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एलन मस्क का नया पोल: यूजर्स से पूछा क्या ट्विटर हेड का पद छोड़ देना चाहिए? 1.18 करोड़ में से 56% यूजर्स ने कहा- हां


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ट्विटर के नए बॉस एलन मस्क ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट में अपने CEO पद.

Market today: कारोबारी हफ्ते के पहले दिन बाजार में शानदार तेजी,जानिए मंगलवार को कैसी रह सकती है इसकी चाल


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कारोबारी हफ्ते के पहले दिन बाजार में शानदार तेजी देखने को मिली है। आज.

M&M Group: ऑटोमोबाइल समेत इन शेयरों ने कराया बंपर मुनाफा, तो टेक ने कराया नुकसान, इस साल कैसा रहा ग्रुप की कंपनियों का प्रदर्शन?


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Mahindra & Mahindra Group: इस साल शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल.

तेजी में बंद हुआ शेयर बाजार: सेंसेक्स 468 अंक बढ़कर 61,806 पर बंद, निफ्टी 151 अंक चढ़ा; ऑटो शेयर्स सबसे ज्यादा चढ़े


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शेयर बाजार में हफ्ते के पहले कारोबारी दिन, यानी सोमवार (19 दिसंबर) को.

Technical View: निफ्टी ने बनाया बुलिश कैंडल, पुलबैक के क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? लिए 18,300 का लेवल होगा अहम


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निफ्टी अपने पिछले दिन के नुकसान की भरपाई करते हुए आज 19 दिसंबर को.

Cryptocurrency News : क्रिप्टोकरेंसी पर ‘सधा हुआ रुख’ अपनाएगी सरकार, बजट से पहले प्रधान आर्थिक सलाहकार ने कही ये बड़ी बात.

Cryptocurrency News : बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को रेगुलेट करने के लिए सरकार नपा-तुला रुख अपनाएगी. क्रिप्टोकरेंसी का बड़ा असर देश की वित्तीय स्थिरता पर देखा जा सकता है, इसलिए सरकार इसे लेकर सधा हुआ कदम बढ़ाएगी. यह बात देश के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कही. फिलहाल देश में क्रिप्टोकरेंसी पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है और सरकार ने इसे रेगुलेट भी नहीं किया है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी में बड़ी मात्रा में निवेश किया गया है जिसे देखते हुए लंबे दिनों से मांग की जा रही है कि सरकार अपना रुख स्पष्ट करे. मॉनसून सत्र में उम्मीद थी कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कुछ नियम के बारे में ऐलान करेगी, लेकिन ऐसा क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? नहीं हुआ. अब निवेशकों की टकटकी बजट सत्र (Budget 2022) और बजट पेश करने पर लगी है. क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल को लेकर प्रधानमंत्री और रिजर्व बैंक (RBI) अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं. इस बीच प्रधान आर्थिक सलाहकार की बात बेहद मायने रखती है.

ध्यान देने वाली बात है कि आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 में क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे को कवर नहीं किया गया है. सान्याल ने क्रिप्टो को लेकर अपनी बात एक मीडिया बातचीत में कही. इसकी जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने दी है. देश का आर्थिक सर्वेक्षण सोमवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया. सान्याल ने एक बातचीत में कहा, “जैसा कि आप जानते हैं, यह (क्रिप्टोकरेंसी) सरकार के अंदर, वित्त मंत्रालय और यहां तक ​​कि संसद में भी कुछ बहस का विषय है. इसलिए, यह कुछ ऐसा है जो वर्तमान में चर्चा में है.” रिजर्व बैंक ने भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं जिनमें वर्चुअल करेंसी से वित्तीय स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभाव शामिल हैं.

क्या कहा प्रधान आर्थिक सलाहकार ने :

संजीव सान्याल ने कहा, वित्तीय स्थिरता को लेकर कुछ मुद्दे हैं. लेकिन कुछ और भी तर्क हैं जो इनोवेशन को लेकर हैं…इससे स्पष्ट है कि क्रिप्टोकरेंसी के मामले में सधा हुआ रुख अपनाया जाएगा. सरकार पूर्व में कह चुकी है कि वह क्रिप्टोकरेंसी पर एक बिल लेकर आएगी जिसमें रिजर्व बैंक के डिजिटल करेंसी को जारी करने के लिए फ्रेमवर्क की दशा-दिशा के बारे में बताया जाएगा. यह बिल पिछले बजट सत्र में लाने की उम्मीद जताई गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. हालांकि यह बिल संसद में पेश नहीं हो सका क्योंकि कैबिनेट ने ड्राफ्ट बिल को मंजूरी नहीं दी.

नवंबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक के बाद कयास लगाए गए कि इस मामले में सरकार कोई सख्त कानून और रेगुलेशन जारी कर सकती है. हाल में टीवी और सोशल मीडिया पर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई विज्ञापन दिखाए गए जिनमें फिल्म स्टार तक शामिल रहे. विज्ञापन में कहा गया क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? कि क्रिप्टोकरेंसी में आसानी से अधिक रिटर्न पाया जा सकता है. इस बारे में चिंता जताई गई कि भ्रामक दावे के जरिये निवेशकों को भरमाने की कोशिश की जा रही है.

रिजर्व बैंक जता चुका है चिंता :bitcCryptocurrency

बीजेपी सदस्य जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में वित्तीय मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी) के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की थी. मुलाकात में वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि देश में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए लेकिन रेगुलेट किया जाना चाहिए. आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपने बातों और विचारों को बार-बार दोहराया है. रिजर्व बैंक ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं और निवेशकों की संख्या और उनके दावा किए गए मार्केट वैल्यू पर भी संदेह खड़ा होता है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इस महीने की शुरुआत में क्रिप्टोकरेंसी की अनुमति के खिलाफ अपने विचार दोहराते हुए कहा था कि क्रिप्टो किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए एक गंभीर खतरा हैं क्योंकि ये केंद्रीय बैंकों द्वारा नियंत्रित नहीं होते हैं.

Tax on Cryptocurrency | Digital Rupee : क्रिप्टो करेंसी से नुकसान होने पर भी देना होगा टैक्स, सेंट्रल बैंक जल्द लॉन्च करेगा ‘डिजिटल रुपया’

Budget 2022: Tax will have to be paid even if there is a loss due to crypto currency, Central Bank will soon launch

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक और बात साफ कर दी है कि जहां क्रिप्टोकरंसी से होने वाली आय पर टैक्स लगेगा, उस पर नुकसान होने पर भी टैक्स देना होगा. केवल क्रिप्टोकरेंसी ही नहीं, किसी भी आभासी संपत्ति के हस्तांतरण पर आय पर 30 प्रतिशत कर लगेगा।

वहीं, एक निश्चित सीमा से अधिक के लेनदेन पर भी टीडीएस की घोषणा की गई है। फिलहाल के लिए इस कदम से तय है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाने वाली है।

लेकिन इससे होने वाली आमदनी पर भारी टैक्स लगाया गया है. सरकार के इस कदम से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर पारदर्शिता बढ़ेगी।

निवेश के लिए नया एसेट क्लास

ट्रेडस्मार्ट के सीईओ विकास सिंघानिया का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी को वैध बनाने के लिए वित्त मंत्री ने क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी टैक्स लगाया है। अब व्यापारी बिना किसी डर के इस एसेट क्लास में ट्रेड कर सकते हैं।

बजट ने क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग पर क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? कानूनी अनिश्चितता को दूर कर दिया है। लोग क्रिप्टो में व्यापार कर सकते हैं लेकिन उन्हें कर देना होगा।

हालांकि, यह देखा जाना चाहिए कि यदि कॉर्पोरेट क्रिप्टो में व्यापार करते हैं, तो कॉर्पोरेट टैक्स लागू होता है या 30 प्रतिशत कर या जो भी अधिक हो।

देश की पहली डिजिटल करेंसी जल्द आएगी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान साल 2022-23 से देश में डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने कहा कि क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? रिजर्व बैंक द्वारा ‘डिजिटल रुपया’ की शुरुआत से देश में मुद्रा प्रबंधन में काफी सुधार होगा।

BeSingular के संस्थापक और सीईओ नितेश जैन का कहना है कि इस बजट में सरकार का रुख प्रगतिशील रहा है. सरकार आगे देख रही है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण देश में पहली डिजिटल मुद्रा की घोषणा है।

विनियमित डिजिटल मुद्रा का अर्थ है कि यह आगे की ओर देख रहा है और ब्लॉकचेन और अन्य घातीय प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने की भावना में है।

आपको बता दें कि सरकार लंबे समय से देश में क्रिप्टोकरेंसी और अन्य वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को रेगुलेट करने के लिए एक बिल लाने पर विचार कर रही है।

इस बिल को ‘क्रिप्टो बिल’ के नाम से भी जाना जाता है। पहले यह बिल शीतकालीन सत्र में लाया जाना था।

बिल गेट्स – क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए?

यह टिप्पणी इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली कंपनी टेस्ला के बॉस एलोन मस्क के जवाब में थी, और बिटकॉइन खरीदने और रखने वाले लोगों का एक बड़ा समूह (हालांकि, , उन्होंने कहा है कि बिटकॉइन ओवरवैल्यूड है)। बिटकॉइन एक क्रिप्टोक्यूरेंसी है जो 2009 के आसपास रहा है। यह कथित रूप से किसी व्यक्ति द्वारा सातोशी नाकामोटो के रूप में जाना जाता था, लेकिन जिसकी वास्तविक पहचान (यह भी कि यह लोगों का एक समूह भी हो सकता है), को ज्ञात नहीं है।

3 सितंबर, 2020 और 26 फरवरी को दोपहर के बीच, अमेरिकी डॉलर में बिटकॉइन की क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? कीमत 356% तक बढ़ गई है, यह लगभग 46,350 डॉलर प्रति यूनिट है। और, आश्चर्य की बात नहीं कि जो निवेशक इस लहर को सवारते हैं, वे एक आत्मविश्वास से भरपूर होते हैं। उनका मानना ​​है कि बिटकॉइन में दुनिया भर की सरकारों और केंद्रीय बैंकों द्वारा संचालित मौजूदा पेपर मनी सिस्टम के समानांतर पैसों की व्यवस्था के रूप में उभरने की क्षमता है।

India का पहला Cryptocurrency Index IC15 जारी – आईये जाने CryptoWire ने क्यों किया लॉन्च

देशभर में क्रिप्टोकरंसी को लेकर काफी लोग इसमें निवेश करने के लिए अपने पैसे को इन्वेस्ट करते हैं और इसमें से अधिक से अधिक लाभ उठाते हैं इन सभी को दायरे में रखते हुए सरकार ने यह देखा कि दुनिया भर में क्रिप्टोकरंसी का व्यापार तेजी से बढ़ रहा क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? है।

और भारत में भी क्रिप्टोकरंसी लोगों को बहुत ज्यादा अपनी और आकर्षित कर रहा है क्रिप्टो में बढ़ते हुए निवेश को देखते हुए क्रिप्टो सुपर क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? ऐप क्रिप्टो वायर ने देश का पहला क्रिप्टोकरेंसी सूचकांक IC15 लॉन्च किया है।

आइए जानेंगे आज हम की क्रिप्टोकरंसी IC15 यह किस प्रकार कार्य करता है और इनके दायरे में और कौन सी क्रिप्टोकरंसी है जिन पर यह अपनी नजर रखेगा।

यह भी हम जानेंगे कि इसकी वैल्यू किस बेस पर सेट की गई है और Crypto ic15 इंडेक्स बाजार की कितने प्रतिशत तक ज्यादा गतिविधियों को कवर कर सकता है और आपको यह बता दे की इसे Crypto के बाजार को ट्रैक करने का सबसे अच्छा टूल माना जाता है।

Table of Contents

IC15 Crypto Index कैसे काम करेगा

IC15 इंडेक्‍स में बिटकॉइन (Bitcoin), एथेरियम (Ethereum), एक्सआरपी, लाइटकॉइन (Litecoin), बिनांस कॉइन (Binance Coin), सोलाना (Solana), टेरा (Terra) और चेनलिंक (ChainLink) जैसी लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसीज़ शामिल हैं।

कमेटी (Index Governance Committee) मार्केट कैपिटलाइजेशन के मामले में पहले टॉप 400 कॉइन्‍स को चुनेंगी. इनमें से फिर टॉप 15 कॉइन्‍स का चुनाव करेगी जिसकी निगरानी में यह सब क्रिप्टोकरंसी आ सकते क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? हैं।

सख्त क्रिप्टोकरेंसी मानक

दुनिया में मौजूद 400 क्रिप्टो कॉइन की सूची में शामिल होने वाले क्रिप्टोकरेंसी का जो बिजनेस है कम से कम 90% से भी ज्यादा होना चाहिए ट्रेडिंग वॉल्यूम में 100 वॉल्यूम करेंसी में इसका स्थान होना चाहिए।

IC15 cryptocurrency index का प्राइस 10000 पर सेट किया गया है और इसका बेस date 1 अप्रैल 2018 है 1 जनवरी 2022 तक इंडेक्स अपने वॉल्यूम 71,463.30 पॉइंट थी कंपनी ने यहां तक यह भी कह दिया था कि इंडस बाजार की 80% से भी ज्यादा गतिविधि जो हो रहे हैं उनको यह कवर करेगा और यह एक क्रिप्टो के बाजार को ट्रैक करने में सबसे अच्छा टूल है।

इससे क्रिप्टो निवेशकों को कैसे मदद मिलेगी

इस क्रिप्टो वायर के जो प्रबंधक निर्देशक जिगीश सोनागारा का यह कहना है कि IC15 launch करने का मकसद सिर्फ निवेशको को सीखाने के लिए एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है यहा न केवल निवेशकों को क्रिप्टो बाजार में हो रहे गतिविधियों के बारे में भी ज्ञान बढ़ेगा।

बल्कि उन्हें अपने बिजनेस से होने वाले लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद करेगा आईसी 15 से इन कारोबार पर एक पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा निवेशकों को सही और बिल्कुल सटीक जानकारी हासिल होगी इसमें से जोखिम को बहुत ही ज्यादा कम करने में मदद मिलेगी।

RBI के बाद SEBI भी हुआ सख्त

आपको हम यह भी बताते चलें कि आरबीआई पहले से ही क्रिप्टो करेंसी को लेकर काफी ज्यादा सख्त थी और तो और अब तो SEBI ने भी क्रिप्टो करेंसी के खिलाफ कठोर कदम उठाया है सेबी ने म्यूचल फंड के क्रिप्टोकरंसी से जुड़े प्रोडक्ट लाने पर रोक लगा दिया है शेयर बाजार नियामक ने साफ यह कर दिया है कि कोई भी मैं चल फंड किसी क्रिप्टो करेंसी प्रोडक्ट में निवेश नहीं कर सकता है।

और यह भी आपको जानकारी देते चलें कि सेबी ने खुद क्रिप्टोकरंसी से जुड़े एक न्यू फंड ऑफर NFO का मंजूरी दी थी लेकिन अब से भी यह भी चाहता है कि जब तक सरकार कानून नहीं बना देती है तब तक क्रिप्टो से जुड़ा कोई भी NFO बिल्कुल ही ना आए।

क्यों लॉन्च हुआ भारत में पहला Cryptocurrency IC15 Index

  • हाल ही में, सुपरएप क्रिप्टोवायर ने भारत क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? का पहला क्रिप्टोकरेन्सी इंडेक्स, IC15 लॉन्च किया। यह बाजार पूंजीकरण द्वारा प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध 15 सबसे व्यापक रूप से व्यापारित क्रिप्टोक्यूरैंक्स के प्रदर्शन को मापेगा।
  • इसका उद्देश्य क्रिप्टोक्यूरेंसी और ब्लॉकचेन पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में जागरूकता और ज्ञान बढ़ाना और निवेशकों को आभासी सिक्का व्यापार की समझ विकसित करने में मदद करना है।
  • सूचकांक में शामिल की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी का चयन ‘इंडेक्स गवर्नेंस कमेटी’ (आईजीसी) द्वारा किया जाएगा, जिसमें डोमेन विशेषज्ञ, उद्योग पेशेवर और शिक्षाविद शामिल होंगे। सूचकांक की तिमाही आधार पर समीक्षा भी की जाएगी।
  • 1 जनवरी, 2022 तक, सूचकांक में शीर्ष चार क्रिप्टोकरेंसी के रूप में बिटकॉइन, एथेरियम, बिनेंस कॉइन और सोलाना शामिल हैं

क्रिप्टोकरेंसी के लिए ये साल शानदार रहेगा

क्रिप्टो करेंसी पर रोक लगाने के लिए पूरे दुनिया भर में कवायद चल रही है इसी बीच एक खबर आ रही है कि यह साल यानी कि साल 2022 क्रिप्टोकरंसी के लिए एक बहुत ज्यादा काफी शानदार रहने वाला है क्रिप्टो लीडर नेक्सों के मैनेजिंग पार्टनर एंड टोनी का मानना है कि इस साल जून के अंत तक बिटकॉइन $100000 तक पहुंच जाएगा क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? ।

आरबीआई कमेटी ने कहा था- क्रिप्टोकरेंसी को टोकन के रूप में रेगुलेट किया जा सकता है

क्रिप्टोकरेंसी के सवाल पर रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति क्या क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए? समिति (एमपीसी) एमपीसी के एक सदस्य ने कहा कि उन्हें ‘क्रिप्टो-टोकन’ कहना ज्यादा उचित होगा। उन्हें मुद्रा के रूप में स्वीकार्य नहीं माना जा सकता है। मुद्रा के रूप में उनके उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।

लेकिन उन्हें टोकन के रूप में विनियमित किया जा सकता है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले कहा था कि सभी लोकतांत्रिक देशों को क्रिप्टोकरेंसी पर मिलकर काम करने और यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि यह गलत हाथों में न जाए।

उन्होंने वर्चुअल करेंसी का उदाहरण देते हुए कहा, ‘उदाहरण के लिए क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन को ही लें। यह महत्वपूर्ण है कि सभी देश इस पर एक साथ काम करें और सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न पड़ जाए, जो हमारे युवाओं को खराब कर सकता है।

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