नए लोग शेयर बाजार से पैसा कैसे कमाए

शेयर मार्केट का नाम आप बहुत ही ज्यादा सुने होंगे। लेकिन इसकी पूरी जानकारी अधिकतर लोगों के पास नहीं हैं। नए लोग शेयर बाजार से पैसा कैसे कमाए। तो पोस्ट को ध्यान से पढ़ें ताकि इसकी बेसिक जानकारी आपको दुबारा न पढ़ना पड़े।

आज हर कोई चाहता है कि हमारा पैसा जल्दी से जल्दी डबल हो जाए। चाहे वो किसी बिज़नेस में इन्वेस्ट करें या और कोई दूसरा रास्ता की तलाश में रहता है। लेकिन वहीं शेयर बाजार में पैसा नहीं लगाना चाहते, क्योंकि उन्हें डर होता है कहीं पैसा डूब न जाए। शेयर बाजार की सही जानकारी जब तक न हो पैसा नहीं लगाना चाहिए। यह बहुत ही ज्यादा रिस्की होता है।

ये सच बात है कि लोग इस बाजार से लाखो रुपया कमा रहे हैं,लेकिन उसके लिए आपको पहले इसके बारे में बहुत ही बढ़िया ढग से जानकारी हासिल करना होगा। तभी आप यहाँ सफल हो सकते हैं। तो यहाँ से शुरू कीजिए पूरी डिटेल्स कि नए लोग शेयर बाजार से पैसा कैसे कमाए। इससे पहले अगर ये जानना चाहेंगे – शेयर क्या है | शेयर कितने प्रकार के होते है | शेयर कि सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में (What Is Share In Hindi) 2022

शेयर बाजार क्या है | What is share market ?

शेयर मार्केट एक प्रकार का बिज़नेस है, जिसमे आप किसी भी कंपनी के शेयर खरीदकर उस कंपनी के शेयर होल्डर (हिस्सेदार) बन सकते हैं। आप अपने शेयर को बेच कर पैसा कमा सकते हैं। इसकी खरीद और बिक्री जहाँ होती है उसे स्टॉक एक्सचेंज कहते हैं।

सभी लेन-देन स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटरों के जरिये होता है। आज सब कुछ ऑनलाइन इंटरनेट पर उपलब्ध है। लेकिन एक समय था इसकी बोली भी मौखिक होती थी। पहले के अपेक्षा अब बहुत आसान हो गया है इस बाजार को समझना।

अगर कंपनी प्रॉफिट में जा रही तब आप अपने शेयर को बेचते हैं, तो आपको फायदा होता है। जो इस क्षेत्र में सुधबुध से काम लेता है वो ही सफल होता है। अन्य लोकल बाज़ार की तरह शेयर बाज़ार में भी खरीदने और बेचने वाले एक-दूसरे से मोल-भाव कर के सौदे पक्के करते हैं। इन शेयर के दाम बढ़ते घटते रहते हैं !

शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाएं

अधिकांश लोग शेयर बाजार में दूसरे के हिसाब से निवेश करते हैं। जिस कारण नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है या अधिक मुनाफ़ा नहीं होता है। अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश कर पैसा कमाना चाहते हैं, तो सबसे पहले कैसे लगाएं पैसे आप इस बाजार को जानिए फिर निवेश कीजिए।

आप किसी कंपनी का शेयर खरीदना चाहते हैं, तो आप सबसे पहले उस कंपनी के बारे में खुद से जाँच -पड़ताल कर लें। कंपनी का ग्रोथ क्या है, किस इंडस्ट्री से कंपनी है, उस इंडस्ट्री की मौजूदा हालत क्या है और भविष्य में वह इंडस्ट्री कितना ग्रोथ कर सकती है। दूसरे के बातों में आ कर कभी निवेश ना करें। पहले जानने की कोसिस करें नए लोग शेयर बाजार से पैसा कैसे कमाए

अगर आप शेयर मार्केट में पैसा लगाना चाहते हैं तो आपको एक डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है, और यह दोनों ही अकाउंट को खुलवाने के लिए आपको किसी एक स्टॉक ब्रोकर से संपर्क करना होगा।

Stock Broker

स्टॉक ब्रोकर इस बाजार का एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो आपको स्टॉक एक्सचेंज से जोड़ता है, इनके बिना ना ही आप कोई शेयर खरीद सकते ना ही बेच सकते हैं। किसी भी निवेशक के द्वारा buy या sell के आर्डर को स्टॉक एक्सचेंज तक पहुंचाने का काम भी स्टॉक ब्रोकर का ही होता है।

जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं। आपको कंपनी से कोई मतलब नहीं होता, जब तक कंपनी का जितना शेयर आपके पास कैसे लगाएं पैसे है। वो आपके डीमैट अकाउंट में शो होगा। जब उसका रेट बढे, आपको लगे की बेच देना चाहिए। तब आप स्टॉक ब्रोकर से संपर्क कर के या ऑनलाइन आर्डर लगा सकते हैं। इन ब्रोकर द्वारा एक्सचेंज में आर्डर लगायी जाएगी की आप फलाने कंपनी की शेयर बेचना चाहते हैं। जिस तरह आप बेचने का आर्डर लगाते हैं, उसीतरह वहां बहुत सारे लोगो की शेयर खरीदने की आर्डर लगती है। ( नए लोग शेयर बाजार से पैसा कैसे कमाए )

Stock Exchange

भारत में दो Stock Exchange कार्यरत हैं, जहाँ से आप शेयर खरीद सकते हैं –

    – National Stock Exchange – Bombay Stock Exchange

कोई भी लिस्टेड कंपनी के शेयर्स Stock Exchange के माध्यम से ख़रीदे और बेचे जाते हैं। जो कंपनी Stock Exchange पर अपने शेयर्स ट्रेड करने के लिए लिस्टेड हो। ये ख़रीद और बिक्री किसी स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से की जाती हैं। ये एक्सचेन्ज स्टॉक ब्रॉकर तक सारी नयी अपडेट्स पहुँचाती है और स्टॉक ब्रोकर यूजर तक।

ऐसा नहीं है कि मात्र शेयर ही स्टॉक मार्केट में ट्रेड किए जाते हैं। इसके अलावा बांड्स, म्यूच्यूअल फंड्स, डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट भी Share Market में ट्रेड किये जाते हैं।

स्टॉक ब्रोकर कितने प्रकार के होते हैं?

भारत में स्टॉक ब्रोकर के द्वारा दी जाने वाली सर्विस के आधार पर मुख्य दो प्रकार के स्टॉक ब्रोकर होते हैं।

1. फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर (Full-Service Broker) :

फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर की फीस काफी ज्यादा होती है। इसका मुख्य कारण यह है कि फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर अपने क्लाइंट को काफी सारी सर्विस प्रदान करते हैं। जैसे स्टॉक एडवाइजरी (अर्थात कौन सा शेयर कब खरीदें कब बेचें), स्टॉक खरीदने की मार्जिन मनी की सुविधा, मोबाइल फोन पर ट्रेड की सुविधा,IPO मैं निवेश करने की सुविधा इसके अलावा फुल टाइम स्टॉक ब्रोकर की कस्टमर सर्विस काफी अच्छा माना जाता है। इनकी सब ब्रोकर या ब्रांच कई शहरों में होते हैं।फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर में सबसे ज्यादा पॉपुलर कुछ ब्रोकर हैं- ICICI DIRECT,SHERKHAN,HFL,HDFC SECURITIES LTD इत्यादि नए लोग शेयर बाजार से पैसा कैसे कमाए

Mutual Fund Investment: कितने 'सही' हैं म्यूचुअल फंड; कैसे लगाएं पैसा और कितना मिलेगा फायदा, जानें सभी डिटेल

Mutual Fund Investment म्यूचुअल फंड आपको कम जोखिम स्टाक और बांड खरीदने की सुविधा देता है। म्यूचुअल फंड निवेश में अलग-अलग जगह पैसा लगाया जाता है ताकि किसी एक क्षेत्र में मंदी आने के बावजूद अन्य क्षेत्रों से लाभ कमाया जा सके।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क : शेयर बाजार में निवेश करने के कई तरीके हैं। निवेशक सीधे तौर पर डीमैट अकांउट या फिर म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) के जरिए आसानी से निवेश कर सकते हैं। जानकारों का मानना है कि अगर किसी व्यक्ति को शेयर बाजार (Stock Market) की समझ है तो ही उसे सीधे डीमैट अकांउट (Demat Account) के जरिए निवेश करना चाहिए। ऐसे निवेशक जो नए हैं, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश (Mutual Fund Investment) का सबसे अच्छा तरीका है।

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म्यूचुअल फंड आपको कम निवेश में कई स्टाक और बांड खरीदने की सुविधा देता है। म्यूचुअल फंड निवेश में किसी एक जगह पैसा नहीं लगाया जाता है, बल्कि अलग-अलग जगह निवेश किया जाता है, ताकि किसी एक क्षेत्र में मंदी आने के बावजूद अन्य क्षेत्रों से लाभ कमाया जा सके।

म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा चलाया जाता है और फंड मैनजेर इसे मैनेज करते हैं। ये कई प्रकार के होते हैं। जोखिम के आधार पर इन्हें इक्विटी फंड, हाइब्रिड फंड और डेट फंड बांटा गया है। इक्विटी फंड में सबसे अधिक जोखिम होता है, जबकि डेट फंड में सबसे कम जोखिम होता है।

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म्यूचुअल फंड चुनने का तरीका

म्यूचुअल फंड का चयन करने में जोखिम की बड़ी भूमिका होती है। अधिक जोखिम लेने वाले निवेशकों को इक्विटी फंड में निवेश करना चाहिए। ऐसे निवेशक जो मध्यम जोखिम उठाना चाहते हैं, तो वे हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकते हैं। वहीं, ऐसे निवेशक जो कम से कम जोखिम उठाना चाहते हैं, वे डेट फंड में निवेश कर सकते हैं। यहां इस बात का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए कि फंड को मैनेज करने वाले फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है। बाजार में उन्हें कितने साल का अनुभव है। ऐसे म्यूचुअल फंड जहां एएमसी बार-बार फंड के मैनेजर को बदल रही हो, उनसे दूर रहना चाहिए। एक्सपेंस रेश्यो को भी ध्यान में रखना चाहिए। एक्सपेंस रेश्यो, जिस म्यूचुअल फंड का जितना कम होता है, वह उतना ही अच्छा माना जाता है।

म्यूचुअल फंड में न्यूनतम निवेश

म्यूचुअल फंड में कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है। आपके पास केवल आधार कार्ड और पैन कार्ड होना अनिवार्य है। आप किसी भी एएमसी की वेबसाइट पर जाकर सीधे निवेश कर सकते हैं। आमतौर पर 500 रुपये के मासिक निवेश में किसी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है। NRI भी इसमें पैसा लगा सकते हैं। आप जीवनसाथी या बच्चों की तरफ से भी निवेश कर सकते हैं। यदि आपका बच्चा नाबालिग है तो उसके नाम पर निवेश करते समय आपको अपनी जानकारी देनी होगी।

कभी भी कर सकते हैं निकासी

निवेश के साथ-साथ म्यूचुअल फंड से निकासी करना भी बेहद आसान है। ज्यादातर में कोई भी लॉक-इन पीरियड नहीं होता है। आप जरूरत पड़ने पर कभी भी म्यूचुअल फंड से पैसे की निकासी कर सकते है। अगर क्लोज एंड स्कीम है तो लॉक-इन अवधि 3-4 वर्ष की होती है। कैसे लगाएं पैसे अगर आप एक साल से कम अवधि में अपनी म्यूचुअल फंड यूनिट्स बेचते हैं तो फिर आपको एक फीसदी का एग्जिट लोड देना पड़ेगा। वहीं, एक साल की अवधि के बाद बेचने पर कोई भी चार्ज नहीं लगेगा।

कितना मिलता है फायदा

म्यूचुअल फंड बाजार जोखिम से जुड़े होते हैं, इसलिए आपको कितना रिटर्न मिलेगा, यह ठीक-ठीक बता पाना मुश्किल है। हो सकता है कि आपको एक निवेश में खूब फायदा हुआ हो, लेकिन ध्यान रहे, किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम का पिछला प्रदर्शन भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं देता है। इतना जरूर है कि यह निवेश के बाकी तरीकों से कहीं अधिक सुरक्षित है।

टैक्स-फ्री नहीं है यह निवेश

म्यूचुअल फंड शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) नियमों के अधीन हैं। अलग-अलग म्यूचुअल फंड पर कई तरह का टैक्स लगता है। म्यूचुअल फंड पर मिलने वाले लाभांश के मामले में कैसे लगाएं पैसे डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) लागू हो जाता है और फंड के अनुसार TDS काटा जाता है।

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