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Indian Railway : ट्रेन के डिब्बे के पीछे क्यों लिखा होता है X या LV , कारण जान कर चकरा जायेगा सर

आखिर क्यों लिखा होता है X और LV ?

HR Breaking News, New Delhi : हम सभी लोगों ने कभी न कभी ट्रेन में जरूर सफर किया होगा. इसके बावजूद ट्रेनों में ऐसी बहुत सारी चीजें होती हैं, जिनके बारे में हमें जानकारी नहीं होती. मसलन आपने सभी पैसेंजर ट्रेनों के पिछले डिब्बे पर अक्सर बड़े साइज में X या LV का निशान लगा देखा होगा. क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इन दोनों अक्षरों का क्या मतलब होता है. आइए आज इस रहस्य से आपको परिचित करवाते हैं.

जानें X और LV लिखे होने का मतलब
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक किसी ट्रेन के अंत में अगर बड़े अक्षरों में LV लिखा (Meaning of X and LV written Behind the Train) हो तो उसका मतलब होता है लास्ट व्हीकल या अंतिम डिब्बा. वहीं X का मतलब होता है कि वह डिब्बा ट्रेन का निवेश या Investment क्यों किया जाता है आखिरी कोच है. ये अक्षर ट्रेन की सेफ्टी के लिए उसके आखिरी डिब्बे पर सफेद-पीले रंग से लिखे जाते हैं. जिन्हें देखकर स्टेशन मास्टर समझ जाता है कि पूरी ट्रेन गुजर गई है.

ये निशान न दिखने पर हो जाता है अलर्ट

अगर स्टेशन मास्टर को किसी ट्रेन के पीछे ये निशान नहीं दिखते तो इसका मतलब होता है कि अभी पूरी ट्रेन नहीं आई है और उसके एक या अधिक कोच कहीं पीछे छूट गए हैं. लिहाजा तुरंत वायरलेस पर मैसेज जारी कर उन खोए हुए डिब्बों को ढूंढने की कोशिश की जाती है. साथ ही आगे जा चुकी ट्रेन को भी रुकवाया जाता है. ट्रेन के पिछले हिस्सों में बने इन निशानों के जरिए सभी ट्रेनों की सेफ्टी सुनिश्चित की जाती है.

ब्लिंक करती रहती है लाइट
इन ट्रेनों (Indian Railway Interesting Facts) के पिछले हिस्से निवेश या Investment क्यों किया जाता है पर ब्लिंक करने वाली लाल रंग की बत्ती भी लगी होती है. रात के अंधेरे या कोहरे में यह जलती-बुझती ब्लिंकिंग लाइट इस निवेश या Investment क्यों किया जाता है बात की ओर इशारा करती है कि उसके आगे भी कोई दूसरी ट्रेन जा रही है. ऐसे में पिछली ट्रेन का ड्राइवर वक्त रहते अपनी ट्रेन की स्पीड कम कर सकता है या पीछे ही रोक कर खड़ा कर सकता है. इसके साथ ही यह ब्लिंक लाइट ट्रैक पर काम कर रहे कर्मियों को इस बात का इशारा करती है कि उस ट्रैक से ट्रेन अब गुजर चुकी है और वे अपना काम चालू कर सकते हैं.

पंजाब में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश पक्का हुआ, रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे : सीएम मान

पंजाब में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश पक्का हुआ, रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे : सीएम मान

चंडीगढ़ | पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को कहा कि ईज-ऑफ-डूइंग बिजनेस नीतियों के कारण पिछले 9 महीनों में 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश पक्का हुआ है, जिससे हजारों युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। सीएम भगवंत मान ने मार्कफैड में नए भर्ती हुए उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र देने और नए उत्पादों के लॉन्च करने के अवसर पर कहा कि टाटा स्टील, वर्बियो, फ्राइडेनबर्ग और सनाथन टेक्सटाइल्स जैसे बड़े उद्योग घरानों ने हमारी औद्योगिक नीतियों में भरोसा जताते हुए निवेश करने के लिए समझौते किए हैं, जो हमारे युवाओं को रोजगार प्रदान करेंगे।

हाल ही में हैदराबाद में उद्योगपतियों के साथ हुई बैठकों का जिक्र करते हुए सीएम मान ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग और कृषि से जुड़े उद्यमियों ने पंजाब में निवेश करने में दिलचस्पी दिखाई है, जिससे राज्य का औद्योगिक क्षेत्र और मजबूत होगा। जहां चाह है, वहां राह है क्योंकि अब उद्योगपतियों को राज्य में निवेश करने के लिए भ्रष्ट और जटिल प्रक्रिया का सामना नहीं करना पड़ेगा।

मान ने कहा कि उद्योगपति पंजाब आ रहे हैं। हमने भ्रष्टाचार को समाप्त कर दिया है, उद्योग को बिजली सप्लाई और एक अनुकूल वातावरण प्रदान किया है और अब हमारे प्रयास रंग ला रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में उद्योग लगाने के लिए उद्योगपतियों को राजनीतिक परिवारों से समझौता करना पड़ता था। पहले परिवारों से समझौते होते थे लेकिन अब उद्योगपति राज्य के साथ एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर कर रहे हैं।

सीएम ने कल्पना की कि सरकार के कोशिशों से पंजाब जल्द ही देश के औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरेगा। सीएम ने विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि उनके नेता जान-बूझकर संसद या सार्वजनिक कार्यक्रमों में उनकी बदनामी कर रहे हैं क्योंकि उनकी सरकार ने पिछली सरकार के राज्य के लूटने के मंसूबों का पदार्फाश किया है।

मान ने कहा कि उनका विरोध किया जा रहा है क्योंकि वह अपने पूर्ववर्तियों की तरह नहीं हैं जिन्होंने राज्य की संपत्ति को लूटा है। उन्होंने कहा कि अपने पूरे जीवन में उन्होंने पंजाब और इसके लोगों की भलाई के लिए काम किया है।(आईएएनएस)

CM योगी ने की कोविड-19 संक्रमण के दृष्टिगत टीम-9 के अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक

Priyanka Sahu

मुख्यमंत्री जी ने निर्देशित किया कि, "कोरोना के नए वैरिएंट पर नजर रखी जाए, हर पॉजिटिव केस की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए और फेस मास्क के लिए आमजन को जागरूक किया जाए। विभिन्न देशों में विगत एक सप्ताह से कोविड के नए केस में बढ़ोतरी देखी जा रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश में स्थिति सामान्य है।दिसम्बर माह में निवेश या Investment क्यों किया जाता है प्रदेश की कोविड पॉजिटिविटी दर 0.01% रही है। विगत 24 घंटों में 27,208 टेस्ट किए गए, जिसमें एक भी नए मरीज की पुष्टि नहीं हुई। वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 62 है। इसी अवधि में 33 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में कोविड से बचाव के लिए ट्रेस, टेस्ट, ट्रीटमेंट और टीका की रणनीति सफल सिद्ध हुई है। आशंका है कि आने वाले कुछ दिनों में नए केस में बढ़ोतरी हो सकती है, ऐसे में हमें अलर्ट रहना होगा। यह समय घबराने का नहीं, सतर्क और सावधान रहने का है। कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना होगा। अस्पतालों, बस, रेलवे स्टेशन, बाजारों जैसे भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क लगाए जाने के लिए जागरूक करें।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

CM योगी ने बताया कि, "कोविड की बदलती परिस्थितियों पर सूक्ष्मता से नजर रखी जाए। चिकित्सा शिक्षा, स्वास्थ्य विभाग बेहतर समन्वय के साथ तैयारी करें। राज्य स्तरीय स्वास्थ्य सलाहकार निवेश या Investment क्यों किया जाता है समिति के परामर्श के अनुसार आगे की नीति तय की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार से सतत संवाद बनाए रखें।"

दैनिक टेस्टिंग को बढ़ाया जाए। गंभीर, असाध्य रोग से ग्रस्त लोगों, बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी होगी।

कोविड प्रबंधन में इंटिग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) की उपयोगिता का हम सभी ने अनुभव किया है। गृह, स्वास्थ्य और नगर विकास विभाग परस्पर समन्वय के साथ ICCC को फिर से एक्टिव करने की तैयारी करें।

प्रधानमंत्री जी के मंत्र "जहां बीमार-वहीं उपचार" के अनुरूप ग्राम प्रधानों, ANM, आशा बहनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का सहयोग लिया जाए। कोविड के खिलाफ अब तक की लड़ाई में इन लोगों ने बड़ी भूमिका निभाई है। इस वर्ग को पुनः एक्टिव करें, ताकि यह अपने क्षेत्रों में बीमार, कोविड लक्षण युक्त लोगों पर नजर रखें, जरूरत के अनुसार तत्काल अस्पताल/डॉक्टर की सेवाएं उपलब्ध कराएं।

कोविड के बीच अस्पतालों निवेश या Investment क्यों किया जाता है के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया गया था। हर जिले में ICU, वेंटिलेटर, विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती की गई थी। सभी अस्पतालों में चिकित्सकीय उपकरणों की क्रियाशीलता, डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित कराएं।

ग्रामीण हो या शहरी क्षेत्र, हर अस्पताल में पर्याप्त संसाधन होने चाहिए। चिकित्सा संस्थानों की अद्यतन आवश्यकताओं का परीक्षण करते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों के नए पद सृजित किए जाएं। पुराने पदों में कोई कटौती न की जाए।

अच्छी गुणवत्ता के साथ दवाएं कम कीमत पर उपलब्ध हों, यह UP सरकार की प्राथमिकता है। सुनिश्चित करें कि प्रदेश में जीवनरक्षक दवाओं की कमी न हो। मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन की कार्यपद्धति में सुधार की जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्री स्तर से कार्यों की समीक्षा की जाए।

'एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज' लक्ष्य के सापेक्ष विगत दिनों 06 जनपदों में PPP मोड पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे। इसके लिए 42 कंपनियों/संस्थाओं ने अपनी रुचि दिखाई है। योग्य और समर्थ का चयन कर यथाशीघ्र मेडिकल कॉलेज निर्माण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए।

कोविड संक्रमण से बचाव में टीके की उपयोगिता स्वयंसिद्ध है। 39.06 करोड़ वैक्सीनेशन डोज के साथ उत्तर प्रदेश सर्वाधिक टीका लगाने वाला राज्य है। प्रदेश में 4.48 करोड़ प्रीकॉशन डोज भी लगाए जा चुके हैं। कोविड के नए वैरिएंट के दृष्टिगत प्रीकॉशन डोज लगाए जाने में तेजी की अपेक्षा है। लोगों को प्रीकॉशन डोज की जरूरत और उपयोगिता के बारे में जागरूक किया जाए।

प्रयागराज माघ मेले के व्यवस्थित आयोजन के लिए अंतर विभागीय समन्वय के साथ कार्य हो। कल्पवासियों, श्रद्धालुओं, साधु-संतों, को पूर्व में मिलने वाली सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।

प्रदेश में पहली बार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर हुई बाजरा की खरीद की प्रगति उत्साहजनक है। अब तक 45,000 मीट्रिक टन खरीद हो चुकी है। किसानों को खाद की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। किसी भी जिले में खाद की कमी न हो।

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Indian Railway : ट्रेन के डिब्बे के पीछे क्यों लिखा होता है X या LV , कारण जान कर चकरा जायेगा सर

आखिर क्यों लिखा होता है X और LV ?

HR Breaking News, New Delhi : हम सभी लोगों ने कभी न कभी ट्रेन में जरूर सफर किया होगा. इसके बावजूद ट्रेनों में ऐसी बहुत सारी चीजें होती निवेश या Investment क्यों किया जाता है हैं, जिनके बारे में हमें जानकारी नहीं होती. मसलन आपने सभी पैसेंजर ट्रेनों के पिछले डिब्बे पर अक्सर बड़े साइज में X या LV का निशान लगा देखा होगा. क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर इन दोनों अक्षरों का क्या मतलब होता है. आइए आज इस रहस्य से आपको परिचित करवाते हैं.

जानें X और LV लिखे होने का मतलब
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक किसी ट्रेन के अंत में अगर बड़े अक्षरों में LV लिखा (Meaning of X and LV written Behind the Train) हो तो उसका मतलब होता है लास्ट व्हीकल या अंतिम डिब्बा. वहीं X का मतलब होता है कि वह डिब्बा ट्रेन का आखिरी कोच है. ये अक्षर ट्रेन की सेफ्टी के लिए उसके आखिरी डिब्बे पर सफेद-पीले रंग से लिखे जाते हैं. जिन्हें देखकर स्टेशन मास्टर समझ जाता है कि पूरी ट्रेन गुजर गई है.

ये निशान न दिखने पर हो जाता है अलर्ट

अगर स्टेशन मास्टर को किसी ट्रेन के पीछे ये निशान नहीं दिखते तो इसका मतलब होता है कि अभी पूरी ट्रेन नहीं आई है और उसके एक या अधिक कोच कहीं पीछे छूट गए हैं. लिहाजा तुरंत वायरलेस पर मैसेज जारी कर उन खोए हुए डिब्बों को ढूंढने की कोशिश की जाती है. साथ ही आगे जा चुकी ट्रेन निवेश या Investment क्यों किया जाता है को भी रुकवाया जाता है. ट्रेन के पिछले हिस्सों में बने इन निशानों के जरिए सभी ट्रेनों की सेफ्टी सुनिश्चित की जाती है.

ब्लिंक करती रहती है लाइट
इन ट्रेनों (Indian Railway Interesting Facts) के पिछले हिस्से पर ब्लिंक करने वाली लाल रंग की बत्ती भी लगी होती है. रात के अंधेरे या कोहरे में यह जलती-बुझती ब्लिंकिंग लाइट इस बात की ओर इशारा करती है कि उसके आगे भी कोई दूसरी ट्रेन जा रही है. ऐसे में पिछली ट्रेन का ड्राइवर वक्त रहते अपनी ट्रेन की स्पीड कम कर सकता है या पीछे ही रोक कर खड़ा कर सकता है. इसके साथ ही यह ब्लिंक लाइट ट्रैक पर काम कर रहे कर्मियों को इस बात निवेश या Investment क्यों किया जाता है का इशारा करती है कि उस ट्रैक से ट्रेन अब गुजर चुकी है और वे अपना काम चालू कर सकते हैं.

इस कंपनी निवेश या Investment क्यों किया जाता है की सलाह पर बाजार में लगा रहे थे पैसे तो हो जाएं सावधान! SEBI ने 6 महीने का लगाया बैन, जानिए पूरा मामला

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Zee Business हिंदी 1 दिन पहले ज़ीबिज़ वेब टीम

SEBI Latest News: मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने ग्लोबल मनी प्लांट फाइनेंशियल सर्विसेज (GMPFS) और इसके पार्टनर्स पर 6 महीने का बैन लगा दिया है. अगर आपने कभी इस कंपनी या इसके पार्टनर कंपनी की सलाह पर मार्केट में पैसा लगाया है तो ये खबर आपको जरूर पढ़ लेनी चाहिए. कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने इस कंपनी पर 6 महीने के लिए बैन लगा दिया है. ये कंपनी अब अगले 6 महीने तक शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी नहीं देगी. सेबी ने अपने आदेश में कहा कि अधिकार ना होने के चलते ये कंपनी अगले 6 महीने तक निवेशकों को पैसा लगाने की सलाह देगी. बता दें कि GMPFS एक पार्टनरशिप फर्म है और इसके पार्टनर सावन यादव, जूली वर्मा और सौरभ यादव हैं. सेबी ने इस सभी लोगों पर भी 6 महीने का बैन लगा दिया है.

जुलाई 2021 में जारी किया था कारण बताओ नोटिस

बता दें कि सेबी यानी कि सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने इस कंपनी और इस कंपनी के पार्टनर्स को जुलाई 2021 में कारण बताओ नोटिस भेजा था. अपने अंतिम निवेश या Investment क्यों किया जाता है आदेश में सेबी ने पाया कि GMPFS और इसके पार्टनर्स के पास आवश्यक सर्टिफिकेट नहीं थे और वो बिना किसी सर्टिफिकेट के निवेशकों को इन्वेस्टमेंट की सलाह दे रहे थे.

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निवेश की सलाह देने के लिए SEBI का सर्टिफिकेट जरूरी

सेबी ने अपने आदेश में बताया कि इस कंपनी और इसके पार्टनर्स के पास सेबी की ओर से जारी इन्वेस्टमेंट एडवाइजर (Investment Adviser) का जरूरी सर्टिफिकेट नहीं था, जो कि IA (investment adviser) नियमों का उल्लंघन है.

2015-18 के बीच कमाए 36.30 लाख रुपए

सेबी ने जांच में निवेश या Investment क्यों किया जाता है पाया कि GMPFS और इसके पार्टनर्स ने अगस्त 2015 से 2018 के बीच में 36.30 लाख रुपए कमाए. सेबी (SEBI) ने अपने आदेश में बताया कि 3 महीने के भीतर ही कंपनी और उसके पार्टनर्स को एक साथ या अलग-अलग करके ये अमाउंट वापस लौटानी है.

सेबी ने अपने ऑर्डर में कहा कि कंपनी ने जिन भी क्लाइंट से पैसा कमाया है, उन्हें 3 महीने के भीतर ये वापस करना है. इसके अलावा रेगुलेटर सेबी ने सिक्योरिटीज मार्केट में अगले 6 महीने के लिए कोई भी ट्रांजैक्शन ना करने का आदेश दिया है. इसके अलावा ये लोग सेबी से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट लिए बिना प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर सिक्योरिटी मार्केट में इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी नहीं देंगे.

4 एंटीटी पर लगाया 12 लाख का जुर्माना

इसके अलावा सेबी ने दूसरे आदेश में 4 एंटीटी पर 12 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. इन्होंने Edynamics Solutions Ltd के मामले में फ्लोटिंग मार्केट नियमों का उल्लंघन किया. एक जांच के बाद सेबी ने ये आदेश जारी किया.

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