पहली बार शेयर बाजार में कर रहें है निवेश तो जान लें ये बातें; जानें क्या करें, क्या ना मेटा से पैसे निकालनाTradeआर करें

Stock Market में निवेश की शुरुआत करने वाले निवेशक कई बार बड़ी गलतियां कर बैठते हैं और अपनी पूंजी गंवा देते हैं। निवेशकों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो कभी किसी भी अनजाने व्यक्ति की सलाह पर शेयर में पैसा नहीं लगाएं

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। अपने भविष्य को संवारने के लिए जरूरी होता है कि आप सही समय पर निवेश की शुरुआत करें । वहीं किसी भी निवेश से पहले जरूरी होती है उसकी सोच समझ कर की गई प्लानिंग। हर निवेशक पैसा लगाने के बदले में कुछ उम्मीद या कोई लक्ष्य रख कर आगे बढ़ता है। अगर आप प्लानिंग के साथ निवेश की शुरुआत करते हैं तो यकीन मानिये कि आप अपने लक्ष्य को जरूर प्राप्त करेंगे। निवेश करने से पहले आपको इस बात की योजना बनानी होगी कि आपके पास फंड कहां से आएगा और आपको कितना निवेश करना है। वहीं आपको ये भी समझना होगा कि आप इस रकम के साथ कितना जोखिम उठाने के लिए तैयार हैं। इसी आधार पर निवेश की नींव तैयार की जा सकती है। बढ़ती महंगाई ने निवेशकों की जेब पर डाका डाला है, लोगों की सेविंग्स खत्म हो रही है, ऐसे में महंगाई को मात देने के लिए निवेशकों के लिए अब जरूरी हो गया है कि वो अपना रिटर्न बढ़ाने पर ध्यान दें। ऐसे में शेयर बाजार में सोच समझ कर किया गया निवेश निवेशकों के लिए काफी मददगार हो सकता है।

Stock Market Investment: what is stop loss order

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महंगाई का मुकाबला करने के लिए शेयर बाजार की अहमियत पहले से ज्यादा बढ़ गई है। मेटा से पैसे निकालनाTradeआर ये सच है कि शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा होता है, लेकिन ये भी सच है कि नए निवेशक आसानी से स्टॉक मार्केट के बारे में सीख सकते हैं और इनवेस्ट कर पैसा कमा सकते हैं। स्टॉक मार्केट में इनवेस्टमेंट का कोई शॉर्टकट नहीं है। अगर आप कुछ नियमों का पालन करते हैं और बाजार को समझते हुए आगे बढ़ते हैं तो आप बेहतर रिटर्न पा सकते हैं। स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव होता रहती है, ऐसे में यह समझना जरूरी है कि स्टॉक्स में निवेश पर आपको फायदा और नुकसान दोनों ही हो सकता है। स्टॉक मार्केट में निवेश करते समय धैर्य रखना बेहद जरूरी है।

कैसे करें स्टॉक्स का चयन

शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के लिए बड़ी रकम की जरूरत नहीं होती है। आप थोड़ी-थोड़ी रकम से बाजार में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। नए investor को शुरुआत में ज्यादा रिटर्न पर फोकस करने से बचना चाहिए। इसलिए, उन्हें तेज उतार-चढ़ाव वाले stock पर फोकस करने के बजाए फंडामेंटली मजबूत शेयरों में पैसा लगाना चाहिए। कई बार ऐसा पढ़ने-सुनने को मिलता है कि इन्वेस्टर ज्यादा रिटर्न पाने के लालच में ऐसी कंपनियों के शेयर में निवेश कर देते हैं, जो फंडामेंटली मजबूत नहीं होती हैं और निवेशक इसमें फंस जाते हैं। इसलिए निवेश की शुरुआत लार्जकैप शेयरों से करना बेहतर होगा।

शुरुआत में नए निवेशक को penny stocks में पैसा लगाने से बचना चाहिए। कई निवेशकों को लगता है कि ऐसे शेयर में पैसा लगाकर मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है। लेकिन ये दांव अक्सर उलटा पड़ जाता है। जब आप शेयर बाजार अच्छी तरह समझने लगें तो आप थोड़ा जोखिम उठा सकते हैं। शेयर का चुनाव हमेशा कंपनी की ग्रोथ देखकर ही करना चाहिए। उसी कंपनी के शेयर में निवेश करें, जिसका कारोबार अच्छा हो और उसको चलाने वाला मैनेजमेंट बेहतर हो। तभी आप अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न पा सकेंगे।

क्या करें, क्या ना करें

सोशल मीडिया पर दिए गए टिप्स के आधार पर स्टॉक मार्केट में इनवेस्ट ना करें। एक निवेशक को बाय एंड होल्ड की रणनीति अपनानी चाहिए। स्टॉक मार्केट में गिरावट आने पर कभी भी घबराकर पूरा निवेश नहीं निकालें। आप उन कंपनियों के शेयर पर फोकस रहें जिसमें आपने पूरी रिसर्च और भरोसे के साथ इनवेस्ट किया है। अगर आपने सिर्फ मेटा से पैसे निकालनाTradeआर stock के प्रदर्शन को देखकर जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में कहीं इनवेस्ट किया है तो तुरंत अपने निवेश की समीक्षा करें। शेयर बाजार में गिरावट आने पर निवेश बंद नहीं करें। बाजार के जानकारों से सलाह लें और निवेश के विकल्प खुले रखें।

शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों के लिए जरूरी बातें

Stock Market में निवेश की शुरुआत करने वाले निवेशक कई बार बड़ी गलतियां कर बैठते हैं और अपनी पूंजी गंवा देते हैं। निवेशकों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो कभी किसी भी अनजाने व्यक्ति की सलाह पर शेयर में पैसा नहीं लगाएं। निवेश करने से पहले कंपनी के बारे में खुद रिसर्च करें या भरोसे वाले बाजार के जानकारों से मदद लें। 5paisa ऐसा ही एक एक्सपर्ट है जो आपको बाजार में आगे बढ़ने के लिए कारगर सलाहें देता है, जिससे बाजार में आप अपना पहला कदम मजबूती के साथ रख सकते हैं।

वहीं share चुनते समय रिटर्न को ही आधार बनाना सबसे आम गलतियों में से एक है। इसलिए निवेशक को कभी ऊंचे रिटर्न देखकर ही पैसा लगाने का फैसला नहीं करना चाहिए। यह ध्यान रखना चाहिए मेटा से पैसे निकालनाTradeआर कि शेयर की चाल हमेशा एक समान नहीं होती है, इसमें उतार-चढ़ाव बना रहता है।

किसी कंपनी पर आंख बंद कर भरोसा करने की गलती कभी नहीं करें। अगर आपने एक ऐसी कंपनी में निवेश किया है जिसका फंडामेंटल मजबूत था, लेकिन अब उसमें कुछ बदलाव हुआ है तो शेयर बेचकर निकलने में ही भलाई है। याद रखें, आपने पैसा कमाने के लिए शेयर में निवेश किया है, नुकसान उठाने के लिए नहीं।

जितनी अम्बानी की प्रॉपर्टी उससे ज्यादा तो इस कंपनी ने एक ही दिन में गंवा दिया, नुकसान रतन टाटा की TCS के वैल्यूएशन से भी ज्यादा

फेसबुक (Facebook) की ओनर मेटा को गुरुवार की ट्रेडिंग में जबरदस्त नुकसान हुआ है। एक दिन में मेटा (Meta Platforms Inc.) के स्टॉक में आयी गिरावट को स्टॉक मार्केट इतिहास में सबसे खराब क्रैश के रूप में.

फेसबुक (Facebook) की ओनर मेटा को गुरुवार की ट्रेडिंग में जबरदस्त नुकसान हुआ है। एक दिन में मेटा (Meta Platforms Inc.) के स्टॉक में आयी गिरावट को स्टॉक मार्केट इतिहास में सबसे खराब क्रैश के रूप में मान सकते हैं। ख़राब रिजल्ट के कारण फेसबुक की ओनर कंपनी के शेयर यूएस ट्रेडिंग में 24% क्रैश कर गए, इससे वैल्यूएशन में 200 बिलियन डॉलर से अधिक (करीब 15 लाख करोड़) से अधिक का नुकसान हुआ। मुकेश अम्बानी के रिलायंस का वैल्यूएशन 220 बिलियन डॉलर के आसपास है तो टाटा ग्रुप की टाटा कंसल्टेंसी (TCS) का वैल्यूएशन करीब 170 बिलियन डॉलर है।

किसी भी अमेरिकी कंपनी के लिए सबसे बड़ी गिरावट
मौजूदा स्तरों पर, बाजार मूल्य में यह गिरावट किसी भी अमेरिकी कंपनी के लिए सबसे बड़ी गिरावट है। लेकिन हालिया अस्थिरता को देखते मेटा से पैसे निकालनाTradeआर हुए इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि नुकसान जारी रहेगा, क्योंकि बाजार में अस्थिरता के कारण टेक शेयरों पर काफी बुरा असर पड़ा है। हाल के हफ्तों में बाजार में बेतहाशा उछाल आया है, ट्रेड के अंतिम घंटों के दौरान कभी-कभी गिरावट पर खरीद-फरोख्त करने वाले ट्रेडर्स के कारण बाजार में बहुत ही ज्यादा हलचल हो जाती है।

प्रतिद्वंद्वियों दे मेटा से पैसे निकालनाTradeआर रहे हैं कड़ी प्रतिस्पर्धा
विश्लेषकों ने अपने आंकलन में कहा है कि मेटा को टिकटोक जैसे प्रतिद्वंद्वियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है और रेवन्यू भी अपेक्षा से बहुत कम है। बाजार के एक्सपर्ट इस कारण फेसबुक की ओनर कंपनी को लेकर सतर्क हैं। ब्रोकरेज मोफेट नाथनसन के एक एनालिस्ट माइकल नाथनसन ने तो "फेसबुक: द बिगिनिंग ऑफ द एंड?" टाइटल से एक नोट लिखा है। उन्होंने लिखा है, "ये कटौती बहुत गहरी है रिजल्ट ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींच लिया लेकिन यह एक बेहद नकारात्मक खबर है।"

गिरावट एसएंडपी 500 की 470 कंपनियों की मार्केट वैल्यू से अधिक
फेसबुक के पतन का विशाल आकार यह दर्शाता है कि कैसे टेक्नोलॉजिकल कंपनियों ने अभूतपूर्व बाजार शक्ति के कारण अपने वैल्यूएशन में जबरदस्त तरीके से बढ़ोतरी की है और इसमें झटका लगना स्वाभाविक है। वैल्यूएशन में बढ़ोतरी तर्कसंगत न होने मेटा से पैसे निकालनाTradeआर के कारण टेक कंपनियों को मार्केट में तगड़ा झटका लग सकता है। गिरावट का आकर इतना बड़ा है कि इसको इस बात से समझ सकते हैं- मेटा की गिरावट एसएंडपी 500 की लगभग 470 कंपनियों की मार्केट वैल्यू से अधिक होगी।

323 मेटा से पैसे निकालनाTradeआर मेटा से पैसे निकालनाTradeआर डॉलर से गिरकर 245.72 डॉलर पर आये शेयर
ट्रुइस्ट सिक्योरिटीज के एक एनालिस्ट यूसुफ स्क्वाली ने लिखा है कि मेटा "खुद को एक तूफान के बीच में खड़ा पा रहा है।" गुरुवार के ट्रेड में ट्विटर इंक, स्नैप इंक और पिंटरेस्ट इंक सभी ने बाजार में कम कारोबार किया और नैस्डैक 100 इंडेक्स पर दबाव डाला। गुरुवार के कारोबार में मेटा 245.72 डॉलर के स्तर पर पहुंच गया, एक दिन पहले बुधवार को कंपनी के शेयर करीब 323 डॉलर पर बंद हुए थे। पिछले बंद के आधार पर मेटा का मार्केट कैप लगभग 900 अरब डॉलर था। कंपनी Google कि पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के साथ दूसरी टेक कंपनियों Amazon.com Inc. और Apple Inc. के साथ मूल फैंग समूह में से एक है।

जुलाई 2018 में भी क्रैश हुए थे शेयर
यह पहली बार नहीं है जब मेटा शेयरों में नाटकीय रूप से गिरावट आई है। जुलाई 2018 में उपयोगकर्ता की ग्रोथ में कमी आने के कारण स्टॉक में 19% की गिरावट आई थी, इससे बाजार पूंजीकरण में लगभग 120 बिलियन डॉलर की गिरावट आई थी। उस समय, इसने अमेरिकी कारोबार वाली कंपनी के लिए एक दिन में मूल्य के सबसे बड़े नुकसान का रिकॉर्ड बनाया। सुशेखना फाइनेंशियल ग्रुप के एक विश्लेषक श्याम पाटिल ने कहा, "हमें उम्मीद है कि कंपनी ने आउटलुक को किचन-सिंक कर दिया है।"

जेरोधा के ट्रेडिंग अकाउंट में रखी राशि से म्यूचुअल फंड में नहीं कर पाएंगे निवेश, जानिए क्या है इसकी वजह

किसी भी ट्रेडिंग अकाउंट में रखी राशि का इस्तेमाल अब म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए नहीं हो सकेगा.

किसी भी ट्रेडिंग अकाउंट में रखी मेटा से पैसे निकालनाTradeआर राशि का इस्तेमाल अब म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए नहीं हो सकेगा.

जेरोधा के ट्रेडिंग अकाउंट में रखे पैसों का इस्तेमाल अब निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए नहीं कर पाएंगे. सेबी ने इस . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 02, 2022, 08:49 IST

नई दिल्ली. बाजार नियामक सेबी ने 1 जुलाई से ट्रेडिंग अकाउंट में रखे पैसों से म्यूचुअल फंड में निवेश पर रोक लगा दी है. इसके बाद शुक्रवार जेरोधा के कॉइन ऐप पर यूर्जस ट्रेडिंग अकाउंट में रखे पैसों से म्यूचुअल फंड में निवेश करने में परेशानियों का सामना करना पड़ा. अब निवेशक का पैसा उसके बैंक से सीधे फंड कंपनी के पास पहुंचेगा.

अभी तक निवेशकों को पहले ब्रोकर या अन्य इंटरमीडियरीज के पास पैसा जमा करते थे. वे इस पैसे को अपने पास पूल करते थे और फिर फंड्स को भेजा जाता था. लेकिन सेबी ने अब इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है.

जेरोधा ने क्या कहा?
जेरोधा ने कहा है कि कॉइन ऐप पर ट्रांजेक्शन के लिए कंपनी बीएसई स्टार एमएफ का सहारा लेती है लेकिन इसमें कुछ खामी आने के कारण ट्रांजेक्शन प्रोसेस होने में परेशानी आ रही है. कंपनी ने कहा है कि वह इस मुद्दे को लेकर बीएसई से संपर्क में है और इसे जल्द सुलझा लिया जाएगा. जेरोधा ने यह भी बताया है कि जिन लोगों ने म्यूचुअल फंड की एसआईपी के लिए बीएसई द्वारा जारी लिंक से पेमेंट किया है उन्हें दोबारा पेमेंट करने की जरूरत नहीं है. बकौल जेरोधा, लेकिन यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वह आगे से कॉइन ऐप के जरिए ही मेटा से पैसे निकालनाTradeआर पेमेंट करें और बीएसई के भेजे लिंक को नजरअंदाज करें.

ट्रेडिंग अकाउंट के पैसों से म्यूचुअल फंड में निवेश नहीं
जेरोधा ने बताया है कि अब उसके अकाउंट में रखे पैसों का इस्तेमाल लोग म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए नहीं कर पाएंगे. यूजर्स को म्यूचुअल फंड एसआईपी का भुगतान करने के लिए जेरोधा के ट्रेडिंग अकाउंट से जुड़े बैंक खाते का इस्तेमाल करना होगा. फंड से पैसा निकालने की प्रक्रिया भी यही रहेगी और रकम सीधा बैंक अकाउंट में पहुंचेगी.

रियल टाइम इन्वेस्टमेंट का फायदा नहीं
अभी तक चले आ रहे सिस्टम में निवेशकों को यूनिट अलॉटमेंट का पता देर से चलता था. दरअसल, ब्रोकर पैसों को पूल कर फंड कंपनियों के पास भेजते थे तो कंपनियों के लिए वास्तविक खाताधारक की पहचान करना मुश्किल हो जाता था. फंड्स एक बार खाते की पहचान होने के बाद ही यूनिट अलॉट करते थे. इससे अलॉटमेंट में देरी होती थी और निवेशकों को रियल टाइम इन्वेस्टमेंट का लाभ नहीं मिल पाता था.

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