शाह ने कहा कि कोई व्यक्ति मूल सोच तभी रख पाता है, जब उसे उसका विषय मातृभाषा में पढ़ाया जाता है। नयी शिक्षा नीति से किसी छात्र की कला और संगीत आदि जैसी अंतर्निहित क्षमताओं को एक मंच प्रदान करने में मदद करेगी।
मातृभाषा में शिक्षा मिलने से छात्रों की वैचारिक, तार्किक और विश्लेषण क्षमता बढ़ेगी: शाह
महेसाणा, 24 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को यहां कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत किसी छात्र को उसकी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने से उसकी वैचारिक, तार्किक, विश्लेषण करने और शोध क्षमता बढ़ेगी।
विजपुर में शेठ जी. सी. हाई स्कूल की 95वीं वर्षगांठ पर सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि तकनीकी, चिकित्सा और उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों के विषयों को क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कराने पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि अगले 25 साल में एनईपी भारत को नंबर एक देश बना देगी।
शाह ने कहा कि आजादी से पहले के भारत में ब्रिटिश शिक्षा नीति के तहत रटकर पढ़ाई करना बुद्धिमत्ता की निशानी होती थी।
उन्होंने कहा कि छात्रों में सोचने, शोध करने, तर्क करने, विश्लेषण करने, निर्णय लेने और समझने की शक्ति पैदा नहीं होती थी, जिससे समाज में समस्याएं पैदा हो गईं।
'अगले 25 साल में NEP देश को नंबर 1 बना देगी, मातृभाषा में एजुकेशन मिलने से छात्रों की बढ़ेंगी ये क्षमताएं'
Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Published on: December 24, 2022 19:39 IST
Image Source : PTI केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह(फाइल फोटो)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत किसी छात्र को उसकी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने से उसकी वैचारिक, तार्किक, विश्लेषण करने और शोध क्षमता बढ़ेगी। विजपुर में शेठ जी.सी.हाई तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं? स्कूल की 95वीं वर्षगांठ पर सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि तकनीकी, चिकित्सा और उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों के विषयों को क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कराने पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं? नीति अगले 25 साल में भारत को नंबर वन देश बना देगी।
इन 5 चीजों के द्वारा आर्टिफिशिअल इंटेलिजन्स बना सकता है आपके बिजनेस को सफल
डेटा आज के जमाने में सोने जैसा है। हालांकि, सिर्फ डेटा होने से बिजनेस नही चलता है, आपको वैल्यू निर्माण के लिए डेटा का सही उपयोग करना आवश्यक है।
डेटा को समझना कभी भी आसान नही होता है और डेटा के द्वारा होनेवाली ग्रोथ के अवसरों का लाभ उठाने के लिए कंपनियाँ ट्रिलियन्स डॉल्र्स खर्च कर रही हैं। अडोबी में काम करने वाले डेटा वैज्ञानिक, ऐश्वर्य अशेष अपने रिसर्च के आधर पर यह बता रहे हैं कि टाईम सिरीज विश्लेषण और फोरकास्टिंग का लाभ ले कर किस तरह किसी भी बिजनेस में आगे बढ़ कर उद्देश्य पूरा किया जा सकता है।
क्रिसमस वॉच: क्या 2023 अंत में $ 17K के बीच बिटकॉइन की कीमतों में स्थिरता को समाप्त कर देगा?
पिछले सप्ताह में बिटकॉइन की कीमत में भारी गिरावट देखी गई जब 20 दिसंबर को संपत्ति तीन सप्ताह के निचले स्तर 16,300 डॉलर पर गिर गई। हालांकि, बैलों ने तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं? इस कदम को रोक दिया और संपत्ति को 500 डॉलर तक पीछे धकेल दिया।
अमेरिका ने गुरुवार को अपने जीडीपी डेटा की घोषणा की, और शुक्रवार को पीसीई नंबर सामने आए, दोनों से बाजार में कुछ और अस्थिरता आने की उम्मीद थी। हालाँकि, जबकि अमेरिकी शेयर बाजार नीचे चला गया, बीटीसी अपेक्षाकृत सपाट रहा, एक संक्षिप्त कीमत में गिरावट के अलावा।
सप्ताहांत की शुरुआत बिटकॉइन के $17,000 के करीब होने के साथ हुई, और तब से संपत्ति एक इंच भी नहीं बढ़ी है। यह अब के साथ-साथ कम ट्रेडिंग वॉल्यूम पर $ 16,800 पर ट्रेड करता है।
ओकेबी बाहर खड़ा है
अधिकांश altcoins पिछले दो दिनों में भी कोई महत्वपूर्ण हलचल उत्पन्न करने में विफल रहे हैं। इथेरियम की इस सप्ताह की शुरुआत में $ 1,200 के साथ लड़ाई हुई थी, जो अब तक जीतती दिख रही है क्योंकि यह उस रेखा के ऊपर $ 20 का कारोबार करती है।
Binance Coin, Cardano, Ripple, Dogecoin, Shiba Inu, Polygon, Polkadot, और Tron अनिवार्य रूप से उसी कीमत पर हैं जो कल थे, 1% से कम के उतार-चढ़ाव के साथ।
ओकेएक्स की मूल क्रिप्टोकरंसी लार्ज-कैप ऑल्ट से सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला है, एक्सचेंज द्वारा अपनी नवीनतम प्रूफ-ऑफ-रिजर्व रिपोर्ट प्रकाशित करने के कुछ ही दिनों बाद, 101% आरक्षित अनुपात दिखा रहा है। OKB दैनिक पैमाने पर 5% से अधिक है और $23 पर कारोबार कर रहा है।
किसी बड़े कदम के अभाव में, क्रिप्टो मार्केट कैप $810 बिलियन पर अटका हुआ है।
Covid Scare: चीन में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामले, क्या भारत में भी आएगी फिर कोरोना की नई लहर?
भारत में कोरोना की लहर नहीं आएगी, लेकिन इस बात का है अंदेशा
भारत में इस समय कोरोना की नई लहर आने की आशंका नहीं दिखती है, दरअसल सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के समय बनने वाली कुंडली को देखें तो 16 दिसंबर 2022 को सुबह 10 बजे भारतीय समयानुसार सूर्य धनु राशि में आए तब केतु के नक्षत्र मूल में सूर्य के आने के बाद से समूची दुनिया में चीन में बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों को लेकर तरह-तरह की आशंका जताई जाने लगी।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से राहु-केतु के साथ युति कर रहे ग्रह और उनके नक्षत्रों में गोचर कर रहे ग्रहों के चलते वायरस यानि सूक्ष्म-जीवों से होने वाली महामारियों का योग बनता है। यह किसी बड़े ग्रहण के बाद अधिक बुरा प्रभाव दिखता है। अभी 8 नवंबर को लगे चंद्र ग्रहण का प्रभाव 3 महीने तक रहेगा जिसके चलते जनवरी महीने के अंत तक कोरोना वायरस को लेकर कुछ देशों में तकनीकी और मूलभूत विश्लेषण क्या हैं? सावधानी रखनी होगी लेकिन इस समय राहत की बात यह है कि, शनि, मंगल, गुरु, राहु और केतु में से कोई भी ग्रह इस समय राहु-केतु के नक्षत्रों (अश्विनी, मघा, मूल, आर्द्रा, स्वाति तथा शतभिषा) में गोचर नहीं कर रहे अत: कोरोना की यह लहर बहुत नुकसानदायक नहीं होगी।
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