मैं एक RSVP लिंक कैसे स्थापित करूँ?

RSVP लिंक सेट अप करना आपके ईवेंट पर अपने मेहमानों को अप-टू-डेट रखने का एक शानदार तरीका है और यह सुनिश्चित करता है कि रुचि रखने वाले सभी लोग इसके बारे में जानते हैं. RSVP लिंक सेट अप करने के कुछ अलग तरीके हैं, और प्रत्येक के अपने फायदे और नुकसान हैं.

RSVP लिंक सेट अप करने का सबसे आसान तरीका है, Eventbrite जैसे ऑनलाइन RSVP सिस्टम का उपयोग करना. यह सिस्टम आपके लिए स्वचालित रूप से एक लिंक बनाएगा, और आप लिंक का उपयोग करके आसानी से आमंत्रण भेज सकते हैं. हालाँकि, यह प्रणाली कुछ अन्य विकल्पों की तुलना में अधिक महंगी है, और यदि आपके पास कोई बड़ी घटना है तो RSVPs को प्रबंधित करना कठिन हो सकता है.

एक अन्य विकल्प कस्टम RSVP फॉर्म बनाना है. यह अधिक समय लेने वाली प्रक्रिया है, लेकिन यह आपको प्रपत्र में शामिल जानकारी को नियंत्रित करने की अनुमति देती है. आप ईमेल या फोन द्वारा मेहमानों को प्रतिसाद देने की अनुमति देने के लिए भी इस फॉर्म का उपयोग कर सकते हैं. हालांकि, यह तरीका एक ऑनलाइन प्रणाली का उपयोग करने की तुलना में कम सुविधाजनक है, और यदि आपके पास कोई बड़ी घटना है तो RSVPs का ट्रैक रखना अधिक कठिन हो सकता है।.

अंतिम विकल्प पेपर RSVP फॉर्म का उपयोग करना है. यह सबसे आसान विकल्प है, लेकिन यह मेहमानों के लिए कम सुविधाजनक हो सकता है. आपको फॉर्म का प्रिंट आउट लेना होगा और इसे अपने मेहमानों को वितरित करना होगा

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पं प्रदीप मिश्रा जी की आज बैतूल से विदाई के कुछ भावुक पल…देखे वीडियो और शेयर करे

Pandit Pradeep Mishra : बैतूलवासियों ने यह साबित कर दिया कि वे प्रेम और भक्ति में सब कुछ कर सकते हैं। इस कथा को सुनने आने वाले भक्तों की उन्होंने जिस आदर व सम्मान के साथ सेवा की, बार-बार बारिश के बावजूद कुछ ही घंटों में जिस तरह फिर से व्यवस्था कर ली, विभिन्न समाज और संगठन रात-दिन सेवा में जुटे रहे, यहां तक कि छोटे-छोटे काम-धंधे करने वालों ने 7 दिन काम-काज बंद रख सेवा की… ऐसी सेवा न भूतो न भविष्यति। उन्होंने साबित कर दिया कि यह कथा राजनीति की नहीं बल्कि पूरे बैतूल की जान की कथा है। बैतूलवासियों को देवाधिदेव महादेव इस सेवा का फल जरुर देंगे।

यह आशीर्वाद प्रख्यात कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा जी ने बैतूल में चल रही मां ताप्ती शिवपुराण कथा के समापन पर बैतूलवासियों को दिया। पं. मिश्रा ने कहा कि किसी के घर शादी जैसा कार्यक्रम हो और पानी आ जाए तो पसीना छूट जाता है, व्यवस्थाएं ध्वस्त हो जाती हैं, यहां 2 बार पानी आया। दोबारा व्यवस्थाएं करने को पर्याप्त समय तक नहीं था। इसके बावजूद यहां पसीना नहीं छूटा बल्कि प्रेम टपका। यहां की व्यवस्थाएं जरा भी नहीं बिगड़ी। भोजन कराने सभी ने अपने खजाने खोल दिए, योगदान दिया। इतनी भक्ति और कहां देखने को मिलेगी। यहां जो प्रेम दिखा वह देखने के लिए अगला जन्म लेना होगा। यह बैतूलवासियों के शिव पर भरोसे का प्रताप है। यही शिवत्व है। आखिर साबित हो गया कि वो जब हाथ पकड़ता है तो छोड़ता नहीं। इसलिए किसी आडंबर और प्रपंच में पड़ने के बजाय बस शिव पर भरोसा करते रहे। हम पानी में डूबेंगे तो मरेंगे, लेकिन शिव महापुराण में डूबेंगे तो तर जाएंगे। भगवान की भक्ति के साथ कर्म भी करते जाओ, फल जरुर मिलेगा।

चार लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे

आयोजन समिति के संयोजक ने बताया कि मां ताप्ती शिवपुराण समिति के तत्वावधान में विगत 12 दिसंबर से शिवधाम कोसमी में यह आयोजन जारी था। इसका आज समापन हुआ। समापन दिवस पर चार लाख से अधिक श्रद्धालु कथा में शामिल हुए। इन श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण करने के पश्चात भंडारे में प्रसादी ग्रहण की। आखरी दिन श्रद्धालुओं का जनसैलाब ही उमड़ पड़ा।

आयोजन समिति ने माना सहयोगियों का आभार

आयोजन समिति ने इस विराट आयोजन के सभी सहयोगियों का आभार माना है। समिति ने कहा कि यदि सभी का सहयोग प्राप्त नहीं होता तो केवल समिति द्वारा यह आयोजन करा पाना संभव नहीं होता। आयोजन समिति ने इस आयोजन की व्यवस्थाओं में सहयोग के लिए सभी शासकीय विभागों, अधिकारियों-कर्मचारियों, प्रशासन, पुलिस विभाग, सभी समाज व संगठनों, व्यक्तिगत रूप से सेवा करने वाले सेवाभावियों का हृदय से आभार व्यक्त किया है।

शरीर से नहीं मन से जाएं महादेव के पास

आज की कहानी में पं. मिश्र जी ने कहा कि भगवान की भक्ति करने से हमें मोक्ष का अमृत प्राप्त होता है। संसार के सागर में जन्म लेना आसान है, लेकिन बिना दाग के यहां से लौटना मुश्किल है। अगर हम अपनी इंद्रियों को वश में करके भगवान के पास जा सकते हैं, अगर हम भक्ति कर सकते हैं, तो हमें महादेव की कृपा अवश्य मिलेगी। मन चंचल है। वह मंदिर जाता है, लेकिन अगर वह भक्ति में लगा रहेगा, तो भगवान कुछ न कुछ जरूर देंगे। यदि आप मंदिर में जाते हैं, आंखों को देखकर भगवान के दर्शन में डूब जाते हैं, भगवान की भक्ति में डूब जाते तकनीकी विश्लेषण के फायदे और नुकसान हैं, तो यह निश्चित रूप से फल देता है। विश्वास है तो ईश्वर है, विश्वास नहीं है तो ईश्वर नहीं है। माना तो नदी भी माँ है, वरना तो नदी है।

मुसीबत आये तो भगवान के दरवाजे पर जाये

पं. मिश्र जी ने आगे कहा कि जीवन में जब भी संकट आए, बीमारियां आती रहें तो भगवान के द्वार पर जाएं, उन्हें बेल पत्र चढ़ाएं, जल चढ़ाएं। रोग से मुक्ति के लिए हरिओम जल चढ़ाएं। उन्होंने हरिओम जल के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बेलपत्र चढ़ाने की विधि भी बताई। उन्होंने बताया कि यह हरिओम जल रोग एवं कष्ट निवारण तकनीकी विश्लेषण के फायदे और नुकसान के लिए है। प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए भी यह भेंट की जा सकती है। साथ ही उन्होंने पशुपति व्रत की महिमा और इसे करने की विधि के बारे में विस्तार से बताया।

जल चढ़ाने में बिल्कुल न करें छल

पं. मिश्रा जी ने कहा कि जल चढ़ाने में छल बिल्कुल न करें। किसी को नुकसान पहुंचाने, कष्ट देने, परेशान करने के लिए जल न चढ़ाएं। स्वयं की कोई कामना पूरी करने के लिए जल चढ़ाएं और पूरे विश्वास के साथ चढ़ाएं। ऐसा करेंगे तो जो मांगोगे, वह मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब भी दुख हो तो अपने घर का जल लें और मंदिर जाकर चढ़ावों। मंदिर का ही जल लेकर कभी नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि दुख और तकलीफ आपके घर की है। भोले के लिए चावल का एक दाना और एक लोटा जल भी पर्याप्त है बस वह मन और विश्वास से चढ़ाना चाहिए। भोले कभी नहीं कहते कि 24 घंटे माला जपते रहो, वे कहते हैं कि बस एक क्षण के लिए मेरे पास आना, प्रेम से मुझसे निगाह मिलाना। इतना भर करने से मैं तेरा हो जाउगा और तू मेरा हो जाएगा। तू

Swing Trading kya Hota Hai, जाने स्विंग ट्रैडिंग के फायदे

शेयर मार्केट में जब Trader कुछ दिनो के लिए Trade लेते हैं, इसे सामान्य भाषा में Swing Trading कहते हैं। जब Trader किसी Share के कीमतों के बढ़ने या घटने को लेकर आस्वस्त होते है, तब वह Trader उस Stock की Share को Buy या Sell कर देते हैं। इस प्रकार किसी भी Share से अपना profit निकालकर Trade को Execute कर दिया जाता हैं। यह सामान्यत कुछ दिनों के अंतराल का Trader (Short Trade) होता है, जिसमें कोई भी Trader एक Trading strategy के तहत किसी Share में Profit निकालकर Trade को बंद (Execute) कर देते हैं। तो चलिए जानते हैं, Swing Trading से संबंधित कुछ मुख्य सवालों के बारे में विस्तार से, जो ज्यादातर लोगों द्वारा पूछे जाते हैं-

Swing Trading Kya Hota Hai

Swing Trading एक प्रकार की रणनीति का Trade है, जिसने Trader अपने Learning और Analysis के मुताबिक किसी Stock के Share में मुनाफा की संभावना को देखकर Trade लेता है। यह Trade एक दिन या लॉन्ग टाइम का ना होकर, कुछ दिन के अंतराल (Short Time) के लिए लिया गया Trade होता है। Trade लेने के कुछ दिन बाद Trader अपना मुनाफा निकालकर Trade को बंद (Execute) कर देते हैं, इसे सामान्य भाषा में स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) कहते हैं। Swing Trade दो से 10-15 दिनों के अंतराल के बीच में लिया गया Trade होता है। Swing Trading अन्य बेसिक ट्रेडिंग की तरह ही एक Share Market का Trade है, किंतु Swing trading में कुछ दिनों के अंदर ही मुनाफा (profit) निकालने के लिए रणनीति (Strategy) बनाई जाती है।

Swing Trading Ke Fayde

  • Swing Trading में Trader के पास ट्रेड की रणनीति के बारे में सोचने के लिए पर्याप्त समय होता है।
  • Swing Trading में Short time Period के अंदर वांछित मुनाफा बनाया जा सकता है।
  • Swing Trading में Intraday की तरह, 1 दिन के अंदर Trade को बंद करने की कोई पाबंदी नहीं होती है, वांछित परिणाम के लिए Trade को जारी रखने के लिए Trader स्वतंत्र होता हैं।
  • Swing Trading काफी सुरक्षित ट्रेडिंग है, Swing Trading मे New Trader सामान्य Technical Analysis की जानकारी के साथ Trading शुरू कर सकते हैं।
  • Swing Trading को किसी अन्य जॉब या व्यापार करते हुए भी किया जा सकता है। दिनभर Trading System के सामने बैठने की जरूरत नहीं पड़ती है।
  • Swing Trade से Trader मे तनाव की स्थिति नहीं बनती है, लाभ की स्थिति तक आने के लिए Trader, trade को होल्ड करके रख सकता है।

Swing Trading Ke Liye Stock Kaise Chune

Swing Trading कम समय के लिए लिया गया Trade होता है, जिसमें Trader किसी Stock की कीमत में उतार-चढ़ाव को देखकर, जिससे कि फायदे की स्थिति हो, को समझकर Trade लेता है। Swing Trading के लिए Top के Multibagger Share को चुनना चाहिए, जिनका Market capital काफी बड़ा है, जिससे की Trading Risk कम हो जाता है। Top Stock के Share मे Swing Trade लेना सुरक्षित होता है, क्योंकि अगर किसी कारणवश आपको Share अत्यधिक दिनों के लिए होल्ड करना पड़े, तो आपके नुकसान की गुंजाइश कम होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी Top Capital Share लंबी अवधि (Long Time) के लिए Share Price बढ़ने कीअत्यधिक संभावना होती है। सामान्यत Multibagger Share के Price मे ज्यादा गिरावट नही होती है। Swing Trading में Small capital के Stock मे Trade लेने से बचना चाहिये, क्योंकि इनके Share के कीमतों मे काफी अस्थिरता होती है। अनुभव की कमी मे Small Capital के Share मे Trade लेना, आपको नुकसान दे सकता है।

निष्कर्ष

Stock market में Swing Trading कुछ दिनों के लिए लिया गया Trade होता है, जिसमे Trader को टॉप के swing trading stocks को चुनना चाहिय, जिनमे वांछित मुनाफा निकाला जा सके। Swing Trading के लिए हमेशा Top big capital वाले share को चुनना चाहिये, जिससे आपको नुकसान की संभावना कम होती है। मुझे आशा है, कि आपको इस ब्लॉग पोस्ट को पढ़ने के बाद swing trading kaise karte hain?, swing trade kya hai? इत्यादि सवालों का जवाब मिल गया होगा।

( कृपया ध्यान दे: Share market मे financial risk होता है, यह ब्लॉग पोस्ट शिक्षा के उद्देश्य से लिखा गया है)

Are you doing weighted squats right?

Are you doing weighted squats right?

जब आप स्क्वैट्स को अगले स्तर पर ले जाना चाहते हैं, तो वेटेड स्क्वैट्स के लिए जाएं। ये एक कार्यात्मक कसरत है जिसमें तीन जोड़ों का उपयोग शामिल है: टखने, घुटने और कूल्हे। तो, इन तीन जोड़ों का सही स्थान यह निर्धारित करता है कि स्क्वैट्स की स्थिति सही है या नहीं। नतीजतन, तीनों जोड़ों के आंदोलन को प्रभावी ढंग से समन्वयित किया जाना चाहिए।

स्क्वैट्स को एक कार्यात्मक चाल कहा जाने का कारण यह है कि पसंद या नापसंद के बावजूद, डिफ़ॉल्ट रूप से हर कोई इसे पूरे दिन करता है। कुर्सी से उठते समय, सीढ़ियाँ चढ़ते समय, या फर्श से कुछ उठाते समय; आपको झुकना और उठना होगा। तो, एक तरह से आप दिन भर में किसी न किसी तरह से स्क्वैट्स कर रहे होते हैं।

स्क्वाट

गतिशीलता बढ़ाने और मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए स्क्वाट करना एक शानदार तरीका है। छवि सौजन्य: शटरस्टॉक

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स्क्वैट्स का अभ्यास करना क्यों जरूरी है?

मान लें कि कोई व्यक्ति बिना सहायता के बिस्तर या कुर्सी से उठने में असमर्थ है। यह इंगित करता है कि घुटने और कूल्हे के आसपास की मांसपेशियां इतनी कमजोर हैं कि व्यक्ति इस तरह का मौलिक आंदोलन करने में असमर्थ है। नतीजतन, स्क्वाट का अभ्यास करना आवश्यक हो जाता है। हालांकि, भारित स्क्वैट्स को निष्पादित करना एक कौशल है, व्यक्ति कौशल नहीं सीखते हैं और अंत में घायल हो जाते हैं।

यह भी पढ़ें: घुटनों का दर्द? इसे छोड़ने के बजाय सही व्यायाम चुनें

वेटेड स्क्वैट्स करते समय लोग सामान्य गलतियाँ करते हैं

चूँकि अंग की लंबाई एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न होती है, स्क्वाट मुद्रा को सभी के लिए सामान्यीकृत नहीं किया जा सकता है। हालांकि, कुछ सामान्य गलतियां हैं जो लोग वेट स्क्वैट्स के दौरान करते हैं जिससे उन्हें बचना चाहिए। यहाँ सामान्य गलतियों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

1. लोग उस विशेष स्क्वाट की प्रगति के बजाय स्क्वैट्स को निष्पादित करने पर कूदते हैं जिसके परिणामस्वरूप गलत मुद्रा होती है, जिससे चोट लग जाती है।

2. लोग अपने शरीर की क्षमता से अधिक स्क्वैट्स करने की कोशिश करते हैं, जिससे पीठ के निचले हिस्से में चोट लग जाती है। यदि आप किसी और की नकल करने की कोशिश करते हुए अपने शरीर की सहनशीलता की सीमा से परे चले जाते हैं तो बहुत तनाव आपके रास्ते में आ जाता है।

3. लोग दोनों घुटनों को जबरदस्त ताकत के साथ एक-दूसरे के करीब लाते हैं, जिससे घुटने का वल्गस- निचले पैर की विकृति हो जाती है।

4. स्क्वैट्स करते समय लोग अपने घुटनों को ऊपर उठाते हैं या मोड़ते हैं जिससे उन्हें नुकसान होने की आशंका रहती है।

भारित स्क्वैट्स

यह भी पढ़ें: स्क्वाट करना एक कला है। यहां बताया गया है कि आप उन्हें सही तरीके से कैसे कर सकते हैं

वेटेड स्क्वैट्स करने के फायदे

घुटने की परेशानी और गठिया के प्राथमिक कारणों में से एक उम्र बढ़ने के साथ मांसपेशियों का विघटन है। 35-40 साल की उम्र के बाद 8 फीसदी मसल लॉस प्राकृतिक रूप से होता है। स्क्वैट्स सबसे कार्यात्मक और सरल वर्कआउट में से एक है जिसका अभ्यास कोई भी कहीं भी कर सकता है। यह मांसपेशियों को मजबूत करने और आपके घुटनों को बरकरार रखने में मदद करता है। यह आपको अपने शरीर का वजन उठाने में भी सक्षम बनाएगा।

आप बिना किसी कठिनाई के कार्यात्मक गतिविधियों को आसानी से करने में सक्षम हैं। स्क्वैट्स का अभ्यास करने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और आपके शरीर को अपना वजन उठाने में सक्षम बनाती हैं। स्क्वैट्स सबसे आसान व्यायामों में से एक बन जाता है जो आपकी मांसपेशियों को अपने शरीर के वजन को उठाने में मदद करता है, जिसे उठाने की ताकत आपके पास नहीं है यदि आप हर दिन व्यायाम नहीं करते हैं।

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