पीएम नरेंद्र मोदी।

क्रिप्टोकरेंसी जीके प्रश्नोत्तरी

हाल ही कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी काफी चर्चा में रही है. इसलिए हमने क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित कुछ बहुत महत्वपूर्ण प्रश्‍न और उत्तर हिन्दी में अंकित किये है. आप इस विषय में जाने और दुसरो को भी शिक्षित करे. ये सभी सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी आने वाली सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सहायक सिद्ध होंगे.

Q1. क्रिप्टोकरेंसी को इनमे से किस नाम से भी जाना जाता है?
क. डिजिटल करेंसी
ख. फिक्स करेंसी
ग. पेपर करेंसी
घ. इनमे से कोई नहीं

उत्तर: क. डिजिटल करेंसी
संछिप्त में जरूर पढ़े: डिजिटल करेंसी एक ऐसी करेंसी जिसे न तो हम देख सकते हैं न छू सकते हैं और न ही अपने वॉलेट में रख सकते हैं। डिजिटल करेंसी को इलेक्ट्रॉनिक रूप में अपने फोन, कंप्यूटर, लैपटॉप या किसी स्टोरेज मीडिया में स्टोर कर सकते हैं.

Q2. क्रिप्टोकरेंसी बनाने के लिए किसका इस्तेमाल किया गया है?
क. क्रिप्टोग्राफी
ख. फोटोग्राफी
ग. स्टेनोग्राफी
घ. इनमे से कोई नहीं

उत्तर: क. क्रिप्टोग्राफी
संछिप्त में जरूर पढ़े: क्रिप्टोलोजी को मुख्यता दो भागो मैं बाटा गया है | क्रिप्टोग्राफी एवं क्रिप्टोएनालिसिस इन प्रक्रियाओ के माध्यम से हम संदेशो एवं सूचनाओ को सुरक्षित तरीके से भेज एवं प्राप्त कर सकते है,

Q3. क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल इनमे से किसके द्वारा किया जाता है?
क. पेपर
ख. प्रिंटिंग
ग. इन्टरनेट
घ. इनमे से कोई नहीं

Q4. क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल इनमे से किसके लिए किया जाता है?
क. गुड्स एंड को खरीदने के लिए
ख. सर्विसेज के लिए
ग. क. और ख. दोनों
घ. इनमे से कोई नहीं

Q5. इनमे से कौन सी सबसे महेंगी क्रिप्टोकरेंसी है?
क. लाइटकॉइन
ख. इथेरियम
ग. बिटकॉइन
घ. मोनेरियो

Q6. क्रिप्टोकरेंसी के इनमे से कौन से फायदे होते है?
क. फ्रॉड होने के चांस कम होते है
ख. नार्मल डिजिटल पेमेंट से ज्यादा सिक्योर होती है
ग. ट्रांजेक्शन फीस बहुत कम होती है
घ. ऊपर के सभी

Q7. btc किस क्रिप्टोकरेंसी की शोर्ट फॉर्म है?
क. फेयर कॉइन
ख. इथेरियम
ग. लाइटकॉइन
घ. बिटकॉइन

Q8. दुनिया की सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी कौन सी है?
क. इथेरियम
ख. बिटकॉइन
ग. लाइटकॉइन
घ. फेयर कॉइन

Q9. इनमे से किसने बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी को बनाया था?
क. वितालिक बुतेरिन
ख. चार्ल्स ली
ग. सातोशी नकामोतो
घ. इनमे से कोई नहीं

उत्तर: ग. सातोशी नकामोतो
संछिप्त में जरूर पढ़े: सातोशी नाकामोतो एक web programmer है. सातोशी नकामोतो ने 3 जनवरी 2009 को बिटकॉइन की शुरुवात की थी.

Q10. बिटकॉइन को किस वर्ष बनाया गया था?
क. 2009 क्रिप्टोकरेंसी सिक्योर है की नहीं?
ख. 2011
ग. 2005
घ. 2015

उत्तर: क. 2009
संछिप्त में जरूर पढ़े: सातोशी नकामोतो ने 3 जनवरी 2009 को बिटकॉइन की शुरुवात की थी. सातोशी नाकामोतो एक web programmer है.

TATA Coin क्या है ? TATA Coin in hindi 2022

क्रिप्टो मार्किट में बहुत दिनों के बाद पंप देखने को मिला है हरदिन मार्किट में कोई न कोई क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च करता रहता है लेकिन वो क्रिप्टो मार्किट में कितने दिन टिकती है यह उसकी लोकप्रियता पर निर्भर करती है

जैसे अभी हाल ही में TATA Coin नाम की क्रिप्टो ने बीते हुए 24 घंटो में 1200% का return दिया है इसके इस परफॉरमेंस ने बहुत से इन्वेस्टर का ध्यान अपनी और आकर्षित किया है

तो अगर आप भी इस कॉइन के बारे में गहराई से जानना चाहते है तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़िएगा. आज की इस पोस्ट में आप TaTa Coin क्या है इसमें इन्वेस्ट करने के लिए Best एप्लीकेशन और इस कॉइन के फ्यूचर के बारे में जान पाएंगे.

TATA Coin क्या है ?

TATA कॉइन एक कॉमनुटी बेस्ड Decentralized Cryptocurrency है बीते 24 घंटो में इस कॉइन ने 1200% की छलांग लगाई है

Shiba Inu क्रिप्टो की तरह इस कॉइन ने भी लोगो के दिलो पर अपनी छाप छोड़ दी है जिस से लोग इसमें इन्वेस्ट करने के और भी इच्छुक हो रहे है

बताया जा रहा है की इस कॉइन का मकशद ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी की इस दुनिया को और भी ज्यादा मजबूत और सुरक्षित बनाना है क्युकी आए दिन इस दुनिया में क्रिप्टो या फिर किसी पेमेंट को लेकर कोई ना कोई घोटाला सामने आता रहता है

यह कॉइन मल्टीनेशनल कंपनियों और ग्लोबल इन्वेस्टर के ग्रुप्स को सिक्योर पेमेंट प्रणाली प्रदान करता है इसकी मदद ब्लॉकचैन का बेहद ही आसान रूप से उपयोग किया जायेगा और हर कोई अपनी एसेट्स का मालिक बन सकेगा.

TaTa Coin Market Cap

TATA Coin kya hai kya is coin ne sach mein 24 ghnte mein 1200% ka return diya ?

Current price : $0.09515

Market Captiliazation : $ 856,355

Total Supply: 90 Lakh

Objectives Of Tata Coins

TaTa Coin एक commnuity based decentralized क्रिप्टोकरेंसी है सबसे अहम बात इस कॉइन का टाटा ग्रुप की कंपनियों से कोई भी सम्बन्ध नहीं है बस इस कॉइन का उदेश्य ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को एक सेफ पामंट ऑप्शन प्रोवाइड करवाना है

यह कॉइन पुरे ग्लोबल में सबसे सेफ करेंसी बनना चाहती है इस कॉइन का मैन फीचर पूरी तरह से decentrlized Peer-To-Peer एलोक्ट्रीनिक सिस्टम है इस सिस्टम पर किसी भी सरकारी प्राइवेट या सहकारी commnuity का कोई अधिकार नहीं है

Tata Coin कही Scam तो नहीं

किसी भी क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने से पहले हर किसी कर मन में यही सवाल आता है की कही यह यह कोई Scam तो नहीं. तो अगर बात करे Tata coin की तो यह कॉइन अभी मार्किट में आया है

इसके हाल ही के पंप ने बहुत से लोगो को इस कॉइन की तरफ आकर्षित कर दिया है लेकिन अगर हम इसके निर्माता की बात करे तो अभी तक इस कॉइन के निर्माता की पहचान को गुप्त रखा गया है

और अगर इसके White Paper पर नज़र डाले तो उसमें भी इस कॉइन से सम्बंधित कोई महत्वपूर्ण जानकारी नहीं दी गयी है और अभी तक इस कॉइन के पंप का सही reason भी सामने नहीं आया है

तो दोस्तों इस कॉइन के बारे में कोई भी प्रमाण नहीं प्राप्त हुआ है लेकिन हमारी हिन्दीन्यूज़ के हर ब्लॉग. पर इस कॉइन को बहुत ही बड़ा चढ़ा कर बताया जा रहा है

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TaTa Coin में Invest करे या नहीं

अगर इस कॉइन में इन्वेस्टमेंट की बात की जाए तो बहुत से लोग चिंता में पड़ जायेंगे. जाहिर सी बात है कोई भी इंसान अपने पैसे ऐसे ही ना किसी एसेट्स में लगा देगा अगर आपको किसी क्रिप्टो में इन्वेस्ट करना hai

तो सबसे पहले उस क्रिप्टो के वाइट पेपर को अच्छी तरह से पढ़िएगा जिन लोगो को White Paper नहीं पता तो उनको बता दू White paper ऐसा डॉक्यूमेंट होता है

जिस पर उस क्रिप्टो से सम्बंधित सारी जानकारी विद्यमान होती है इस क्रिप्टो को क्यों लॉन्च किया गया, यह किस टेक्नोलॉजी पर काम करेगी, इसका फ्यूचर में क्या प्लेन है

आदि यह सब जानकारी उस White Paper में होती है लेकिन अगर हम टाटा कॉइन के White Paper बात करे तो इसमें ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गयी है

अगर क्रिप्टोकरेंसी सिक्योर है की नहीं? मुझे इस कॉइन में इन्वेस्ट करना हो तो मै बिलकुल भी इस कॉइन इन्वेस्ट नहीं करूंगा क्युकी इसके बारे में कोई ढोस प्रमाण मौजूद नहीं है दोस्तों पैसे आपका है

तो फैसला भी आपका ही होगा अगर आपको इन्वेस्ट करने है तो करो नहीं करने तो मत करो हो सकता है की यह कॉइन फ्यूचर में बहुत अच्छा return दे और यह भी क्रिप्टोकरेंसी सिक्योर है की नहीं? हो सकता है

की यह कोई Scam हो. किसी भी क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने से पहले में आपको एक बात बता दू की मे कोई Financial advisior नहीं हु यह जानकारी सिर्फ educational purpose के लिए है आप किसी भी कॉइन में इन्वेस्ट करने से पहले अच्छे से उसके ऊपर रिसर्च जरूर कर ले.

Conclusion

आज की पोस्ट में हमने TATA coin के बारे में जाना की क्या हमें इस कॉइन इन्वेस्ट करना चाहिए इस नहीं आज हमने टाटा कॉइन के 1200% के return के सच के बारे में भी जाना अगर आपको पोस्ट अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे

Budget 2022: इन 10 प्‍वाइंट्स से समझें Cryptocurrency Tax के नियम

Budget 2022: सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को अपनाने के लिए एक और कदम आगे की ओ बढ़ा दिया है। सरकार वर्चुअल असेट्स के ट्रांसफर से होने वाली आय पर 30 फीसदी टैक्‍स (Cryptocurrency Tax) लगाने की योजना बना रही है, प्रभावी रूप से इस तरह के लेनदेन की कानूनी स्थिति के बारे में अनिश्चितताओं को दूर कर रही है।

Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट 2022 (Budget 2022) के भाषण में घोषणा की है कि सरकार देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नए नियम लेकर आ रही है। सरकार वर्चुअल असेट्स के ट्रांसफर से होने वाली इनकम पर 30 फीसदी टैक्‍स (Cryptocurrency Tax) लगाएगी। इस फैसले के बाद से यह बात साफ हो गई है कि सरकार क्रिप्‍टोकरेंसी पर बैन नहीं लगाने जा रही है, लेकिन टैक्‍स लगाकर नई डिजिटल करेंसी का ऐलान एक बात साफ जरूर कर दी है कि वो क्रिप्‍टोकरेंसी को ज्‍यादा फलने फूलने भी नहीं देगी। वर्चुअल डिजिटल असेट्स ट्रांजेक्‍शंस में जबरदस्‍त इजाफा हुआ है। बजट डॉक्‍युमेंट में कहा गया है कि इन ट्रांजेक्शंस को देखते हुए यह टैक्‍स व्‍यवस्‍था लागू करना जरूरी हो गया था। आइए आपको भी बताते हैं कि आख‍िर क्रिप्‍टोकरेंसी टैक्‍स पर किस तरह की 10 अहम बातें कहीं हैं।

डिजिटल करेंसी और क्रिप्‍टो टैक्‍स पर अहम बातें

  • वर्चुअल डिजिटल असेट्स के ट्रांसफर से होने वाले नुकसान को को किसी दूसरी आय के विरुद्ध एडजस्‍ट नहीं किया जा सकता है।
  • अगर कोई भी वर्चुअल असेट्स को ट्रांसफर करता है तो उस पर एक फीसदी का टीडीएस लगाया जाएगा।
  • वर्चुअल डिजिटल असेट्स उपहार में मिलता है तो प्राप्तकर्ता पर टैक्‍स लगाया जाएगा।
  • क्रिप्टोकरेंसी वर्चुअल या डिजिटल पैसा है जो टोकन या डिजिटल "सिक्कों" के रूप में होता है, क्रिप्टोकरेंसी को डिज़ाइन ही इस तरह किया गया है कि वह सरकारी नियमों और नियंत्रण से मुक्त रहे।
  • सेंट्रल बैंक एक डिजिटल करेंसी जारी करेगा, अभी के लिए क्रिप्टो और क्रिप्टो संपत्ति क्या हैं, इस पर कोई चर्चा नहीं होगी। विचार-विमर्श चल रहा है। एफएम निर्मला सीतारमण ने कहा कि परामर्श के बाद डिजिटल संपत्ति की डिटेल दी जाएगी।
  • भारत के उच्चतम टैक्स बैंड में क्रिप्टोकरेंसी और एनएफटी से होने वाली आय को रखने के अलावा, सीतारमण ने यह भी कहा कि उनकी बिक्री से होने वाले नुकसान को अन्य आय के मुकाबले ऑफसेट नहीं किया जा सकता है, जिससे डिजिटल असेट्स में व्यापार और निवेश के लिए प्रोत्साहन मिलता है।
  • क्रिप्टोकरेंसी और एनएफटी सहित डिजिटल असेट्स लेनदेन से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी कर लगाने का निर्णय अभी के लिए ऐसे टोकन पर पूर्ण प्रतिबंध से इंकार कर सकता है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, यह उनमें व्यापार को कम लाभदायक बना देगा।
  • जेफरीज ने एक नोट में कहा, यहां तक कि वर्चुअल असेट में लेनदेन पर 1 फीसदी के टीडीएस के साथ अब 30 फीसदी टैक्‍स लगाया जाएगा यह संभावित रूप से भारत में क्रिप्टो के लिए एक चुनौती हो सकती है।
  • डीवीएस एडवाइजर्स के पार्टनर सुंदर राजन ने कहा डिजिटल संपत्ति पर 30 फीसदी टैक्‍स की घोषणा, सरकार के साथ मिलकर अपनी डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने के साथ यह संकेत मिलता है कि सरकार क्रिप्‍टोकरेंसी को हतोत्साहित करना चाहती है। केवल एचएनआई ही इस तरह के निवेश कर सकते हैं और केंद्र क्रिप्टो को मुद्रा के रूप में अनुमति नहीं देगा।
  • एफएम सीतारमण ने बजट के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा RBI डिजिटल करेंसी जारी करेगा। इसके बाहर जो कुछ भी प्रचलित है वह व्यक्तियों द्वारा बनाई जा रही संपत्ति है और हम उन असेट्स के लेनदेन से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी कर लगा रहे हैं।

डिजिटल करेंसी पेश करेगी
वित्त मंत्री ने 2022-23 से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाने वाले ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का उपयोग करते हुए डिजिटल मुद्रा या डिजिटल रुपया पेश करने का भी प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) की शुरुआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को काफी बढ़ावा मिलेगा, जिससे अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली विकसित होगी।

क्रिप्टोकरेंसी का उद्गम कब हुआ?
जुलाई 2010 में क्रिप्‍टोकरेंसी सबसे पहले सामने आई थी, जिसका नाम बिटकॉइन था। उसके बाद से बिटकॉइन से ट्रांजेक्‍शन भी होने लगा। उस समय बिटकॉइन की कीमत 0.0008 डॉलर थी, मौजूदा समय में 38 हजार डॉलर के आसपास है, जोकि नवंबर 2021 में 69 हजार डॉलर पहुंच गई थी। उसके बाद से इसमें लगातार गिरावट आ रही है। वहीं क्रिप्‍टोकरेंसी की शुरूआत करीब 42 साल पहले 1980 से भी पहले हो गई थी।

ब्लाइंडिंग एल्गोरिदम पर हुआ था सबसे पहले काम
1980 में अमेरिकन क्रिप्टोग्राफर डेविट चौम ने 'ब्लाइंडिंग' नाम की एल्गोरिदम की खोज की थी, जो सेंट्रल से मॉडर्न वेब-बेस्ड इनक्रिप्शन पर आधारित थी। यह एल्गोरिदम सिक्योर, पार्टियों के बीच अपरिवर्तनीय सूचना के आदान-प्रदान और भविष्य के इलेक्ट्रॉनिक करेंसी ट्रांसफर के लिए आधार तैयार करने के मकसद से बनाई गई थी। हालांकि, इस पर ज्‍यादा काम नहीं हो सका था।

यह भी थी दुनिया की पहली वर्चुअल करेंसी
ब्लाइंडिंग के 15 साल बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर वेई दई ने बी-मनी नाम की वर्चुअल करेंसी को लेकर व्हाइट पेपर तैयार किया। बी-मनी में मॉडर्न क्रिप्टोकरेंसी के कई बेसिक कंपोनेंट्स थे। व्हाइट पेपर में बी-मनी के जटिल प्रोटेक्शन और डिसेंट्रलाइजेशन का जिक्र हुआ था। हालांकि, बी-मनी कभी एक्सचेंज के रूप में बाजार में नहीं आ पाई।

PM मोदी की वेबसाइट-मोबाइल ऐप का ट्विटर अकाउंट हैक, राहत कोष में क्रिप्टोकरेंसी से मांगा गया दान

सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर का बयान- और कौन से यूजर प्रभावित हुए अभी जानकारी नहीं।

PM मोदी की वेबसाइट-मोबाइल ऐप का ट्विटर अकाउंट हैक, राहत कोष में क्रिप्टोकरेंसी से मांगा गया दान

पीएम नरेंद्र मोदी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी वेबसाइट के ट्विटर हैंडल को हैक कर लिया गया। ट्विटर ने गुरुवार को खुद इसकी पुष्टि की। narendramodi_in के नाम वाले इस अकाउंट के जरिए हैकर्स ने कई ट्वीट किए और यूजर्स से एक राहत कोष में क्रिप्टोकरेंसी के जरिए दान करने के लिए कहा। बता दें कि इसी साल जुलाई में दुनियाभर की कई बड़ी हस्तियों के ट्विटर अकाउंट इसी तरह हैक हो गए थे और उनके जरिए यूजर्स को रकम बढ़ाने का लालच दिया गया था।

ट्विटर ने कहा है कि उसे पीएम मोदी के वेबसाइट अकाउंट की हैकिंग के बारे में जानकारी है और इसे सिक्योर किया जा रहा है। ट्विटर की प्रवक्ता ने बयान में कहा कि हम पूरे हालात की जांच कर रहे हैं। अभी हमें इसकी जानकारी नहीं है कि और कौन से अकाउंट्स पर असर पड़ा है। पीएम मोदी के ऑफिस की तरफ से भी इस पर कोई बयान नहीं जारी किया गया। बता दें कि पीएम के इस अकाउंट पर 25 लाख फॉलोवर्स हैं। मोदी इसे अपनी वेबसाइट http://www.narendramodi.in और नरेंद्र मोदी मोबाइल ऐप चलाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी ट्विटर अकाउंट हैक नहीं हुआ है। इसमें करीब 6 करोड़ 10 लाख फॉलोवर्स हैं। ट्विटर ने वेबसाइट के ट्विटर अकाउंट से फिलहाल वे सभी ट्ववीट्स हटा लिए हैं, जिसमें फॉलोवर्स से राष्ट्रीय राहत कोष में क्रिप्टोकरेंसी के जरिए दान करने की मांग की गई थी।

G 20 Summit All Party Meeting: सर्वदलीय बैठक से पीएम नरेंद्र मोदी संग अरविंद केजरीवाल की फोटो वायरल, लोग मांग रहे सुझाव

Gujarat Election Result पर मनीष सिसोदिया ने कहा- AAP 15-20% वोट शेयर ला रही है, लोग द‍िखाने लगे केजरीवाल का ल‍िखा कागज

IND vs BAN 2nd ODI Highlights: चोटिल रोहित शर्मा की तूफानी पारी पर फिरा पानी, बांग्लादेश ने 2015 के बाद जीती सीरीज; भारत को 5 रनों से हराया

जुलाई में किन लोगों के अकाउंट हुए थे हैक?
गौरतलब है कि 16 जुलाई को एक-एक कर के कई नेताओं और अरबपति कारोबारियों के अकाउंट में एक जैसे कुछ पोस्ट दिखने लगा। इन सभी लोगों के अकाउंट से एक के बाद एक बिल्कुल एक जैसे पोस्ट्स किए गए, जिसमें दानकर्ताओं को उनकी रकम डबल करने का झांसा दिया गया। जिन बड़ी हस्तियों के अकाउंट हैक हुए उनमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, 2020 चुनाव में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन, अरबपति कारोबारी बिल गेट्स, अमेजन के मालिक जेफ बेजोस और टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क शामिल थे।

क्या है इंटरनेट का अगला फेज Web3 जिसको लेकर सिलिकन वैली से लेकर इंटरनेट तक छिड़ी है बहस?

Web3 शब्द को लेकर सिलिकन वैली में जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है. इस Web3 को इंटरनेट का नेक्स्ट फेज यानि अगला चरण कहा जा रहा है. आइए जानते हैं कि आखिर है Web3 क्या है जिसको लेकर इतना हल्ला हंगामा मचा हुआ है.

Web3 शब्द को लेकर सिलिकन वैली में जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है. इस Web3 को इंटरनेट का नेक्स्ट फेज यानि अगला चरण कहा जा रहा है. इस पर तकनीक और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लोग काफी उत्साहित हैं. लेकिन टि्वटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं. उनका कहना है कि इंटरनेट पहले से ही बड़े पूंजीपतियों के हाथों में है. आइए जानते हैं कि आखिर है Web3 क्या है जिसको लेकर इतना हल्ला हंगामा मचा हुआ है.

क्या है Web3?

आसान शब्दों में समझाएं तो बहस Web3 टर्म एक पूरे ऐसे ऑनलाइन इकोसिस्टम को व्याख्यायित करता है, जिसमें किसी तरह का कोई मिडिलमैन नहीं है. Web3 पर प्लेटफॉर्म सेंट्रल गेटकीपर के मालिकाना में नहीं हैं और कोई भी Google जैसे सर्च इंजन के जरिए इंटरनेट पर नेविगेट नहीं करेंगे. ये ब्लॉकचेन सिस्टम के आधार पर चलने वाला होगा. इसी सिस्टम पर क्रिप्टोकरेंसी और नॉन फंजिबल टोकन (NFT) काम करते हैं.

Web3 क्या है?

कैसे काम करेगा Web3

Web3 की दुनिया में मौजूद सर्च इंजन, मार्केटप्लेस और सोशल नेटवर्क्स पर किसी का मालिकाना हक नहीं होगा. यूजर्स अपना डेटा खुद कंट्रोल कर सकेगा और उसका सिंगल पर्सनलाइज्ड अकाउंट होगा जहां यूजर अपने ईमेल से ऑनलाइन शॉपिंग और सोशल मीडिया पर जा सकेंगे, इस प्रक्रिया के दौरान ब्लॉकचैन सिस्टम पर यूजर की गतिविधि का एक पब्लिक रिकॉर्ड भी बनाया जा सकेगा.

ब्लॉकचेन एक सिक्योर डेटाबेस होता है, जिसे सामूहिक तौर पर यूजर्स के जरिए ऑपरेट किया जाता है और उसे कोई भी सर्च कर सकता है. इसमें लोगों को हिस्सा लेने के लिए टोकन के साथ रिवॉर्ड भी दिया जाता है.

यह सिस्टम एक शेयर्ड-लेजर के रूप में काम करता है, जिससे सूचनाएं सुरक्षित रहती हैं. इस शेयर्ड-लेजर में रिकॉर्ड या "ब्लॉक" की एक सीरीज के रूप में होता है. जो हर सीरीज में पिछले ब्लॉक को जोड़ दिया जाता है. हर ब्लॉक में टाइमस्टांप, डेटा और हैश होता है. यह डिजिटल फिंगरप्रिंट की तरह, ब्लॉक की सभी सामग्री के लिए एक विशिष्ट पहचान के रूप में काम करती है.

क्या पहले से मौजूद है Web3

बीते एक दशक से इंटरनेट को डिसेंट्रलाइज्ड किए जाने को लेकर बहस छिड़ी हुई है. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन के आने के बाद इसकी चर्चा और तेजी से शुरू हो गई है. बड़ी टेक कंपनियां पहले से ही इस पर दांव लगा रही हैं और यहां तक कि वेब3 टीमों को भी असेंबल करना शुरू कर दिया गया है. लेकिन सीधे तौर पर कहें तो हम आधिकारिक तौर पर Web3 की दुनिया में नहीं हैं.

चुनौतियां क्या हैं?

Web3 को लेकर एक्सपर्ट्स की अपनी अलग अलग राय है. वो डिसेंट्रलाइज्ड इंटरनेट को रेगुलेट करने को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर कर चुकी हैं. उनका मत है कि इसे साइबर क्राइम, हेट स्पीच और फर्जी सूचनाओं से बचाना एक चुनौतीपूर्ण काम होगा.

Web3 का उपयोग करना भी कठिन हो सकता है लेकिन चुनौती ये नहीं है कि लोग इसे आसानी से एक्सेस कर सकें, लेकिन अगर वे जानते हैं कि अपने डेटा को सुरक्षित रूप से कैसे मैनेज किया जाए.

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