Technical analysis

Technical Analysis

Technical Analysis और स्टॉक मार्केट

SHARE MARKET से होने वाले लाभों को देख कर,हमारा इसकी तरफ आकर्षित होना बिलकुल उचित है,

क्योकि हर कोई अपने बचत के पैसो का निवेश कर के ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाना चाहता है,लेकिन इस बात को बिल्कुल भी IGNORE नहीं किया जा सकता कि SHARE MARKET जोखिम से भरा हुआ है,

शेयर बाजार कि सबसे बड़ी सच्चाई ये है कि – यहाँ हर कोई शेयर बाज़ार से लाभ कमाने के लिए ही ENTRY करता है, लेकिन सिर्फ 10% लोग ही शेयर बाजार से सही तरह से पैसे बना पाते है, और बाकी 90 % लोगो को LOSS होता है,

और यहाँ 90 % लोगो को LOSS होने का कारण है कि उन्हें ये पता नहीं होना कि –

  • शेयर्स कब ख़रीदे,
  • शेयर्स किस भाव में ख़रीदे
  • शेयर्स कितना ख़रीदे
  • शेयर्स कब बेचे
  • शेयर्स किस भाव में बेचे
  • शेयर्स कितना बेचे
  • और LOSS की स्थिति में अपने LOSS को कैसे नियंत्रित करे,

इन सभी बातो का पता लगाने के लिए हमें टेक्निकल एनालिसिस को सिखने और समझने की जरुरत होती है,

शेयर बाजार का RISK और RISK पे नियंत्रण

वैसे तो पूरे शेयर बाजार में दो ही काम होता है, शेयर खरीदना और शेयर बेचना,अब यही सबसे मजेदार पार्ट भी है, और इस बाजार कि दूसरी सच्चाई और सबसे निराली बात ये है कि, किसी को भी ठीक ठीक नहीं पता कि, कोई शेयर्स कब खरीदना चाहिए, और कब बेचना चाहिए, यही इसका जोखिम पार्ट भी है,

बाजार में जोखिम इसी बात का है कि, किसी को भी ठीक ठीक नहीं पता कि कोई शेयर्स कब ख़रीदे, कितने भाव में ख़रीदे, और कब बेचे तथा कितने भाव में बेचे,

सारा जोखिम इसी बात का है,

क्योकि यहाँ कोई भी हमेशा 100 % सही नहीं हो सकता, और कोई भी ऐसा एक तरीका नहीं है जो सिख के हम ये कह सके कि हम शेयर बाजार के बारे में सब सिख चुके है, और हम शेयर बाजार में हमेशा फायदे में ही रहेंगे.

शेयर बाजार के जोखिम को नियंत्रित करने के उपाय –

हमने देखा कि शेयर बाजार में दो कम होते है – शेयर्स खरीदना और शेयर्स बेचना,

इन्ही दोनों से जुडी कुछ मुख्य बाते है, जैसे –

शेयर खरीदना – शेयर कब ख़रीदे? कितने मूल्य में ख़रीदे? शेयर कितना ख़रीदे ?

शेयर बेचना – शेयर कब बेचे ? शेयर कितने मूल्य में बेचे ? शेयर कितना बेचे ?

साथ ही साथ LOSS कि दशा में, पूंजी कि सुरक्षा कैसे करे?

इन सब के बारे में जानकारी रखने और उसे अमल में लाने से शेयर बाजार में मौजूद जोखिम को नियंत्रित किया जा सकता है,और अपने पूंजी कि रक्षा के साथ साथ सही तरह से लाभ कमाने कि अपेक्षा की जा सकती है,

जैसा कि हम पहले ही स्पस्ट कर चुके है कि, कोई भी इन्सान हमेशा ठीक ठीक नहीं बता सकता कि , कोई शेयर कब ख़रीदना चाहिए, कितने में खरीदना, कितने में बेचना, और कब और कितना बेचना चाहिए,

लेकिन इसके कुछ उपाय तकनीकी विश्लेषण पैटर्न के आधार पर ट्रेंड विश्लेषण है, जिसके द्वारा हम , शेयर्स के बारे में इस बात को कि , हम कब, किस मूल्य पर, और कितना शेयर बेचना चाहिए, इस बारे में अपना एक बेहतर POINT OF VIEW को हम अमल में लाकर, शेयर बाजार के जोखिमों को नियंत्रित कर, LOSS को कम करके लाभ को बढाया जा सकता है,

और इन उपायों के नाम है – FUNDAMENTAL ANALYSIS और TECHNICAL ANALYSIS

आइये, अब बात करते है –

TECHNICAL ANALYSIS के बारे में

जब हम किसी कंपनी का शेयर सिर्फ इस आधार पर देखते है, कि उसके भाव कब कब बढ़ जाते है और कब कब कम हो जाते है, और इस बात पर जोर नहीं दिया जाता कि कंपनी और उसके लाभ कमाने कि क्षमता कितनी STRONG है, यानी जब सिर्फ शेयर के PAST PERFORMANCE को ध्यान में रखा जाता है तो इस तरह कि BUYING या SELLING को हम TECHNICAL ANALYSIS के आधार पर खरीदना और बेचना कहते है,

और इस तरह हम कह सकते है कि, FUNDAMENTAL ANALYSIS और TECHNICAL ANALYSIS आधार पर ही आप अच्छे तरीके से किसी शेयर के FUTURE PERFORMANCE का एक अनुमान बता सकते है,

इस सन्दर्भ में TECHNICAL ANALYSIS, शेयर्स के खरीदने का मूल्य, खरीदने का समय, कितना खरीदना और कब बेचना, कितना बेचना, कितने भाव में बेचना, स्टॉप लोस लगाना आदि के बारे में हमें बताता है,

और इसी लिए बड़े से बड़े INVESTOR भी FUNDAMENTAL ANALYSIS और TECHNICAL ANALYSIS कि मदद से मार्केट में हो रहे बदलाव और शेयर्स के सौदों के बारे में बताते है कि हमें कब खरीदना और बेचना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा हम लाभ कमा सके,

शेयर बाजार के तकनीकी विश्लेषण को समझना

शेयर में ट्रेडिंग करते समयमंडी, हमेशा एक बड़ी रकम दांव पर लगी रहती है। इसके कारण, कई तनावपूर्ण स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं, जो दिन-ब-दिन अनावश्यक चिंता पैदा करती हैं। ऐसी स्थिति में,तकनीकी विश्लेषण एड्रेनालाईन की भीड़ को शांत करने में मदद करता है।

इसे सरल शब्दों में कहें, तो यह एक तकनीक आपको पिछले प्रदर्शन, मात्रा और कीमत का अध्ययन करके सुरक्षा मूल्य की दिशा का अनुमान लगाने में मदद कर सकती है। सब कुछ समझने योग्य शब्दों में समझाते हुए, यह पोस्ट आपको इसके अलग-अलग पहलुओं का पता लगाने में मदद करती है।

स्टॉक का तकनीकी विश्लेषण क्या है?

स्टॉक और रुझानों का तकनीकी विश्लेषण कालानुक्रमिक बाजार डेटा का एक अध्ययन है, जिसमें मात्रा और मूल्य शामिल हैं। मात्रात्मक विश्लेषण और दोनों की सहायता सेव्यवहार अर्थशास्त्र, एक तकनीकी विश्लेषक भविष्य के व्यवहार की भविष्यवाणी करने के लिए पिछले प्रदर्शन का उपयोग करने का विरोध करता है।

तकनीकी विश्लेषण तकनीकी विश्लेषण पैटर्न के आधार पर ट्रेंड विश्लेषण कितना उपयोगी है?

रणनीतियों की एक श्रृंखला के लिए एक व्यापक शब्द, वित्तीय बाजारों का तकनीकी विश्लेषण प्रमुख रूप से एक विशिष्ट स्टॉक में मूल्य कार्रवाई की व्याख्या पर निर्भर करता है। अधिकांश तकनीकी विश्लेषण यह समझने पर केंद्रित है कि क्या वर्तमान प्रवृत्ति जारी रहने वाली है।

और अगर नहीं तो कब उलट होगा। अधिकांश विश्लेषक ट्रेडिंग के लिए संभावित निकास और प्रवेश बिंदुओं का पता लगाने के लिए उपकरणों के संयोजन का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए, एक चार्ट निर्माण अल्पावधि के लिए एक प्रवेश बिंदु की ओर संकेत कर सकता है, लेकिन व्यापारियों को अलग-अलग समय अवधि के लिए चलती औसत की झलक मिल सकती है ताकि यह स्वीकार किया जा सके कि ब्रेकडाउन आ रहा है या नहीं।

आप स्टॉक रुझानों के तकनीकी विश्लेषण का उपयोग कैसे कर सकते हैं?

शेयर बाजार तकनीकी विश्लेषण का मूल सिद्धांत यह है कि कीमतें उपलब्ध जानकारी को दर्शाती हैं जो बाजार पर तकनीकी विश्लेषण पैटर्न के आधार पर ट्रेंड विश्लेषण तकनीकी विश्लेषण पैटर्न के आधार पर ट्रेंड विश्लेषण एक बड़ा प्रभाव छोड़ सकती हैं। इससे महत्वपूर्ण, आर्थिक या नवीनतम विकासों को देखने की कोई आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि उनकी कीमत पहले से ही सुरक्षा में होगी।

आम तौर पर, तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि कीमतों में प्रवृत्तियों में बढ़ोतरी होती है और जहां तक बाजार के मनोविज्ञान का संबंध है, इतिहास में खुद को दोहराने की अधिक संभावना है। तकनीकी विश्लेषण के दो प्राथमिक और सामान्य प्रकार हैं:

चार्ट पैटर्न

ये तकनीकी विश्लेषण का एक व्यक्तिपरक रूप है जहां विश्लेषक विशिष्ट पैटर्न का अध्ययन करके एक चार्ट पर प्रतिरोध और समर्थन के क्षेत्रों को पहचानने का प्रयास करते हैं। मनोवैज्ञानिक कारकों द्वारा प्रबलित, इन पैटर्नों को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि वे यह अनुमान लगाने में मदद करते हैं कि किसी विशेष समय और बिंदु से ब्रेकआउट या ब्रेकआउट के बाद कीमतें कहां बढ़ रही हैं।

तकनीकी संकेतक

ये तकनीकी विश्लेषण का एक सांख्यिकीय रूप है जहां विश्लेषक वॉल्यूम और कीमतों के लिए कई गणितीय सूत्र लागू करते हैं। मूविंग एवरेज को एक मानक तकनीकी संकेतक माना जाता है, जो कीमतों के डेटा को सुगम बनाता है ताकि स्पॉटिंग ट्रेंड की पूरी प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके।

इसके अलावा, चलती औसत अभिसरण-विचलन (एमएसीडी) को एक जटिल संकेतक माना जाता है जो विभिन्न चलती औसत के बीच बातचीत को देखता है।

तकनीकी विश्लेषण की सीमाएं

जितना अधिक वे सहायक होते हैं, तकनीकी विश्लेषण में एक विशिष्ट व्यापार तकनीकी विश्लेषण पैटर्न के आधार पर ट्रेंड विश्लेषण ट्रिगर के आधार पर कुछ सीमाएं हो सकती हैं, जैसे:

  • चार्ट पैटर्न का आसानी से गलत अर्थ निकाला जा सकता है
  • गठन कम मात्रा पर स्थापित किया जा सकता है
  • चलती औसत का अध्ययन करने के लिए उपयोग की जाने वाली अवधि बहुत कम या बहुत लंबी हो सकती है

तकनीकी विश्लेषण की प्रक्रिया

किसी भी अन्य डोमेन की तरह, तकनीकी विश्लेषण भी विशिष्ट सिद्धांतों के बारे में है। इस दायर में शामिल अवधारणाएं वित्तीय बाजार में बेहतर निर्णय लेने के लिए तकनीकी विश्लेषक के दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करती हैं। कुछ सामान्य अवधारणाएँ हैं:

चार्ट पैटर्न: विभिन्न पैटर्न का स्टॉक चार्ट विश्लेषण एक तकनीकी चार्ट पर सुरक्षा की गति के साथ होता है।

फैलना: यहां, कीमतें तकनीकी विश्लेषण पैटर्न के आधार पर ट्रेंड विश्लेषण पूर्व प्रतिरोध या समर्थन के क्षेत्र में मजबूती से प्रवेश करती हैं। यदि आप केवल सूचकांकों में व्यापार करना चाहते हैं, तो आप निफ्टी तकनीकी चार्ट में ब्रेकआउट की तलाश कर सकते हैं।

सहायता: यह कीमत का एक स्तर है जो खरीदारी गतिविधि को बढ़ा सकता है

प्रतिरोध: यह कीमत का एक स्तर है जो बिक्री गतिविधि को बढ़ा सकता है

गति: यह मूल्य दर में बदलाव को दर्शाता है

फाइबोनैचि अनुपात: इसका उपयोग एक सुरक्षा के प्रतिरोध और समर्थन तकनीकी विश्लेषण पैटर्न के आधार पर ट्रेंड विश्लेषण को समझने के लिए एक गाइड के रूप में किया जाता है

इलियट वेव सिद्धांत और स्वर्ण अनुपात: इन दोनों का उपयोग आम तौर पर क्रमिक मूल्य रिट्रेसमेंट और आंदोलनों की गणना करने के लिए किया जाता है

साइकिल: यह एक मूल्य की कार्रवाई में संभावित परिवर्तन के लिए समय लक्ष्य की ओर संकेत करता है

तकनीकी विश्लेषण का महत्व

तकनीकी विश्लेषण एक ऐसा संकेतक है जो निवेशकों को कीमत से संबंधित जानकारी के साथ यह जानने में मदद करता है कि किसी ट्रेड में कब प्रवेश करना या बाहर निकलना है। ऐसी जानकारी आम तौर पर आपके व्यापार के अच्छे और बुरे पहलुओं को तय करने में मदद करती है।

बहुत सारे व्यापारी और निवेशक मानते हैं कि मूल्य डेटा एक आवश्यक हैफ़ैक्टर शेयर बाजार में सफलता के लिए। यह देखते हुए कि स्टॉक की मांग और आपूर्ति काफी हद तक तकनीकी विश्लेषण पर निर्भर करती है, बाजार के खुले होने पर अधिकांश जानकारी गतिशील रूप से अपडेट हो जाती है। कुछ चार्ट दिन के अंत में भी अपडेट हो जाते हैं।

Technical analysis in hindi | Technical analysis क्या होता है?

Technical analysis


Technical analysis

technical analysis का उपयोग financial market की चाल को समझने के लिए किया जाता है यह price के इतिहास और वर्तमान के आंकड़ों के आधार पर financial market की दिशा का अनुमान लगाने का एक तरीका है। technical analysis का उपयोग ज्‍यादातर कम टाइम या शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के लिए किया जाता है ट्रेडिंग में इसका अपयोग सबसे ज्‍यादा होता है इसमे पुराने इतिहास के आँकड़ों के आधार पर शेयर की भविष्य की चाल को समझ कर ट्रेडर ट्रेड करते हैं। यदि किसी ट्रेडर को पिछले बाजार के पैटर्न की पहचान होती है तो वह भविष्य के बाजार की सटीक भविष्यवाणी कर सकता है।

How to use technical analysis | तकनीकी विश्लेषण का उपयोग कैसे करें

एक technical analyst के पास technical analysis करने के कई तरीके होते हैं । जैसे की moving average ,support and resistant level ,candlesticks, chart pattern ,volume और इंडिकेटर इत्यादि इन सब तरीकों से एक एनालिस्ट चाट की मूवमेंट और मार्केट का ट्रेंड आसानी से समझने की कोशिश करता है।

टेक्निकल एनालिस्ट के लिए कुछ इंडीकेटर्स जरुरी होते है

जब भी कोई ट्रेडर शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करता है तो वह शेयर प्राइस के आधार पर शेयर खरीदता है और कम समय में ज्यादा प्रॉफिट कमाना चाहता है। लेकिन शार्ट टर्म में शेयर की प्राइस बहुत तेजी से चेंज होती है तो निवेशक को कैसे पता रहेगा कि किस प्राइस पर शेयर खरीदना है और किस प्राइस पर शेयर बेचना है इस समस्या को सुलझाने के लिए टेक्निकल एनालिसिस का यूज किया जाता है।

Basic assumptions of technical analysis

1. market action discounts everything

किसी कंपनी के मौजूदा शेयर प्राइस में उस कंपनी की फंडामेंटल फैक्टर्स ग्रोथ इनकम सभी इंक्लूड होता है उसको अलग से चेक करने की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि जो अभी शेयर का मौजूदा प्राइज है उसमें यह सारी बातें इंक्लूड है।

2. prices move in trends.

यहां पर हर शेयर की प्राइस एक ट्रेंड में बढ़ती या घटती रहती है यह माना जाता है कि शेयर प्राइस जिस ट्रेन में अभी चल रहा है फ्यूचर में भी वैसे ही चलने की संभावना ज्यादा होती है ट्रेंड तीन टाइप के होते हैं शॉर्ट टर्म मीडियम टर्म और लांग टर्म।

प्राइस ट्रेंड 3 तरीके से ट्रेंड करती है

up trand में शेयर की price 1 पैटर्न में बढ़ती रहती है और down trand में शेयर की price एक पैटर्न में गिरती रहती है और sideways trand में share की प्राइस 1 फिक्स इंटरवल में ट्रेंड करती है।

3. History repeats itself

शेयर मार्केट में हमेशा हिस्ट्री रिपीट होती है पास्ट में किसी वजह से यदि कोई प्राइज में चेंज आया था तो भविष्य में भी उसी वजह से उस शेयर की प्राइस में चेंज आएगा। शेयर मार्किट में प्राइस हमेशा इन्वेस्टर के इमोशंस पर चलती है।

टेक्निकल एनालिसिस की शुरुआत 1755 में जापान के एक चावल व्यापारी Homma munehisa ने की थी।

1755 में Homma munehisa की book The fountain of gold पब्लिक हुई थी जिससे कि टेक्निकल एनालिसिस की शुरुआत हुई उन्होंने बताया कि राइस की प्राइस कैसे राइस के वॉल्यूम और मौसम पर निर्भर करती है इसको समझ कर आप फ्यूचर मैं राइस की प्राइस को समझ सकते हैं

Dow theory

Technical analysis

Technical analysis

आज हम किस मॉडर्न technical analysis की theory को जानते हैं और यूज़ करते हैं वो बेस्ड है dow theory पर।

इस थ्योरी को वॉल स्ट्रीट Dow Jones Industrial Average (DJIA) के फाउंडर Charles Henry Dow द्वारा लिखी 255 Wall Street Journal Editorial Article पर आधारित है। और इस article को William Peter Hamilton, Robert Rhea and E. George Schaefer ने रीऑर्गेनाइज करके पब्लिश किया और आज इस थ्योरी को टेक्निकल एनालिसिस मैं बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

मैं Technical Analysis कैसे सीख सकता हूँ?

Technical Analysis सीखने के लिए सबसे पहले निवेश, स्टॉक, बाजार, और वित्तीय की मूल बातें सीखना होगा। यह सब books, online courses, online material, and classes के माध्यम से किया जा सकता है। एक बार मूल बातें समझ जाने के बाद, आप उसी प्रकार की सामग्रियों का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन वे जो विशेष रूप से Technical Analysis पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

Technical Analysis (Hindi)

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आपने Technical Analysis के बारे में सुना होगा।Technical Analysis ( तकनीकी विश्लेषण ) बाजार की चाल और बाजार की प्रवृत्ति को समझने के उद्देश्य से तकनीकी चार्ट या तकनीकी संकेतकों के माध्यम से बाजार व्यवहार का अध्ययन है। इस ब्लॉग आर्टिकल में हम Technical Analysis के बारे में जानेगे !!

Table of Contents

Technical Analysis क्या होता हैं|What is Technical Analysis

Technical Analysis ( तकनीकी विश्लेषण ) एक अध्ययन हैं जो चार्ट और तकनीक इंडिकेटर का उपयोग करके हिस्टोरिकल ट्रेंड के आधार पर भविष्य में होने वाले शेयर प्राइस के बढ़ने और गिरने के बारे में बताता हैं जिसके माध्यम से बाजार की चाल और व्यवहार को समझने में आसानी होती हैं शेयर्स के खरीदने का मूल्य, खरीदने का समय, कितना खरीदना और बेचना, स्टॉप लॉस और एग्जिट आदि के बारे में बताता है।टेक्निकल एनालिसिस के माध्यम से किसी भी स्टॉक में कब एंट्री और एग्जिट करना हैं ये भी प्राइस पैटर्न और इंडीकेटर्स की मदद से पता लगाया जा सकता हैं।Technical एनालिसिस की सबसे ख़ास बात ये हैं की ये किसी भी एसेट क्लास पे अप्लाई किया जा सकते हैं क्यूंकि चार्ट एनालिसिस हर एक एसेट क्लास पे काम करता हैं क्यंकि ये उसके प्राइस बेहवियर को पास्ट डाटा के आधार पे जानने का तरीका हैं।

Technical Analysis Parameter (Hindi)

तीन पैरामीटर हैं जिन पर तकनीकी विश्लेषण आधारित है।

1) History Tends To Repeat Itself

2) Market Discount Everything

3) Price Moves In Trends

आइए प्रत्येक बिंदु को विस्तार से समझे !!

1.History Repeat Itself (Hindi)

पहला बिंदु इतिहास अपने आप को दोहराता है इसका मतलब है कि मानव मनोविज्ञान समान होता है, इसलिए टेक्निकल एनालिसिस के इस निष्कर्ष से यह माना जाता है कीमत का चलन अपने आप को दोहराता है। इतने सालों तक चार्ट का गठन या प्राइस पैटर्न का आकार प्रकृति में दोहराव वाला होता है क्योंकि मानव मनोविज्ञान समान होता है,ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बाजार के भागीदार एक तरीके की घटना पर हर बार एक ही तरीके की प्रतिक्रिया देते हैं। इसीलिए शेयर की कीमत एक ही तरीके से चलती हैं।

इसलिए इस निष्कर्ष से यह माना जाता है कि अतीत में बने चैट पैटर्न में समान परिदृश्य मिलने पर खुद को दोहराने का मौका देता हैं इसलिए यह तकनीकी विश्लेषक को बाजार के व्यवहार को समझने में मदद करता है और स्टॉक के मूल्य के अध्ययन में मदद करता है।

2.Market Discount Everything (Hindi)

दूसरा बिंदु Market Discount Everything का मतलब है बाजार मूल्य या स्टॉक मूल्य में पहले से ही शेयरों से संबंधित सभी समाचार चाहे वह अपने मौलिक, प्रबंधन, अर्थशास्त्र, इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक, मनोविज्ञान या भविष्य की संभावनाओं से जुड़ा हो या उसके बाहरी वातावरण से संबंधित सभी समाचार और चीजें शामिल हैं। उस स्टॉक प्राइस में वे चीज़े पहले से शामिल होती हैं जिसका असर उसके भाव में पहले से होता हैं।

3. Price Move in Trends (Hindi)

तीसरा बिंदु प्राइस मूव इन ट्रेंड्स का मतलब है कि स्टॉक प्राइस एक दिशा में तब तक चलता है जब तक कि वह विपरीत दिशा में अपनी दिशा को उलट या बदल नहीं देता है और वे एक ही दिशा में आगे बढ़ता रहता हैं जब तक कोई मेजर रेजिस्टेंस ना आ जाये बीच बीच में थोड़ी करेक्शन हो सकती हैं पर ट्रेंड अपनी दिशा में चलता हैं।

Technical Analysis कैसे करें|How to do Technical Analysis

टेक्निकल एनालिसिस शेयर का हिस्टोरिकल ट्रेडिंग डाटा को चार्ट के माध्यम से समझता हैं और यह डाटा आगे आने वाले समय के बारे में क्या संकेत देता तकनीकी विश्लेषण पैटर्न के आधार पर ट्रेंड विश्लेषण है।यहां Technical Analysis Study में उपयोग किए जाने वाले बुनियादी उपकरण हैं जैसे कैंडलस्टिक चार्ट, वॉल्यूम, ट्रेंडलाइन, मूविंग एवरेज आदि। मुख्य पैरामीटर स्टॉक की प्रवृत्ति और मूल्य व्यवहार की पहचान करना है।

Technical Analysis study (तकनीकी अध्ययन) में Price और Volume दो महत्वपूर्ण कारक हैं क्योंकि तकनीकी अध्ययन में Price सर्वोच्च है और वॉल्यूम मूल्य पैटर्न का समर्थन करती है या मूल्य व्यवहार को प्रभावित करती है।टेक्निकल एनालिसिस में आप चार्ट को analyse कर सकते हैं क्यूंकि एक चार्ट ट्रेंड के बारे में काफी कुछ बताता हैं उसमे प्राइस और वॉल्यूम के पैटर्न्स को ध्यान में रखना चाहिए क्यूंकि प्राइस ही सबसे ऊपर क्यूंकि जितने इंडिकेटर और टेक्निकल उपयोग केवल ट्रेंड और प्राइस का मूवमेंट देखने के लिए होते हैं

Technical Analysis के Important Points

Chart Analysis-Technical एनालिसिस की स्टडी में चार्ट सबसे अहम् होता हैं क्यूंकि चार्ट की मदद से हम प्राइस के बार्रे में पता लगा सकते हैं क्यूंकि Price ही सबसे अहम् होता हैं सारी टेक्निकल स्टडी और इंडिकेटर प्राइस बेहेवियर के बारे में होते हैं प्राइस एनालिसिस के लिए सबसे अधिक कैंडलस्टिक चार्ट का उपयोग होता हैं क्यूंकि एक कैंडलस्टिक पूरा दिन के ट्रेडिंग का Open-High-Low प्राइस का पिक्टोरियल रेप्रेसन्टेशन देती हैं यानी की वो स्टॉक किस प्राइस पे खुला कितना ऊपर गया और कितना निचे गया। advanced स्टडी के लिए कैंडलस्टिक पैटर्न आदि के बारे में जाना जा सकता हैं।

Price-Price बेहेवियर के बारे में जानने के लिए आप कैंडलस्टिक और मूविंग एवरेज का उपयोग कर सकते हैं।
Volume-Volume एनालिसिस करके आप प्राइस के सपोर्ट में वॉल्यूम को देख सकते हैं की प्राइस के साथ वॉल्यूम का क्या रेलशनशिप हैं जिससे की प्राइस का ट्रेंड बढ़ने और घटने के संकेत मिलते हैं। ये सब आप चार्ट पे देख सकते हैं।
Momentum-Momentum इंडिकेटर गाडी में स्पीडोमेटेर की तरह काम करता हैं जिससे ये पता लगता हैं की Price में कितनी तेज़ी हैं और कब उसकी तेज़ी हलकी हो जायगी इन सबके लिए आप R.S.I जैसे इंडिकेटर का उपयोग कर सकते हैं।
Support & Resistance -Support & Resistance डिमांड और सप्लाई पे चलते हैं। ये एक जोन होता हैं जहा ये पता लगता हैं की स्टॉक का सपोर्ट और रेजिस्टेंस कहा पे हैं ये सब आप कैंडलस्टिक और trend-line या हॉरिजॉन्टल लाइन के मदद से उस जोन का पता लगा सकते हैं चार्ट के ऊपर । या फिर किसी अन्य इंडिकेटर तकनीकी विश्लेषण पैटर्न के आधार पर ट्रेंड विश्लेषण का उपयोग करके।
Time Frame-Time फ्रेम भी बहुत महत्वपूर्ण होता हैं की आप किस टाइम फ्रेम पर चार्ट एनालिसिस और इंडिकेटर का इस्तेमाल कर रहे हैं LongTerm Chart एनालिसिस के लिए या फिर short Term चार्ट एनालिसिस के लिए।

Note-इस ब्लॉग लेख में जो जानकारी दी गयी हैं वो केवल इनफार्मेशन और एजुकेशन के लिए हैं किसी भी निवेश से पहले अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से सलाह ले ।

कैंडल चार्ट क्या होता है कैंडल चार्ट को कैसे समझें

दोस्तों आज हम बात करेंगे शेयर बाजार में कैंडलेस्टिक चार्ट क्या होता है। Candlestick chart शेयर बाजार में स्टॉक्स में हो रही खरीद बिक्री को लाल और हरे कैंडल में दर्शाते हैं। यहां पर हर एक हरे कैंडल का मतलब खरीददारी और लाल कैंडल का मतलब बिकवाली होता है। शेयर बाजार में किसी भी कंपनी का तकनीकी विश्लेषण करने के लिए कैंडल चार्ट बहुत महत्वपूर्ण है। और यह कीमतों के परिवर्तन का विश्लेषण करने के लिए बहुत मायने रखता है।

कैंडलेस्टिक चार्ट को कैसे समझें
कैंडलेस्टिक चार्ट

कैंडलेस्टिक चार्ट को कैसे समझें

जैसा कि आप अगर शेयर बाजार में व्यापार करते हैं या करने में रुचि रखते हैं तो कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न को सीखना आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इससे तकनीकी विश्लेषण पैटर्न के आधार पर ट्रेंड विश्लेषण आप एक समुचित ढंग से टेक्निकल एनालिसिस कर सकेंगे। बाजार में कैंडलेस्टिक चार्ट अपने पिछले Trade की गतिविधियों को दर्शाता है जहां से आपको टेक्निकल एनालिसिस में सपोर्ट aur रेजिस्टेंस, ट्रेंड लाइन अन्य पैटर्न देखने को मिलते हैं इसके के आधार पर हम अगले ट्रेडिंग सेशन के लिए अपने strategie के अनुसार रणनीतियां बनाते हैं। शेयर बाजार में अधिकतर ट्रेडर्स candlestick pattern के आधार पर ही बाजार में अपना सौदा या Trade करते हैं।

Candlestick chart में कुछ फेमस कैंडल के नाम
Candlestick chart list

Candlestick chart में कुछ फेमस कैंडल के नाम

  • SHOOTING STAR
  • HAMMER
  • DOJI
  • PAPER UMBRELLA
  • SPINNING TOPS
  • MARUBOZU
  • ENGULFING CANDLE
  • MORNING STAR
  • HARAMI

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कैंडलेस्टिक चार्ट का एनालिसिस कैसे करें।
कैंडलेस्टिक चार्ट का एनालिसिस

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कैंडलेस्टिक चार्ट का एनालिसिस कैसे करें।

अगर आप शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेडर है या फिर डे ट्रेडर में रुचि रखते हैं तो आपको कैंडलेस्टिक चार्ट पढ़ना बहुत जरूरी है। यह किसी भी शेयर का तकनीकी विश्लेषण करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है। इसे सीखने के लिए आप बाजार में मोमेंट, ट्रेंडलाइन ब्रेकआउट, ब्रेकडाउन, सपोर्ट और रजिस्टेंस इन चीजों को देखकर आप टेक्निकल एनालिसिस कर सकते है

शेयर की प्रत्येक कैंडल बाजार के मूल्य की गतिशीलता को प्रदर्शित करती है

HIGH, LOW, OPEN, और CLOSE

अगर आप कैंडल स्टिक चार्ट का बखूबी विश्लेषण करना जानते हैं तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग में अत्यधिक लाभ कमा सकते हैं।

इंट्रा डे ट्रेडर के लिए कैंडलेस्टिक चार्ट उपयोग करने के 2 कारण होते हैं

1 Trade नियंत्रण में मदद

इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय अपने जोखिम को जानना बहुत जरूरी है। कैंडलेस्टिक चार्ट की मदद से आप आपकी चल रही पोजीशन को रखने या बंद करने और जोखिम के साथ लाभ और नुकसान को प्रतिबंधित कर सकते हैं। इससे आपको स्टॉप लॉस और टारगेट को जानना आसान होता है।

2 Entry और Exit जानने में मदद

Candlestick pattern का विश्लेषण करके आप या जान सकते हैं कि मोमेंटम, ब्रेकआउट या ट्रेंड के आधार पर बाजार में एंट्री करें या बाजार में टिके रहे या बाजार से बाहर निकले या निकलने का सही समय निर्धारित करता है। इन सभी तरीकों को सीख कर आपको शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेडिंग करने में मदद मिलेगी।

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