The reports coming from Arunachal Pradesh are worrying and alarming. A major clash took place between Indian and Chinese soldiers and the government has kept भारतीय व्यापारियों के लिए ईमानदार समीक्षा the country in the dark for days. Why was the Parliament not informed, when it is in session? https://t.co/tRyn0LvgOM— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 12, 2022
Year Ender 2022: भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों से भरा रहा 2022, हासिल हुए ये बड़े मुकाम
Image Source : PTI
पीएम नरेंद्र मोदी, जी-20 की अध्यक्षता लेते हुए (फाइल)
India achievements in 2022: वर्ष 2022 भारत के लिए कई अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियों से भरा रहा। इस वर्ष भारत ने कई बड़े-बड़े मुकाम हासिल किए। यह संयोग की ही बात है कि वर्ष 2022 के दिसंबर में भारत को जी-20 के साथ ही साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अध्यक्षता भी हासिल हुई। इससे दुनिया भर में भारत की बढ़ती साख का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। विश्व के सबसे बड़े और ईमानदार लोकतंत्र के रूप में भी भारत की नई पहचान बनी। दुनिया के तमाम देशों का भरोसा भारत पर बढ़ा है। इसके अलावा कई अन्य अंतराष्ट्रीय उपलब्धियां भी इसी वर्ष भारत के नाम हुईं। आइए इस सब बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
भारत को जी-20 की अध्यक्षता 1 दिसंबर 2022 को ऐसे वक्त में मिली है। जब रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध चल रहा है। साथ ही तीसरे विश्व युद्ध का खतरा भी दुनिया पर बढ़ा है। भारत शुरू से ही कूटनीति और आपसी बातचीत के जरिये रूस और यूक्रेन से युद्ध को समाप्त करने की अपील करता आ रहा है। इस दौरान भारत ने पूरी दुनिया पर बढ़ते ऊर्जा और खाद्य संकट को लेकर भी सभी देशों का न सिर्फ ध्यान आकृष्ट करवाया है, बल्कि इससे निपटने के उपाय भी बताए। भारत इस वैश्विक संकट पर अग्रणी की भूमिका निभा रहा है। भारत न सिर्फ समस्या बताता है, बल्कि उसका समाधान भी दुनिया को दे रहा है। इससे हिंदुस्तान की छवि अगुवा की बन चुकी है।
जी-20 की अध्यक्षता से भारत होगा और मजबूत
जी-20 की अध्यक्षता भारत के पास पूरे एक वर्ष तक रहेगी। इस दौरान देश के तमाम शहरों में जी-20 देशों की 200 से अधिक बैठकें होनी हैं। भारत के पास अपनी छवि और मजबूत करने का मौका है। साथ ही आतंकवाद, खाद्य और ऊर्जा संकट समेत, ग्लोबल वार्मिंग, क्लाइमेट चेंज और ग्रीन एनर्जी जैसे मुद्दों पर दुनिया का ध्यान भी आकृष्ट करवाना है। इसके अतिरिक्त 10 माह से चले आ रहे यूक्रेन और रूस युद्ध के संकट का हल भी खोजना है। अगर भारत बातचीत के जरिये मध्यस्थ बनकर इस युद्ध को खत्म करा पाने में सफल रहता है तो यह भारत की बड़ी जीत होगी। पिछले एक वर्ष में पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन में करीब 5 बार बातचीत हो चुकी है। यूक्रेन संकट का हल खोजने के साथ ही इस दौरान सीमा पर चीन और पाकिस्तान की हरकतों से दुनिया को अवगत कराना और उसके खिलाफ विश्व के देशों को एकजुट करने का मौका भी देश के पास होगा।
यूएनएससी की अध्यक्षता से लाभ
जी-20 के साथ ही साथ यूएनएससी की भी अध्यक्षता मिलने से विश्व में भारत का कद काफी बढ़ गया है। जी-20 और यूएनएसी की अध्यक्षता भारत को ऐसे वक्त में मिली है, जब दुनिया रूस और यूक्रेन युद्ध का साइड इफेक्ट झेल रही है। साथ ही अफगानिस्तान में आतंकवादियों ने सरकार बना ली है। पाकिस्तान में आतंक फल-फूल रहा है और भारत की वास्तविक नियंत्रण रेखा और नियंत्रण रेखा पर चीन व पाकिस्तान जानबूझकर देश की अखंडता और संप्रभुता को ललकार रहे हैं। ऐसे वक्त में उक्त दो महासंगठनों का अध्यक्ष होने के नाते भारत के पास मौका है आतंकवाद के खिलाफ माहौल तैयार करने का, चीन और पाकिस्तान की हरकतों से दुनिया को अवगत कराने और उनके खिलाफ देशों को इकट्ठा करने का। इसके साथ ही साथ यूएनएससी के अध्यक्ष के नाते यूक्रेन युद्ध के समाधान की ओर दुनिया को विमुख करने व खाद्य और ऊर्जा संकट का समाधान खोजने के प्रति दुनिया को प्रेरित करने का भी मौका है। यह बात अलग है कि भारत यूएनएसी का अध्यक्ष सिर्फ एक महीने रहेगा। मगर यह अध्यक्षता इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इसी दौरान भारत को यूएनएसी का स्थाई सदस्य बनाए जाने की मांगों ने भी जोर पकड़ा है।
दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था
वर्ष 2022 भारत के लिए इसलिए भी अहम है कि इस दौरान जब पूरी दुनिया मंदी की चपेट में आकर त्राहि माम कर रही थी तो एक छोर पर भारत दुनिया की सबसे बड़ी पांचवीं अर्थव्यवस्था के रूप में खड़ा हो गया। भारत ने पूरे विश्व को अपनी ताकत का एहसास करा दिया। अब अगले कुछ ही वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर अग्रसर हो रही है। इससे विश्व पर दबाव बढ़ा है कि वह भारत को यूएनएससी का स्थायी सदस्य बनाए।
5 जी नेटवर्क
भारत ने दुनिया के तमाम देशों को पीछे छोड़ते हुए वर्ष 2022 में 5जी नेटवर्क की शुरुआत कर दी। यह देखकर चीन, अमेरिका समेत अन्य देश भी हैरान रह गए। 5 जी टेक्नोलॉजी का अब पूरे देश में विस्तार किया जा रहा है। इसके बाद भारत में सूचना की गति कई गुना तेज हो जाएगी। इससे स्वास्थ्य, शिक्षा, तकनीकि, उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में बड़े परिवर्तन की भी उम्मीद की जा रही है। 5 जी टेक्नोलॉजी का लाभ सेना को भी मिलेगा। इससे सुदूर और बीहड़ क्षेत्रों में सीमा पर सैनिकों को सैन्य ऑपरेशन करने में आसानी होगी।
Indo-China Face off: चीन से झड़प के बाद आज होगा संसद में संग्राम, कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा
Indo-China Face off: चीनी सैनिकों से झड़प को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है।
Parliament Winter Session (photo: भारतीय व्यापारियों के लिए ईमानदार समीक्षा social media )
Indo-China Face off: गलवान संघर्ष के बाद भारत और चीन के सैनिकों के बीच एकबार फिर हाथापाई को लेकर राजनीति गरमा गई है। विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस, शिवसेना और एआईएमआईएम ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है। विपक्षी नेताओं के तेवर बता रहे हैं कि मंगलवार यानी आज का संसद सत्र काफी हंगामेदार होने वाला है। कांग्रेस संसद में इस पर चर्चा कराने की मांग उठा चुकी है। वहीं, हैदराबाद सांसद असुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में आज स्थगन प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है।
कांग्रेस का मोदी सरकार पर तीखा हमला
चीनी सैनिकों से झड़प को लेकर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि समय आ गया है कि सरकार ढुलमुल रवैया छोड़कर सख्त लहजे में चीन को समझाए कि उसकी यह हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि को बचाने के लिए देश को ख़तरे में डाल रहे हैं। उत्तरी लद्दाख़ में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में चीन ने डेपसांग में LAC की सीमा में 15-18 km अंदर 200 स्थायी शेल्टर बना दिए, पर सरकार चुप रही।अब यह नया चिंताजनक मामला सामने आया है। रमेश ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर पीएम मोदी को घेरा है।
देश से बड़ा कोई नहीं है, लेकिन मोदी जी अपनी छवि को बचाने के भारतीय व्यापारियों के लिए ईमानदार समीक्षा लिए देश को ख़तरे में डाल रहे हैं।
उत्तरी लद्दाख़ में घुसपैठ स्थायी करने की कोशिश में चीन ने डेपसांग में LAC की सीमा में 15-18 km अंदर 200 स्थायी शेल्टर बना दिए, पर सरकार चुप रही।अब यह नया चिंताजनक मामला सामने आया है। https://t.co/RgzMZLQlJw
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 12, 2022कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर कहा, एक बार हमारे सैनिकों को चीन ने उकसाया है। हमारे सैनिकों ने बहादुरी से मुकाबला किया और कुछ जवान घायल भी हुए। उन्होंने मोदी सरकार को चीन की आक्रामकता और अप्रैल 2020 से हो रहे निर्माण कार्य को लेकर ईमानदार होने का सुझाव दिया। खड़गे ने स्पष्ट किया कि वे इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहते, लेकिन सरकार को इस पर संसद में चर्चा कराके देश को भरोसे में लेना चाहिए।
Again our Indian Army soldiers have been provoked by the Chinese.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) December 12, 2022
Our jawans fought in a resolute manner and a few of them have been injured too.
We are one with the nation on the issues of National Security and would not like to politicize it. But Modi Govt
should be honest..
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वहीं, कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा, अगर ये गलती न की होती। चीन का नाम लेने से डरे न होते तो आज चीन की हैसियत नहीं थी कि हमारे देश की तरफ आंख उठाकर देखे। हमारी जमीन पर कब्जा करना, हमारी जमीन पर आकर हमारे सैनिकों से झड़प करना तो दूर की बात है। पार्टी ने पीएम का 2020 का एक वीडियो शेयर करते हुए कहा, अब भी वक्त है – डरो मत।
अगर ये गलती न की होती। चीन का नाम लेने से डरे न होते तो आज चीन की हैसियत नहीं थी कि भारतीय व्यापारियों के लिए ईमानदार समीक्षा हमारे देश की तरफ आंख उठाकर देखे।
हमारी जमीन पर कब्जा करना, हमारी जमीन पर आकर हमारे सैनिकों से झड़प करना तो दूर की बात है।
ओवैसी ने सरकार पर देश को अंधेरे में रखऩे का आरोप लगाया
एआईएमआईएम सुप्रीमो असुद्दीन ओवैसी ने भारत और चीन के बीच हुए हालिया झड़प को लेकर मोदी सरकार पर तल्ख टिप्पणी की है। ओवैसी ने ट्वीट कर केंद्र सरकार पर देश को अंधेरे में रखऩे का आरोप लगाया। उन्होंने कहा जब संसद का सत्र चल रहा था तब इस बारे में सूचना क्यों नहीं दी गई।
The reports coming from Arunachal Pradesh are worrying and alarming. A major clash took place between Indian and Chinese soldiers and the government has kept the country in the dark for days. Why was the Parliament not informed, when it is in session? https://t.co/tRyn0LvgOM
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 12, 2022
अपने एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, सेना किसी भी समय चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। पीएम मोदी का कमजोर राजनीतिक नेतृत्व ही चीन के खिलाफ इस अपमान का कारण बना। संसद में इस पर तत्काल चर्चा की जरूरत है । मैं कल इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश करूंगा।
The reports coming from Arunachal Pradesh are worrying and alarming. A major clash took place between Indian and Chinese soldiers and the government has kept the country in the dark for days. Why was the Parliament not informed, when it is in भारतीय व्यापारियों के लिए ईमानदार समीक्षा session? https://t.co/tRyn0LvgOM
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 12, 2022
वहीं, शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने मोदी सरकार तंज कसते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, चीन के जमीन हड़पने का एक और दिन और भारत सरकार अपने चुनावी एजेंडे में व्यस्त है।
Nothing to see here.
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) December 12, 2022
Just another day of China being a land grabber and Indian government busy with its chunavi agenda:
A) Laal aankh
B) Anti National Tags to all who raise this concern
C) Moonh Tod Jawaab Milega https://t.co/3yZKfcNqRx
क्या हुआ था अरूणाचल में ?
9 दिसंबर को अरूणाचल प्रदेश में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। तवांग सेक्टर में हुइ इस झड़प में दोनों तरफ के सैनिकों को चोटें आईं। भारत के 6 घायल जवानों का इलाज गुवाहटी स्थित अस्पताल में चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 300 की संख्या में चीनी सैनिक तवांग में स्थित भारत पोस्ट को हटाने आए थे, जिन्हें वहां मौजूद सेना के जवानों ने खदेड़ दिया।
भारतीय वायुसेना अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के साथ स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है
नई दिल्ली, 13 दिसंबर:
भारतीय वायुसेना अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है, पिछले हफ्ते चीनी पीएलए सैनिकों द्वारा सीमावर्ती राज्य में तवांग सेक्टर में एकतरफा रूप से यथास्थिति बदलने के प्रयास के बाद, लोग इससे परिचित हैं विकास ने मंगलवार को कहा।
उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने भी 9 दिसंबर को घुसपैठ की चीनी कोशिश के मद्देनजर क्षेत्रों में अपनी समग्र निगरानी बढ़ा दी है, यह मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन करता है जिसमें विशिष्ट सुरक्षा चिंताओं के मामले में लड़ाकू विमानों को खदेड़ना शामिल है। ऊपर उद्धृत लोगों में से एक ने कहा, ”भारतीय वायुसेना और सेना दोनों द्वारा स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।”
लोगों ने संकेत दिया कि भारतीय वायुसेना ने क्षेत्र में अपने लड़ाकू जेट विमानों द्वारा उड़ानों की आवृत्ति बढ़ा दी है।
सोमवार को, भारतीय सेना ने कहा कि तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों पक्षों के सैनिक आपस में भिड़ गए और आमने-सामने की लड़ाई में दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को ‘मामूली चोटें’ आईं।
हाल ही में भारत-चीन झड़प में कोई हताहत नहीं, कोई बड़ी चोट नहीं: राजनाथ सिंह ने संसद को बताया
पूर्वी लद्दाख में दोनों पक्षों के बीच 30 महीने से अधिक समय से सीमा गतिरोध के बीच आमना-सामना हुआ।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद में कहा कि भारतीय सैनिकों ने चीनी पीएलए द्वारा तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में स्थिति को ‘एकतरफा’ रूप से बदलने के प्रयास को बहादुरी से विफल कर दिया और भारतीय सैनिकों को कोई घातक या गंभीर हताहत नहीं हुआ। हाथापाई। ”9 दिसंबर को, पीएलए के सैनिकों ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में एलएसी को पार करने और यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिश की। चीन की कोशिश का हमारे सैनिकों ने दृढ़ता और दृढ़ तरीके से मुकाबला किया,” सिंह ने कहा।
उन्होंने कहा, ”आगामी झड़प के कारण हाथापाई हुई, जिसमें भारतीय सेना ने बहादुरी से पीएलए को हमारे क्षेत्र में घुसपैठ करने से रोका और उन्हें अपनी चौकियों पर लौटने के लिए मजबूर किया।”
पूर्वी लद्दाख में रिनचेन ला के पास अगस्त 2020 के बाद भारत और चीनी सेनाओं के बीच यह पहली बड़ी झड़प थी।
मोदी सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर ईमानदार होना चाहिए: भारत-चीन गतिरोध पर खड़गे
भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पिछले साल अक्टूबर में भी यांग्त्से के पास एक संक्षिप्त आमना-सामना हुआ था और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद इसे सुलझा लिया गया था।
“Nowhere Close”: असदुद्दीन ओवैसी भारत के आधिकारिक COVID-19 मौतों पर
एआईएमआईएम (AIMIM) नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने यह कहते हुए कि COVID-19 की मौतों पर आधिकारिक डेटा मान्य नहीं है, आरोप लगाया कि इस तरह के हताहतों पर हर अध्ययन अप्रतिबंधित मौतों की ओर इशारा करता है।
(फ़ाइल) उन्होंने कहा कि जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनकी गिनती होनी चाहिए।
हैदराबाद: एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने रविवार को आरोप लगाया कि COVID-19 से भारत की मौत की संख्या “नुकसान की वास्तविक सीमा के करीब नहीं है” और केंद्र पर हताहतों की वास्तविक संख्या को कम करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनकी गिनती होनी चाहिए।
श्री ओवैसी ने ट्वीट किया।
उन्होंने एक लेख भी साझा किया जिसमें दावा किया गया था कि भारत की COVID-19 मौतें आधिकारिक तौर पर बताई गई तुलना में बहुत अधिक थीं।
यह कहते हुए कि COVID-19 मौतों पर सरकार का डेटा मान्य नहीं है, एआईएमआईएम (AIMIM) सांसद ने आरोप लगाया कि COVID-19 हताहतों की संख्या पर हर अध्ययन अप्रतिबंधित मौतों की ओर इशारा करता है।
“सरकार ने यह कहते हुए इस टुकड़े का जवाब दिया है कि ये अध्ययन” मान्य “नहीं हैं, लेकिन न ही सरकार का अपना डेटा है। कोविड से होने वाली मौतों पर हर अध्ययन बेहिसाब मौतों की ओर इशारा करता है। ईमानदारी से समीक्षा करने के बजाय, सरकार हिट जॉब (sic) शुरू करती है,” कहा हुआ मिस्टर ओवैसी ने एक और ट्वीट किया।
इस बीच, भारत ने पिछले 24 घंटों में 80,834 नए COVID-19 मामले दर्ज किए, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने रविवार को कहा। नए मामलों ने देश में COVID मामले को 2,94,39,989 तक पहुंचा दिया।
भारत में सक्रिय मामलों में लगातार गिरावट देखी जा रही है और पिछले 24 घंटों में 54,531 मामलों की शुद्ध कमी के साथ COVID मामलों की वर्तमान सक्रिय संख्या 10,26,159 है।
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