक्का, चना, दलहन, रैपसीड एवं सरसों, तिलहन और गन्ने का भी रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है। फसल वर्ष 2021-22 जुलाई, 2021 से जून, 2022 तक था। मंत्रालय के अनुसार, जून, 2022 में समाप्त फसल वर्ष में देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 31 करोड़ 57.2 लाख टन होने का अनुमान है।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इतनी फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन सरकार की किसान हितैषी नीतियों के साथ-साथ कृषकों और वैज्ञानिकों की अथक मेहनत का नतीजा है। फसल वर्ष 2020-21 व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी में देश का खाद्यान्न उत्पादन जिसमें (गेहूं, चावल, दालें और मोटे अनाज) रिकॉर्ड 31 करोड़ 7.4 लाख टन रहा था। आंकड़ों के अनुसार, फसल वर्ष 2021-22 में गेहूं का उत्पादन कम यानी 10 करोड़ 68.4 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष 10 करोड़ 95.9 लाख टन था। हालांकि, समीक्षाधीन फसल वर्ष में चावल का उत्पादन रिकॉर्ड 13 करोड़ 2.9 लाख टन होने का अनुमान है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 12 करोड़ 43.7 लाख टन रहा था।

IFFI-53 : खजुराहो मंदिर संपूर्ण काव्य व्यक्त करते हैं, जिसमें मूर्तियों में गहरे दार्शनिक अर्थ समाहित हैं

IFFI-53 : खजुराहो मंदिर संपूर्ण काव्य व्यक्त करते हैं, जिसमें मूर्तियों में गहरे दार्शनिक अर्थ समाहित हैं

खजुराहो परिसर में मौजूद 25 मंदिरों के अवशेष हजारों वर्ष पुराने हैं। मंदिर हमें प्राचीन भारत के बारे में उस युग के किसी भी अन्य खंडहरों की तुलना में कहीं अधिक गहरी बातें बताते हैं। लेकिन यह सब उत्तर भारत में सदियों पहले बने ऐसे अद्भुत निर्माणों का अवशेष है।
ये खंडहर उस समय के व्यापार, संस्कृति और सामाजिक जीवन के बारे में जानकारी देते हैं। एक कला के रूप में मंदिर की दीवारों पर मूर्तियों में एक पूरा काव्य अंकित किया गया था। ये शानदार मूर्तियां जो हमें हमारे प्राचीन भारतीय दर्शन के बारे में बताती हैं और सीखने के लिए एक खुली किताब हैं।
निर्देशक जोड़ी डॉ. दीपिका कोठारी और रामजी ओम की 60 मिनट की हिंदी डॉक्यूमेंट्री खजुराहो आनंद और मुक्ति, खजुराहो के 25 मंदिरों के खंडहरों का एक दस्तावेज है, जो हजारों वर्ष पुराने हैं। उन्होंने आज 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में पीआईबी द्वारा आयोजित आईएफएफआई टेबल वार्ता सत्रों में से एक सत्र को संबोधित किया।
फिल्म निर्माताओं को मंदिर में क्या मिला?
उनका उद्देश्य दर्शकों को यह दिखाना था कि खजुराहो के मंदिरों में क्या उपलब्ध है।
रामजी ओम ने कहा कि उन्हें वैदिक देवताओं की अभिव्यक्तियाँ मिलीं जो सभी 33 करोड़ हिंदू भगवान मंदिर की दीवारों पर खुदी हुई मूर्तियों में मौजूद हैं। उन्होंने कहा, “यह भारतीय कला का एक विश्वकोश है।”
इस वृत्तचित्र में खजुराहो मंदिर परिसर में वैकुंठ विष्णु मंदिर का पता लगाया गया है। रामजी ओम ने बताया कि कश्मीर और उसके आसपास के क्षेत्रों में वैकुण्ठ परम्परा अधिक प्रचलित थी। वैकुंठ सिद्धांत से संबंधित विभिन्न दार्शनिक विचारों को मंदिर की दीवारों पर अंकित पाया गया है।
फिल्म निर्माता रामजी ओम ने बताया कि मूर्तियां कृष्ण मिश्रा के संस्कृत नाटक ‘प्रबोधचंद्रदाय’ से प्रेरित हैं। इतना ही नहीं, बल्कि मंदिर की दीवारों पर सांख्य दर्शन प्रकट होता पाया गया है। उन्होंने कहा कि बंकिम चंद्र चटर्जी ने लिखा था कि ‘तांत्रिक झंडा नहीं, बल्कि सांख्य का ध्वज खजुराहो के मंदिरों के ऊपर ऊंचा फहराता है। खजुराहो का लक्ष्मण मंदिर, जिसे वैकुंठ विष्णु का निवास माना जाता है, फिल्म में अपने सर्वोच्च उत्कृष्ट कला रूपों में इन पहलुओं को उजागर करता है।
डॉ. दीपिका कोठारी ने कहा, “खजुराहो के मंदिर कामुक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं। लेकिन कामुक नक्काशी के पीछे दार्शनिक रहस्य छिपे हुए हैं। “उन्होंने कहा, “यह केवल 10 प्रतिशत है जो खुदा हुआ है और एक गहरा दर्शन बताता है।”
इस वृत्तचित्र में खजुराहो के लक्ष्मण मंदिर में योग और सांख्य के रहस्यों का अनावरण किया गया है। डॉ. देवांगना देसाई ने वृत्तचित्र के माध्यम से समझाया कि सभी कामुक और गैर-कामुक कल्पना वैदिक और पौराणिक हिंदू संस्कृति का एक अभिन्न अंग है।
इस फिल्म का निर्माण भारतीय सभ्यता की 24 कड़ी की श्रृंखला के अंतर्गत किया गया है जिसे हाल ही में जारी किया गया है। डॉ. कोठारी ने यह भी कहा कि वर्तमान पीढ़ी हमारे प्राचीन मंदिरों के बारे में बहुत अनपढ़ हो गई है। इसलिए, उन्होंने विशेष रूप से हमारे देश के समृद्ध प्राचीन दर्शन के बारे में युवा पीढ़ी को शिक्षित करने के लिए यह फिल्म बनाई है जो मंदिर के खंडहरों में दिखाई देती है।

चेन्नई: रेस्तरां के बाहर लगा था कथित अश्लील डिजिटल बोर्ड, दावा- किया जा रहा यहां देह व्यापार का प्रमोशन

obscene digital board put up outside the Little Mount Chennai restaurant claiming promoting prostitution report | चेन्नई: रेस्तरां के बाहर लगा था कथित अश्लील डिजिटल बोर्ड, दावा- किया जा रहा यहां देह व्यापार का प्रमोशन

Highlights तमिलनाडु के चेन्नई में कथित अश्लील डिजिटल बोर्ड लगने का एक मामला सामने आया है। दावा है कि इस अश्लील डिजिटल बोर्ड के जरिए देह व्यापार का प्रमोशन किया जा रहा है। ऐसे में इसके खिलाफ प्रदर्शन भी किया गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

चेन्नई: तमिलनाडु के चेन्नई का एक मामला सामने आया है जिसमें एक रेस्तरां के बोर्ड पर कथित रूप से अश्लील टेक्स्ट लिखे गए थे। इस बोर्ड का एक फोटो और वीडियो दोनों ही सामने आया है जिसमें डिजिटल साइनबोर्ड पर अश्लील भाषा में कुछ मैसेज लिखे गए थे।

जालपा देवी व्यापार सेवा समिति ने राहगीरों में किया मास्क का वितरण

जालपा देवी व्यापार सेवा समिति ने राहगीरों में किया मास्क का वितरण

वाराणसी। व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी कोरोना अपनी दूसरी पारी में विकराल रूप धारण करके पूरे देश के साथ बनारस में भी पाँव पसारना शुरू कर चुका है। ऐसे में समाजसेवी संस्थान और प्रशासनिक अमला आम जनता को जागरूक कर रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को जालपा देवी व्यापार सेवा समिति के सदस्यों ने राहगीरों के बीच में मास्क वितरित किया और उन्हें कोरोना से बचने के उपाय पर अमल करने की अपील की।

जालपा देवी व्यापार समिति के सदस्यों ने कबीरचौरा स्थित जालपा रोड पर राहगीरों के बीच मास्क बांटा और उन्हें वैक्सीनेशन के प्रति भी जागरूक किया और कहा कि दो गज दूरी-मास्क है ज़रूरी के साथ ही साथ व्यापार सत्रों के बारे में जानकारी भारत सरकार की योजना और मंशा के अनुरूप सभी को कोरोना की वैक्सीन लगवाना चाहिये।

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