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कॉपीराइट: ब्रिटिश टीवी शो ‘मैन वर्सेस वाइल्ड‘ के प्रजेंटर को दिल्ली HC का समन

मुंबई। लोकप्रिय ब्रिटिश टीवी शो ‘मैन वर्सेस वाइल्ड’ (Popular British TV show ‘Man Vs Wild’) के प्रजेंटर बेयर ग्रिल्स (Presenter Bear Grylls) को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को समन जारी किया। भारतीय स्क्रिप्टराइटर (Indian scriptwriter) ने कॉपीराइट एक्ट के उल्लंघन (Copyright violation) को लेकर याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि शो ‘गेट आउट अलाइव विद बेयर ग्रिल्स’ कॉपीराइट का उल्लंघन करता है। बेयर ग्रिल्स के साथ इसमें दूसरे ब्रॉडकास्ट प्लेटफॉर्म्स पर भी आरोप लगाए गए हैं। कोर्ट में यह याचिका स्क्रिप्टराइटर अरमान शंकर शर्मा ने दायर की जिनका दावा है कि मूल स्क्रिप्ट ‘आखिरी दम तक- टिल द लास्ट ब्रेथ’ के नाम से है।

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कोर्ट ने क्या कहा
मामले की सुनवाई जस्टिस अमित बंसल ने की। कोर्ट में बताया गया कि कार्यक्रम का प्रसारण पिछले 10 सालों से हो रहा था। जिस पर कोर्ट ने शर्मा के वकील संजीव आनंद से पूछा, ‘आप 10 साल बाद जाग गए?’ उन्होंने जवाब दिया कि इस साल की शुरुआत तक भारत में शो का प्रसारण नहीं गिया गया था और कम से कम भारत में इसके प्रसारण की अनुमति आगे नहीं मिलनी चाहिए। मध्यस्थता व्यापारी इस पर बेयर ग्रेल्स की वकील ने सुझाव मध्यस्थता व्यापारी दिया कि दोनों पार्टियों के बीच मध्यस्थता पर विचार किया जा सकता है।

22 फरवरी को अगली मध्यस्थता व्यापारी सुनवाई
सुनवाई के बाद कोर्ट ने बेयर ग्रिल्स सहित एनबीसी यूनिवर्सल इंक के उपाध्यक्ष टॉम शेली, वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी, नेट जियो इंडिया, हॉटस्टार और वॉल्ट डिजनी को समन जारी किया। मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी 2023 को होगी।

1500 करोड़ के GST मामले को लेकर कोर्ट जा सकती है Tata ग्रुप, ये है पूरा गड़बड़झाला

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Tata Group GST Case : टाटा ग्रुप ने एनटीटी डोकोमो के साथ विवाद के 2017 के निपटारे से संबंधित 1,500 करोड़ रुपए के माल और सेवा कर (GST) के मामले को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, GST इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) द्वारा किया गया GST दावा, जापानी दूरसंचार कंपनी को भुगतान में 1.27 बिलियन डॉलर से जुड़े विवाद निपटान से संबंधित है. टाटा ग्रुप (मध्यस्थता व्यापारी Tata Group) के लिए होल्डिंग इकाई टाटा संस ने किए गए भुगतानों पर जीएसटी देनदारियों के दावे को चुनौती दी है, पहले इस मामले में सरकार के हस्तक्षेप की मांग की गई थी.

टाटा की स्थिति

अधिकारियों का कहना है कि टाटा संस डीजीजीआई के दावे को चुनौती देने के लिए प्रतिबद्ध है और मामले को संभालने के लिए अपने कानूनी विशेषज्ञों को लगा रही है. कुछ कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि चूंकि समूह की कंपनी द्वारा प्रदान की गई सेवाओं मध्यस्थता व्यापारी से संबंधित बकाया है, इसलिए डीजीजीआई इसे बहुत ही तकनीकी तरीके से देख रहा है. सीबीआईसी के तहत डीजीजीआई कार्य करता है और जीएसटी की चोरी से संबंधित खुफिया जानकारी के संग्रह, तुलना और प्रसार के लिए इसे सौंपा गया है. यह पहले केंद्रीय उत्पाद शुल्क खुफिया महानिदेशालय (DGCEI) हुआ करता था.

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि टाटा संस होल्डिंग कंपनी है, इसलिए उसे टाटा टेलीसर्विसेज की तरफ से 18 फीसदी जीएसटी देना होगा. इस मामले को डीजीजीआई द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा है, और विभाग का विचार है कि इस मार्ग को अन्य कंपनियों द्वारा प्रदान की गई सेवाओं पर लगाए गए जीएसटी का भुगतान करने से बचने के लिए लिया जा सकता है और इसलिए, एक मिसाल कायम करना जरूरी है. एनटीटी डोकोमो ने 2009 में एक अधिग्रहण किया था, टाटा समूह की कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज में 26.5% हिस्सेदारी थी.

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दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने जारी किया समन

कोर्ट में यह दलील दी गयी कि ये शो 10 सालों से ऑन एयर हो रहा था. कोर्ट ने अरमान शंकर के वकील संजीव आनंद से सवाल किया कि आप 10 साल बाद जाग गये? संजीव आनंद ने अपनी बात रखते हुए कहा कि इस शो का प्रसारण पहले भारत में नही हो रहा था. ऐसे में शो के आगे के ब्रॉडकास्ट पर रोक लगानी चाहिए. बेयर ग्रिल्स की तरफ से उनके वकील ने मध्यस्थता का भी सुझाव दिया. पूरी बाते सुनने के बाद कोर्ट ने बेयर ग्रिल्स सहित NBC यूनिवर्सल इंक के उपाध्यक्ष टॉम शेली, वॉर्नर ब्रदर्स, नेट जियो इंडिया, हॉटस्टार और वॉल्ट डिज्नी को समन जारी किया.

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