Stock Market में P/E Ratio क्या है? शेयर खरीदने से पहले इसे जरूर जानें।
दोस्तों एक अच्छा शेयर का चुनाव के जितने भी तरीके हैं हम सभी अपनाते हैं। शेयर को सेलेक्ट कर लेते हैं। जब उसे खरीदे लगते हैं तो मन में कई तरह की आशंका उत्पन्न होने लगती है। यह शेयर महंगा तो नहीं है। इसे लेने के बाद इसका दाम नीचे तो नहीं गिर जाएगा।
यदि आपके भी मन में भी यह आशंकाएं उत्पन्न हो रही है कि जो शेयर हम खरीदने जा रहे हैं वह सस्ता है या महंगा। यह कैसे पता करें। तो आपके लिए बड़ा ही अच्छा नॉलेज शेयर कर रहा हूं जिसका नाम है P/E Ratio.
P/E Ratio का मतलब क्या है?
P/E Ratio का अर्थ Price Earning Ratio है।
साधारण भाषा में इसका मतलब यह होता है कि हमें कितने रुपए लगाने पर कितने रुपए मिलेगा।
उदाहरण द्वारा इसे समझते हैं। रिलायंस कंपनी के 1 शेयर का दाम अभी ₹ 2000 हैं। इस कंपनी ने पिछले 1 साल में ₹ 200 लाभ दिया है। यदि मुझे इसका P/E Ratio निकालना है तो 2000 ÷ 200 = 10 निकलेगा।
इस P/E Ratio का मतलब यह हुआ कि आपको ₹ 1 कमाने के लिए रिलायंस कंपनी में ₹10 लगाना पड़ेगा। या दूसरे भाषा में ₹ 2000 केेेेेेे निवेश पर हमें ₹ 200 प्राप्त होगा।
इस प्रकार P/E Ratio उसे कहते हैं जिसे प्रति शेयर बाजार मूल्य में उसके द्वारा दी गई आय के द्वारा भाग देने पर जो प्राप्त होता है वही P/E Ratio है।
शेयर खरीदने हेतु P/E Ratio क्या होने चाहिए
अब आपके मन में यह सवाल उठता होगा कि शेयर खरीदने वक्त हमें कितना P/E Ratio का शेयर खरीदना चाहिए और कितना P/E Ratio शेयर नहीं खरीदना चाहिए।
आमतौर पर वित्तीय सलाहकार कहते हैं कि जिसका P/E Ratio 30 से ज्यादा है उसे हमें नहीं खरीदना चाहिए। क्योंकि यदि मुझे ₹30 लगाकर सालाना ₹1 प्राप्त हो यहां तक तो ठीक माना जा सकता है। पर उससे ज्यादा लगाकर यदि मुझे ₹1 प्राप्त हो तो यह कभी भी ठीक नहीं माना जा सकता।
वैसे जैसे जैसे कंपनी मुनाफा कमाता रहता है उसका P/E Ratio बढ़ता रहता है। इसलिए आप कंपनी के पिछले कुछ सालों का मुनाफा देख सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि P/E Ratio ज्यादा होने से उस शेयर में निवेश ना करें।
क्या केवल P/E Ratio द्वारा ही अच्छे शेयर का चुनाव सही है?
यदि आप सोच रहे हैं कि मुझे P/E Ratio निकालना आ गया और इसे देखकर मैं अच्छे से शेेेयर खरीद कर एक सफल निवेशक बन जाऊंगा तो यह आप गलत सोच रहे हैं। कई बार हम भ्रम में भी आ जाते हैंं। गलत P/E Ratio दौरा भी हम गलत शेयर खरीद कर नुकसान उठा लेते हैं।
कई ऐसे भी कंपनी होती हैं जिसकी P/E Ratio में काफी उतार-चढ़ाव होता रहता है। यानी किसी वर्ष यह बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और किसी बात बहुत कम हो जाता हैै।
उदाहरण रियल स्टेट कंपनी का लेते हैं। किसी क्या एक ही शेयर को आप बार वर्ष 50 घर भी नहीं बिकता तो किसी वर्ष 500 घर बिक जाता है। जिस वर्ष इस कंपनी का 500 घर बिका है उस वर्ष का P/E Ratio 20 मान लेते क्या एक ही शेयर को आप बार हैं। हम यह सोच कर शेयर खरीद लेते हैं कि P/E Ratio उसका कम है।
अगले वर्ष 50 घर भी नहीं बिका और वह हमें नुकसान उठाना पड़ जाता है। इसलिए आप क्या एक ही शेयर को आप बार केवल P/E Ratio पर निर्भर ना रहे।
P/E Ratio और क्या बताता है?
P/E Ratio द्वारा किसी कंपनी के शेयर सस्ते या महंगे का अनुमान लगा सकते हैंं। इसके अलावा आप यह भी अनुमान लगा सकते हैं कि वर्तमान में शेयर बाजार महंगा है या सस्ता हैै।
मेरा कहने का अर्थ यह है कि कई बार नये निवेशक सोचते हैं कि जब बाजार सस्ता होगा तब निवेश की शुरुआत करूंगा। यह पता कैसे चलेगा कि मार्केट अभी सस्ता है या महंगा है। उसके लिए आप मार्केट का P/E Ratio देख सकते हैं।
भारतीय बाजार में क्या एक ही शेयर को आप बार मुख्य रूप से दो जगह शेयर की खरीद बिक्री की जाती है। एक सेंसेक्स और दूसरा है निफ्टी। सेंसेक्स 30 कंपनी का प्रतिनिधित्व करती है और निफ्टी भारत के 50 कंपनी का प्रतिनिधित्व करती है।
सेंसेक्स और निफ्टी यह बताती है कि अभी भारतीय बाजार का क्या हाल है। यदि आप नये निवेशक हैं या शेयर मार्केट में निवेश करने की सोच रहे हैं तो सेंसेक्स और निफ्टी का P/E Ratio जाकर जरूर देख लें। आपको पता लग जाएगा कि अभी भारतीय शेयर बाजार सस्ता है या महंगा है।
सस्ता है तो फिर आप निवेश की शुरुआत कर दीजिए और यदि महंगा है तो कुछ समय इंतजार कर सकते हैं। वैसे एकमुश्त निवेश में यह देखा जाता है। जब आप एसआईपी शुरू करने की सोच रहे क्या एक ही शेयर को आप बार हैं तो आप कभी भी शुरू कर सकते हैं।
P/E Ratio बदलता रहता है
P/E Ratio हमेशा बदलता रहता है। यह नहीं कि आपने एक बार जो P/E Ratio देख लिया वह क्या एक ही शेयर को आप बार हमेशा के लिए रहेगा। मान लीजिए किसी कंपनी का P/E Ratio अभी 25 है।
कुछ दिनों बाद कंपनी ने अच्छा मुनाफा कमाया और उसके शेयर का दाम बढ़ गया। क्योंकि सभी लोग उसके शेयर को खरीदने लगे। हम उस कंपनी का P/E Ratio बढ़ जाएगा।
इसलिए आप जिस वक्त शेयर खरीदते हैं उस वक्त उस शेयर का भी P/E Ratio देख ले।
जाते जाते एक बात आपको बता कर जा रहा हूं शेयर बाजार जितना ही लाभदायक है उतना ही नुकसानदायक। इसमें हम 1 दिन में लाखों कमा भी सकते हैं और लाखों गंवा भी सकते हैं।
आप तभी इसमें निवेश करने की सोचे जब आप लाखों कमाने और गंवाने के लिए तैयार हो। किसी के भी कहने पर कहीं भी निवेश ना करें। सोच समझ कर फैसला ले। आपके मेहनत की कमाई पर पहला अधिकार आपका ही है।
किसी के कहने पर किसी भी शेयर में निवेश ना करें। निवेश से पहले विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले। आप चाहे कितने बड़े खिलाड़ी हो लेकिन कर्ज लेकर कभी भी स्टॉक मार्केट में निवेश ना करें इससे आप ज्यादा कठिनाई में पड़ सकते हैं।
मल्टीबेगर शेयर के अलावा Penny Stocks जिसका मूल्य ₹10 से कम है आप चाहे तो उसमे निवेश कर सकते हैं। इलेक्ट्रिक वाहन शेयर जो मार्केट में बिल्कुल नया है उसमें भी निवेश कर सकते हैं। लेकिन निवेश करने से पहले अच्छी तरह रिसर्च जरूर कर ले।
Share Market: क्या शेयर मार्केट में शेयर खरीदने की कोई लिमिट है?
किसी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए दो तरह की मार्केट होती हैं। पहली प्राइमरी मार्केट और दूसरी सेकंडरी मार्केट। दोनों ही मार्केट में कोई निवेशक किसी कंपनी के कितने शेयर खरीद सकता है या कुल कितने शेयर खरीद सकता है, इसके अलग-अलग नियम हैं। ऐसे में निवेशकों के लिए share Market investment के क्षेत्र से जुड़ी कुछ अहम बातें जानना बेहद जरूरी है।
#2. शेयर खरीदने की दो मार्केट हैं और दोनों में अलग-अलग लिमिट है
सामान्य भाषा में कहें, तो किसी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए दो तरह की मार्केट होती हैं। पहली प्राइमरी मार्केट और दूसरी सेकंडरी मार्केट। दोनों ही मार्केट में कोई निवेशक किसी कंपनी के कितने शेयर खरीद सकता है या कुल कितने शेयर खरीद सकता है, इसके अलग-अलग नियम हैं, जो हम आपको बताएंगे।
#A. प्राइमरी मार्केट
प्राइमरी मार्केट में शेयर खरीदने वालों को तीन अलग-अलग कैटेगरी में बांटा जाता है, जिनके लिए शेयर खरीदने की लिमिट अलग-अलग होती है।
1. खुदरा निवेशक: इस कैटेगरी में आने वाले लोग अधिकतम दो लाख रुपए तक के शेयर खरीद सकते हैं। फिर वो चाहे एक ही कंपनी के दो लाख रुपए के शेयर खरीद लें या अलग-अलग कंपनियों के कुल-मिलाकर दो लाख रुपए के शेयर खरीद लें।
2. हाई नेटवर्क इंडिविजुअल: इनके लिए कोई सीमा नहीं होती है। ये जितनी चाहें, उतनी कीमत के शेयर खरीद सकते हैं।
3. संस्थागत निवेशक: इनके लिए भी कोई सीमा नहीं होती है। ये जिस कंपनी के जितने चाहें, उतनी कीमत के शेयर खरीद सकते हैं।
#B. सेकंडरी मार्केट
सेकंडरी मार्केट से आशय उस बाजार से है, जिसमें निवेशक शेयर मार्केट में जाकर किसी भी स्टॉक एक्सचेंज से शेयर खरीदते और बेचते हैं। इसमें भी किसी निवेशक के लिए कोई लिमिट नहीं है। वह किसी भी कंपनी के कितनी भी कीमत के शेयर खरीद सकता है। हां, 50% शेयर वाला नियम यहां भी लागू होगा। इसके अलावा जब कोई निवेशक किसी कंपनी के 5% से ज़्यादा शेयर खरीदता है, तो उस पर SEBI के कुछ और नियम लागू होते हैं। SEBI वह संस्था है, जो भारत के निवेश बाज़ार में नियंत्रक का काम करती है।
तो आखिर में आपके सवाल का जवाब यही है कि आपके शेयर खरीदने क्या एक ही शेयर को आप बार पर कोई लिमिट नहीं है। बस आप जितनी ज़्यादा कीमत के शेयर खरीदते जाते हैं, तो आप पर उतने ही नए नियम लगते जाते हैं, जिन्हें पूरा करने के बाद ही आप और शेयर खरीद सकते हैं। बाकी आप लाखों-करोड़ों कितने के भी शेयर खरीदें, कोई फर्क नहीं पड़ता।
#3. शेयर खरीदने के लिए क्या करना होता है?
किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना ज़रूरी है। यह आप किसी भी बैंक में खुलवा सकते हैं। आमतौर पर आप जिस बैंक में बचत खाता खुलवाते हैं, उसी खाते के साथ आपका डीमैट अकाउंट भी खोल दिया जाता है। हालांकि, यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है कि आप बचत खाते के साथ डीमैट अकाउंट खुलवाना चाहते हैं या नहीं। लेकिन, अगर आप शेयर खरीदना चाहते हैं, तो डीमैट अकाउंट अनिवार्य है। डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए पैन कार्ड देना होता है, क्योंकि पैन कार्ड के जरिए ही सरकार क्या एक ही शेयर को आप बार आपके सारे ट्रांजैक्शंस पर निगाह रखती है।
Share Bazaar: क्या एक ही शेयर को आप बार-बार खरीद-बेच सकते हैं?
Share Market Investment: क्या किसी Share को हम एक ही दिन में बार-बार खरीद या बेच सकते हैं। इस सवाल को लेकर क्या आप भी दुविधा में हैं? चलिए आपकी दुविधा को दूर किए देते हैं। आपके इस सवाल का जवाब है- हां।
इंट्रा-डे का ट्रेडिंग का उदाहरण
मान लीजिए, आज आपने किसी कंपनी का 20 रुपये की कीमत वाला शेयर खरीदा। इन शेयरों की संख्या 100 थी। इसके लिए आपने 2010 (2000+10) शेयर की कुल कीमत और कमीशन मिलाकर 2010 रुपये चुकाए। कुछ घंटे बाद इस शेयर की कीमत 20.50 हो गई। आपने मुनाफा देखकर अपने सभी 100 शेयर बेच दिए। आपको इस पर 2040 (2050-10) रुपये मिले।
इस तरह आपने कुछ घंटे का रिस्क लेकर 30 रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जबकि आपके ब्रोकर को इससे 20 रुपये कमीशन मिला। इस तरह एक बार इंट्रा डे ट्रेडिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई। अगर आप चाहें तो उसी कंपनी के शेयर की उसी दिन फिर इसी तरह से खरीद-बिक्री कर सकते हैं। बस, शेयर बाजार बंद न हुए हों। इसी तरह एक ही दिन में नहीं बल्कि सप्ताह में महीने में आप चाहे, जितनी भी बार ट्रेडिंग कर सकते हैं।
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इंट्राडे ट्रेडिंग: यहां कुछ घंटों में मिल सकता है बंपर रिटर्न, लेकिन ध्यान रखें ये 5 टिप्स
Tips For Intra Day Trading: बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं.
Tips For Intra Day Trading: बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं.
Tips For Intra Day Trading: शेयर बाजार ऐसी जगह है, जहां 1 दिन के कारोबार में भी अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है. अगर आप सही और सटीक शेयर चुन लेते हैं तो इंट्राउे ट्रेडिंग में मोटा मुनाफा कमा सकते हैं. बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं. यहां शेयर खरीदा तो जाता है लेकिन उसका मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि एक दिन में उसमें होने वाली बढ़त से मुनाफा कमाना होता है. हालांकि यह ध्यान रखने वाली बात है कि यहां जरूरी नहीं है कि हमेशा निवेशकों को फायदा ही हो.
अगर शेयर बाजार में डे-ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है. इस अकाउंट में आप या तो ब्रोकर को फोन पर ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं या ऑनलाइन भी खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे पैसा लगा सकते हैं. इसके लिए किसी मिनिमम रकम की जरूरत नहीं पड़ती है.
कैसे चुनें सही स्टॉक
- सिर्फ लिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग करनी चाहिए और इंट्राउे के लिए ऐसे 2 से 3 स्टॉक का ही चुनाव करना चाहिए.
- एक्सपर्ट वोलेटाइल स्टॉक से दूर रहने की सलाह देते हैं.
- किसी भी शेयर का चुनाव करने के पहले निवेशकों को देखना चाहिए कि बाजार का ट्रेंड क्या है. उसी ट्रेंड को फॉलो करें, ना कि ट्रेंड के खिलाफ ट्रेडिंग करें.
- शेयर का चुनाव करने के पहले उसे लेकर अच्छे से रिसर्च कर लें. शेयर को लेकर एक्सपर्ट की क्या राय है, इसे भी देख लें. जरूरत पर एक्सपर्ट की सलाह भी लें.
- शेयर में पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस तय करें. लक्ष्य पूरा होते दिखे तो मुनाफा वसूली कर लें.
एक दिनी तेजी का उदाहरण
कई बार शेयर बाजार में इंट्राडे के दौरान शेयरों में बंपर तेजी देखने को मिलती है. कईबार शेयर में 20 फीसदी तक का अपर सर्किट देखने को मिलता है. 5 से 10 फीसदी की भ्ज्ञी तेजी संभव है. आज यानी 12 मई के कारोबार में देखें तो टाटा मोटर्स, पावरग्रिड और एनटीपीसी जैसे शेयरों में 3 फीसदी तक की तेजी देखने को मिली है.
Stocks in News: Paytm, Bajaj Finance, Nykaa, IOC समेत इन शेयरों पर रखें नजर, इंट्राडे में दिखेगा एक्शन
Dharmaj Crop Guard: IPO खुलते ही ग्रे मार्केट में शेयर का बढ़ा क्रेज, ब्रोकरेज ने दी Subscribe रेटिंग, क्यों है फायदे का सौदा
Bikaji Foods के IPO में पैसा लगाने वालों की भर रही है जेब, लगातार दूसरे दिन 10% अपर सर्किट, रिकॉर्ड हाई पर शेयर
(Discliamer: हम यहां अलग अलग ब्रोकरेज हाउस की वेबसाइट या एक्सपर्ट द्वारा दी जाने वाली सलाह के बाद इंट्राडे कारोबार के बारे में जानकारी दी है. यह निवेश की सलाह नहीं है. शेयर बाजार के अपने जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)
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बिना ज्यादा दिमाग लगाए, अपने लिए टॉप-5 शेयर कैसे चुने? एक बार जान लिए तो बन जाएंगे अमीर
हर कोई चाहता है कि सिर्फ उसी शेयर में पैसा लगाएं जहां से नुकसान ना उठाना पड़े, लेकिन ये कैसे होगा ये बहुत कम लोगों को पता होता है। आइए जानते हैं कि अधिक रिटर्न वाले शेयर को सेलेक्ट करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना होता है।
Written By: ANISH KUMAR SINGH @AnishSonevanshi
Updated on: December 12, 2022 14:08 IST
Photo:INDIA TV बिना ज्यादा दिमाग लगाए, अपने लिए टॉप-5 शेयर कैसे चुने?
अच्छे शेयर चुनना कोई रॉकेट साइंस नहीं है, थोड़ा सा दिमाग लगाएंगे तो क्या एक ही शेयर को आप बार अच्छे शेयर खुद ब खुद आपकी झोली में चले आएंगे। आज मैं इसी बारे में आपको बताने जा रहा हूं। म्यूचुअल फंड में जिसने भी साल या 2 साल का वक्त निवेश करते हुए गुजार लिए हैं, ये आर्टिकल उनलोगों की काफी मदद करने वाला है। जो लोग म्यूचुअल फंड के बाद अब इक्विटी मार्केट में डायरेक्ट निवेश करने की सोच रहे हैं, वो लोग इसे ध्यान से समझ लें।
अभी तक आप सही म्यूचुअल फंड को सलेक्ट करने के लिए टॉप-5 म्यूचुअल फंड की लिस्ट देखकर उनमें से किसी एक को सलेक्ट कर निवेश कर रहे थे। कितने समय के लिए आप निवेश करने वाले हैं, उस मापदंड को देखते हुए किसी लार्जकैप फंड में पैसे लगा रहे थे। लेकिन आप में से बहुत कम लोगों ने ही एक जरूरी बात पर गौर किया होगा। क्या है वो जरूरी बात? इसे समझिए।
टॉप-5 म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो पर नजर दौड़ाएं
जब आप टॉप-5 म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो पर नजर दौड़ाएंगे (यानी वो म्यूचुअल फंड किन-किन शेयर्स में निवेश करता है)तो कुछ शेयर उनमें कॉमन नजर आएंगे। आपको उन कॉमन शेयर्स की लिस्ट बनानी है। आपके पास कम से कम 3 या 4 ऐसे शेयर आएंगे, जिनमें टॉप-5 म्यूचुअल फंड पैसे निवेश करते हैं।
कच्चा आम, पका आम के उदाहरण से समझिए
अभी तक आपने शेयर को सलेक्ट करने का ये नया तरीका सीख लिया। अब आपको उस शेयर को अपने पोर्टफोलियो में कब शामिल करना है इसे जान लीजिए। इसे एक उदाहरण से समझते हैं।
आम सभी को अच्छे लगते हैं बच्चा हो या बड़ा, सभी इसे चाव से खाते हैं। मान लीजिए, आपके दोनों हाथों में एक-एक आम है। एक में कच्चा और एक में पका हुआ आम। आप 20 साल के एक युवक को बुलाते हैं और आम खाने के लिए अपने दोनों हाथ उसके आगे बढ़ाते हैं, वो युवक पके हुए आम को देखता है और उसे उठा लेता है। कुछ देर बाद एक छोटा बच्चा आता है। उसके सामने भी आपने दोनों हाथ आगे किए। वो बच्चा कभी कच्चे आम की तरफ देखता है, कभी पके हुए आम क्या एक ही शेयर को आप बार की तरफ। उसे ये तो पता है कि ये दोनों आम हैं, लेकिन ये नहीं पता कि कौन सा आम मीठा होगा, कच्चा वाला या पका वाला और किसे कब खाना है। वो आपके हाथों में रखे दोनों आम उठा लेता है।
यहां आम का मतलब शेयर से है। वो शेयर जिसे आपने निवेश के लिए चुना है। शेयर बाजार में नए निवेशक को यहां बच्चे के रूप में और 20 साल के युवक को अनुभवी निवेशक के रूप में लिया गया है।
अपने ड्रीम शेयर को कब और कैसे खरीदें
जो अनुभवी लोग हैं उन्हें ये पता होता है कि उन्हें अपना ड्रीम शेयर कब और कितने भाव में लेना है। लेकिन जो लोग नए होते हैं वो ये तो पता कर लेते हैं कि क्या एक ही शेयर को आप बार उन्हें कौन से शेयर लॉन्ग टर्म के लिए खरीदकर रख लेना चाहिए। लेकिन ये नहीं पता होता कि आखिर किस भाव में खरीदना है। ऊपर समझाए गए उदाहरण में जिस तरह बच्चे को आम के कच्चे या पके होने का बोध नहीं होता है, ठीक उसी तरह नए निवेशक अपने ड्रीम शेयर में गलत टाइम में एंट्री लेकर लंबे समय तक के लिए फंस जाते हैं। इसके लिए उन्हें अपने फेवरेट शेयर के भाव के कम से कम 2 से 3 फीसदी तक गिरने का इंतजार करना चाहिए। और धीरे-धीरे ठीक-ठाक गिरावट पर उसे खरीदते रहना चाहिए। जिससे उस शेयर की एवरेज वैल्यू करेंट प्राइस के काफी नीचे आ जाएगी, और आप जल्द ही उस शेयर में अच्छा मुनाफा देख सकते हैं। इस तरीके को और अच्छी तरह समझने के लिए आप नीचे दिए आर्टिकल के लिंक को क्लिक कर उसे पढ़ सकते हैं और अपने इन्वेस्टिंग के सफर को और आसान बना सकते हैं
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