यूपी के प्रतापगढ़ में एक महिला और मकान मालिक के बीच लूडो के दौरान हैरान करने वाला मामला सामने आया है महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है?

लूडो में खुद को हारने वाली औरत द्रौपदी नहीं, शकुनी है.

यूपी के प्रतापगढ़ में एक महिला पर लूडो का भूत कुछ ऐसा चढ़ा कि वो माकन मालिक संग दांव लगा लगाकर जुआ खेलती रही. फिर एक दिन जब पैसे ख़त्म हुए तो उसने खुद को ही दांव पर लगा दिया. मामला भले ही सिंपल लगे लेकिन मुद्दा सिर्फ लूडो नहीं है. कहानी में बड़ा ट्विस्ट है.

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महाभारत क्यों हुआ? कारण कई हैं लेकिन अहम वजह जुआ हैं. पांडवों ने अगर चौसर के खेल में कौरवों के सामने द्रौपदी को दांव पर न लगाया होता तो इतने बड़े युध्द की नौबत ही नहीं आती. महाभारत देखें और उसका अवलोकन करें तो मिलता है कि यूं तो इसमें भगवान कृष्ण, युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, दुशासन, दुर्योधन जैसे कई पात्र थे लेकिन जिस पात्र ने पूरा बवाल कराया वो और कोई नहीं बल्कि कौरवों का मामा शकुनी था. मतलब जिस लेवल की कॉन्सपिरेसी शकुनी ने रची बड़े बड़े सूरमा हैरत में आकर दांतों तले अंगुली दबा लें. नारीवादियों का एक वर्ग तो यहां तक मानता है कि महाभारत के युद्ध में यदि द्रौपदी की इतनी दुर्गति हुई है तो उसकी भी बड़ी वजह शकुनी ही था. अब सवाल हो सकता है कि आखिर शकुनी का इतना जिक्र क्यों किया जा रहा है? क्यों हमारे द्वारा शकुनी चालीसा का जाप हो रहा है? वजह है यूपी के प्रतापगढ़ की एक घटना. जहां महिला लूडो के खेल में ऐसा हारी कि सब कुछ हार गयी और उसने अपने को मकान मालिक को सौंप दिया. पहली नजर में महिला द्रौपदी की तरह बेबस और लाचार लगेगी लेकिन जब हम मामले की पड़ताल करेंगे तो मिलेगा कि रणनीति के मामले में महिला कलयुग की शकुनी है.

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यूपी के प्रतापगढ़ में एक महिला और मकान मालिक के बीच लूडो के दौरान हैरान करने वाला मामला सामने आया है

दरअसल हुआ कुछ यूं कि प्रतापगढ़ में एक महिला अपने लूडो के चस्के के कारण चर्चा का विषय बनी है. महिला मकान मालिक के साथ दांव लगाकर लूडो खेलती थी और जब उसका पैसा खत्म हो गया उसने अपने को ही दांव पर लगा दिया और मकान मालिक के सामने खुद को हार गई. यहां तक मामले को हम देखेंगे तो लगेगा कि मामला बहुत सिंपल है और माजरा (लूडो)जुए का है और जुए के चलते महिला का द्रौपदी वाला हश्र हुआ.

मामले में ट्विस्ट तब आया जब बीवी को प्रतापगढ़ में छोड़ रोजी रोटी के लिए जयपुर में रहकर वनवास काट रहा महिला का पति सामने आया. जो अब दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. पीड़ित पुरुष ने घटना को पुलिस के सामने रखा है और कार्रवाई के महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है? लिए तहरीर दी है. साथ ही उसने अपना एक बयान भी सोशल मीडिया पर अपलोड किया, जो जंगल में लगी आग की तरह वायरल हो गया है.

पीड़ित पुरुष के अनुसार वह प्रतापगढ़ में किराए के मकान में रहता था. 6 महीने पहले वह कमाने के लिए जयपुर चला गया जहां वो अपना पेट काट काटकर पत्नी को पैसे भेजता रहा. पति से प्राप्त पैसों को महिला अपने मकान मालिक के साथ लूडो में उड़ाती रही. और फिर जब वो खली हाथ हो गई, एक दिन उसने खुद को दांव पर लगा दिया.

मामले में दिलचस्प ये कि महिला ने इस बात की जानकारी खुद फोन करके पति को दी थी. महिला ने अपने पति से कहा था कि, 'मैं खुद को लूडो में हार गई हूं. आकर लिखा-पढ़ी कर लो. अब हमारे चक्कर में पड़ोगे तो काटकर फेंक दिए जाओगे.' लूडो में खुद को हार चुकी और दो बच्चों की मां महिला मकान मालिक के साथ ही रह रही है और पति के लाख समझाने बुझाने के बावजूद लौटने को तैयार नहीं है.

मामले में जैसी स्थिति पति की है, बेचारे को यही लग रहा है कि लूडो के नाम पर मकान मालिक ने खेल कर दिया है. लेकिंन जब हम मामले की पड़ताल करते हैं तो मिलता यही है कि लूडो तो बस बहाना था. मामले के तहत खेल तो कुछ और चल रहा था जिसे 'लव शव दे चिकेन खुराना' कहना कहीं से भी गलत नहीं है.

मामले में मैटर बस यही है कि लूडो बहाना था. महिला का दिल मकान मालिक पर आ गया था. उसे उसके ही साथ रहना था लेकिन उसे अपने सामने जालिम जमाना दिखा. महिला एक बार पति से तो निपट लेती लेकिन ज़माने का मुंह बंद करने के लिए उसने शकुनी वाली बुद्धि का इस्तेमाल किया और खुद को कलयुग की द्रौपदी की तरफ पेश कर दिया और सारा दोष लूडो पर डाल दिया.

बहरहाल अब जबकि मामला हमारे सामने आ ही गया है तो देखना दिलचस्प रहेगा कि पीड़ित पुरुष को इंसाफ मिलेगा या नहीं? साथ ही ये देखना भी रोचक रहेगा कि पुलिस इस मामले में क्या एक्शन लेती है. बाकी जैसा ये मामला है वाक़ई महिला ने एक बहुत बेहतरीन प्लानिंग की थी लेकिन बात फिर वही है इश्क़ और मुश्क छुपाए नहीं छिप सकता.

Small Business Ideas- 50,000 की मशीनों से 50,000 महीने की कमाई, बिना प्रोडक्ट बेचे

यदि आप कोई लो इन्वेस्टमेंट बिजनेस शुरू करना चाहते हैं लेकिन आपके पास सेल्स स्किल नहीं है। आप मशीन चला सकते हैं लेकिन प्रोडक्ट बनाकर बेचने नहीं जा सकते, तो कोई बात नहीं। यह यूनिक स्टार्टअप आइडिया आपके लिए है।

लोगों की प्रॉब्लम जो अपनी बिजनेस अपॉर्चुनिटी है

हर शहर में स्ट्रीट फूड के लिए कुछ स्थान आरक्षित होते हैं। वहीं पर सब CART वाले आ जाते हैं और वहीं पर ग्राहक भी। दिन भर में एक समय ऐसा आता है जब स्ट्रीट फूड बनाने वालों के पास ग्राहकों की भारी भीड़ होती है और उनकी पूरी क्षमता भी कम पड़ जाती है। ऐसी स्थिति में ग्राहक लौट जाते हैं। किसी दूसरे के पास चले जाते हैं। दुकानदार का नुकसान हो जाता है। यही अपनी बिजनेस अपॉर्चुनिटी है। अपन उसका नुकसान बचाएंगे। उसे अपना फूड पकाने के लिए पर्याप्त टाइम उपलब्ध कराएंगे।

Chopping machine लगाइए, न कच्चा माल खरीदना न प्रोडक्ट बेचना, बस पैसा कमाइए

स्ट्रीट फूड के काम में चाॅपिंग सबसे ज्यादा जरूरी होती है। सब्जियों को फटाफट काटना होता है। हर दुकानदार का सबसे ज्यादा टाइम इसी में जाता है। उसे चॉपिंग मशीन के बारे में मालूम है लेकिन खरीद नहीं सकता क्योंकि मशीन उसके बजट के हिसाब से महंगी होती है। बाजार में ₹50000 में सभी प्रकार की चॉपिंग और पैकिंग मशीन खरीदी जा सकती है। अपन को वह सभी मशीनें खरीदना है जो आपके अपने शहर में प्रचलित स्ट्रीट फूड बनाने के लिए उपयोगी हो।

स्ट्रीट फूड के मार्केट दुकानदारों के पीछे अपनी मशीनें लगा देनी है। यह बिल्कुल मसाला चक्की जैसा काम है। दुकानदार आएंगे और चाॅपिंग करवा कर ले जाएंगे। इसके बदले में आपको सर्विस चार्ज मिलेगा। आप चाहे तो एक डिलीवरी बॉय भी रख सकते हैं।

इन मशीनों को शादी पार्टी और बड़े इवेंट्स में फिक्स किराए पर दिया जा सकता है। खाना बनाने वाले महाराज, हलवाई, कुक या शेफ का कमीशन फिक्स करना है। क्लाइंट से आर्डर और पेमेंट दिलाने का काम वह खुद कर देंगे।

वैसे शादी पार्टी और इवेंट्स के लिए तो गेहूं की रोटी बनाने वाली मशीन, डोसा मेकिंग मशीन, फ्लेवर चाय की मशीन और इस प्रकार की जितनी भी नई मशीन आई है, सब किराए पर दी जा सकती है।

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने सच्चे मित्र की तुलना नमक से क्यों की?

Chanakya Niti for Life Lesson

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में जीवन से जुड़ी हर बातों को विस्तार में बताया है. उन नीतियों से आपको क्या भला होना है और क्या अच्छा होना है, ये सबकुछ आपको चाणक्य के नीतियों में मिल जाएगा.

Chanakya Niti for Life Lesson: आचार्य चाणक्य नीतियों को आपने सोशल मीडिया पर खूब देखा और सुना होगा. ऐसा भी बताया जाता है कि चाणक्य नीतियों को ही अपनाकर चंद्रगुप्त मौर्य सम्राट बन गए थे और उनकी नीतियों को अपनाकर आप भी अपने जीवन में सफलता को पा सकते हैं.

आचार्य चाणक्य की कई शिक्षाएं और नीतियां आज भी प्रासंगिक है. उनकी शिक्षाएं सफलता पाने पाने और अच्छा इंसान बनने में काफी मदद कर सकता है. आज हम आपको बताएंगे कि आचार्य चाणक्य ने सच्चे मित्र की तुलना नमक से की है. ऐसा उन्होंने क्यों महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है? कहा चलिए आपको बताते हैं.

आचार्य चाणक्य ने सच्चे मित्र की तुलना नमक से क्यों की?

आचार्य चाणक्य ने कहा था कि नमक की तरह कड़वा ज्ञान देने वाला ही सच्चा मित्र कहलाता है. इसका इतिहास गवाह है कि आज तक नमक में कीड़े नहीं पड़े हैं. सच्चा मित्र भी ऐसा ही होता है जो आपको गलत चीजों पर जरूर टोकेगा और जो आपके अंदर बुरा होगा उसपर समझाएगा. कभी कभी हमें वो बातें बुरी लगती हैं लेकिन वो होती कड़वी सच्चाई ही है. मिठी और चिकनी-चुपड़ी बातें करने वाले जहर की तरह होते हैं. मिठाई में तो अक्सर कीड़े ही पड़ते हैं लेकिन नमक में कभी कीड़े नहीं पड़े हैं.

सच्चा मित्र आपको सही बातें समझाएगा, सिखाएगा और आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा. स्वार्थी लोग इससे परे होते हैं और आपके सामने आपकी तो दूसरों के सामने उनके जैसी करेंगे. अगर आपको अपने जीवन में सच्चे मित्र का चुनाव करना है तो उनके सामने गलत काम करें. जो सच्चा होगा वो आपको उन कामों को करने से जरूर रोकेगा जबकि चापलूसी करने वाला आपकी हां में हां मिलाएगा.

Disclaimer: यहां दी गई महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है? जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.

Chanakya Niti: मर्द में यदि हैं ये 5 गुण तो पार्टनर रहती है हमेशा संतुष्‍ट, लंबे समय तक नहीं छोड़ती साथ

दुनिया के महान अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, समाजशास्त्री, नीतिशास्त्री आचार्य चाणक्य यानी कौटिल्य के महिला और पुरुषों के सुखद जीवन के लिए भी बहुत काम की बातें बताई हैं.

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्‍य की नीति पर अमल करके व्‍यक्ति बेहतर जीवन जी सकता है. वह खूब सफल हो सकता है, बहुत अच्‍छा जीवनसाथी और रिश्‍ते पा सकता है, ढेर सारा धन कमा सकता है. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों के जरिए कई कठिन संदेश दिए हैं लेकिन इन्‍हें जीवन में उतार लिया जाए तो जीवन संवर जाता है.

साथ ही व्‍यक्ति बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना भी कर सकता है. आज हम चाणक्य के नीति शास्त्र के उन सिद्धांतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप अपनी पत्‍नी या पार्टनर को हमेशा खुश और संतुष्ट रख सकते हैं.

पुरुषों में जरूर होने चाहिए ये गुण

पुरुष के अंदर यदि आचार्य चाणक्य के बताए ये खास गुण हों तो उसकी पत्‍नी और पूरा परिवार हमेशा खुश रहता है. जीवन में खुशियां, सुकून और समृद्धि रहती है.

जितना धन हो उसमें संतुष्‍ट रहना: पुरुष को पैसा कमाने के लिए खूब मेहनत करनी चाहिए, ताकि वो, उसकी पत्‍नी और पूरा परिवार आराम से रह सके. किसी चीज का अभाव न रहे. लेकिन पैसे के पीछे बेतहाशा भागना नहीं चाहिए. वरना परिवार को समय न दे पाने से रिश्‍ते कमजोर हो जाएंगे. पत्‍नी को प्‍यार देना बहुत जरूरी है.

सतर्कता: पुरुष को हमेशा सतर्क रहना चाहिए ताकि दुश्‍मन उसे और उसके परिवार को नुकसान न पहुंचा सकें. साथ ही अपनी पत्‍नी और परिवार के प्रति जिम्‍मेदारियां निभाने को लेकर सजग रहना चाहिए. ऐसे पति से पत्‍नी हमेशा खुश और संतुष्‍ट रहती है.

वफादारी: पुरुष को हमेशा वफादार होना चाहिए. उसे हर हाल में अपनी पत्‍नी के प्रति ईमानदार रहना चाहिए और उसका साथ देना चाहिए.

सम्‍मानजनक व्‍यवहार: पुरुष को हमेशा अपनी पत्‍नी को सम्‍मान देना चाहिए. खासतौर पर दूसरों के सामने उससे सम्‍मान से पेश आना चाहिए. ऐसे पति से पत्‍नी हमेशा खुश रहती है.

खुशमिजाज: ऐसा पुरुष जो बेवजह गुस्‍सा न करता हो और हंसमुख हो, उसे महिलाएं बहुत पसंद करती हैं. ऐसे पुरुष से उसकी स्‍त्री कभी नाराज नहीं रह पाती और हमेशा उसके साथ रहती है.

बुजुर्गों की लगी लॉटरी, अब हर महीना अकाउंट में आएगी 3,000 रुपये पेंशन, जानिए जरूरी बातें

अगर आपके घर में कोई बुजुर्ग हैं तो फिर यह खबर आपके लिए बड़े ही काम की साबित होने जा रही है। केंद्र सरकार ने बुजुर्गों के लिए अब ऐसी स्कीम शुरू कर दी है, जिसके तहत हर महीना 3,000 रुपये पेंशन का लाभ दिया जाएगा।

इस स्कीम को जानने के लिए आपको पूरी खबर विस्तार से पढ़ने की जरूरत होगी। मोदी सरकार ने इस स्कीम का आरंभ किया है।

इस स्कीम का नाम पीएम किसान मानधन योजना है, जिससे जुड़ने के लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं, जिनका पालन करना जरूरी होगा। इसमें सबसे पहले तो आपका नाम पीएम किसान सम्मान निधि योजना में नाम जरूर होना चाहिए। इसका लाभ आपको 60 साल की आयु के बाद मिलेगा। इससे जुड़ने वाले लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है।

योजना से जुड़ने के लिए जानिए जरूरी शर्तें

मोदी सरकार द्वारा चलाई जा रही है पीएम किसान मानधन योजना का लाभ लेने के लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है। इसमें सबसे पहले तो आपका नाम पीएम किसान सम्मान निधि योजना से लिंक होना जरूरी है।

इतना ही नहीं इसके लिए आपको कुछ निवेश करने की जरूरत होगा। अगर आप इस योजना से जुड़ना चाहते हैं तो आपकी आयु न्यूनतम आयु 18 से 40 साल होनी जरूरी है।

आप अगर 18 साल की आयु से इस योजना से जुड़ते हैं तो आपको हर महीना 55 रुपये का निवेश करना होगा। आप अगर 30 साल से जुड़ते हैं तो फिर आपको 110 रुपये हर महीने जमा करने होगा। इतना ही नहीं अगर आपकी आयु 40 साल और आप जुड़ना चाहते हैं तो फिर आपको हर महीना 210 रुपये का निवेश करने की जरूरत होगी.

जानिए सालाना कितने रुपये आएंगे अकाउंट

आपका जानकारी के लिए बता दें कि आपको पीएम किसान मानधन योनजा की सभी शर्तों का पालन करते हैं तो फिर आपको 60 साल की आयु पूरी होने पर हर महीना 3,000 रुपये की पेंशन दी जाएगी।

इतना ही आप फिर सालाना 3,000 रुपये के हिसाब से 36,000 रुपये का लाभ कमा सकते हैं। इसलिए आप इस योजना में जरूर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।

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