Sambhal News: मेंथा व्यापारी की फैक्ट्री व आवास पर आयकर की छापेमारी से खलबली, दूसरे दिन भी जारी रही कार्रवाई
संवाद सहयोगी, संभल। बुधवार को आयकर विभाग के अधिकारियों ने नगर में स्थित मेंथा व्यापारी की फैक्ट्री व आवास पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई गुरुवार को भी जारी रही। इस दौरान नगर के मेंथा व अन्य व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों में खलबली सी मची रही। इतना ही नहीं कार्रवाई की दूसरे दिन कारोबारी के कई कर्मचारियों से भी जानकारी की गई।
मेंथा व्यापारी के यहां कार्रवाई देखकर मची खलबली
बुधवार की दोपहर नगर के मुहल्ला सहानी वाला फाटक निवासी मेंथा कारोबारी प्रवीण रस्तोगी के यहां आयकर विभाग टीम के अधिकारी कई कारों में सवार होकर पहुंचे। जहां उनके साथ अर्धसैनिक बल के जवान भी मौजूद थे। आयकर अधिकारियों ने मेंथा कारोबारी के आवास के साथ साथ हसनपुर मार्ग स्थित उनकी मेंथा फैक्ट्री में भी जांच पड़ताल की। अचानक इतनी बड़ी कार्रवाई होता देखकर आसपास के लोगों में भी खलबली मच गई। कुछ ही देर में जानकारी नगर के अन्य मेंथा कारोबारियों व अन्य व्यवसाय से जुड़े कारोबारियों में भी फैल गई। वहीं अधिकारी मेंथा कारोबारी के आवास के अंदर दस्तावेजों की पड़ताल कर रहे थे तो वहीं अर्धसैनिक बल के जवान घर के बाहर मुस्तेदी से तैनात रहे।
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आयकर विभाग के कर्मचारी खंगालते रहे दस्तावेज
गुरुवार को इस कार्रवाई के दूसरे दिन मेंथा कारोबारी के यहां काम करने वाले कई कर्मचारियों से भी आयकर अधिकारियों ने पूछताछ की। मुहल्ले के लोगों ने बताया कि आयकर अधिकारी कर्मचारियों को साथ लेकर मामले की जांच पड़ताल कर डे ट्रेडर क्या है रहे हैं। कई बार कर्मचारियों के साथ अधिकारी दस्तावेज लाते हुए भी देखे गए।
जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्या डे ट्रेडर क्या है हैं इसके फायदे
Swing Trading: बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मदद करना होता है.
- nupur praveen
- Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST
म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग डे ट्रेडर क्या है आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्कीलेशन या स्विंग्स के जरिए निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.
यहां पर स्विंग ट्रेडिंग के जरिये एक ट्रेडर का लक्ष्य छोटे-छोटे प्रॉफिट के साथ लॉन्गर टाइम फ्रेम में एक बड़ा प्रॉफिट बनाने का होता है. जहां लॉन्ग टर्म निवेशकों को मामूली 25% लाभ कमाने के लिए पांच महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है. वहीं स्विंग ट्रेडर हर हफ्ते 5% या इससे ज्यादा का भी प्रॉफिट बना सकते हैं बहुत ही आसानी से लॉन्ग टर्म निवेशकों को मात दे सकता है.
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर
शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की डे ट्रेडर क्या है सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.
स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्वाइंट कहा जाता है. जबकि जिस प्वाइंट पर ट्रेडर अपनी ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 20% तक सीमित कर डे ट्रेडर क्या है देता है.
कितने टाइप के होते है स्विंग ट्रेडिंग पैटर्न
स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे
– हेड एंड शोल्डर पैटर्न
– फ्लैग पैटर्न
– कप एंड हैंडल पैटर्न
– ट्रेंगल पैटर्न
– मूविंग एवरेज का क्रॉसओवर पैटर्न
भारत में सबसे लोकप्रिय स्विंग ट्रेडिंग ब्रोकरों में एंजेल ब्रोकिंग, मोतीलाल ओसवाल, आईआईएफएल, ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स और शेयरखान शामिल है.
मोदी ने ऋषि सुनक से बातचीत की: नए ब्रिटिश PM को दी बधाई, भारत-UK फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हुई चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से फोन पर बातचीत की है। मोदी ने उन्हें PM बनने पर बधाई दी। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की उम्मीद जताई है। पीएम मोदी ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
पीएम मोदी ने कहा कि एक व्यापक और संतुलित मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए वह और सुनक सहमत हैं। हम अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
इधर, ऋषि सुनक डे ट्रेडर क्या है ने पीएम मोदी से मिली बधाई पर उन्हें धन्यवाद कहा। सुनक ने सोशल मीडिया पर लिखा- आपकी शुभकामनाओं के लिए शुक्रिया। UK और भारत में बहुत कुछ है। मैं इस बात को लेकर उत्साहित हूं कि हमारे दो महान लोकतंत्र आने वाले वर्षों में अपनी सुरक्षा, रक्षा और आर्थिक साझेदारी को और मजबूत करेंगे।
ब्रिटेन के विदेश सचिव जेम्स क्लेवर्ली भी शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से बातचीत करने भारत आ रहे हैं। ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों राजनयिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे।
बोरिस जॉनसन ने रखी थी नींव
भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की नींव पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी भारत यात्रा के दौरान रखी थी। उनके बाद लिज ट्रस ने भी इस प्रस्तावित ट्रेड डील का समर्थन करते हुए इसे आगे बढ़ाने पर जोर दिया था।
भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की नींव पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अपनी भारत यात्रा के दौरान रखी थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिवाली पर ही इस पर समझौता भी होना था, लेकिन ब्रिटेन में जारी राजनीतिक उठापटक के कारण नहीं हो पाया। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुनक के बीच हुई बातचीत के बाद इस डील के जल्द से जल्द फाइनल होने की संभावना है।
FTA का मसौदा अंतिम चरण में
भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर जनवरी से ही बातचीत चल रही है। मई 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संभावित मुक्त व्यापार के पहले चरण के रूप में बढ़ी हुई व्यापार साझेदारी का ऐलान किया था।
तब से बातचीत के पांच दौर पूरे हो चुके हैं। अगस्त में पांचवें दौर में, दोनों पक्षों के टेक्निकल एक्सपर्ट्स ने 85 अलग-अलग सेशन में 15 नीति क्षेत्रों को कवर करते हुए एक मसौदा तैयार किया था, जिस पर अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है।
क्या है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट?
भारत और ब्रिटेन के बीच दोतरफा व्यापार 4 लाख करोड़ रुपए का है। फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के बाद टैक्स में बड़ी राहत मिलेगी। ब्रिटेन ने 2004 में भारत के साथ एक रणनीतिक साझेदारी शुरू डे ट्रेडर क्या है की थी। वह आतंकवाद, परमाणु गतिविधियों और नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम में भारत के साथ है।
भारतीयों के खिलाफ बोलने वाली सुएला दोबारा होम मिनिस्टर बनीं
ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की कैबिनेट में लिज सरकार में इंटीरियर मिनिस्टर रहीं भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन की वापसी हुई। उन्हें दोबारा होम मिनिस्टर नियुक्त किया गया है। वह भारतीय मूल की हैं। उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि अगर भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होता है तो इससे ब्रिटेन में प्रवासी बढ़ जाएंगे। पढ़ें पूरी खबर.
राज्य सरकार बनायेगी वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, CM हेमंत सोरेन ने दी मंजूरी
राज्य सरकार ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बनाने का जिम्मा उठाया है. इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है. 29 जुलाई को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की आधारशिला रखी थी.
Jharkhand News: भारत सरकार द्वारा राजधानी रांची में बन रहे वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का प्रोजेक्ट रद्द करने के बाद अब राज्य सरकार ने खुद ही इसे पूरा करने का जिम्मा उठाया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है. कोर कैपिटल एरिया में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसी साल 29 जुलाई को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की आधारशिला रखी थी. लेकिन, शिलान्यास के एक महीने बाद ही भारत सरकार ने प्रोजेक्ट शुरू होने में विलंब की बात करते हुए इसे रद्द कर दिया डे ट्रेडर क्या है डे ट्रेडर क्या है था.
3.45 एकड़ में 44.6 करोड़ की लागत से होना है निर्माण
रांची के धुर्वा क्षेत्र स्थित 3.45 एकड़ में प्रस्तावित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के बनाने पर करीब 44 करोड़ 60 लाख रुपये खर्च होना है. वहां जी प्लस फाइव भवन का निर्माण किया जाना है. वर्ष 2019 में भारत सरकार ने अनुदान की पहली किस्त 9.80 करोड़ रुपये झारखंड को आवंटित किया था. लेकिन, उसके बाद कोविड संक्रमण की आशंका के कारण दो वर्ष लॉकडाउन की स्थिति रही. इसके अलावा अन्य कारणों से भी राशि होने के बावजूद वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी. संक्रमण की आशंका कम होने के बाद राज्य सरकार ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर तैयार करने की दिशा में तेजी से काम शुरू किया. हालांकि, केंद्र ने इसे नजरअंदाज करते हुए पूर्व में दिया गया अनुदान वापस मांग लिया.
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लोकल उत्पादों को मिलेगा विदेशी बाजार
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के निर्माण का उद्देश्य देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हुए निर्यात को बढ़ावा देना है. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के निर्माण का उद्देश्य हर तरह की सुविधा को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराना है. इसके जरिये लोकल उत्पादों को विदेशी बाजार उपलब्ध कराने का रोडमैप तैयार किया गया है.
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