बरेली: इज्जतनगर रेलवे स्टेशन पर सूफी संत की दरगाह न हटाने की मांग को लेकर सर्व समाज फाउंडेशन इंडिया प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं ने डीएम को सौंपा ज्ञापन
बरेली, अमृत विचार। इज्जननगर रेलवे स्टेशन पर सूफी संत सय्यद नन्हें शाह मियां की मजार को लेकर कुछ दिन पहले रेलवे ने मजार हटाने का नोटिस चस्पा किया था। जिसको लेकर आज सर्व समाज फाउंडेशन इंडिया के पदाधिकारी जिलाधिकारी से मिले और ज्ञापन सौंपा। इस दौरान उन्होंने बताया रेलवे द्वारा 7 दिसंबर को एक नोटिस चस्पा किया गया था। जिसमें कहा गया कि 28 दिसंबर तक इस मजार शरीफ को हटा लेने की बात कही गई प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं थी।
इस बारे में जब रेलवे रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की तो उन्होंने इनकार करते हुए कहा कि हमें इस नोंटिस के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सूफी संत सय्यद नन्हें शाह मियां के मजार पर सभी धर्म के मानने वालों की इस मजार पर आस्था है और सभी अपनी आस्था का इजहार करते हैं। इससे पूर्व अंग्रेज शासन में इस मजार को हटाने की बात सोची थी। अंग्रेजी ने काफी कोशिश की मगर बाबा का कोई न कोई करिश्मा ऐसा होता था कि मजार को अंग्रेज नुकसान नहीं पहुंचा सके। आज सर्व समाज फाउंडेशन इंडिया के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी से मजार न हटाए जाने को लेकर एक ज्ञापन देकर मांग की मजार को न हटाया जाए।
Related Posts
बरेली: जेपीएम में मानवाधिकार दिवस पर छात्रों ने निकाली रैली
बरेली: चार जिलों में मात्र 24 हजार पंजीकृत हैं व्यापारी- एडीशनल कमिश्नर
शिक्षा का वास्तविक लक्ष्य है:
The Application Links for the DSSSB TGT will remain open from 19th प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं October 2022 to 18th November 2022. Candidates should apply between these dates. The Delhi Subordinate Services Selection Board (DSSSB) released DSSSB TGT notification for Computer Science subject for which a total number of 106 vacancies have been released. The candidates can apply from 19th October 2022 to 18th November 2022. Before applying for the recruitment, go through the details of DSSSB TGT Eligibility Criteria and make sure that you are meeting the eligibility. Earlier, the board has released 354 vacancies for the Special Education Teacher post. The selection of the DSSSB TGT is based on the Written Test which will be held for 200 marks.
फिनटेक क्या है? [What is Fintech?]
वित्तीय प्रौद्योगिकी वह तकनीक और नवाचार है जिसका उद्देश्य वित्तीय सेवाओं के वितरण में पारंपरिक वित्तीय तरीकों के साथ प्रतिस्पर्धा करना है। यह एक उभरता हुआ उद्योग है जो वित्त में गतिविधियों को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है।
फिनटेक क्या है? [What is Fintech?][In Hindi]
फिनटेक "Finance" और "Technology" शब्दों को एक ही शब्द में जोड़ता है। यह किसी भी उद्योग, उत्पाद या सेवा का वर्णन करता है जो वित्तीय प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है। इस शब्द का उपयोग कभी-कभी अन्य तकनीकी श्रेणियों जैसे कि बायोटेक और एडटेक के विपरीत किया जाता है।
अन्य व्यवसायों की तरह, वित्तीय कंपनियों को समय के साथ विकसित और अनुकूल होना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि कोई बैंक 2021 में ऑनलाइन बैंकिंग की पेशकश नहीं करता है, तो यह किसी भी ग्राहक को आकर्षित करने की संभावना नहीं है। इसलिए, फिनटेक किसी भी वित्तीय संस्थान का एक आवश्यक घटक है। नीचे विभिन्न प्रकार के फिनटेक की एक सूची दी गई है, जिसे बैंक नियोजित कर सकता है।
- Mobile apps
- Mobile check scanning and deposits
- Online banking
- Electronic statements
- Automatic investing
- Account syncing with financial apps
फिनटेक में अंतर्निहित प्रौद्योगिकियां भी शामिल हैं जो वित्तीय लेनदेन को सक्षम या सरल बनाती हैं। उदाहरणों में शामिल:
- Credit cards
- Chip readers
- Contactless payments (Apple Pay and Google Pay)
- NFC and Bluetooth wireless technologies
- Direct desposit and ACH payments
- Data encryption
हाल के वर्षों में, नई वित्तीय प्रौद्योगिकियां उभरी हैं, जो पैसे बचाने, खर्च करने और निवेश करने के नए तरीके प्रदान करती हैं। कुछ उदाहरण निम्न हैं:
- Blockchain
- Bitcoin
- Square payments
- Shopify e-commerce stores
- Robinhood investing
क्योंकि सुरक्षा और सटीकता वित्तीय लेनदेन के लिए महत्वपूर्ण हैं, अधिकांश फिनटेक उत्पादों और सेवाओं में सुरक्षित प्रौद्योगिकियां शामिल हैं, जैसे एन्क्रिप्शन, टीएलएस, एचटीटीपीएस और अन्य। फिनटेक के एक सबसेट "Regtech" में वित्तीय प्रौद्योगिकियों को विनियमित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले उत्पाद और सेवाएं शामिल हैं।
फिनटेक इंडस्ट्री का महत्व [Importance of Fintech Industry] [In Hindi]
फिनटेक की वृद्धि बड़े हिस्से के कारण है क्योंकि यह छोटे प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं खिलाड़ियों को पारंपरिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों के समान क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए प्रेरित करता है। फिनटेक के लिए धन्यवाद, अब यह नहीं है कि कौन सबसे बड़ा है, लेकिन जो सबसे बदलती उपभोक्ता मांगों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने में सबसे तेज और सबसे उत्तरदायी है। इसके अतिरिक्त, फिनटेक कंपनियों द्वारा पेश किए गए समाधान अब "एक आकार सभी फिट बैठता है।" इसके बजाय, वे लक्षित - अक्सर आला - सेवाएं प्रदान करते हैं जो एक विशेष वित्तीय आवश्यकता के अंतराल को भरते हैं, कभी-कभी पारंपरिक वित्तीय प्रदाताओं द्वारा की पेशकश की तुलना में बहुत कम लागत पर।
जैसे-जैसे उपभोक्ता और भी अधिक सुरक्षित और अधिक जुड़े होते जाते हैं, FinTech कंपनियां जो सफल होती हैं, वही पुरानी समस्याओं के नए समाधान लाने में सफल होती रहती हैं।
वेटिंग टिकट पर PQWL, CKWL, RLWL आदि का क्या होता प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं है मतलब, कितनी होती है इनके कंफर्म होने की संभावना जानिए
ट्रेन से लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए आपको कई दिन पहले ही रिजर्वेशन कराना पड़ता है. टिकटों के लिए महामारी में बड़ी मुश्किल से कंफर्म टिकट मिल पाता है. त्योहार का समय हो तो कंफर्म टिकट मिलना और भी मुश्किल हो जाता है. हालांकि यात्रियों को इस परेशानी से बचाने के लिए समय-समय पर रेलवे कई कदम भी उठाता रहता है. बावजूद इसके बहुत से टिकट वेटिंग में रह जाते हैं. सामान्य रूप से हम वेटिंग टिकट को एक जैसा ही समझते हैं. जबकि वेटिंग टिकट कई तरह के होते हैं. वेटिंग टिकट पर कभी PQWL, CKWL, GNWL, तो कभी RLWL, RQWL आदि लिखा होता है, जिसका अलग-अलग प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं मतलब होता है. इसके अलावा इन अलग-अलग वेटिंग टिकट के कंफर्म होने के चांस भी अलग-अलग हैं. ऐसे में हम आपको यहां बताते हैं कि इनका अलग-अलग क्या मतलब होता है और इन टिकट के कंफर्म होने की संभावना कितनी होती है.
PNR
हम सबसे पहले आपको पीएनआर नंबर के बारे में बताते हैं. पीएनआर नंबर ही टिकट का सबसे महत्वपूर्ण भाग है, चाहे वह टिकट चेकिंग की बात हो या वेटिंग चेक करने की. टिकट के बाईं ओर ऊपर पीएनआर यह नंबर होता है. हर टिकट का पीएनआर नंबर होता है. इसका मतलब होता है, 'पैसेंजर नेम रिकॉर्ड नंबर'. पीएनआर नंबर से टिकट की वैधानिकता को चेक किया जाता है.
PQWL
PQWL का मतलब 'पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट' होता है. जब कोई लंबी दूरी की ट्रेन में बीच के किन्ही दो स्टेशनों के बीच यात्रा करता है और उसकी टिकट वेटिंग आती है तो वह टिकट PQWL वेटिंग लिस्ट में जाती है. यह लिस्ट एक बड़े क्षेत्र के छोटे-छोटे कई स्टेशनों के लिए होती है. यह तभी कंफर्म होगी जब उस क्षेत्र का कोई यात्री अपनी टिकट कैंसिल कर देता है. मतलब, आप किसी छोटे स्टेशन से यात्रा शुरू कर रहते हैं और आपका टिकट पूल्ड वेटिंग लिस्ट में है तो कंफर्म होने के लिए आपके एरिया (पूल कोड) के किसी व्यक्ति को अपनी टिकट कैंसिल करनी पड़ेगी.
GNWL
GNWL का मतलब 'जनरल वेटिंग लिस्ट' होता है. जब कोई यात्री ट्रेन के रूट के प्रारंभिक स्टेशन से यात्रा करता है और टिकट कंफर्म नहीं होती है तो वह GNWL वेटिंग लिस्ट में चली जाती है. टिकटों के वेटिंग लिस्ट में यह सबसे सामान्य प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं है, ऐसे में इस टिकट के कंफर्म होने की संभावना भी सबसे ज्यादा रहती है.
RLWL
RLWL का मतलब होता है 'रिमोट लोकेशन वेटिंग लिस्ट'. जब कोई यात्री दो बड़े स्टेशनों के बीच का किसी ऐसे स्टेशन की टिकट लेता है, जहां से ज्यादा ट्रेनें नहीं होतीं तो ऐसी स्थिति में यात्री को किसी कैंसिलेशन पर पहले सीट दी जाती है. ऐसे टिकट के कंफर्म होने की संभावना तभी होती है जब रिमोट लोकेशन का टिकट कैंसिल होता है. टिकट के प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं कैंसिल होने पर RLWL टिकटधारिओं को प्राथमिकता मिलती है. RLWL में टिकट कंफर्म होने की संभावना कम होती है.
CKWL
तत्काल में ली गई टिकट कंफर्म नहीं होती है वह CKWL में चली जाती है. तत्काल टिकट बुकिंग में टिकटों की संख्या सामान्य रूप से बुक किए जाने वाले टिकटों की संख्या से काफी कम होती है तो इसमें टिकट कंफर्म होने की गुंजाइश भी कमोबेश उसी अनुपात में होती है. तत्काल में वेटिंग टिकट होती है तो ऐसे में 10 वेटिंग लिस्ट तक के टिकट के कंफर्म होने की संभावना होती है.
RQWL
RQWL का मतलब 'रिक्वेस्ट वेटिंग लिस्ट' होता है, जो सबसे आखिरी वेटिंग लिस्ट होती है. किसी रूट में कोई पूल्ड कोटा न हो तो इस तरह की वेटिंग लिस्ट को बनाया जाता है. इन टिकटों के कंफर्म होने के चांस काफी कम होते हैं.
बच्चों को जल्दी जगाने के लिए मंदिर-मस्जिद के लाउडस्पीकर का उपयोग करें: हरियाणा शिक्षा विभाग
10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के मद्देनज़र हरियाणा शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों से कहा है कि वे बच्चों के घर पर अध्ययन का अनुकूल माहौल बनाने प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं के लिए ग्राम पंचायतों से संपर्क करें. इस तरह के प्रयास करें कि गांवों में सुबह के समय पढ़ाई का माहौल बने. The post बच्चों को जल्दी जगाने के लिए मंदिर-मस्जिद के लाउडस्पीकर का उपयोग करें: हरियाणा शिक्षा विभाग appeared first on The Wire - Hindi.
10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के मद्देनज़र हरियाणा शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों से कहा है कि वे बच्चों के घर पर अध्ययन का अनुकूल माहौल बनाने के लिए ग्राम पंचायतों से संपर्क करें. इस तरह के प्रयास करें कि गांवों में सुबह के समय पढ़ाई का माहौल बने.
(इलस्ट्रेशन: परिप्लब चक्रवर्ती/द वायर)
नई दिल्ली: 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों की वार्षिक बोर्ड परीक्षा से कुछ महीने पहले हरियाणा शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों से कहा है कि वे बच्चों के घर पर अध्ययन का अनुकूल माहौल बनाने के लिए ग्राम पंचायतों से संपर्क करें, खासकर बच्चों को जल्दी उठने और तड़के (सुबह 4:30 बजे) अध्ययन करने के लिए प्रेरित करें.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 22 दिसंबर को प्रधानाचार्यों को जारी निर्देश में शिक्षा विभाग ने कहा है, ‘पंचायतों के नवनिर्वाचित सदस्यों से आग्रह किया जाए कि वे इस तरह के प्रयास करें कि गांवों में सुबह के समय पढ़ाई का माहौल बने. मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों से सुबह की घोषणाओं (लाउडस्पीकर के माध्यम से) के लिए संपर्क किया जाना चाहिए, ताकि छात्र जागकर पढ़ाई शुरू कर सकें. इस पहल से छात्रों को पढ़ाई के लिए 2-3 घंटे अतिरिक्त मिलने की उम्मीद है.’
निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) अंशज सिंह ने जिला शिक्षा अधिकारियों और प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को पत्र भेजकर 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं की तैयारी के लिए उचित कदम उठाने को कहा है.
पत्र की एक प्रति राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्कूली शिक्षा) महावीर सिंह को भी भेजी गई है.
अंशज सिंह के पत्र के अनुसार, माता-पिता और शिक्षकों द्वारा एक संयुक्त योजना तैयार की जानी चाहिए ताकि छात्रों को स्वाध्याय (Self-Study) के लिए अतिरिक्त घंटे मिलें.
पत्र के अनुसार, ‘इसके लिए सुबह का समय सबसे अच्छा होता है, जब मन तरोताजा होता है, वातावरण शांत होता है और वाहनों का शोर भी नहीं होता है. और इसके लिए शिक्षकों को माता-पिता से अपने बच्चों को सुबह 4ः30 बजे जगाने के लिए कहना चाहिए. माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके बच्चे सुबह 5ः15 बजे तक किताबों से चिपक जाएं.वॉट्सऐप के जरिये शिक्षक पूछताछ करें कि छात्र जाग गए हैं और पढ़ाई कर रहे हैं या नहीं. अगर अभिभावक सहयोग नहीं कर रहे हैं तो इसे विद्यालय प्रबंधन समिति के संज्ञान में लाया जाए.’
पत्र में प्रधानाचार्यों को याद दिलाया गया है कि मार्च 2023 में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के लिए महज 70 दिन शेष रह गए हैं. पत्र में कहा गया है कि प्लेटफार्म की शैक्षिक संभावनाएं इसे ध्यान में रखते हुए स्कूलों को अपने संस्थानों के परिणाम सुधारने की योजना बनानी चाहिए.
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि छात्रों को सोशल मीडिया और टेलीविजन जैसे विभिन्न प्रकार के ध्यान भटकाने उपकरणों से दूर रखने और पढ़ाई पर उनका ध्यान अधिक केंद्रित करने में मदद करने के लिए यह पहल की गई है.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 659